अब
रमेश धीरे धीरे दबा रहा था. चड्डी से लगा मोटा गरम लंड
जन्नत का मज़ा दे रहा था. उसने एक तरह से मुझे अपने ऊपर लाद
लिया था. मीना धीरे से अपनी चड्डी खिसककर नंगी हो रही थी. मीना
ने अपनी चूत नंगी कर मस्ती मैं चार चाँद लगा दिया था. अब मैं
रमेश की गोद मे थी और ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था.
मीना की चूत साँवली और फाँक दबे से थे पर मेरी फाँक से उसकी
फाँक बड़े थे. मैं सोच रही थी कि मीना चूत नंगी करके क्या
करेगी. मैं सहेली की नंगी चूत को प्यार से देखती अपने दोनो
अमरूदु को मीस्वा रही थी.
तभी मीना आगे आई और चूत को उचकाती बोली, "देखो सुनीता इसी
तरह से तुमको भी चटाना होगा." "ठीक है." फिर वह अपनी चूत को
अपने भाई के मुँह के पास ला तिर्छि होकर बोली, "ले बहन्चोद चाट
अपनी बहन की चूत." रमेश एक साथ हम दोनो सहेलियों का मज़ा लेने
लगा. मुझे सहेली का अपने ही भाई को बहन्चोद कहना बड़ा अच्छा
लगा. मीना बड़े प्यार से उंगली से अपनी साँवली सलोनी चूत की दरार
फैला फैलाकर चटवा रही थी. सहेली का चेहरा बता रहा था कि
चूत चटवाने मैं उसे बड़ा मज़ा मिल रहा था.
मीना की चूत को जीभ से चाटते ही रमेश का लंड मेरी चड्डी पर
चोट करने लगा. मैने मीना को चत्वाते देखा तो मेरा मॅन भी
चाटने को करने लगा. तभी उसने मेरे निपल को मीसा तो मैं मज़े से
भर उसकी गोद मैं उचकी तो वह अपनी बहन की चूत से जीभ हटा
मेरी चूचियों को दबा मुझसे बोला, "हाए अभी नही झारा सुनीता तुम
अपनी चताओ." "चॅटो." मैं मस्ती से भर मीना की तरह चूत
चटवाने को तैय्यार हुई.
तभी मीना अपनी चाती गयी चूत को उंगली से खोलकर देखती
बोली, "हाए रमेश भैया मेरा पानी तो निकल गया." "तुम्हारी सहेली
की नयी चूत चाटूँगा तो मेरा पानी निकलेगा." और मेरी कमर मैं
हाथ से दबाकर उठाया. अब मेरी गोरी गोरी चूचियाँ एकदम लाल थी.
तभी मीना मुझे बाँहो मैं भर अपने बदन से चिपकाती
बोली, "चटवाने मे चुदवाने से ज़्यादा मज़ा आता है. चताओ." "अच्छा
मीना चटवा दो अपने भैया से." "भैया सहेली की चॅटो."
"मैं तो तैय्यार हूँ. कहो मस्ती से चाताए. इसकी चाटते मेरा
निकलेगा. हाए इसकी तो खूब गोरी गोरी होगी." और बेताबी के साथ लंड
उच्छालते हुवे पोज़ बदला. अब वह बिस्तर पर पेट के बल लेटा था. उसका
लंड गद्दे मैं दबा था और चूतड़ ऊपर था. तभी मीना ने
कहा, "अपनी चटवाउ क्या?" "हां मीना अपनी चटवओ तो सुनीता को और
मज़ा आएगा."
तब मीना ने हमको रमेश के सामने डॉगी स्टाइल मैं होने को कहा. मैं
जन्नत की सैर कर रही थी. मज़ा पाकर तड़प गयी थी. मेरी कोशिश
थी कि मैं मीना से ज़्यादा मज़ा लूँ. उसकी बात सुन मैने
कहा, "चड्डी उतार दूँ मीना?" "तुम अपना चूतड़ सामने करो, भैया
चड्डी हटाकर चाट लेंगे. अभी तो यह हमलोगो का ब्रेकफास्ट है.
केवल चूत मैं लंड घुस्वकार कच कच चुदवाने मे मज़ा नही
आता. हमलोग अभी कुँवारी लौंडीयाँ हैं. असली मज़ा तो इन्ही सब मे
आता है. जैसे बताया है वैसे करो."
"अच्छा." और मैं रमेश के सामने चौपाया(डॉगी पोज़िशन) मैं आई
तो रमेश ने पीछे से मेरा स्कर्ट उठाकर मेरे चूतड़ पर हाथ
फेरा तो हमको बड़ा मज़ा आया. मेरी चूत इस पोज़ मे चड्डी के
नीचे कसी थी. मीना ने खड़े खड़े चटाइया था पर मुझे निहुरकर
चाटने को कह रही थी. अभी रमेश चूतड़ पर हाथ फेर रहा था.
