एक राजा और चार रानियाँ complete

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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

नजमा;पहली मर्तबा एक साथ दोनो सुराखों में लंड लेरही थी आज उसके दिल की मुराद पूरी हो गयी थी अहह ऊईईए माँ काश मेरे और दो बच्चे होते तो दिन रात उनके लंड के नीचे पड़े रहते अहह

सम;क्यूँ मेरा लंड तुझे कम पड़ता है क्या वो ये कहते हुए गान्ड में धक्को की रफ़्तार बढ़ा देता है

नजमा;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नही ना सॅम वो बात नही है अहह इतने ज़ोर से अहह

तू क्यूँ रुक गया हरामी चोदता क्यूँ नही अहह



दोनो लंड के बीच में नजमा पीसी जा रही थी एक तरफ से आबिद धक्का मारता तो दूसरे तरफ से सॅम गान्ड फाड़ देता पर सबसे ज़्यादा मज़ा नजमा को आ रहा था वो सिसकारिया भरती जा रही थी और पसीने में तरबतर उसका जिस्म दोनो बच्चो से चिपकता जा रहा था

सॅम;को ये बात अच्छी नही लग रही थी कि नजमा आबिद से चुद रही है पर वो कर भी क्या सकता था जब वो घर की हर औरत को चोद चुका था तो नजमा क्यूँ ना अपने बेटे का लेले.

कुछ देर बाद आबिद अपना लंड बाहर निकाल लेता है शायद उसके लंड ने जवाब देदिया था वो उसे सॉफ करने बाथरूम में घुस जाता है

सॅम;भी अपना लंड नजमा के गान्ड से निकाल लेता है और उसे उसे हाल में छोड़ के अपने रूम में चला जाता है.

नजमा;सॅम को जाता देखते रह जाती है उसे सॅम से इस तरह की बिल्कुल उम्मीद नही थी..पर वो ये भूल गयी थी कि आख़िर सॅम भी तो एक मर्द है और मर्द दर्द भले ही बर्दास्त करले पर ये कभी नही देख सकता कि उसकी प्रॉपर्टी पे कोई दूसरा मुँह मारे..

नजमा;सॅम के डोर के पास जाके उसे आवाज़ देती है पर अंदर से कोई जवाब नही आती वो बोझल दिल के साथ अपने रूम में चली जाती है.

के तभी उसके मोबाइल पे फीरोजा का फोन आता है.
वो फोन नजमा के साथ साथ पूरे घर के मेंबर्ज़ को हिला के रख देता है.

सॅम;के नाना सत्तार ख़ान इस दुनिया से हमेशा हमेशा के लिए चले गये थे.

नजमा;अपनी फॅमिली के साथ फीरोजा के घर पहुँचती है वहाँ का दर्द नाक मंज़र देख सभी के कलेजे हलक को आने को थे..

फीरोजा;अपने अब्बू के बेजान जिस्म से लिपट के ज़रो कतर रो रही थी आँसुओं का सैलाब अब रुकने का नाम नही लेरहा था

नजमा;फीरोजा को संभालते तो संभालते संभालते खुद भी रो पड़ती.

आख़िर समीर एक मेच्यूर मर्द की तरह हर किसी को संभालता है और कुछ वक़्त बाद सत्तार ख़ान को अपनी आख़िरी आराम गाह तक पहुँचा दिया जाता है.

आफ्टर 3 डेज़.

नजमा;फीरोजा को अपने साथ ले आती है वो अकेले उस जगह नही रह सकती थी.

कहते है वक़्त हर ज़ख़्म को भर देता है

यहाँ भी वक़्त ने अपना कमाल दिखाया और धीरे धीरे वो अपने मज़े (पास्ट)की धुन्द्ली यादों को छोड़ आए.

सत्तार ख़ान को गुज़रे 2 मंत होचुके थे.

सभी अपने मामूल के मुताबिक ज़िंदगी गुज़ार रहे थे.

पर दो लोगो की ज़िंदगी में पछले कुछ महीनो से वीरानियाँ छाई हुई थी.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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समीर;अब भी नजमा से खफा था वो ठीक तरह से नजमा से बात भी नही कर रहा था नजमा ने कई मर्तबा उसे खुद से बात करनी चाही पर सॅम उसकी बात का कोई जवाब ना देते हुए वहाँ से निकल जाता.

