Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग compleet

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jay
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »

" उनके एक हाथ की उंगलियों ने मेरे निपल को पकड़ के फ्लिक करना शुरू कर
दिया. और दूसरा हाथ, मेरी जांघे अब पूरी तरह खुल चुकी थी, वह 'उसके' अगल
बगल सहला रहे थे, मैं जोश के मारे पागल हो रही थी, मेरा मन कह रहा
था वह मुझे 'वहाँ' छुए, पर जैसे उन्हे मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था.
उनकी उंगली ने जब बहोत देर तड़पाने के बाद मेरे नीचे वाले बाहरी लिप्स
छुए ना, मुझे लगा जैसे मुझे 440 वॉल्ट का झटका लगा हो पर उन्होने हाथ
हटा लिया. मैं अब खुद कमर हिला रही थी उन्होने दूसरा लिप्स छुआ और अबकी बार
वह अपनी उंगलियों मे ले दोनो भगोश्ठ सहलाने लगे. कुछ देर बाद
उन्होने अपनी उंगली का टिप थोड़ा सा अंदर डाला, मैने अपनी दोनो जंघे पूरी
तरह फैला रखी थी इत्ता अच्छा लग रहा था कि बस बता नही सकती, मेरी आँखे
मज़े मे बंद हो गयी फिर अचानक उन्होने, अपनी अंगुली और अंदर कर दी और उसे
गोल घुमाने लगे. थोड़ी देर इस तरह तंग करने के बाद, निकाल कर मूह मे डाल
लिया और उसे मुझे दिखा कर चाटने लगे"
" चाटने लगे" गुड्डी बोली. जोश के मारे उसकी हालत खराब थी.
" अच्छा ये बता, वहाँ बाल तूने सॉफ किए था या" मैने मुस्करा कर अल्पी से पूछा.
" हां दीदी आपने मुझे जीजू की पसंद बता दी थी कि उन्हे चिकनी, सॉफ सुथरी
अच्छी लगती है तो घर जाके मैने फ्रेंच की पूरी बतल वहाँ एक रोम भी
नही बचा था, और पीछे भी, अच्छा गुड्डी तू बता तेरी कैसी है.
" मेरी तो ट्रिम ही है, मेरे जीजू को तो ट्रिम झान्टे ही पसंद है." झटके मे वो बोल
उठी.
" अच्छा तो अब बन्नो को ये भी पता चल गया कि उनके जीजू को कैसी झान्टे
पसंद है" मैने उसे चिढ़ाया, पर वो शरमा कर अल्पी से बोली ,
" हे बताओ ना, क्या हुआ आगे" अल्पना ने बात आगे बढ़ाई.
" जीजू ने थोड़ी देर वहाँ उंगली करने के बाद, तकिये के नीचे से वैसलीन की शीशी
निकाली और अपनी उंगली मे लेके अच्छी तरह लथेड के अंदर डाल दी , और धीरे
धीरे कर के उन्होने आधी शीशी वैसलीन मेरे वहाँ अंदर लगा दी. और अब उनका
अंगूठा मेरे क्लिट को टच कर रहा था, कभी वह हल्के से दबाते कभी कस के
मसल देते, उधर उन का दूसरा हाथ अब मेरे सीने को कस कस के मसल रहा था.
उनकी वैसलीन मे सनी उंगली रगड़ती हुई तेज़ी से अंदर बाहर हो रही थी, लग
रहा था कि मैं अब गयी अब गयी तीन चार बार ऐसे होने के बाद"
" तो क्या तुम्हारा हुआ" मस्ती से गुड्डी की हालत खराब थी. अल्पी ने बात जारी रखी,
" कहा, जीजू मुझे कगार तक ले जाते फिर रुक जाते और थोड़ी देर मे उनके होंठ
चालू हो गये, कभी मेरे बूब्स चुसते कभी निपल, और फिर जब नीचे जाके
मेरे लव लिप्स,"
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »

" unake ek haath ki ungaliyom ne mere nipple ko pakad ke flik karana shuru kar
diya. aur dusara hath, meri jaanghe ab puri tarah khul chuki thi, vah 'usake' agal
bagal sahalaa rahe the, mai josh ke maare paagal ho rahi thi, mera man kah raha
tha vah muje 'vahaa' chuye, par jaise unhe muje tadapane me maja a raha tha.
unaki ungali ne jab bahot der tadapane ke baad mere niche vaale baahari lips
chuye naa, mujhe laga jaise mujhe 440 volt ka jataka laga ho par unhone haath
hataa liyaa. mai ab khud kamar hila rahi thi unhone dusara lips chua aur abaki
vah apani ungaliyom me le dono bhagoshth sahalaane lage. kuch der baad
unhone apani ungali ka tip thoda sa andar daala, maine apani dono janghe puri
tarah faila rakhi thi itta achcha lag raha tha ki bas bata nahi sakati, meri aankhe
maje me band ho gayi fir achaanak unhone, apani anguli aur andar kar di aur use

gol ghumaane lage. thodi der is tarah tang karane ke baad, nikal kar muh me daal
liya aur use mujhe dikha kar chaatane lage"
" chatane lage" guddi boli. josh ke mare usaki halat karab thi.
" achcha ye bata, vaha bal tune saaf kiye tha ya" maine muskarakar alpi se pucha.
" haa didi aapane mujhe jiju ki pasand bata di thi ki unhe chikani, saaf suf
achachi lagati hai to ghar jaake maine en french ki puri batal vaha ek roam bi
nahi bacha tha, aur piche bhi, achcha guddi tu bata teri kaisi hai.
" meri to trim hi hai, mere jiju ko to trim jhante hi pasand hai." jatke me vo bol
uthi.
" achcha to ab banno ko ye bhi pata chal gaya ki unake jiju ko kaisi jhante
pasand hai" maine use chidhaya, par vo sharma kar alpi se boli ,
" he batao na, kya hua aage" alpana ne baat aage badhayi.
" jiju ne thodi der vaha ungali karane ke baad, takiye ke niche se vaisalin ki batal
nikali aur apani ungali me leke achchi tarah lathed ke andar daal di , aur dhire
dhire kar ke unhone aadhi shishi vaisalin mere vaha andar laga di. aur ab unaka
angutha mere clit ko touch kar raha tha, kabhi vah halke se dabate kabi kas ke
masal dete, udhar un ka dusara haath ab mere sine ko kas kas ke masal raha tha.
unaki vaisalin me sani ungali ragadati huyi teji se andar bahar ho rahi thi, lag
raha tha ki mai ab gayi ab gayi tin char bar aise hone ke bad"
" to kya tumhara hua" masti se guddi ki halat karab thi. alpi ne baat jaari rakhi,
" kaha, jiju mujhe kagaar tak le jaate fir ruk jaate aur thodi der me unake honth
chaalu ho gaye, kabhi mere boobs chusate kabhi nipal, aur fir jab niche jaake
mere love lips,"
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »


" अरे साफ साफ बोलो ना चुसवाने मे शरम नही यहाँ कभी 'वह' बोल रही हो कभी लव लिप्स"

" हाँ ठीक ही तो कह रही है गुड्डी जब चुदवाने चुसवाने मे शर्म नही तो चूत बुर बोलने मे क्या शरम और आज रात मे गाने मे तो यही सब बोलना होगा," मैं भी गुड्डी का साथ देती बोली.

" थोड़ी देर तक तो वो मेरी चूत किस करते रहे फिर जम कर चूसने लगे, और जब उन्होने अपनी जीब मेरे क्लिट पे चलाई, मैं तो मस्ती मे पागल हो गयी और चूतड़ उछालने लगी, हल्के हल्के उसे वो चूसने लगे और जब मैं झड़ने के कगार
पे पहुँची तो वो रुक गये, ऐसा उन्होने फिर तीन चार बार किया फिर उन्होने एक जेल्ली की एक ट्यूब निकाली और उसकी नोज्ज्ल मेरी चूत मे लगा कर, दबा कर, ऑलमोस्ट खाली कर दी और बाकी अपने उत्तेजित शिश्न पे लगा ली.

" फिर" उत्तेजित गुड्डी की जांघे अपने आप फैल गयी थी, उसके खड़े निपल सॉफ दिख रहे थे.