मीना ने मेरे मुँह के सामने अपनी चूत की और बोली, "सुनीता पेट को
गद्दे मैं दबाकर पीछे से चूतड़ उभार दो. तुम्हारी भैया
चाटेंगे तुम मेरी चूत चॅटो और हाथ से मेरी चूचियाँ दबाओ फिर
देखना कितना मज़ा आता है."
Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
- jay
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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- jay
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इस पोज़ मे मीना की साँवली चूत पूरी तरह से दिख रही थी. उसकी
चूत मेरी चूत से बड़ी थी. दरार खुली हुई थी. मीना की चूत
देख मैने सोचा कि मेरा तो सब कुच्छ इससे अच्छा है. अगर मेरे साथ
रमेश को ज़्यादा मज़ा आया तो वह मीना से ज़्यादा हमको प्यार करेगा.
मैने चूचियों को गद्दे मे दबा पीछे से चूतड़ उभारा और मुँह
को मीना की चूत के पास ला प्यार से जीभ को उसकी चूत पर चलाया
तो मीना अपनी चूत को हाथ से खोलती बोली, "चूत के अंदर तक जीभ
डालकर तब तक चाटना जब तक भैया तुम्हारी चाटते रहें. मज़ा लेना
सीख लो तभी जवानी का मज़ा पाओगि."
मीना की चूत पर जीभ लगाने मे सचमुच हमको काफ़ी मज़ा आया.
तभी रमेश नीचे कसी चड्डी की चूत पर उंगली चला हमे मज़े के
सागर मे ले जाते बोला, "तुम्हारी चड्डी बड़ी कसी है. फाड़ कर
चाट लें?" "हाए फाड़ दीजिए ना." मैं मीना की झारी चूत के
फैले दरार मे जीभ चलाती दोनो हाथों से मर्द की तरह उसके
गदराए अनारो को दबाती वासना से भर बोली. तभी रमेश ने दोनो
हाथों को चड्डी के इधर उधर लगा ज़ोर्से खींचा तो मेरी पुरानी
चड्डी एक झटके मे ही छार्र से फॅट गयी. उसे पूरी तरह अलग कर
मेरी गदराई हसीन गुलाबी चूत को नंगी कर उंगली को दरार मे
चलाता बोला, "ज़रा सा चूतड़ उठाओ."
नंगी चूत को रमेश की उंगलियों से सहलवाने मे इतना मज़ा आया कि
मेरे अंदर जो थोड़ी बहुत झिझक थी, वह भी ख़तम हो गयी. मैने
चूतड़ उठाया तो वह बोला, "ज़रा मीना की चूत चाटना और चूची
दबाना बंद करो." मैने चूची से हाथ अलग कर चूत से जीभ
निकाली तो उसने मेरी चूत को उंगलकी से कुरेदते पूछा, "अब ज़्यादा
मज़ा आ रहा है कि मीना की चाटते हुवे?" "जी अब कम आ रहा
है." "ठीक है तुम मीना की चॅटो."
मैं फिर मीना की चूत चाटते हुवे उसकी चूचियाँ दबाने लगी तो
रमेश से नंगी चूत सहलवाने मे ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. अभी
रमेश ने मेरी चाटना शुरू नही किया था पर उंगली से ही हल्का पानी
बाहर आया तो वह मेरी फटी चड्डी से मेरी चूत को पोछते पूरी
चूत को सहलाता अपनी बहन से बोला, "मीना इसकी अभी चुदी नही
है." "हां भैया मेरी सहेली को तुम ही चोद्कर जवान करना. अब तो
शर्मा भी नही रही है." "ठीक है रानी इसको भी तेरी तरह जवान
कर देंगे. वैसे चोदने लायक पूरी गदराई चूत है. क्यूँ सुनीता
कितने साल की हो?" "जी चौदह की." "बड़ी मस्त हो बोलो इसका मज़ा
हमसे लोगि या शादी के बाद अपने पति से?"
भाई लोगो आगे की कहानी अगले पार्ट मे आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.........
चूत मेरी चूत से बड़ी थी. दरार खुली हुई थी. मीना की चूत
देख मैने सोचा कि मेरा तो सब कुच्छ इससे अच्छा है. अगर मेरे साथ
रमेश को ज़्यादा मज़ा आया तो वह मीना से ज़्यादा हमको प्यार करेगा.
