DEEWANGI (INCEST) दीवानगी compleet

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jay
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Re: DEEWANGI (INCEST) दीवानगी

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घर पहुच कर मैं अपने रूम मई चला गया जो कि दी और मेरा कॉंमान रूम था, दी किचन मे थी और मोम उसे पुकारती हुई धम्म से सोफे पर बैठ गई
रिया : मुस्कुराते हुए कहने लगी मोम शॉपिंग करके आई हो क्या
सुजाता : एक पॅकेट रिया को देते हुए ले ट्राइ करके देख ले ब्रा और पैंटी है इसमे
रिया दी ने पॅकेट लेते हुए मोम के पास रखे दूसरे पॅकेट की और देखा और
रिया : मोम उसमे क्या है
सुजाता : इसमे मेरी ब्रा और पैंटी है
रिया : मुश्कुरा कर मोम उसमे और भी कुछ है
सुजाता : हाँ मैने अपने लिए जीन्स भी ली है
रिया : जीन्स वाउ, तो क्या आप जीन्स पहनेगी
सुजाता : मुस्कुराते हुए, क्यो मैं नही पहन सकती क्या
रिया : हँसते हुए, मोम पहन तो सकती हो पर पता नही आप पर कैसा लगेगा
सुजाता : अब जैसा भी लगे मैने भी सोचा जब तू दिन भर जीन्स मे रहती है तो मैं भी घर मे तो कम से कम पहन सकती हू
रिया : मोम पहन कर दिखाओ ना
सुजाता : अरे अभी नही बाद मे पहनउगी
रिया : मोम अभी पहनो ना मुझे देखना है मेरी मोम जीन्स मे कैसी लगती है
सुजाता : अच्छा रुक मैं अपने रूम से चेंज करके आती हू, मोम जींस पहन कर बाहर आने वाली थी बस यही सोच के मेरा लोड्‍ा भनभाना गया और मैं पर्दे के पीछे से मोम का हॉल मे आने का वेट करने लगा, सामने रिया सोफे पर बैठ कर अपनी ब्रा और पैंटी निकाल कर देख रही थी, वह बारी बारी से अपनी पैंटी को फैला कर देख रही थी, तभी सामने के रूम से मोम बाहर आई मैं तो मोम को जीन्स मे देखते ही पागल हो गया मेरा लंड मोम की कमर से लेकर घुटनो तक के चौड़े भाग को देख कर गन्गना गया, मोम की जंघे तो इतनी मोटी थी कि ऐसा लग रहा था कि जीन्स फाड़ कर बाहर आ जाएगी और मोम की छुट वाली जगह बहुत ज़्यादा उभरी हुई नज़र आ रही थी जिससे यह अंदाज़ा लग रहा था कि मोम का भोसड़ा कितना फूला हुआ होगा. मोम का पेट काफ़ी उभरा हुआ था और उसने एक पतली सी टीशर्ट उपर पहन ली थी जो कि लेंग्थ मे थोड़ी छोटी थी जिसकी वजह से मोम की पूरी नाभि नंगी नज़र आ रही थी, हालाकी की अभी मैं मोम के विशाल चुतडो के दर्शन नही कर पाया था, रिया मोम को देख कर खुश होते हुए खड़ी हो गई और उसकी गुदाज गान्ड उसकी जीन्स से मुझे नज़र आने लगी, मेरा तो मन कर रहा था कि अभी जाकर दोनो मा बेटी को खूब तबीयत से जाकर चोद दू,

रिया : वाउ मोम आप तो बड़ी सेक्सी लग रही है
सुजाता : मुस्कुराते हुए, सच सच बता रिया क्या मैं अच्छी नही दिख रही हू
रिया : नही मोम कसम से आप तो बहुत मस्त नज़र आ रही है और तो और आप की उमर भी कम नज़र आ रही है
सुजाता : सच कह रही है ना तू, ले ज़रा पिछे से देख, इतना कह कर मोम ने अपनी भारी गान्ड जैसे ही घुमाई मेरे हाथ मे खड़े लंड ने टीन चार झटके कस कस कर मारे, ऐसा लगा जैसे पानी छूट कर निकल जाएगा, मोम की मोटी गुदाज और चौड़ी चौड़ी गान्ड देख कर तो मैं पागल हुआ जा रहा था, इतनी मस्त और भरी हुई गान्ड वो भी मेरी मोम की मैने तो कल्पना भी नही की थी,

रिया : मोम के चुतडो को सहलाते हुए, मोम बाप रे कितने बड़े बड़े है आपके ये,
सुजाता : क्या अच्छे नही दिख रहे है
रिया : मोम बहुत बड़े बड़े है लोग आपको देख कर पागल हो जाएगे
सुजाता : रिया सच बता मैं अच्छी तो लग रही हू ना
रिया : मंद मंद मुस्कुराते हुए ओफ़कौर्स मोम बहुत मस्त लग रही हो एक दम माल
सुजाता : चुप कर बदमाश कैसे वर्ड यूज़ करती है
रिया : सच मे मोम एक दम पटाका माल लग रही हो आप, अगर घर के बाहर चली जाओ तो....
सुजाता : तो, तो क्या
रिया : हँसते हुए, मोम आपके पीछे लोगो की लाइन लग जाएगी
सुजाता : रिया की पीठ मे थपकी मारते हुए मुस्कुराकर चल हट बदमास कही की, तू बहुत बिगड़ गई है आजकल
रिया : आख़िर बेटी किसकी हू
सुजाता : हू चल अब ज़रा किचन संभाल ले और तूने यह नही बताया कि तेरी ब्रा पैंटी कैसी है
रिया : मुस्कुराते हुए, मोम आज आपको कुछ हुआ है क्या
सुजाता : क्यो
रिया : पहले तो कभी आप मेरे लिए ऐसी नेट वाली फैशनेबल ब्रा और पैंटी नही लाई
सुजाता : मैने सोचा इस बार तेरे लिए अच्छी वाली जीचे ले लेती हू