" फिर उन्होने मेरे चूतड़ के नीचे दो तीन मोटे मोटे कुशन लगा दिए, और मेरी टाँगे अपने कंधे पे रख ली. दीदी जैसा अपने कहा था ना, मैने टांगे खूब अच्छी तरह फैला रखी थी और एकदम उपर कर रखी थी. उनके लंड का सुपाडा इत्ता मोटा लग रहा था जैसे पहाड़ी आलू, उन्होने मेरी कलाई पकड़ के, कस के मेरा चुंबन लिया और थोड़ी देर मे अपनी जीब मेरे मूह मे घुसेड दी. उनका खुला सुपाडा मेरी चूत क्लिट रगड़ रहा था और मैं फिर नशे मे पागल हो रही थी, मेरी चूत मे जैसे हज़ार चीन्टिया दौड़ रही थी और अचानक उन्होने पूरी ताक़त से लंड अंदर धकेल दिया. मेरी तो चीख निकल गयी पर उनकी जीब मेरे मूह में थी और मैं खाली गों गों की आवाज़ निकाल पा रही थी. दो तीन धक्कों मे उनका पूरा सुपाडा अंदर था. अब वो थोड़ा रुक गये. मैं कस के अपना चूतड़ पटक रही थी, गान्ड उछाल रही थी पर सुपाडा अंदर तक धंसा था और लंड बाहर नही निकल सकता था. धीरे धीरे दर्द थोड़ा कम हो गया पर मुझे क्या मालूम था कि असली दर्द अभी बाकी है. मेरे गाल, माथा, बाल प्यार से सहलाने के बाद एक बार फिर उन्होने कस के मेरी कलाई पकड़ी. उनकी जीब और होंठों ने तो मेरे मूह को बंद कर ही रखा था. सुपाडा थोड़ा सा बाहर निकाल के मेरी कलाई को कस के पकड़ के उन्होने अबकी बार इतनी ज़ोर का धक्का मारा कि मेरी आँखों के आगे सितारे नाचने लगे मुझे लगा कि मैं दर्द से बेहोश हो जाउन्गि मेरा मूह बंद होने के बाद भी ज़ोर से गों गों की आवाज़ निकली तभी उन्होने दूसरा धक्का मारा और मेरी फॅट गयी. मेरी सारी चूड़िया टूट गयी मेरी सील टूट गयी थी. मेरी आँखे बंद थी बस ये अहसास था कि कोई मोटा सा पिस्टन मेरी चूत मे जबरन ठेल रहा है. लेकिन वो पाँच छः धक्के मारने के बाद ही रुके. थोड़ी देर मे मेरी साँस मे साँस आई. फिर उन्होने जब मेरे मूह से जीब निकाली तो मैने आँखे खोली. उनके चेहरे की खुशी देख कर ही मेरा आधा दर्द ख़तम हो गया. और जब उन्होने छोटी चुम्मि मेरे गालों, आँखों और निप्पल्स पर ली तो रहा सहा दर्द भी ख़तम हो गया. 45 मिनट मे मैं खुद ही अपने चूतड़ उचकाने लगी. मुस्कराते हुए अब उन्होने मेरी कलाई छोड़ दोनो किशोर जोबन पकड़ लिए और उसे मसल्ते, रगड़ते हल्के हल्के धक्का लगाने लगे. अब मुझे भी मज़ा मिल रहा था और थोड़ी देर मे मैं भी उनके धक्के का जवाब धक्के से देने लगी. जीजू अब पूरी तरह से चालू हो गये थे. उनके होंठ कभी मेरे गाल चुसते, कभी निपल. उनके हाथ कभी कस के, मेरी चूंचिया मसलते कभी मेरी क्लिट छेड़ते और जब उनका मोटा मूसल जैसा लंड बाहर निकाल कर मेरी कसी चूत मे रगड़ते हुए घुसता ना तो ऐसा मज़ा आ रहा था ना गुड्डी कि पूछो मत."

गुड्डी तो रस मे ऐसी डूबी थी क़ि वह बोलने के काबिल नही थी, ऐसी चुदासी लग रही थी कि उस समय तो अगर कोई भी उसे मिलता तो चुदवाये बिना छोड़ती नही.