मैने चूचियों को गद्दे मे दबा पीछे से चूतड़ उभारा और मुँह
को मीना की चूत के पास ला प्यार से जीभ को उसकी चूत पर चलाया
तो मीना अपनी चूत को हाथ से खोलती बोली, "चूत के अंदर तक जीभ
डालकर तब तक चाटना जब तक भैया तुम्हारी चाटते रहें. मज़ा लेना
सीख लो तभी जवानी का मज़ा पाओगि."
मीना की चूत पर जीभ लगाने मे सचमुच हमको काफ़ी मज़ा आया.
तभी रमेश नीचे कसी चड्डी की चूत पर उंगली चला हमे मज़े के
सागर मे ले जाते बोला, "तुम्हारी चड्डी बड़ी कसी है. फाड़ कर
चाट लें?" "हाए फाड़ दीजिए ना." मैं मीना की झारी चूत के
फैले दरार मे जीभ चलाती दोनो हाथों से मर्द की तरह उसके
गदराए अनारो को दबाती वासना से भर बोली. तभी रमेश ने दोनो
हाथों को चड्डी के इधर उधर लगा ज़ोर्से खींचा तो मेरी पुरानी
चड्डी एक झटके मे ही छार्र से फॅट गयी. उसे पूरी तरह अलग कर
मेरी गदराई हसीन गुलाबी चूत को नंगी कर उंगली को दरार मे
चलाता बोला, "ज़रा सा चूतड़ उठाओ."
नंगी चूत को रमेश की उंगलियों से सहलवाने मे इतना मज़ा आया कि
मेरे अंदर जो थोड़ी बहुत झिझक थी, वह भी ख़तम हो गयी. मैने
चूतड़ उठाया तो वह बोला, "ज़रा मीना की चूत चाटना और चूची
दबाना बंद करो." मैने चूची से हाथ अलग कर चूत से जीभ
निकाली तो उसने मेरी चूत को उंगलकी से कुरेदते पूछा, "अब ज़्यादा
मज़ा आ रहा है कि मीना की चाटते हुवे?" "जी अब कम आ रहा
है." "ठीक है तुम मीना की चॅटो."
मैं फिर मीना की चूत चाटते हुवे उसकी चूचियाँ दबाने लगी तो
रमेश से नंगी चूत सहलवाने मे ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. अभी
रमेश ने मेरी चाटना शुरू नही किया था पर उंगली से ही हल्का पानी
बाहर आया तो वह मेरी फटी चड्डी से मेरी चूत को पोछते पूरी
चूत को सहलाता अपनी बहन से बोला, "मीना इसकी अभी चुदी नही
है." "हां भैया मेरी सहेली को तुम ही चोद्कर जवान करना. अब तो
शर्मा भी नही रही है." "ठीक है रानी इसको भी तेरी तरह जवान
कर देंगे. वैसे चोदने लायक पूरी गदराई चूत है. क्यूँ सुनीता
कितने साल की हो?" "जी चौदह की." "बड़ी मस्त हो बोलो इसका मज़ा
हमसे लोगि या शादी के बाद अपने पति से?"
भाई लोगो आगे की कहानी अगले पार्ट मे आपका दोस्त राज शर्मा
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होली पे चुदाई --3
गतान्क से आगे..........
"हाए आपसे." मैं मीना की चूत से मुँह अलग कर बोली. "मीना तुम्हारी
सहेली की चूत टाइट है. तुम अकेले मे इसको तैय्यार करना. हमे
बहुत पसंद है तुम्हारी सहेली." "हां राजा यह तो पड़ोस की ही है.
भैया इसे तो तुम जानते ही हो." "हां पर आज पहली बार मिल रहा
हूँ." और इसके साथ मेरी मस्त गुलाबी फांको को चुटकी मे दबाकर
मसला तो मैं अपने आप कमर उभारती बोली, "हाए रमेश अच्छा लग
रहा है. ऐसे ही करो." तभी आगे से मीना चूत को उचकाती
बोली, "आ रहा है ना जन्नत का मज़ा?" "हां हाए."
"सुनीता. इसी तरह शरमाना नही, जिसको मेरे भैया चोद देते हैं
वह मेरे भैया की दीवानी हो जाती है. अभी तो शुरुआत है आगे
देखना. मैं तो भैया से खूब चुदवाती हूँ. रोज़ रात मे भैया
के कमरे मे ही सोती हूँ. तुम्हारे लिए भी बड़ा अच्छा मौका है.
घर खाली है जब चाहो भैया को बुलाकर डलवा लो. फिर जब मम्मी
पापा आ जाएँ तो मेरे घर आ जाना."