दोनो की गरमा गरम बाते सुन कर मैं अंदर मस्त हो रहा था और फिर कोई चारा ना देख मैं पानी पीने के बहाने किचन मे गया जहा मेरी दोनो घोड़िया जीन्स फसाए अपने अपने भारी चुतडो को उठाए गॅस स्टॅंड पर काम मे लगी हुई थी और आपस मे बाते कर रही थी

मैं जैसे ही किचन मे गया मेरी निगाहे तो दोनो के चुतडो पर थी पर जैसे ही दोनो ने मुझे देखा मैने अपनी नज़रे उनके चेहरे की ओर कर ली, दोनो एक दूसरे को देख कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी, मैने एक नज़र दोनो को उपर से नीचे देखा और पानी की बोटल लेकर बाहर आ गया लेकिन किचन से सॅट कर खड़ा हो गया
रिया : मुस्कुराते हुए, मोम लगता है रवि के होश उड़ गये तुम्हे जीन्स मे देख कर
सुजाता : मुस्कुरकर उसे पता है कि मैने जीन्स ली है
रिया : मुस्कते हुए कहने लगी और मोम ब्रा पैंटी के बारे मे
सुजाता : चुप कर बेशरम वह मैने उसके सामने थोड़े ही खरीदी है
रिया : मंद मंद मुस्कुराते हुए, पर मोम मुझे तो यह ब्रा पैंटी देख कर ऐसा लगा जैसे किसी मर्द ने पसंद की हो

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: DEEWANGI (INCEST) दीवानगी

Post by jay »

सुजाता : एक चपत लगते हुए, रिया तू बहुत बिगड़ गई है जा जाके अपनी ब्रा पैंटी पहन कर देख ले तब तक मैं खाना लगाती हू, मोम की आवाज़ सुन कर मैं वहाँ से सोफे की ओर आ गया और थोड़ी देर मे दी किचन से निकल कर मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखती हुई जानबूझ कर अपने मोटे मोटे चुतडो को मटकाती हुई रूम के अंदर चली गई, मैं समझ नही पा रहा था कि क्या करू इतने मे रिया दी ने एक बार दरवाजे पर आकर मुझे देखा और एक मादक सी स्माइल देकर दरवाजा ज़ोर से बंद कर लिया, कुछ देर बाद रिया दी ने दरवाजा खोला और फिर मेरी तरफ एक स्माइल देकर अंदर चली गई, मैं उठ कर रिया दी के पास रूम मे गया और
रवि : दी क्या बात है आज मुझे देख देख कर तुम बहुत मुस्कुरा रही हो
रिया : अच्छा पहले तू यह बता कि तूने मोम को क्या पट्टी पढ़ाई है
रवि : कुछ भी तो नही
रिया : झूठ मत बोल मोम ने जीन्स तेरे कहने पर ही ली है ना
रवि : अरे दी मैने तो बस उन्हे ऐसे ही सजेस कर दिया था मुझे क्या पता था कि वह सचमुच ले लेंगी
रिया : केवल जीन्स के लिए ही साजेस किया था या और कुछ के लिए भी
रवि : क्या मतलब
रिया : रिया आँखे दिखाते हुए ज़्यादा स्मार्ट मत बना कर रवि, तुझसे मैने सुबह भी कहा था कि हम भाई बहन बाद मे पहले फ्रेंड है और हम एक दूसरे से अपनी लाइफ की सब बाते शेअर करेगे अब अगर तुझे दोस्ती तोड़नी है तो मत बता

नई ब्रा और पैंटी पहनने से रिया की चूत मे पानी आ रहा था, पहनने के बाद नेट वाली पैंटी को आगे और पीछे घूम कर मिरर मे रिया ने अपने आपको अच्छी तरह देखा था और जब उसने अपनी गुदाज मोटी गान्ड को देखा तो वह देखती ही रह गई थी उसकी लेस उसकी गान्ड के गॅप मे फस गई थी और उसके चौड़े चूतड़ पूरे नंगे नज़र आ रहे थे, उपर से उसने फिर से जीन्स पहन लिया और अब जब रवि के सामने बैठी थी तो उसकी पैंटी की लेस उसकी गान्ड की दरार मे कसति ही जा रही थी और उसकी चूत से पानी आ रहा था उसे इस समय बहुत मज़ा मिल रहा था, और वह रवि की नज़रो को तो पहले ही अपने मोटे मोटे चुतडो पर पड़ते हुए ताड़ चुकी थी और वह यह भी समझ चुकी थी कि रवि ने ही यह ब्रा और पैंटी पसंद की है, लेकिन उसे यह समझ नही आ रहा था कि रवि ने यह सब के लिए मोम को कैसे पटा लिया,