अल्पी ने बात जारी रखी" ".थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद, उन्होने मुझे ऑलमोस्ट दुहरा कर दिया मेरी टाँगों को मोड़ कर और फिर लंड एकदम बाहर निकाल के एक झटके मे पूरा पेल दिया. दर्द तो हुआ पर मज़ा भी खूब आ रहा था,कच्चकच्चसतसट लंड अंदर जा रहा था, गपगाप मेरी चूत मोटे केले की तरह अंदर घोन्ट रही थी.


तभी जीजू ने मुझसे कहा, अरे अल्पी ज़रा उधर तो देख. और मैने देखा कि ड्रेसिंग टेबल मे सॉफ दिख रहा था कि उनका इत्ता मोटा लंड कैसे मेरी चूत मूह फैलाकर गपगाप लील रही थी. कुछ बाहर भी था पर आधे से ज़्यादा अंदर था. मुझे पता नही मैं कितनी बार झड़ी पर जीजू 40-45 मिनट चोदने के बाद झड़े और उनके झड़ते ही मैने एक बार फिर झड़ना शुरूकर दिया और मेरे चूतड़ अपने आप उछल रहे थे. मैं रुकती और फिर चालू हो जाती.

उन्होने मेरे चूतड़ उपर उठा रखे थे कि जिससे वीर्य की एक भी बूँद मेरी बुर के बाहर ना आए तब भी कुछ छलक कर मेरी गोरी जांघों पे आ गयी बहुत देर तक उन्होने लंड अंदर रखा. और बाहर निकालने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद मे बिठा लिया और एक इंपोर्टेड लंबी सी चॉकलेट मेरे गुलाबी होंठों के बीच गप्प से डाल दी."
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »


" तो क्या उसके बाद उन्होने तुझे छोड़ दिया" गुड्डी की तो हालत खराब थी.

" अरे, इतने सस्ते मे छोड़ने वाले थे वो?, पर गुड्डी मज़ा बहुत आया, दर्द तो थोड़ा हुआ, एक मिनट के लिए तो जान ही निकल गयी पर उसके बाद जब चूत के अंदर लंड रगड़ कर जाता था ना, इत्ता मज़ा आता है बस तू भी फडवा ले अपनी."

"हाँ, आगे बताओ," मेरा मन ही मन कर रहा कि राजीव ने फिर क्या किया.

" जीजू ने मूह से कहा कि मैं अपनी चूत कस के भीचे रहू जिससे उनका वीर्य मेरी बुर मे ही रहे. वो मेरी चुम्मि लेने लगे और चुम्मि लेते लेते उन्होने अपनी जीब मेरे मुँह में डाल दी. अब मुझे भी मज़ा आ रहा था और मैं कस कस के उनकी जीब चूस रही थी. जीजू खूब मज़े से मेरे जोबन का रस भी ले रहे थे.. जीब चुसते चुसते, मैने भी अपनी जीब और मेरा खाया बचा हुआ चॉकलेट भी उनके मूह मे डाल दिया और उसे वो खूब स्वाद ले के चूसने लगे. मेरा निप्पल चुसते हुए बोले, अल्पी इसे क्या कहते है, और जब मैने कहा सीना तो उन्होने कस के काट लिया और कहा जब तक तुम खुलकेनहीबोलोगि मैं कस के तुम्हे काटुंगा.

मैने बोला बूब्स तो फिर कचक से काट कर वो बोले नही अपनी ज़ुबान मे और जब मैने कहा मम्मे तो वो खुश हो के बोले हाँ और मुझसे उन्होने चूंची कहलवा के ही दम लिया. और उसके बाद उन्होने कस के नीचे पकड़ के मुझ से ज़ोर से फिर, बुर चूत, चूतड़ गान्ड सब कहलवाया. और जब उन्होने मुझसे अपना मोटा हथियार पकड़वाया, तो बिना किसी शर्म के मैं खुद खुलकर बोली, जीजू आपका लंड बड़ा मस्त है.