मीना की बातों से हमे अपने बदन का लाजवाब मज़ा मिल रहा था. वह
अभी तक मेरी गदराई 14 साल की चूत को सहला रहा था. मैं
चूचियाँ दबाती सहेली की चूत चाट्ती मज़ा ले रही थी. बाहर होली
का हुरदांग मचा था और घर मे जवानी का. तभी मेरी चूत की फाँक को
उंगली से कुरेदते रमेश ने पूछा, "सच बताओ हमारे साथ चूत का
मज़ा आ रहा है." "जी हाए बहुत आ रहा है. हाए नही शरमाएँगे,
हमको भी मीना की तरह चोदो ना.
"अभी मीना और तुमको चोद्कर चले जाएँगे. तुम खा पीकर घर पर
रहना तो तुमको अकेले मज़ा लेना सिखाएँगे. चूत तुम्हारी बड़ी मस्त
है. जितना चुदवाओगि उतना ही मज़ा पाओगि." फिर वह अपनी बहन से
बोला, "मीना तुमको ऐतराज़ ना हो तो दोपहर को अकेले तुम्हारी सहेली को
चोद दें." "नही भैया कहो तो अभी चले जाएँ." "ठीक है जाओ.
आज मैं तुम्हारी इस गदराई कुँवारी सहेली को जी भरकर रंग खिला
दूँ." और झुककर मेरी गदराई गोरी गोरी चूत को जीभ से लापर
लापर चाटने लगा.
गतान्क से आगे..........
"हाए आपसे." मैं मीना की चूत से मुँह अलग कर बोली. "मीना तुम्हारी
सहेली की चूत टाइट है. तुम अकेले मे इसको तैय्यार करना. हमे
बहुत पसंद है तुम्हारी सहेली." "हां राजा यह तो पड़ोस की ही है.
भैया इसे तो तुम जानते ही हो." "हां पर आज पहली बार मिल रहा
हूँ." और इसके साथ मेरी मस्त गुलाबी फांको को चुटकी मे दबाकर
मसला तो मैं अपने आप कमर उभारती बोली, "हाए रमेश अच्छा लग
रहा है. ऐसे ही करो." तभी आगे से मीना चूत को उचकाती
बोली, "आ रहा है ना जन्नत का मज़ा?" "हां हाए."
"सुनीता. इसी तरह शरमाना नही, जिसको मेरे भैया चोद देते हैं
वह मेरे भैया की दीवानी हो जाती है. अभी तो शुरुआत है आगे
देखना. मैं तो भैया से खूब चुदवाती हूँ. रोज़ रात मे भैया
के कमरे मे ही सोती हूँ. तुम्हारे लिए भी बड़ा अच्छा मौका है.
घर खाली है जब चाहो भैया को बुलाकर डलवा लो. फिर जब मम्मी
पापा आ जाएँ तो मेरे घर आ जाना."
मीना की बातों से हमे अपने बदन का लाजवाब मज़ा मिल रहा था. वह
अभी तक मेरी गदराई 14 साल की चूत को सहला रहा था. मैं
चूचियाँ दबाती सहेली की चूत चाट्ती मज़ा ले रही थी. बाहर होली
का हुरदांग मचा था और घर मे जवानी का. तभी मेरी चूत की फाँक को
उंगली से कुरेदते रमेश ने पूछा, "सच बताओ हमारे साथ चूत का
मज़ा आ रहा है." "जी हाए बहुत आ रहा है. हाए नही शरमाएँगे,
हमको भी मीना की तरह चोदो ना.
"अभी मीना और तुमको चोद्कर चले जाएँगे. तुम खा पीकर घर पर
रहना तो तुमको अकेले मज़ा लेना सिखाएँगे. चूत तुम्हारी बड़ी मस्त
है. जितना चुदवाओगि उतना ही मज़ा पाओगि." फिर वह अपनी बहन से
बोला, "मीना तुमको ऐतराज़ ना हो तो दोपहर को अकेले तुम्हारी सहेली को
चोद दें." "नही भैया कहो तो अभी चले जाएँ." "ठीक है जाओ.
आज मैं तुम्हारी इस गदराई कुँवारी सहेली को जी भरकर रंग खिला
दूँ." और झुककर मेरी गदराई गोरी गोरी चूत को जीभ से लापर
लापर चाटने लगा.