इस दौरान समीर ने ना शबनम को छुआ था और ना महक के करीब गया था वो दोनो ये समझ रही थी कि शायद सॅम नाना के गम में डूबा हुआ है.

पर अंदर ही अंदर सॅम घुट रहा था और ये घुटन सिर्फ़ नजमा दूर करसकती थी.

दोपहर 2पी एम;;

घर के सभी अफ़राड हॉल में बैठे हुए थे.

फीरोजा;को ये बात पता चल चुकी थी कि शबनम और महक माँ बनने वाली है और उनका तीसरा महीना शुरू है.
फीरोजा;बात शुरू करती है.

समीर अब वक़्त आ गया है कि तुम अपनी ज़िमेदारी संभालो अब्बू को गुज़रे 2 महीने हो गये है..पर तुम तो जानते हो शबनम और महक की क्या हालत है.

हम सब ये चाहते है कि तुम और महक शादी कर्लो और आबिद की शादी शबनम के साथ कर्वादी जाए.

दुनिया वालो को पता भी नही चलेगा और हम सब बदनामी से भी बच जाएँगे.

सभी के निगाहे सॅम की तरफ टिकी हुए थी आख़िर उसका फ़ैसला ही सब की किस्मत बदलने वाला था.

वो फीरोजा की तरफ देखता है और कहता है.

सॅम;मैं शादी के लिए तैयार हूँ पर एक बात मुझे आपसे कहना है.
मेरे दोस्त काशिफ के बड़े भाई जिनकी वाइफ की लास्ट एअर डेथ हो गयी थी वो आपसे शादी करना चाहते है उन्होने आपको नानू की बरसी पे देखा था और तब से काशिफ मेरे पीछे पड़ा है ..

वक़्त और हालत सज़गार नही थे इस लिए मैने आपसे बात नही किया पर अब मैं समझता हूँ वो वक़्त आ गया है..

काशिफ के भाई निहायत ही शरीफ और खुश मिजाज़ इंसान है.और वो हमारे ही ऑफीस में पछले 5य्र्स से काम कर रहे हैं.

अगर आप हाँ कहीं तो हमारे साथ साथ आपके भी.

फीरोजा;मेरी ज़िंदगी का फ़ैसला बाजी करेंगी.

नजमा;मुस्कुराते हुए फीरोजा की पेशानी चूम लेती है और देखते ही देखते फीरोजा की शादी फिक्स हो जाती है.

वक़्त अपनी रफ़्तार से बढ़ रहा था ....

फीरोजा;शादी की शॉपिंग करने शबनम और आबिद को साथ ले जाती है.
वो बहुत खुश थी आख़िर उसका घर जो बसने वाला था.

फीरोजा;के मार्केट चले जाने के बाद नजमा कुछ सोचते हुए सॅम के रूम का रुख़ करती है.
वो जानती थी कि महक उसके रूम में लेटी हुई है पर आज उसका दिल किसी भी तूफान को बर्दास्त करने के काबिल था.

समीर;अपने बेड पे बैठा हुआ था तभी नजमा उसके रूम में दाखिल होती है.
एक नज़र सॅम उसकी तरफ देखता है और फिर दूसरे ही पल वो अपना रुख़ मोड़ लेता है.

नजमा;उसके पास जाती है और उसके कंधे पे सर रख देती है.
मुझसे नाराज़ हो

सॅम;कोई जवाब नही देता

नजमा;फिर पूछती है मुझसे सच मुच में नाराज़ हो

सॅम;उठ के खड़ा हो जाता है.
आप जाओ यहाँ से मुझे आपसे कोई बात नही करने

नजमा;की आँखे नम हो जाती है और वो सॅम का कंधा पकड़ के अपनी तरफ घुमा लेती है देखो मेरी आँखों में अब मैं नजमा से आप हो गयी इतनी बेरूख़ी इतनी नफ़रत आख़िर मेरा गुनाह क्या है बताओ मुझे

सॅम;नजमा को पीछे से पकड़ लेता है और एक हाथ उसकी गर्दन में डालके दूसरे हाथ से उसका टॉप फाड़ देता है उसे इतना गुस्सा आ रहा था कि पता नही वो नजमा की जान ही लेले वो अपने दूसरे हाथ को नजमा की पैंटी में घुसा देता है और चिल्लाने लगता है.