गुड्डी इत्ता बड़ा था, कम से कम मेरे बित्ते के बराबर तो होगा ही और मोटा इतना कि मेरी मुट्ठी मे नही समा पा रहा था. वो बोले साली जी मेरी साली को बस ऐसे ही भाषा बोलनी चाहिए, जिसने की शरम उसके फूटे करम. जीजा ने मुझसे
कस के पकड़ के आगे पीछे करने को कहा, और तुरंत जैसे बटन दबाते ही कोई चाकू निकल जाए, वैसे ही वो कड़ा हो गया. मैं भी मज़े मे आगे पीछे कर रही थी, छूने मे इत्ता अच्छा लग रहा था इत्ता कड़ा, एकदम लोहे की तरह. जीजू ने
मुझसे कहा कि मैं उनका चमड़ा खोलू और खोलते ही मोटा, लाल पहाड़ी आलू जैसा बड़ा सुपाडा बाहर निकल आया. अभी भी उसमे उनका वीर्य लिथड़ा था. जीजू का भी एक हाथ, मेरी नारंगियों को खूब कस कस के मसल रहा था और दूसरा मेरी चूत को उपर से प्यार से सहला रहा था. जीजू ने मेरे गुलाबी गाल को काटते हुए कहा, जानती हो साली बुर के लिए सबसे अच्छा लूब्रिकॅंट कौन सा होता है. मैने भोलेपन से पूछा कौन सा?, तो मेरी क्लिट को पिंच करते बोले, जो तुम्हारी बुर मे है, जीजा का वीर्य और इसलिए मैने तुम्हे अपनी चूत भीच कर रखने को कहा था. मैं बेवकूफ़ मैने उनसे पूछ लिया और जीजू नंबर दो, तो वो हंस कर बोले साली के मूह का थूक, तुम्हारा सलाइवा, मेरे लंड के लिए. इतना सुनना था कि मैने झुक कर उनका लंड अपने मूह मे ले लिया. बड़ी मुश्किल से मैने पूरा मूह फैलाया तो खाली सुपाडा बड़ी मुश्किल से अंदर घुस सका. उनके वीर्य का स्वाद मैं महसूस कर रही थी. लेकिन मैं कस कस के चाटती रही चुसती रही. नीचे से मेरी ज़ुबान रगड़ रही थी और चारों ओर से मेरे कोमल लिप्स.

" फिर तो तुमने उनका अपने मूह मे" गुड्डी ने बड़ी मुश्किल से थूक घोंटा और पूछा.

" और क्या अरे एक बार चूस के तो देखो क्या मज़ा आता है, मैं तो अपने जीजू के लिए कुछ भी कर सकती हू. जीजू ने थोड़ी देर बाद लंड निकाल कर मुझे बिस्तर पे लिटा दिया और पूछा," " चाहिए"

" हाँ लेकिन पूरा." मैने देखा था कि पिछली बार जीजा ने आधे से थोड़ा ज़्यादा लंड डाला था.

" लेकिन तुम्हे बहोत दर्द होगा, अल्पी" प्यार से वो बोले. मुझे मालूम था कि मन तो उनका कर रहा था, पर मेरे दर्द के डर से.

" होने दीजिए ना लेकिन पूरा" मैने उनको अपनी बाहों मे भरकर खूब नखरे से कहा, " जीजू मेरी एक शर्त है"

" क्या?, बोलो साली जी, साली की तो हज़ार शर्ते मंजूर है एक क्या"
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »


" चाहे मेरी चिथड़े, चिथड़े हो जाय, चाहे खून खच्चर हो जाय, चाहे मैं दर्द से बेहोश क्यों ना हो जाऊ. पर आज मेरी चूत मे पूरा लंड डाल कर चोदेन्गे अगर आप अपनी साली को ज़रा भी प्यार करते है तो."