तभी मेरी नज़र सामने टेबल पर पड़ी हुई ब्रा और पैंटी पर पड़ी जिन्हे देखते ही मैं समझ गया कि रिया दी ने अभी इन्हे उतारा है
रिया : क्या हुआ तू चुप क्यो है
रवि : ऐक्चुलि दी मैने अंकुर की मोम के जीन्स मे पिक्स देखे तो मुझे अच्छे लगे इसलिए मैने मोम को भी सलाह दे दी मुझे क्या पता था वह इतनी जल्दी मान जाएगी
रिया : ओ अब मैं समझी, चल तूने अच्छा ही किया इसी बहाने मुझे भी नई ब्रा.........इतना कह कर दीदी एक दम चुप हो गई और उनके चेहरे पर दबी हुई मुस्कुराहट आ गई, मैने ऐसा बिहेव किया जैसे कुछ सुना ही ना हो, पर दी आज कुछ ज़्यादा ही चुदासी हो रही थी वह खड़ी हो गई और मुझसे कहने लगी देख भैया मुझ पर तो जीन्स एक दम फिट रहती है ना और फिर दी ने अपनी मोटी उभरी हुई गान्ड मेरी और घुमा कर मुझे दिखाया, मेरा लोड्‍ा तो पहले से ही भनभनाया हुआ था दी की इतने करीब से मोटी गान्ड देख कर और भी तन्तना गया,
रवि : दी तुम्हारी तो बात ही अलग, तुम बहुत खूबसूरत हो
रिया : खुश होती हुई तू सच बोल रहा है ना
रवि : दी तुम्हारी कसम तुम मुझे लड़कियो मे सबसे खूबसूरत लगती हो
रिया : और मेरा फिगर
रवि : मैने दी के पूरे जिस्म पर एक नज़र मारते हुए कहा दी मैने आपका फिगर देखा ही कहाँ है
रिया :देख तो रहा है
रवि : दी कपड़ो के उपर से लड़कियो का फिगर कहाँ नज़र आता है
रिया : मुझे घुरती हुई मंद मंद मुस्कुरा कर, तो क्या तू अपनी दी को नंगी देखना चाहता है
रवि : दी तुम इतनी सेक्सी हो तुम्हे कौन नंगी नही देखना चाहेगा, मैने मोका देखते हुए चोका मारा
रिया : गुस्से से मुझे देखती हुई, रवि तुझे शर्म नही आती अपनी दीदी से ऐसी बात करते हुए

मुझे लगा दी सचमुच गुस्सा हो गई तब मैने खड़े होकर उनका हाथ पकड़ते हुए कहा सॉरी दी मैं तो मज़ाक कर रहा था आप तो बुरा मान गई
रिया : कोई अपनी बहन से ऐसा मज़ाक करता है
रवि : दी तुम भूल रही हो हम बेस्ट फ्रेंड है और एक दूसरे से अपनी सब बाते शेअर करने वाले है
रिया : नॉर्मल होते हुए, पर रवि मुझे ऐसी बाते पसंद नही
रवि : दी ये तो तुम्हारी ग़लती है तुम्हे दोस्ती सोच समझ कर करना चाहिए थी, अब अगर मैं तुम्हे दोस्त मान कर अपने दिल की सब बात बता दू तो तुम पता नही कितना नाराज़ हो जाओगी, इसलिए मैं तुम्हे अब कुछ नही बताने वाला
रिया : हाथ जोड़ते हुए, अच्छा बाबा सॉरी अब बता क्या बताने वाला था
रवि : रहने दो दी तुम्हे बुरा भी तो जल्दी ही लग जाता है
रिया : अच्छा मैं बुरा नही मानूँगी अब बता ना

रवि : पक्का
रिया : एक दम पक्का
रवि : रिया की आँखो मे आँखे डाल कर, दी मैं तुम्हे उस ब्रा और पैंटी मे देखना चाहता हू जो तुमने अभी पहनी है
मेरा बाते सुन कर दी का चेहरा एक दम लाल हो गया उसके चेहरे का रंग बदल गया और वह आँखे फाडे फाडे मुझे कुछ देर देखती रही और फिर एक दम से तेज गति से रूम से बाहर जाने लगी
रवि : दी सुनो तो, दी ने कोई जवाब नही दिया और बाहर निकल गई
मैं पीछे पीछे गया तो देखा वह किचन मे मोम के पास जाकर खड़ी हो गई थी, मैं भी उसके पीछे किचन मे चला गया और

रवि : दी मुझे खाना लगा दो ना
मेरी आवाज़ सुन कर मा और दी दोनो ने मेरी तरफ देखा लेकिन मेरी नज़रे दी की तरफ थी जो मुझे गुस्से से घूर कर देख रही थी, रिया के चेहरे पर गुस्से के भाव थे लेकिन मुझे देखते हुए उसके दिल की धड़कन बहुत तेज हो रही थी और उसके पेर ज़मीन पर हल्के हल्के कांप रहे थे, और उसके दिमाग़ मे मेरे बस वही शब्द चल रहे थे, लेकिन मन ही मन वह यह सोच रही थी कि वह मेरे के उपर गुस्सा करे या ना करे जबकि वह खुद भी जानती थी कि वह मुझ से उस कदर गुस्सा नही है जैसे होना चाहिए, पर वह मेरी की हिम्मत की मन ही मन दाद दे रही थी कि मैने ने अपनी दीदी से एक दम से यह बात कैसे कह दी,
रिया : मोम से ले ले मुझे और भी काम है
सुजाता : मुस्कुराते हुए क्या हुआ तुम दोनो मे झगड़ा हुआ है क्या


रवि : मुस्कुराते हुए, क्या मोम आप भी ना क्या मैं अपनी प्यारी दीदी से कभी झगड़ा कर सकता हू
मेरी बात सुन कर रिया दी ने एक बार फिर मुझे घूर कर देखा और फिर दूसरी ओर मूह घुमा लिया
मैं मंद मंद मुस्कुराता हुआ बाहर सोफे पर आ कर बैठ गया, मैं बाहर आकर बैठा ही था कि अंकुर का फोन आ गया
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Post by jay »