सॅम;मुझसे पूछती है तेरा गुनाह क्या है साली मेरे मोहब्बत में तुझे कौनसी कमी दिखाई दी जो तूने उस गान्डु को अपने उपर चढ़ाया..

तेरी ये चूत सिर्फ़ मेरी है समझी मैं बिल्कुल ये बर्दास्त नही करसकता कि तू किसी और के आस पास भी दिखाई दे.



वो नजमा के निपल मरोड़ रहा था जिससे नजमा के आँसू निकलने लगे थे पर वो सब बर्दास्त कर रही थी

वो जानती थी कि सॅम का गुस्सा अपनी जगह जायेज़ है वो उसे बाहर निकलना चाहती थी सॅम उसपे चिल्लाए जा रहा था और आख़िर कार सॅम बेड पे बैठ जाता है.

नजमा;अपने आँसू पोछती है और सॅम के कदमों में नीचे बैठ जाती है.
मैं जानती हूँ वो ग़लत है..तुम मुझसे मोहब्बत करते हो तुम ये नही देख सकते कि मैं किसी और के नीचे रहूं.

पर क्या तुम मेरी एक बात का जवाब दे सकते हो

मैं ये कैसे देख सकती हूँ कि तुम मुझसे इतनी मोहब्बत के दावे करने वाले एक नही बल्कि इस खानदान की औरत और मर्द के साथ जिस्मानी रिश्ते बना चुके हो एक तरफ तुम ये कहते हो कि तुम मुझसे बेपनाह मोहब्बत करते हो और दूसरी तरफ तुम मेरी आँखों के सामने मेरी बहेन बेटी और बहू के साथ वो सब करते हो जो कोई प्यार करने वाला अपनी मोहब्बत के सामने नही करता मैं इसे क्या समझू.

प्यार या हवस..तुम एक मर्द हो और मर्द उस भंवरे की तरह होता है जो कभी इस फूल पे तो कभी उस फूल पे पर हम औरतें उस गुलाब की तरह है जो ये जानती है कि एक ना एक दिन या तो हम शख्स से तोड़ लिए जाएँगे या भी किसी के पैरों तले रोन्द दिए जाएँगे.

तुम मुझसे मोहब्बत का दावा करते होना तो देखो यहाँ यहाँ मेरे पेट पे हाथ रखो कुछ महसूस हुआ..इस में तुम्हारे निशानी अपनी जगह बना चुकी है आज पूरे 2 महीने हो गये है मुझे प्रेगनेंट हुए हर एक दिन मैं ये सोच के गुज़ार देती कि आज तुम आओगे आज मुझे अपनी बाहों में लोंगे आज यहाँ चूमोंगे..मुझे मुबारक बाद दोगे.

मगर नही तुम अपनी आन अपने घमंड में इतने चूर हो गये कि तुम्हे ना मैं दिखाई डी और ना मेरी मोहब्बत.

आज मैं खुद को टूटा हुआ महसूस कर रही हूँ समीर सिर्फ़ तुम्हारी वजह से.

ये कहते कहते वो रो पड़ती है आँसू एक कतार में उसके आँखों से बह रहे थे.
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

और समीर किसी ज़िंदा लाश की तरह नजमा को अपने सामने रोता देख रहा था

वो दिल ही दिल में रो पड़ता है उसे आज एक औरत की मोहब्बत का उसके जज़्बात का पता चला था आज तक सॅम ने औरत का सिर्फ़ एक रूप देखा था पर हक़ीकत में उसकी आँखे आज खुली थी.

वो नजमा को अपनी बाहों में समेट लेता है और उसके आँसुओ को अपनी हाथों से सॉफ करने लगता है.

सॅम;मत रो मेरी जान मुझे पता ही नही था कि तुम प्रेगनेंट हो अर्रे आज तुमने मुझे वो खुशी दी है जो मैं हमेशा से चाहता था अपनी ज़िंदगी में मैं इतना खुश कभी नही था मुझे माफ़ करदो नजमा प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज मुझे माफ़ करदो.

वो नजमा के पेट पे हाथ फेरने लगता है जिससे नजमा के आँसू बहना बंद हो जाते है और पूरे जिस्म में बिजली सी दौड़ जाती है.