" अभी लो साली जी" और मेरी दोनो टांगे कंधे पर रखकर उन्होने ऐसी जबरदस्त चुदाई की कि पूछो मत. आसन बदल बदल कर. और अबकी बार मैं शीशे मे हर बार जब लंड को घुसते देखती तो उसी तरह चूतड़ उठा कर उनके धक्के का जवाब देती. मेरी चूंचिया तो उन्होने मसल कर रखा दी. अगर मैं ये कहूँ कि दर्द नही हो रहा था तो झूठ होगा पर, गुड्डी मज़ा इत्ता आ रहा था कि उस समय दर्द का कुछ पता नही था बस मन कर रहा था, जीजू चोदते रहे चोदते रहे. जब
उन्होने मुझे दुहरा कर मेरे कंधे पकड़ अपना पूरा मूसल घुसेड़ा, मेरी तो जान निकल गयी, दर्द के मारे मैने अपने होंठ काट लिए पर जब उनके लंड के बेस ने मेरी क्लिट पर घिस्सा देना शुरू किया तो मेरी फिर एक बार जान निकल गयी अबकी बार मज़े से और फिर मैं ऐसा झड़ी, ऐसा झड़ी कि बस झड़ती ही रही जीजू थोड़ी देर रुक कर फिर चालू हो गये और अबकी बार तो कम से कम घंटे भर चोदा होगा उन्होने मुझे. और उनके वीर्य की धार चूत मे पड़ते ही मैं फिर झड़ने
लगी. मैं एक दम लथ फत थी. उन्होने सहारा देकर उठाया. उनका गाढ़ा गाढ़ा सफेद वीर्य मेरी चूत मे भरा था और निकल कर मेरी जांघों पर बह रहा था. उन्होने थोड़ा सा वीर्य अपनी उंगली मे लेकर मेरी चूंचियों पर मसल दिया और हँसकर बोले, उठती चूंचियों के लिए ये सबसे अच्छा टॉनिक है. और मुस्करा कर मेरी बुर मे उंगली डाल फिर ढेर सारा अपना वीर्य निकाल कर मेरे गालों पर खूब मसल दिया और बोले हे, देखो कैसे ग्लो कर रही है, सबसे अच्छी फेशियल क्रीम है ये. और जब मैने साफ करने की कोशिश की तो अपनी कसम दे के मना कर दिया. इसीलिए मेरे गाल ग्लो कर रहे है.


गुड्डी झेंप गयी लेकिन वह अपने को रोक नही पाई और बोली, " सच बताओ, दर्द बहोत हुआ?."

अल्पना ने मुस्करा कर उसके भरे भरे गालों पर चिकोटी काट ली और बोली, " हाँ, मैं ये तो नही कहूँगी कि दर्द नही हुआ, बहोत हुआ , लेकिन बस थोड़ी देर और उसके बाद तो इतना मज़ा आया, इतना मज़ा आया, मैं बता नही सकती. तू भी
जल्दी से ले ले ये असली मज़ा. मैं तो कहती हू लड़किया झूठे नखड़े दिखाती है. मैं तो कहती हू हमे लड़कों के पीछे घूमना चाहिए, इत्ता मज़ा लंड मे है, अगर तुम्हारे जीजा न कर रहे हो न तो मैं अपने जीजू से बात करू, क्यों "


गुड्डी शरमा गयी और बोली, "धत्त" लेकिन अल्पी कहाँ छोड़ने वाली थी वो बोली. " अरे इसमे धत्त की क्या बात है, अरे तुम मेरी सबसे पक्की सहेली हो ना "

" हाँ वो तो हू" गुड्डी बोली

" तो फिर मेरे जीजू तेरे जीजू हुए कि नही, तो फिर चुदा ले मेरे जीजू से." वो बेचारी बुरी तरह झेंप गयी.

मैं उसकी बचत मे आते हुए बोली, " अरे अल्पी इसका मतलब है कि ये पहले अपने जीजा से चुदवायेगि उसके बाद तुम्हारे जीजा से, तो गुड्डी कब प्रोग्राम है तुम्हारा चुदवाने का अपने जीजा से,"

" वो जब चाहें" गुड्डी ने बोल तो दिया पर अपना जवाब सुनकर खुद शरमा गयी.

तब तक दुलारी उन दोनों को ढूंढते हुए वहाँ आई, " अरे तुम यहाँ बैठी हो तुम्हारे जीजा नीचे तुम्हे तलाश कर रहे है.

मैं बोली, " लगता है, तेरा नंबर आ गया और हाँ ज़रा जैसे सिखाया है, चूतड़ मटका के तो जाना."
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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