ghar pahuch kar mai apne room mai chala gaya jo ki di aur mera comman room tha, di kichan mai thi aur mom use pukarti hui dhamm se sofe par beth gai
riya : muskurate huye kahne lagi mom shoping karke aai ho kya
sujata : ek packet riya ko dete huye le try karke dekh le bra aur panty hai isme
riya di ne packet lete huye mom ke pass rakhe dusre packet ki aur dekha aur
riya : mom usme kya hai
sujata : isme meri bra aur panty hai
riya : mushkura kar mom usme aur bhi kuch hai
sujata : ha maine apne liye jeans bhi li hai
riya : jeans wow, to kya aap jeans pahnegi
sujata : muskurate huye, kyo mai nahi pahan sakti kya
riya : haste huye, mom pahan to sakti ho par pata nahi aap par kaisa lagega
sujata : ab jaisa bhi lage maine bhi socha jab tu din bhar jeans mai rahti hai to mai bhi ghar mai to kam se kam pahan sakti hu
riya : mom pahan kar dikhao na
sujata : are abhi nahi bad mai pahnugi
riya : mom abhi pahno na mujhe dekhna hai meri mom jeans mai kaisi lagti hai
sujata : achcha ruk mai apne room se change karke aati hu, mom jeanse pahan kar bahar aane wali thi bas yahi soch ke mera loda bhanbhana gaya aur mai parde ke piche se mom ka hall mai aane ka wait karne laga, samne riya sofe par beth kar apni bra aur panty nikal kar dekh rahi thi, vah bari bari se apni panty ko phaila kar dekh rahi thi, tabhi samne ke room se mom bahar aai mai to mom ko jeans mai dekhte hi pagal ho gaya mera land mom ki kamar se lekar ghutno tak ke choude bhag ko dekh kar gangana gaya, mom ki janghe to itni moti thi ki aisa lag raha tha ki jeans fad kar bahar aa jayegi aur mom ki chut wali jagah bahut jayda ubhari hui najar aa rahi thi jisse yah andaja lag raha tha ki mom ka bhosda kitna phula hua hoga. mom ka pet kaphi ubhara hua tha aur usne ek patli si tshirt upar pahan li thi jo ki length mai thodi chhoti thi jiski vajah se mom ki puri nabhi nangi najar aa rahi thi, halaki ki abhi mai mom ke vishal chutado ke darshan nahi kar paya tha, riya mom ko dekh kar khush hote huye khadi ho gai aur uski gudaj gand uske jeans se mujhe najar aane lagi, mera to man kar raha tha ki abhi jakar dono ma beti ko khub tabiyat se jakar chod du,

riya : wow mom aap to badi sexy lag rahi hai
sujata : muskurate huye, sach sach bata riya kya mai achchi nahi dikh rahi hu
riya : nahi mom kasam se aap to bahut mast najar aa rahi hai aur to aur aap ki umar bhi kam najar aa rahi hai
sujata : sach kah rahi hai na tu, le jara pichhe se dekh, itna kah kar mom ne apni bhari gand jaise hi ghumai mere hath mai khade land ne teen char jhatke kas kas kar mare, aisa laga jaise pani chhut kar nikal jayega, mom ki moti gudaj aur choudi choudi gand dekh kar to mai pagal hua ja raha tha, itni mast aur bhari hui gand vo bhi meri mom ki maine to kalpna bhi nahi ki thi,

riya : mom ke chutado ko sahlate huye, mom bap re kitne bade bade hai aapke ye,
sujata : kya achche nahi dikh rahe hai
riya : mom bahut bade bade hai log aapko dekh kar pagal ho jayege
sujata : riya sach bata mai achchi to lag rahi hu na
riya : mand mand muskurate huye ofcourse mom bahut mast lag rahi ho ek dam mal
sujata : chup kar badmash kaise word use karti hai
riya : sach mai mom ek dam pataka mal lag rahi ho aap, agar ghar ke bahar chali jao to....
sujata : to, to kya
riya : haste huye, mom aapke piche logo ki line lag jayegi
sujata : riya ki pith mai thapki marte huye muskurakar chal hat badmas kahi ki, tu bahut bigad gai hai aajkal
riya : akhir beti kiski hu
sujata : hu chal ab jara kichan sambhal le aur tune yah nahi bataya ki teri bra panty kaisi hai
riya : muskurate huye, mom aaj aapko kuch hua hai kya
sujata : kyo
riya : pahle to kabhi aap mere liye aisi net wali fasionable bra aur panty nahi lai
sujata : maine socha is bar tere liye achchi wali jeeche le leti hu

dono ki garma garam bate sun kar mai andar mast ho raha tha aur phir koi chara na dekh mai pani pine ke bahane kichan mai gaya jaha meri dono ghodiya jeans fasaye apne apne bhari chutado ko uthaye gas stand par kam mai lagi hui thi aur aapas mai bate kar rahi thi

mai jaise hi kichan mai gaya meri nigahe to dono ke chutado par thi par jaise hi dono ne mujhe dekha maine apni najre unke chehre ki aur kar li, dono ek dusre ko dekh kar mand mand muskura rahi thi, maine ek najar dono ko upar se niche dekha aur pani ki bottel lekar bahar aa gaya lekin kichan se sat kar khada ho gaya
riya : muskurate huye, mom lagta hai ravi ke hosh ud gaye tumhe jeans mai dekh kar
sujata : muskurakar use pata hai ki maine jeans li hai
riya : muskate huye kahne lagi aur mom bra panty ke bare mai
sujata : chup kar behsram vah maine uske samne thode hi kharidi hai
riya : mand mand muskurate huye, par mom mujhe to yah bra panty dekh kar aisa laga jaise kisi mard ne pasand ki ho

sujata : ek chapat lagate huye, riya tu bahut bigad gai hai ja jake apni bra panty pahan kar dekh le tab tak mai khana lagati hu, mom ki aawaj sun kar mai vaha se sofe ki aur aa gaya aur thodi der mai di kichan se nikal kar meri taraf muskura kar dekhti hui janbujh kar apne mote mote chutado ko matkati hui room ke andar chali gai, mai samajh nahi pa raha tha ki kya karu itne mai riya di ne ek bar darwaje par aakar mujhe dekha aur ek madak si smile dekar darwaja jor se band kar liya, kuch der bad riya di ne darwaja khola aur phir meri taraf ek smile dekar andar chali gai, mai uth kar riya di ke pass room mai gaya aur
ravi : di kya bat hai aaj mujhe dekh dekh kar tum bahut muskura rahi ho
riya : achcha pahle tu yah bata ki tune mom ko kya patti padhai hai
ravi : kuch bhi to nahi
riya : jhuth mat bol mom ne jeans tere kahne par hi li hai na
ravi : are di maine to bas unhe aise hi sugges kar diya tha mujhe kya pata tha ki vah sachmuch le lengi
riya : keval jeans ke liye hi sugges kiya tha ya aur kuch ke liye bhi
ravi : kya matlab
riya : riya aankhe dikhate huye jyada smart mat bana kar ravi, tujhse maine subah bhi kaha tha ki hum bhai bahan bad mai pahle friend hai aur hum ek dusre se apni life ki sab bate share karege ab agar tujhe dosti todni hai to mat bata