सॅम;के लिप्स नजमा के कानो में सरगोशी करने लगते है.
मेरी जान नजमा मैं इस बच्चे को अपना नाम दूँगा ये हमारा बच्चा कहलाएगा
हाँ महक के साथ साथ मैं तुझ से भी शादी करूँगा.और उसके बाद तू हमेशा हमेशा के लिए मेरी कहलाओगी..

नजमा;यही तो सॅम के मुँह से सुनना चाहती थी दोनो के सारे दर्द ओ गम उन आँसुओं में धूल गये थे वो एक दूसरे की बाहों में सिमटते चले जाते है होंठों से होंठ ऐसे मिलते है कि अलग ना हो पाए.

बाहर खड़ी महक ये सब सुन रही थी और एक खुशी की चमक उसके चहरे पे भी दिखाई दे रही थी जब सॅम सामने देखता है तो कुछ पल के लिए नजमा की पकड़ ढीली पड़ जाती है.

नजमा;सॅम की तरफ देखते हुए कहती है जाओ ले आओ मेरी सौतन को भी यहाँ आज अपनी होने वाली दोनो बीवियों को प्यार करो.

सॅम;महक के पीछे जाता है जो उस वक़्त तक हाल में पहुँच चुकी थी
वो उसे पीछे से पकड़ लेता है.
कहाँ जा रही हो मेरी रानी

महक;उनह क्या कर रहे हो जी थोड़ा सबर करो ना उनह



सॅम;आज नही महक चल तुझे तेरी माँ बुला रही है बिना कपड़ों के

शरम के मारे महक के गाल लाल पड़ जाते है वो सॅम को रोकने की पोज़िशन में नही थी जो आग जो तड़प जो हवस नजमा की चूत में बरपा थी वही हाल यहाँ भी था

एक दूसरे को देखते हुए चूमते हुए सॅम और महक पूरे नंगे हो जाते है और सॅम महक को गोद में उठाके अपने रूम में ले जाता है जहाँ नजमा उन दोनो का इंतजार कर रही थी.

नजमा;पहले से बिना कपड़ों के उनका इंतजार कर रही थी सॅम को इस तरह बिना कपड़ों के देख उसके मुँह में खट्टा खट्टा पानी आने लगता है और वो महक के साथ सॅम के लंड पे टूट पड़ती है.

दोनो नीचे बैठ के उसकी तलवार को तेज करने में लगज़ाती है.



10 मिनट लगातार लंड चुसवाने के बाद सॅम खुद को रोक नही पाता और महक को बेड पे लेटा देता है और बिना कुछ कहे अपनी तलवार को उसकी म्यान में ठूंस देता है.



एक हल्की सी चीख उसके मुँह से निकलती है और जोश में उसकी आँखे बंद होती चली जाती है जब कुछ देर बाद वो आँखे खोलती है तो अपने उपर नजमा को झुका हुआ पाती है नजमा के ब्रेस्ट उसके मुँह के पास लटके हुए थे और सॅम सटा सॅट महक की चूत मार रहा था और एक हाथ से नजमा की गान्ड में दो फिंगर्स अंदर बाहर कर रहा था.

महक;इतने जोश में थी कि वो नजमा के लटके हुए ब्रेस्ट को अपने मुँह में खींच के चूसने लगती है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प



नजमा;के मुँह से हल्की हल्की सिसकी निकल रही थी और वो सॅम के हाथों अपनी गान्ड दबोचे जाने से पागल हुई जा रही थी अहह उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

नीचे महक कभी पूरी तरह सॅम के नीचे तो कभी अपनी अम्मी के पास लेटे हुए अपनी चूत में लगी आग बुझा रही थी उसका रोम रोम इसे महसूस कर रहा था और दिल की कसक चूत के रास्ते पानी बनके बाहर बह रही थी.



15मिनट के चुदाई के बाद महक ठंडी पड़ जाती है और उठ कर बाथरूम में घुस जाती है पर सॅम इतनी जल्दी जंग का मैन्दान छोड़के जाने वालों में से नही था आज उसे नजमा ने वो खुशी दे थी जिसका वो हकदार था .