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
हमको अब तक का सबसे हसीन मज़ा चटवाने मे आया. वह चूत की
दरारों को फैला रानो के बीच मुँह डाल जीभ को दरार और
गुलाबी छेद पर चला रहा था. मेरी आँखें बंद हो गयी. करीब 10
मिनिट तक मेरी चूत को इसी तरह से चाट्ता रहा और जब अलग हुवा
तो मीना नही थी. उसका लंड अभी भी उसी तरह खड़ा था. मस्ती के
आलम मैं मीना कब कमरे से चली गयी इसका पता ही नहा चला. मैं
घबराई तो वह मेरे उभारों को हाथ से थपथपाते बोला, "मीना को
हटा दिया है अब अकेले मज़ा लो. उसके रहने से तुम्हारा मज़ा किरकिरा हो
जाता. पहली बार चुदोगि तो पूरा मज़ा आराम से लो. हाए तुम्हारी चूत
और चूचियाँ मीना से अच्छी हैं अब तुम्ही को पेला करेंगे."
अब मुझे मीना से जलन होने लगी. चूत चाट कर पूरी तरह मस्त कर
हमे अपना दीवाना कर दिया था. रमेश ने चाटकर मज़े के साथ जो
मेरी चूत को अपनी बहन मीना की चूत से हसीन और लाजवाब बताया तो
उससे मैं पूरी तरह अपनी जवानी का मज़ा उसे देने को तैय्यार थी.
मन मे यही था कि अभी ऊपरी खेल खेल रहा है तो इतना मज़ा आ
रहा है, जब लंड पेलकर चूत चोदेगा तो कितना मज़ा आएगा. वैसे
मीना की चूत चाटने और उसकी सेब सी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने
मैंमज़ा आया था पर उसका अपने भाई को मेरे पास अकेले छ्चोड़कर
चला जाना बड़ा ही अच्छा लग रहा था. इस समय मेरी चाटी गयी चूत
झनझणा रही थी. रमेश ने जीभ को चूत के गुलाबी छेद मैं
डालकर चटा था उससे मैं बुरी तरह उत्तेजित हो गयी थी. उसके लंड
ने इतने पर भी पानी नही फेंका था. उसने चड्डी फाड़ कर मज़ा लिया
था. शर्ट खुली थी और दोनो अमरूद तने थे.
वह मेरी गोल गोल छ्होटी छ्होटी चूचियों को कसकर दबाते हुवे
बोला, "सच बताना मेरे साथ होली का मज़ा आ रहा है या नही?" "जी
बहुत मज़ा आ रहा है." "तभी तो मीना को हटा दिया. होती तो कहती
पहले मेरी चोदो. पिच्छली होली से उसे चोद रहा हूँ पर अभी भी
उसका मन नही भरा. रोज़ रात मे दो तीन बार चुदवाती है. अब उसे
कम चोद करेंगे. बस तभी जब तुम्हारी नही मिलेगी. कितनी काली सी
बेकार चूत है उसकी. हाए तुम्हारी चूत तो देखते ही पागल हो गये
हैं. ऐसी पाए तो बस चौबीस घंटे डाले पड़े रहे. काश मेरी
बहन की ऐसी होती." उसने एक हाथ से आगे से फटी चड्डी की नंगी
चूत को सहलाते कहा तो मैं बोली, "मेरी चूत तो आपकी ही है. इसे
चोदिये ना."
"बर्दाश्त नही कर पओगि रानी चूत फॅट जाएगी. इतनी हसीन चूत को
जल्दी मे खराब ना कर्वाओ. रात मे तुम अपने ही घर मे सोना तो
आकर रात मे चोदेन्गे. जितना चुद्वओगि उतना ही मज़ा पओगि और
चूत भी जवान होगी. अगर तुम्हारी भी मीना की तरह होती तो अभी
चोद्कर खराब कर देता. हाए काश मीना की भी ऐसी ही होती." "हाए
रमेश मेरी भी तुम्हारी है." "हाँ रानी पर मीना तो मेरी बहन है,
हमेशा घर मे ही रहती है. जब चाहा चोद लिया पर जब तुम्हारे
मम्मी पापा आ जाएँगे तो कैसे होगा."
"हो जाएगा. दिन मे मैं आपके घर आ जाया करूँगी और रात मैं आप
पीछे वाले दरवाज़े से आ जाया करिएगा." "हां यह ठीक रहेगा.
मीना की देखा है." "हां." "मीना की तुम्हारी जैसी जानदार फाँक नही
हैं. चोदने मे फांके ही सूपदे से रगड़ खाती हैं तो लड़कियों
को मज़ा आता है. मम्मी पापा तो कई दिन बाद आएँगे." "जी."
अब हमे बैठकर एक हाथ से चूची के उठे उठे निपल और दूसरे
हाथ से लहसुन(क्लाइटॉरिस) मीसवाते हुवे उसके लंड को झटका खाते
देखने मे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं रमेश की दीवानी हो गयी.