nai bra aur panty pahnne se riya ki chut mai pani aa raha tha, pahanne ke bad net wali panty ko aage aur piche ghum kar mirror mai riya ne apne aapko achchi tarah dekha tha aur jab usne apni gudaj moti gand ko dekha to vah dekhti hi rah gai thi uski less uski gand ke gap mai fas gai thi aur uske choude chutad pure nange najar aa rahe the, upar se usne phir se jeans pahan liya aur ab jab ravi ke samne bethi thi to uski panty ki less uski gand ki darar mai kasti hi ja rahi thi aur uski chut se pani aa raha tha use is samay bahut maja mil raha tha, aur vah ravi ki najro ko to pahle hi apne mote mote chutado par padte huye tad chuki thi aur vah yah bhi samajh chuki thi ki ravi ne hi yah bra aur panty pasand ki hai, lekin use yah samajh nahi aa raha tha ki ravi ne yah sab ke liye mom ko kaise pata liya,

tabhi meri najar samne table par padi hui bra aur panty par padi jinhe dekhte hi mai samajh gaya ki riya di ne abhi inhe utara hai
riya : kya hua tu chup kyo hai
ravi : actully di maine ankur ki mom ke jeans mai pics dekhe to mujhe achche lage isliye maine mom ko bhi salah de di mujhe kya pata tha vah itni jaldi man jayegi
riya : o ab mai samjhi, chal tune achcha hi kiya isi bahane mujhe bhi nai bra.........itna kah kar didi ek dam chup ho gai aur unke chehre par dabi hui muskurahat aa gai, maine aisa behave kiya jaise kuch suna hi na ho, par di aaj kuch jyada hi chudasi ho rahi thi vah khadi ho gai aur mujhse kahne lagi dekh bhaiya mujh par to jeans ek dam fit rahti hai na aur phir di ne apni moti ubhari hui gand meri aur ghuma kar mujhe dikhaya, mera loda to pahle se hi bhanbhanaya hua tha di ki itne karib se moti gand dekh kar aur bhi tantana gaya,
ravi : di tumhari to bat hi alag, tum bahut khubsurat ho
riya : khush hoti hui tu sach bol raha hai na
ravi : di tumhari kasam tum mujhe ladkiyo mai sabse khubsurat lagti ho
riya : aur mera figure
ravi : maine di ke pure jism par ek najar marte hue kaha di maine aapka figure dekha hi kaha hai
riya :dekh to raha hai
ravi : di kapdo ke upar se ladkiyo ka figure kaha najar aata hai
riya : mujhe ghurti hui mand mand muskura kar, to kya tu apni di ko nangi dekhna chahta hai
ravi : di tum itni sexy ho tumhe kaun nangi nahi dekhna chahega, maine moka dekhte huye choka mara
riya : gusse se mujhe dekhti hui, ravi tujhe sharm nahi aati apni didi se aisi bat karte huye

mujhe laga di sachmuch gussa ho gai tab maine khade hokar unka hath pakadte huye kaha sorry di mai to majak kar raha tha aap to bura man gai
riya : koi apni bahan se aisa majak karta hai
ravi : di tum bhul rahi ho hum best friend hai aur ek dusre se apni sab bate share karne wale hai
riya : normal hote huye, par ravi mujhe aisi bate pasand nahi
ravi : di ye to tumhari galti hai tumhe dosti soch samajh kar karna chahiye thi, ab agar mai tumhe dost man kar apne dil ki sab bat bata du to tum pata nahi kitna naraj ho jaogi, isliye mai tumhe ab kuch nahi batane wala
riya : hath jodte huye, achcha baba sorry ab bata kya batane wala tha
ravi : rahne do di tumhe bura bhi to jaldi hi lag jata hai
riya : achcha mai bura nahi manugi ab bata na

ravi : pakka
riya : ek dam pakka
ravi : riya ki aankho mai aankhe dal kar, di mai tumhe us bra aur panty mai dekhna chahta hu jo tumne abhi pahni hai
mera bate sun kar di ka chehra ek dam lal ho gaya uske chehre ka rang badal gaya aur vah aankhe fade fade mujhe kuch der dekhti rahi aur phir ek dam se tej gati se room se bahar jane lagi
ravi : di suno to, di ne koi jawab nahi diya aur bahar nikal gai
mai piche piche gaya to dekha vah kichan mai mom ke pass jakar khadi ho gai thi, mai bhi uske piche kichan mai chala gaya aur

ravi : di mujhe khana laga do na
meri aawaj sun kar ma aur di dono ne meri taraf dekha lekin meri najre di ki taraf thi jo mujhe gusse se ghur kar dekh rahi thi, riya ke chehre par gusse ke bhav the lekin ravi ko dekhte huye uske dil ki dhadkan bahut tej ho rahi thi aur uske per jamin par halke halke kamp rahe the, aur uske dimag mai ravi ki bas vahi shabd chal rahe the, lekin man hi man vah yah soch rahi thi ki vah ravi ke upar gussa kare ya na kare jabki vah khud bhi janti thi ki vah ravi se us kadar gussa nahi hai jaise hona chahiye, par vah ravi ki himmat ki man hi man dad de rahi thi ki ravi ne apni didi se ek dam se yah bat kaise kah di,
riya : mom se le le mujhe aur bhi kam hai
sujata : muskurate huye kya hua tum dono mai jhagda hua hai kya


ravi : muskurate huye, kya mom aap bhi na kya mai apni pyari didi se kabhi jhagda kar sakta hu
meri bat sun kar riya di ne ek bar phir mujhe ghur kar dekha aur phir dusri aur muh ghuma liya
mai mand mand muskurata hua bahar sofe par aa kar beth gaya, mai bahar aakar betha hi tha ki ankur ka phone aa gaya
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: DEEWANGI (INCEST) दीवानगी