वो नजमा को अपने नीचे मसल्ने लगता है और उसका लंड नजमा की चूत पे घिसने लगता है दोनो के लिप्स एक दूसरे की गिरफ़्त में थे और ज़ुबान जैसे एक दूसरे से लड़ाई कर रही थी,

सॅम;अहह नजमा तू मेरी पहली रानी है जो मेरे दिल की इतने करीब है जितनी कोई नही होसकती

नजमा;हन्ंनननननणणन् आज से नजमा आपकी हुई आज से ना आपका नाम लूँगी और ना आप से उँची आवाज़ में बात करूँगी.बस अपने प्यार में कमी ना होने देना इस छोटे से दिल को और तकलीफ़ ना देना बर्दास्त नही करसकती है जानू चाहिए जो चाहिए वो करो डांटो मारो कुछ भी करो पर मुझसे नाराज़ मत रहो मैं मर जाउन्गी आपके बिना .अहह
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: एक राजा और चार रानियाँ

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सॅम;जैसे पिघल चुका था नजमा के जज़्बात उसके दिल में वो मकाम बना चुके थे जो एक बीवी बनी है जब वो अपने शोहर को वो सब कुछ देदेति है जिसका वो हकदार होता है.

नजमा;सॅम को चूमते हुए कहती है अहह जानू अब अंदर डाल भी दो क्यूँ तड़पाते हो अहह



ऐसे नही आहह पीछे से दोनो में बारी बारी अहह

सॅम;अपनी रानी का हुक्म मानते हुए उसे उल्टा कर देता है और उसकी कमर को थामते हुए गाआआआआआआप से अपने लंड को नजमा के चूत की गहराईयो में समा देता है अहह



ना नजमा चिल्लाई और ना सॅम चीखा बल्कि आज वो दोनो एक दूसरे में खो से गये थे आज ना जल्द से जल्द चुदाई का जोश था और ना किसी चीज़ की जल्दी हल्के हल्के ज़ोर दार गहराई वाले धक्के नजमा की चूत को अंदुरूनी सुकून पहुँचा रहे थे.वो थोड़ी थोड़ी देर के बाद सॅम को चूम लेती पर ना सॅम थक रहा था और ना नजमा लगातार 25 मिनट चली इस चुदाई में नजमा सॅम के पूरी तरह नीचे बिछ चुकी थी.



नजमा;अहह बस थोड़ा पीछे का भी ख़याल करो मालिक अहह पीछे से मारो ना उन्हञंननननननणणन्

सॅम;अपनी बीवी की हर अच्छी बुरी ख्वाहिश मानने वाला शोहर बनते जा रहा था वो अपने लंड को उसकी चूत से निकाल के धीरे धीरे गान्ड के छोटे पर नरम सुराख में घुसाने लगता है जिससे नजमा पूरी तरह जोश में आ जाती है और सॅम को और ज़ोर से और ज़ोर से गान्ड मारने का कहती जाती है.



पसीने में लथ पथ दोनो एक दूसरे को चूमते हुए प्यार को नजमा तक पहुँचा रहे थे ये सिलसिला फीरोजा और शबनम के घर आने तक यूँ ही चलता रहा.

और आख़िर देखते ही देखते शादी का दिन भी आ गया.


समीर;ने अपने कुछ ख़ास फरन्डस और करीबी लोगों को ही इन्वाइट किया था वो ज़्यादा शोर शराबा नही चाहता था है शादी के बाद की पार्टी के लिए उसने होटेल बुक किया था जो निकाह के दूसरे दिन होने वाली थी..दुनिया की नज़र में ये समीर और महक की शादी नही बल्कि समीर की उसके किसी कज़िन के साथ शादी होरही थी प्लास्टिक सर्जरी ने अपना कमाल दिखा दिया था..दूसरी तरफ शबनम और आबिद निकाह में बँधने वाले थे..

फीरोजा;बहुत खुश थी उसके जिस्म पे दुल्हन का लाल ड्रेस बहुत खूबसूरत लग रहा था उसका निकाह नूर ख़ान..काशिफ के बड़े भाई और समीर के खास दोस्त से करवाया गया..

नजमा;नॉर्मल ड्रेस में ही थी सारे मेहमानो के जाने के बाद समीर ने घर के मेंबर के सामने काज़ी साहब के ज़रिए..नजमा को अपनी दूसरी बीवी क़ुबूल किया..हालाँकि इसके लिए उसे काज़ी को मुँह माँगी कीमत भी अदा करने पड़ी..पर वो खुश था कि उसकी मोहब्बत आज तकमिल पे पहुँच ही गयी..

घर के मेन हॉल में अब सिर्फ़ घर के मेंबर्ज़ ही बैठे हुए थे..