उसे मैं मीना से ज़्यादा पसंद थी. "सुनीता." "जी." "मीना की चूत
काली है." "जी पर आप तो उसे खूब चोद्ते हैं. पिच्छले साल होली से
बराबर चोद रहे हैं."
दरारों को फैला रानो के बीच मुँह डाल जीभ को दरार और
गुलाबी छेद पर चला रहा था. मेरी आँखें बंद हो गयी. करीब 10
मिनिट तक मेरी चूत को इसी तरह से चाट्ता रहा और जब अलग हुवा
तो मीना नही थी. उसका लंड अभी भी उसी तरह खड़ा था. मस्ती के
आलम मैं मीना कब कमरे से चली गयी इसका पता ही नहा चला. मैं
घबराई तो वह मेरे उभारों को हाथ से थपथपाते बोला, "मीना को
हटा दिया है अब अकेले मज़ा लो. उसके रहने से तुम्हारा मज़ा किरकिरा हो
जाता. पहली बार चुदोगि तो पूरा मज़ा आराम से लो. हाए तुम्हारी चूत
और चूचियाँ मीना से अच्छी हैं अब तुम्ही को पेला करेंगे."
अब मुझे मीना से जलन होने लगी. चूत चाट कर पूरी तरह मस्त कर
हमे अपना दीवाना कर दिया था. रमेश ने चाटकर मज़े के साथ जो
मेरी चूत को अपनी बहन मीना की चूत से हसीन और लाजवाब बताया तो
उससे मैं पूरी तरह अपनी जवानी का मज़ा उसे देने को तैय्यार थी.
मन मे यही था कि अभी ऊपरी खेल खेल रहा है तो इतना मज़ा आ
रहा है, जब लंड पेलकर चूत चोदेगा तो कितना मज़ा आएगा. वैसे
मीना की चूत चाटने और उसकी सेब सी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने
मैंमज़ा आया था पर उसका अपने भाई को मेरे पास अकेले छ्चोड़कर
चला जाना बड़ा ही अच्छा लग रहा था. इस समय मेरी चाटी गयी चूत
झनझणा रही थी. रमेश ने जीभ को चूत के गुलाबी छेद मैं
डालकर चटा था उससे मैं बुरी तरह उत्तेजित हो गयी थी. उसके लंड
ने इतने पर भी पानी नही फेंका था. उसने चड्डी फाड़ कर मज़ा लिया
था. शर्ट खुली थी और दोनो अमरूद तने थे.
वह मेरी गोल गोल छ्होटी छ्होटी चूचियों को कसकर दबाते हुवे
बोला, "सच बताना मेरे साथ होली का मज़ा आ रहा है या नही?" "जी
बहुत मज़ा आ रहा है." "तभी तो मीना को हटा दिया. होती तो कहती
पहले मेरी चोदो. पिच्छली होली से उसे चोद रहा हूँ पर अभी भी
उसका मन नही भरा. रोज़ रात मे दो तीन बार चुदवाती है. अब उसे
कम चोद करेंगे. बस तभी जब तुम्हारी नही मिलेगी. कितनी काली सी
बेकार चूत है उसकी. हाए तुम्हारी चूत तो देखते ही पागल हो गये
हैं. ऐसी पाए तो बस चौबीस घंटे डाले पड़े रहे. काश मेरी
बहन की ऐसी होती." उसने एक हाथ से आगे से फटी चड्डी की नंगी
चूत को सहलाते कहा तो मैं बोली, "मेरी चूत तो आपकी ही है. इसे
चोदिये ना."
"बर्दाश्त नही कर पओगि रानी चूत फॅट जाएगी. इतनी हसीन चूत को
जल्दी मे खराब ना कर्वाओ. रात मे तुम अपने ही घर मे सोना तो
आकर रात मे चोदेन्गे. जितना चुद्वओगि उतना ही मज़ा पओगि और
चूत भी जवान होगी. अगर तुम्हारी भी मीना की तरह होती तो अभी
चोद्कर खराब कर देता. हाए काश मीना की भी ऐसी ही होती." "हाए
रमेश मेरी भी तुम्हारी है." "हाँ रानी पर मीना तो मेरी बहन है,
हमेशा घर मे ही रहती है. जब चाहा चोद लिया पर जब तुम्हारे
मम्मी पापा आ जाएँगे तो कैसे होगा."
"हो जाएगा. दिन मे मैं आपके घर आ जाया करूँगी और रात मैं आप
पीछे वाले दरवाज़े से आ जाया करिएगा." "हां यह ठीक रहेगा.
मीना की देखा है." "हां." "मीना की तुम्हारी जैसी जानदार फाँक नही
हैं. चोदने मे फांके ही सूपदे से रगड़ खाती हैं तो लड़कियों
को मज़ा आता है. मम्मी पापा तो कई दिन बाद आएँगे." "जी."