Post by jay »

अंकुर : अरे रवि कल तू, रिया दी और संजू तीनो लोग इन्वाइटेड हो फॉर माइ बर्तडे सेलेब्रेशन अट माइ होम
रवि : अरे वाह फिर तो पार्टी सार्टी और दारू ठीक कह रहा हू ना
अंकुर : बिल्कुल ठीक
रवि : पर तूने उस मादर्चोद को इन्वाइट तो नही किया ना
अंकुर : मैं जानता हू तू जतिन की बात कर रहा है, अबे वैसे भी वह हमारे ग्रूप मे कभी आ ही नही सकता और मैं इतना बड़ा बेवकूप तो नही कि उसे अपने घर बुलाऊ और फिर हँसते हुए अंकुर ने कहा कहीं वह अपनी कमिनि नज़र मेरी मोम पर ही मारने लगे तो
रवि : हा हा हा तू ठीक कह रहा है
अंकुर : वैसे तेरी खुशी के लिए बता दू कि कल 4 लोगो के बीच मारपीट हो गई थी जिसमे वह भी था और पोलीस ने उसे अंदर डाल दिया है सुना है सामने वाला किसी पैसे वाले सेठ का लोन्डा था तो उसने तगड़ा केस बनवा दिया है अब जतिन बाबू की तो लग गई 4-6 महीने की
रवि : क्या बात कर रहा है
अंकुर : अब तो खुश
रवि : हा हा क्यो नही अब तो खुश होऊँगा ही बहन्चोद मेरी दी की गान्ड पर नज़र जमाए बैठा था
अंकुर : चल ठीक है मैण रखता हू और हाँ तू ऐसा ना हो कि दी को लाना भूल जाए, एक्चूली मेरे डॅड तो आउट ऑफ स्टेशन है और मोम आ गई है तो दी रहेगी तो मोम को भी कंपनी मिल जाएगी, और फिर मोम की तरह तेरी दी भी अड्वान्स विचारो वाली है तो दोनो की अच्छी जमेगी और तू मैं और संजू नेवरमाइंड होकर दारू का मज़ा लेंगे
रवि : चल ठीक है मैं संजू को बोल देता हू,
अंकुर : वैसे तो मैने उसे फोन कर दिया है पर फिर भी तू भी उससे बात कर ले, चल अब मैं फोन रखता हू ओके बाइ

खाना खाने के बाद मैं रिया दी का वेट करता रहा पर वह मोम के रूम से बाहर ही नही आ रही थी फिर मैने सोचा मैं ही जाकर बुला लेता हू और मैं मोम के रूम मे गया जहा दोनो मा बेटी बाते कर रही थी, मुझे देख कर मोम मुस्कुराइ और कहने लगी क्या हुआ बेटा नींद नही आ रही क्या,
रवि : दी को देख कर नज़रे मिलाते हुए, मोम रिया दी से बाते करे बिना मुझे नींद कहाँ आती है, और फिर मैने दी को मुस्कुराकर देखते हुए कहा, दी चलो ना
रिया : तू जा आज मैं मोम के साथ ही सोउंगी यह बात रिया दी ने मंद मंद मुस्कुराते हुए की तो मुझे कुछ राहत मिली,
मैने कहा ओके दी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और मैं अपने रूम मे आ गया और कुछ सोच ही रहा था कि अचानक मुझे संजू और उसकी मम्मी का वह सीन याद आ गया और मैं चुपके से उठा और छत की ओर चल दिया
छत से होते हुए मैं संजू की छत पर पहुच गया और धीरे से सीढ़िया उतर कर मैं संजू के घर के अंदर चुपके से गया, मुझे डर तो बहुत लग रहा था लेकिन सभी जगह की लाइट्स ऑफ थी और रोशनी केवल उसी रूम से आ रही थी जहा संजू सोता था, मैं चुपके से उस खिड़की तक गया जो उसके रूम के दरवाजे के करीब ही थी और अंदर झाँक कर देखा तो मेरे होश उड़ गये, संजू की मोम पूरी नंगी पेट के बल लेटी थी और संजू अपनी मोम के भारी चुतडो पर तेल लगा लगा कर मसल रहा था, उसकी मोम की मोटी मोटी और गोरी गान्ड तेल से भीगी हुई चमक रही थी, उसकी मोम का चेहरा दूसरी और था और संजू नंगा बैठा एक हाथ से बीच बीच मे अपने खड़े लंड पर तेल लगा रहा था, फिर उसने तेल लगाकर अपनी उंगलियो को अपनी मोम की गान्ड के छेद मे अंदर तक पेलना शुरू कर दिया, सीमा आंटी उउन्ह उउन्ह सीयी आह्ह्ह की आवाज़ धीरे धीरे निकाल रही थी, संजू अपने दूसरे हाथ से सीमा आंटी की चूत को खोल खोल कर सहला रहा था, मेरा लंड बुरी तरह अकड़ चुका था और मैं अपने लंड को मसल्ते हुए अंदर का नज़ारा देख रहा था, तभी संजू अपनी मोम के चुतडो पर दोनो तरफ पेर फैलाकर बैठ गया और अपने लंड को तेल मे डुबो कर अपनी मोम की मोटी गान्ड के छेद से सटा कर हल्के हल्के दबाने लगा, लगता था संजू बहुत पहले से ही अपनी मोम की मोटी गान्ड मारता आ रहा था तभी तो उसकी मोम को कोई खास दर्द नही हो रहा था और संजू का लंड मेरे देखते देखते पूरा अंदर समा गया, सीमा आंटी धीरे धीरे उउन्न्ह उऊन्ह के साउंड निकाल रही थी, संजू अपने एक हाथ से लंड को पकड़ पकड़ कर लंड अपनी मोम की गान्ड मे कभी अंदर कभी बाहर कर रहा था, संजू की मम्मी की गान्ड बहुत चिकनी नज़र आ रही थी मेरा दिल कर रहा था कि मैं संजू को हटा कर अपने मूसल को उसकी मोम की गान्ड मे पेल दू, तभी सीमा आंटी ने कहा, संजू थोड़ा तेज तेज कर बहुत मज़ा आ रहा है और मेरे दूध भी दबा, संजू ने जल्दी ही अपनी कमर तेज तेज और गहराई तक चलाना शुरू कर दी और साथ मे अपनी मोम के दूध भी कस कस कर मसल्ने और दबाने लगा, फिर कुछ देर मे संजू अपनी मोम की गान्ड मे लंड फसाए ही उसकी पीठ पर पेट के बल लेट गया और अपनी मोम की मोटी गान्ड से चिपक कर जल्दी जल्दी अपनी गान्ड हिलाने लगा, संजू की मोम की सिसकारिया अब कुछ ज़्यादा जोरो पर आ गई तभी संजू ने तीन चार धक्के कस कस कर मारे और अपनी मोम की नंगी गान्ड से इस कदर चिपक गया कि उसके लंड ने पानी छोड़ दिया हो, कुछ देर बाद संजू का हिलना बिल्कुल बंद हो गया, और फिर वह लुढ़क कर साइड मे लेट गया, उसकी मोम उसी अवश्था मे लेटी रही, मैने ज़्यादा देर वहाँ रुकना उचित नही जाना और मैं दबे पाँव अपनी छत से होते हुए अपने घर के अंदर आ गया और जैसे ही मैने अपने रूम का दरवाजा खोला मेरे बिल्कुल सामने रिया दी खड़ी थी, मैं तो एक दम से घबरा गया जैसे किसी ने मेरी चोरी पकड़ ली हो, मुझे यह भी होश नही था कि मेरे पाजामे मे मेरा लंड बहुत बड़ा तंबू बनाए पूरी तरफ खड़ा होकर साफ नज़र आ रहा था, रिया दी ने आँखे फाड़ कर मेरे चेहरे की ओर देखा और मुझसे सवाल किया