फीरोजा;अपने शोहर के साथ अपनी नई ज़िंदगी शुरू करने जा चुकी थी..

आबिद;दिल ही दिल में मुस्कुरा रहा था वो चोरी चोरी शबनम की तरफ देख रहा था पर शबनम तो सॅम की बातों में ही गुम थी सभी खुश थे खास तौर पे नजमा..

कुँवारी तो उनमें से कोई थी नही और ना दुल्हन की कोई शरम ओ हया उनमें थी..एक नॉर्मल दिन की तरह वो सब एक दूसरे से बातें कर रही थी..

सॅम;नजमा और महक को अपने पास बुलाता है और अपनी गोद में बैठा देता है..
ह्म्म्म्म ममममममम शादी बहुत बहुत मुबारक हो मेरी दोनो बीबीयों को

और ये कहते हुए वो नजमा और महक के होंठों को चूम लेता है..

शबनम;अपनी ही आग में जल रही थी कहीं ना कहीं दिल में दर्द ज़रूर था कि काश मैं भी सॅम की गोद मे होती..

वो आबिद का हाथ पकड़ की उसे रूम में ले जाती है.

सॅम;के साथ साथ नजमा और महक भी उसकी इस हरकत पे हँसने लगती है..

नजमा;लगता है बहू को बहुत जल्दी है.

सॅम;जितनी तेज़ी से ये यहाँ से गयी है ना उतनी तेज़ी से वापस भी आजाएगी..

महक;वो क्यूँ जी

सॅम;उसे चूमते हुए तेरे छोटे भाई में उसे सॅटिस्फाइ करने की क़ाबलियत नही है.मेरी जाने मन.

महक;नजमा को देखने लगती है और तीनो के चेहरे खिल जाते है.

रूम में पहुँच के शबनम';अपनी लाल साड़ी निकाल देती है और पल भर में ब्लाउस के साथ साथ पैंटी भी ज़मीन पे गिर जाती है.उसकी आँखों में गुस्सा और हवस देखी जासकती थी..

आबिद;अपनी नई नवेली बीवी जिसके पेट में उसके भाई का बच्चा था उसे अजीब नज़रों से देखने लगता है..

शबनम;नंगी आबिद के पास आती है और उसे बेड पे बैठा देती है वो बिना कुछ कहे आबिद की पॅंट उतार कर फेंक देती है और अंडरवेर खींच लेती है.

उसे जोरों का झटका लगता है एक नंगी औरत को सामने देखने के बाद भी आबिद के लंड में कुछ खास बदलाव नही हुआ था वो अभी भी बेजान बेसूध नीचे मुन्डी डाल के पड़ा हुआ था

शबनम;उसे हाथ में पकड़ के हिलाती है और फिर अचानक उसे अपने मुँह में भर लेती है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प

आबिद;अहह आराम से भाभी अहह

शबनम;साले मैं तेरी बीवी हूँ भाभी नही अहह गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प

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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

आबिद;का लंड धीरे धीरे बढ़ने लगता है और अपनी आखरी लिमिट पे पहुँच जाता है शबनम की आँखे चमक जाती है वो और ज़ोर से आबिद का लंड चूसने लगती है कि उसमें और जान आजाए और वो कस के उसकी चुदाई करसके पर होनी को कुछ और ही मंजूर था एक लंबीईईईईईईई चीख के बाद आबिद के लंड से एक पतली सी धार शबनम के मुँह में गिरती है और उसका लंड वापस सुकड़ने लगता है

शबनम;गुस्से में उसे अपने मुँह से निकाल देती है

आबिद;आइ एम सॉरी शबनम पर मैं

शबनम;कुछ कहने की ज़रूरत नही है मैं जा रही हूँ तुम्हारे भाई के पास अगर इसमें जान आजाए तो आ जाना मुझे लेने.
और वो पाँव पटकते हुए वापस हॉल में आजाती है पर वहाँ वो तीनो नही थे

वो नजमा के रूम की तरफ बढ़ती है जहाँ नजमा और महक सॅम के उपर चढ़ि हुई थी और सॅम उनकी कमर दबाते हुए उन्हे किस कर रहा था.

शबनम;रूम में पहुँच के चिल्लाति है.
समीररर्र्र्र्र्ररर

सभी चौंकते हुए शबनम को देखते है

सॅम;क्या बात है भाभी क्या हुआ.