अब हमे बैठकर एक हाथ से चूची के उठे उठे निपल और दूसरे
हाथ से लहसुन(क्लाइटॉरिस) मीसवाते हुवे उसके लंड को झटका खाते
देखने मे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं रमेश की दीवानी हो गयी.
उसे मैं मीना से ज़्यादा पसंद थी. "सुनीता." "जी." "मीना की चूत
काली है." "जी पर आप तो उसे खूब चोद्ते हैं. पिच्छले साल होली से
बराबर चोद रहे हैं."
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
- jay
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
"होली मैं मस्त था. रंग लगाया और मन किया तो पटककर चोद दिया.
तब से साली रोज़ चुदवा रही है. तुम्हारे आगे तो वह एकदम बेकार
है. बोलो जमकर चुद्वओगि हमसे?" और उंगली को एक इंच बैठे बैठे
गॅप से डाला तो उंगली घुसने मे और मज़ा आया. "जी
चुदवाउंगी." "जैसे मज़ा दे वैसे लेना. फिर उंगली से पेलकर फैलाओ.
बाद मैं तेल लगाकर इससे पेलेंगे तो खूब मज़ा पओगि." वह अपना
लंड दिखाता बोला.
गरम चूत को उंगली से खुद्वाने मैं ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था. 8-10
बार चूत मे आधी उंगली को उसी तरह सामने बैठकर पेला और फिर
बोला, :मीना पूच्छे तो बताना नही कि तुमको खूब मज़ा देने के बाद
चोदा है. उसकी तो मैं चूची दबाकर फ़ौरन डाल पेलता हूँ." "नही
बताउन्गि." "बता दोगि तो हमसे इसी तरह करने के लिए कहेगी.
तुम्हारी कुँवारी गोरी अनचुड़ी गुलाबी फाँक वाली है इसलिए खूब प्यार
से पेलेंगे ताकि खराब ना हो. चोदने के भी अलग अलग तरीके होते
हैं. हर बार पेल्वाओगी तो हम नये नये तरीके से पेलेंगे. देखना
जब तक मम्मी पापा आएँगे, तुम्हारी चूचियों को डबल करके चूत
को सयानी कर देंगे. पेल्वाने के बाद और खूबसूरत लगने लगोगी.
तुम्हे खूब मज़ा देने के लिए ही मीना को भगा दिया है. जाओ पेशाब
करके सब कपड़े उतार कर पूरी नंगी होकर थोड़ा सा तेल लेकर आओ.
कोकनट आयिल लाना."
उसने सटाक से चूत से उंगली बाहर निकाली तो आने वाला मज़ा किरकिरा
हो गया. मैं मज़े से झारी तो कई बार थी पर इस खेल मे नयी थी
इसलिए मज़ा कम नही हुवा. मैं फ़ौरन कमरे से बाहर गयी, तपाक से
शर्ट उतारी और फटी चड्डी को खिसका एक तरफ फेंका और पेशाब
करने बैठी. चाती गयी और उंगली से धीरे धीरे पेली गयी चूत का
तो हुलिया ही बदल गया था. दोनो दरारे लाल थी. पेशाब करते हुवे
पहली बार चुदवाने वाले छेद मैं फैलाव नज़र आया. रमेश की
मस्त हरकतों से होली के दिन मेरी चूचियाँ और चूत दोनो खिल उठी
थी. हमने उसके मोटे और लंबे लंड को देखा था पर परवाह नही थी
कि जब पेलेगा तो चूत फटेगी या रहेगी. वैसे तेल लगाकर पेलने की
बात कर मान मैं और मस्ती भर गई थी. सच तो यह था कि बिना
चुदवाये ही इतना मज़ा आया था कि दुबारा उसे घर बुलाने को तैय्यार
थी. मीना तो अपनी सड़ियल चूत चटाकर खिसक गयी थी.
पेशाब कर पूरी नंगी हो तेल लेकर कमरे मैं वापस आई तो वह
मुझे पूरी नंगी देख तड़प उठा और उसका तना लंड झटके खाने
लगा. मैं खुद चुदवाने के लिए तेल लेकर आई थी जिससे उसे बड़ा
मज़ा आया. वह पास आ मेरी मस्ताई खरबूजे की फाँक सी चुदासी
चूत को उंगली से दबाता बोला, "ठीक से पेशाब कर लिया है
ना?" "जी" नंगे होने का तो मज़ा ही निराला था.