रिया : कहाँ गया था तू
रवि : वो वो हकलाते हुए, दी छत पर घूम रहा था,
रिया : झूठ मत बोल मैं बाथरूम, बालकनी, बरामदे मे और छत पर सभी जगह तुझे देख कर आ रही हू और फिर मैं संभलता इससे पहले ही दी की नज़र मेरे तने हुए लौडे पर पड़ गई और वह एक दम से सकपका गई और उसने अपनी नज़रे एक बार मुझसे मिलाई और मैं पसीने पसीने हो रहा था, मेरे पास रिया दी के सवालो का कोई जवाब नही था, लेकिन भला हो लंड देवता का जो खड़े थे और रिया दी ने अपनी नज़रे इधर उधर घूमाते हुए पलट कर बेड पर जाने लगी और मुझसे कहा दरवाजा बंद कर दे, मेरे लौडे को देख कर शायद रिया दी यह समझ रही थी कि मैं कही कोने मे छुप कर मूठ मार रहा होऊँगा

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Post by jay »

लेकिन रिया के मन मे कुछ और ही चल रहा था रिया लेट चुकी थी और अपने माथे पर हाथ रख कर आँखे फाडे हुए फॅन की तरफ देख रही थी, मैं उनके बगल वाले बेड पर लेटा हुआ कनखियो से उन्हे देख रहा था लेकिन मैं उनसे बात करने के बिल्कुल मूड मे नही था मेरी गान्ड फट रही थी कि कही उन्होने फिर से पुच्छ लिया कि कहाँ गया था तो मैं क्या जवाब देता
लेकिन रिया के मन मे रवि के खड़े लंड को देखने के बाद यह ख्याल आ रहा था कि कही रवि किसी से सेक्स करके तो नही आ रहा है, नही नही पहली बात तो दरवाजा अंदर से बंद था रवि था तो घर के अंदर ही, तो फिर उसका लंड खड़ा क्यो था, और वह छत पर भी नही था, लेकिन मैं अगर उससे ज़ोर जबर्जस्ति से पूछूंगी तो वह बताएगा नही, मुझे प्यार से काम लेना चाहिए,

रिया : मुस्कुराते हुए, रवि तू बहुत बदमाश हो गया है
रवि : उठ कर बैठते हुए, क्यो दी ऐसा क्यो कह रही हो,
रिया ; शाम को क्या कह रहा था मुझसे
रवि : मुस्कुराकर रिया की आँखो मे देखते हुए, कुछ भी तो नही दी
रिया : मंद मंद मुस्कुराकर, रवि तू बहुत बिगड़ गया है, क्या तेरे दोस्त यही सब सिखाते है कि अपनी बहन से ऐसी बाते किया कर

मुझे दी अब वापस नॉर्मल वे मे लग रही थी और मोका भी अच्छा था मैने सोचा वापस ट्राइ करना चाहिए
रवि : दी एक बात बोलू
रिया : क्या
रवि : दी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो
रिया : बहुत, इतना कि मैं बता नही सकती
रवि : तो फिर दी एक बार मेरी इच्छा पूरी कर दो
रिया : चेहरे से मस्कान गायब करते हुए सवालिया निगाहो से मेरी ओर देखते हुए, कौन सी इच्छा
रवि : मैने मुस्कुरा कर दी के बड़े बड़े दूध को घूरते हुए फिर उनसे नज़रे मिला कर कहा वही जो शाम को मैने कहा था
रिया : मंद मंद मुस्कुरा कर आँखे दिखाते हुए, रवि तू मार खाएगा लगता है
रवि : हाथ जोड़ कर प्लीज़ दी
रिया : रवि तू पागल है मैं मोम से तेरी शिकायत कर दूँगी