शबनम;भाभी पेट में बच्चा डालके भाभी कहते हो शरम नही आते किस ना मर्द को मेरे गले बाँध दिया है तुमने उससे कुछ नही होता मेरी ज़िंदगी जहन्नुम बना दी है तुम सब ने वो रो पड़ती है.

सॅम;मुस्कुराता हुआ उसके पास आता है और उसे अपनी गोद में उठा लेता है वो पूरे नंगी थी और सॅम की बाँहों में सिसक रही थी.

शबनम;क्यूँ किया तुमने ऐसा.

सॅम;चुप होज़ा और सुन तुझे कोई ज़रूरत नही है वहाँ उसके पास सोने की तू आज से यहाँ हमारे साथ सोएगी और हम आबिद को भी यहीं सुलाया करेंगे..तेरे पेट में बच्चा है ना मेरा तो उसकी परवरिश भी मैं करूँगा तुझे रोज रात को चोद के तू फिकर क्यूँ करती है मेरी रानी..

ये सुनके शबनम के साथ साथ नजमा और महक भी खुश हो जाती है..

महक;चीखते हुए कहती है तो आज हमारी सुहागरात कुछ स्पेशल होनी चाहिए जो हमें ज़िंदगी भर याद रहे.

इस सुहागरात के निशान हमारे जिस्म पे हमारी रूह पे किसी सनद की तरह छप जाएँ.

सॅम;नजमा को देखते हुए पूछता है तू क्या कहती है नजमा

नजमा;आप हमारे शोहर है जो चाहे करसकते है.

सॅम;शबनम को नीचे उतार के नजमा के पास आता है और उसकी कमीज़ को नीचे करके उसके ब्रेस्ट को पूरे ज़ोर से मरोड़ता है कुछ भी का मतलब पता है तुझे

नजमा;अहह हन्ंनननननणणन् कुछ भी.


सॅम;;चलो फिर ठीक है मैं वादा करता हूँ ये यह सुहागरात तुम सब को ज़िंदगी भर याद रहेगी.
अब जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दो मैं अभी आता हूँ,

खुशी के मारे महक अपने सारे कपड़े उतार के फेंक देती है पर नजमा अभी भी ब्लाउस और पैंटी में थी..

कुछ देर बाद सॅम एक लंबी से लकड़ी और छोटी से बॅट लेके रूम में आता है

वो तीनो उसे देख के हैरत जदा हो जाती है कि आख़िर सॅम करने क्या वाला है.

सॅम;अरे नजमा तूने अभी तक पूरे कपड़े नही उतारे चल जल्दी कर.

नजमा;अपनी ब्लाउस के बटन खोलने लगती है.




ब्लाउस खुलने के बाद नजमा पैंटी भी नीची सरका देती है और सॅम के तरफ बढ़ने लगती है ये सोच के अब वो सॅम का लंड चूसेंगी पर सॅम उसे सोफे पे झुकने को कहता है वो अपनी बड़ी सी गान्ड पीछे हिलाते हुए सोफे पे झुक जाती है.



आने वाले तूफान से अंजान वो दिल ही दिल में खुश थी कि कहीं सॅम उसकी चूत और गान्ड चाट के सबसे पहले उसे चोदेगा..

के अचानक एक सपाााआआआआत सटा सतत्तटटटटटटटटटटटतत्त ज़ियिपप्पप्पप्पप्पप्पप्पप्प्प्प
लगता है दिल दहला देने वाले लकड़ी के वार उसकी नाज़ुक कमर पे पड़ने लगे है

नजमा;अहह माआआआआआअ उःन्णननननननननननणणन् इतने ज़ोर से आबिद भी भागता हुआ रूम के डोर के पास आजाता है और अंदर का नज़ारा देख के वो बुरी तरह घबरा जाता है उसे लगता है कि सॅम आज सबकी पीटाई करेगा वो डर के मारे अपने रूम में भाग जाता है और रूम लॉक कर देता है.

इधर शबनम और महक आँखे फाडे नजमा की गान्ड पे पड़ते हुए उस लकड़ी को देख रही थे वो इतनी तेज़ी से मार रहा था कि पल भर में नजमा की गान्ड लाल टमाटर की तरह हो गयी थी और थोड़ी सूज भी गयी थी..

आँसू रुकने का नाम नही लेरहे थे..
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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