"अब आएगा मज़ा." "जी पर किसी को पता ना चले." मैं चूत मे
उंगली का मज़ा लेते बोली तो उसने कहा, "नही चलेगा. अभी तुम कुँवारी
हो अगर सीधे पेल दिया तो फॅट जाएगी और फिर चुदवाने का मज़ा भी
नही आएगा. पेशाब ना करा हो तो ठीक से कर लो. एक बार चोद्ते हुवे
मीना ने मूत दिया था. सारा मज़ा खराब हो गया था."
तब से साली रोज़ चुदवा रही है. तुम्हारे आगे तो वह एकदम बेकार
है. बोलो जमकर चुद्वओगि हमसे?" और उंगली को एक इंच बैठे बैठे
गॅप से डाला तो उंगली घुसने मे और मज़ा आया. "जी
चुदवाउंगी." "जैसे मज़ा दे वैसे लेना. फिर उंगली से पेलकर फैलाओ.
बाद मैं तेल लगाकर इससे पेलेंगे तो खूब मज़ा पओगि." वह अपना
लंड दिखाता बोला.
गरम चूत को उंगली से खुद्वाने मैं ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था. 8-10
बार चूत मे आधी उंगली को उसी तरह सामने बैठकर पेला और फिर
बोला, :मीना पूच्छे तो बताना नही कि तुमको खूब मज़ा देने के बाद
चोदा है. उसकी तो मैं चूची दबाकर फ़ौरन डाल पेलता हूँ." "नही
बताउन्गि." "बता दोगि तो हमसे इसी तरह करने के लिए कहेगी.
तुम्हारी कुँवारी गोरी अनचुड़ी गुलाबी फाँक वाली है इसलिए खूब प्यार
से पेलेंगे ताकि खराब ना हो. चोदने के भी अलग अलग तरीके होते
हैं. हर बार पेल्वाओगी तो हम नये नये तरीके से पेलेंगे. देखना
जब तक मम्मी पापा आएँगे, तुम्हारी चूचियों को डबल करके चूत
को सयानी कर देंगे. पेल्वाने के बाद और खूबसूरत लगने लगोगी.
तुम्हे खूब मज़ा देने के लिए ही मीना को भगा दिया है. जाओ पेशाब
करके सब कपड़े उतार कर पूरी नंगी होकर थोड़ा सा तेल लेकर आओ.
कोकनट आयिल लाना."
उसने सटाक से चूत से उंगली बाहर निकाली तो आने वाला मज़ा किरकिरा
हो गया. मैं मज़े से झारी तो कई बार थी पर इस खेल मे नयी थी
इसलिए मज़ा कम नही हुवा. मैं फ़ौरन कमरे से बाहर गयी, तपाक से
शर्ट उतारी और फटी चड्डी को खिसका एक तरफ फेंका और पेशाब
करने बैठी. चाती गयी और उंगली से धीरे धीरे पेली गयी चूत का
तो हुलिया ही बदल गया था. दोनो दरारे लाल थी. पेशाब करते हुवे
पहली बार चुदवाने वाले छेद मैं फैलाव नज़र आया. रमेश की
मस्त हरकतों से होली के दिन मेरी चूचियाँ और चूत दोनो खिल उठी
थी. हमने उसके मोटे और लंबे लंड को देखा था पर परवाह नही थी
कि जब पेलेगा तो चूत फटेगी या रहेगी. वैसे तेल लगाकर पेलने की
बात कर मान मैं और मस्ती भर गई थी. सच तो यह था कि बिना
चुदवाये ही इतना मज़ा आया था कि दुबारा उसे घर बुलाने को तैय्यार
थी. मीना तो अपनी सड़ियल चूत चटाकर खिसक गयी थी.
पेशाब कर पूरी नंगी हो तेल लेकर कमरे मैं वापस आई तो वह
मुझे पूरी नंगी देख तड़प उठा और उसका तना लंड झटके खाने
लगा. मैं खुद चुदवाने के लिए तेल लेकर आई थी जिससे उसे बड़ा
मज़ा आया. वह पास आ मेरी मस्ताई खरबूजे की फाँक सी चुदासी
चूत को उंगली से दबाता बोला, "ठीक से पेशाब कर लिया है
ना?" "जी" नंगे होने का तो मज़ा ही निराला था.
"अब आएगा मज़ा." "जी पर किसी को पता ना चले." मैं चूत मे
उंगली का मज़ा लेते बोली तो उसने कहा, "नही चलेगा. अभी तुम कुँवारी
हो अगर सीधे पेल दिया तो फॅट जाएगी और फिर चुदवाने का मज़ा भी
नही आएगा. पेशाब ना करा हो तो ठीक से कर लो. एक बार चोद्ते हुवे
मीना ने मूत दिया था. सारा मज़ा खराब हो गया था."
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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