मैने मूह बनाते हुए कहा बस यही प्यार है तुम्हारा अपने भाई की एक छोटी सी इच्छा पूरी नही कर सकती हो, और कहती हो कि तुम मुझसे इतना प्यार करती हो कि बता नही सकती, तुम्हारी सब बाते झूठी है, अब मुझे डिस्टर्ब ना करना गुड नाइट इतना कह कर मैं दूसरी और मूह करके सो गया.
कुछ देर तो दी मुझे देखती लेटी रही और उनके चेहरे पर सीरीयस भाव थे लेकिन थोड़े पल बाद उनके चेहरे पर एक मंद मंद मुस्कान आ गई जिसे वह दबाने की कोशिश करते हुए मुझे देख रही थी, फिर कुछ देर बाद उनकी मधुर आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी

रिया : रवि, ओ रवि
मैने उनकी आवाज़ का कोई रिप्लाइ नही दिया तब उनकी आवाज़ दुबारा आई लेकिन इस बार उनकी आवाज़ ऐसी थी जैसे हम अकसर किसी के कान मे लग कर बोलते है और उस आवाज़ ने मुझे उनकी ओर देखने पर मजबूर कर दिया
रिया ; रवि, ओ रवि
रवि : मैने नखरा दिखाते हुए कहा, क्या है दी अब क्यो बुला रही हो
रिया ; मंद मंद मुस्कुराते हुए, अच्छा मेरी बात तो सुन
रवि : मैने अपनी गर्दन लेटे हुए तकिये से उठा कर उनकी ओर देख कर कहा हाँ बोलो क्या है
रिया : ऐसे नही पहले उठ के बैठ
रवि : ओफफ़ो अच्छा बाबा लो उठ कर बैठ गया अब बोलो
रिया : मुस्कुराकर मूह बनाते हुए कहने लगी गुस्सा तो ऐसे हो रहा है जैसे मैने कोई ग़लत बात की हो जबकि ग़लत तो तू है
रवि : यही कहने के लिए क्या तुमने मुझे उठ कर बैठने के लिए कहा है
रिया : मुस्कुराकर नही तो क्या तेरी गोद मे बैठने के लिए मैने तुझे उठाया है

मैने मूह बनाते हुए कहा तो फिर अब मत उठाना और मुझे चुप चाप सोने दो और मैं फिर धम्म से तकिये मे सर रख कर लेट गया
तभी मेरे कानो ने जो बात सुनी उसे सुन कर मेरे होश उड़ गये,
रिया : रवि सुन तो
रवि : मुझे नही सुनना दी सोने दो
रिया : अच्छा रवि चल मैं तेरी इच्छा पूरी करने को तैयार हू

दी की बात सुनते ही मैं उठ कर बैठ गया और उसे देखने लगा उसका चेहरा एक दम लाल हो रहा था और उसके सीने के कठोर बड़े बड़े उभारो के उतार चढ़ाव को देख कर लग रहा था कि दिल की धड़कनो की रफ़्तार कितनी तेज होगी
रवि : मैने खुश होते हुए कहा, क्या कहा दी तुमने फिर से कहना
रिया : मुस्कुराते हुए, नज़रे झुका कर और फिर नज़रे उठा कर कहने लगी, मैं तेरी इच्छा पूरी करने को तैयार हू, लेकिन
रवि : लेकिन क्या दी, मैने सवालिया निगाहे उस पर मारी
रिया : मेरी दो शर्ते है अगर तुझे मंजूर हो तो बोल
रवि : कौन सी शर्त
रिया : पहली शर्त तो यह है कि मैं जब कपड़े उतारुँगी तो तू वही बैठा बैठा ही मुझे देखेगा, तब तक जब तक मैं कपड़े वापस ना पहन लू
रवि : और दूसरी शर्त
रिया : इस बार दी के चेहरे पर गंभीर भाव थे, दूसरी शर्त यह कि तू पहले मुझे सच सच बताएगा कि जब मैं तुझे सब जगह देख कर आ गई तो फिर तू गया कहाँ था?

दी की बात सुन कर मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और मैं सोच मे पड़ गया, मुझे सोचता देख दी ने इठलाते हुए कहा यदि तुझे मेरी दोनो शर्ते मंजूर हो तो बोल
मैं कुछ बोलने की स्थति मे नही था पर जवाब तो देना था, मैने कुछ सोचा और फिर कहा
रवि : दी मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर है लेकिन मैं तुम्हारी दूसरी शर्त का जवाब तुम्हे ब्रा और पैंटी मे देखने के बाद दूँगा
रिया : मुझे गौर से देखते हुए, नही तू बाद मे पलट जाएगा
रवि : नही दी इतना तो भरोसा करो अपने भाई पर
रिया : खा मेरी कसम की तू मुझे सब सच सच बताएगा
रवि : तुम्हारी कसम बस
रिया : दो मिनिट तक चुपचाप बैठी रही फिर मेरी ओर देखने लगी मैं उसके मोटे मोटे उरोजो को ही खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था और जब दी ने मुझे देखा तो मैने कहा अब क्या हुआ उतारती क्यो नही हो
रिया : मुस्कुरकर शरमाते हुए कहने लगी रवि मुझे तेरे सामने शर्म आएगी
रवि : दी जल्दी करो नही तो मैं आकर उतारू क्या ?
रिया : रवि मैने पहले ही कहा है तू अपनी जगह से हिलेगा भी नही
रवि : तो फिर जल्दी से उतारो
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