Adultery The Innocent Wife​ (hindi version)

Post Reply
rajan
Expert Member
Posts: 3302
Joined: 18 Aug 2018 23:10

Re: Adultery The Innocent Wife​ (hindi version)

Post by rajan »

कड़ी_80
राकेश आगे बढ़ता रहा राकेश का दिल झूम उठा जब उसने देखा की अदिति की तरफ से कोई प्रतिरोध नहीं है, तो राकेश धीरे-धीरे अदिति की पैंटी उतारे जा रहा था उसकी जांघों पर अपना हाथ फेरते हुए। अब क्योंकी साथ-साथ वो अदिति को किस भी किए जा रहा था तो, वो अदिति की पैंटी ज्यादा नीचे नहीं कर पा रहा था। पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए उसको इंतेजार करना था, किस खतम करना था, तब उसकी पैंटी को बाहर निकाल पाता।
मगर उसने बिल्कुल ही नहीं उम्मीद किया था की अदिति खुद अपनी टाँग ऊपर उठाएगी उसके काम को आसान करने के लिए।
हाँ अदिति ने अपने टाँगों को ऊपर किया ताकी राकेश को उसकी पैंटी को पूरा निकालने में आसानी हो। तब राकेश ने धीरे-धीरे उसकी पैंटी को नीचे किया किस को बरकरार रखते हुए, पैंटी घुटनों से होकर उसकी टखने से होते नीचे जमीन पर गई। किस बहुत ही कामुक थी और अब राकेश से रहा नहीं जा रहा था। उसका हाथ नीचे
अदिति की जांघों को टटोलते हुए उसकी चूत तक गया।
थोड़ा अपनी ताकत इश्तेमाल
झट से राकेश ने अब अदिति को अपनी तरफ मोड़ा तो अब अदिति और राकेश आमने सामने हो गये, अदिति की पीठ तब दीवार की तरफ हुई। अदिति को राकेश के चेहरे में देखने से लज्जा आ रही थी, तो उसने अपनी आँखें मूंद लिया और सिर ऊपर उठाकर छत की तरफ कर दिया। अदिति को पता था की अब किया होने वाला है, बल्की वो उम्मीद कर रही थी या चाहती थी की वो अब हो।
राकेश अदिति के सामने अपने घुटनों पर हो गया और अदिति की नाइटी को ऊपर उठाते हुए उसकी मुलायम जांघों को चाटते हए ऊपर अदिति की गीली चूत तक गया। अदिति की साँसें तेज हो रही थी, उसकी छाती के अंदर उसका दिल जैसे एक शोर मचा रहा था जो राकेश को भी सुनाई दे रहा था। और जैसे ही राकेश का मुँह ने उसकी चूत को छुआ तो अदिति ने कसके राकेश के सिर के बालों को अपनी मुट्ठी में जोर से जकड़ा, और
अदिति की साँसें सिसकती हुई आवाज में निकली।
राकेश ने अपनी जीभ अदिति की चूत की पंखुड़ियों के बीच फेरते हुए दबी हुए आवाज में कहा- “उम्म्... कितना तड़पा हूँ मैं इसके लिए, कितनी बार इसको मिस किया मैंने, आज मेरी रात है जानेमन हम्म्म्म ..” और राकेश ने

बिना वक्त गँवाए अदिति की उस नर्म, गीली गोश्त के टुकड़े को जी भर के चाटा और चूसा, और अपनी आधे जीभ को अदिति के चूत के अंदर ह्सा।
जिससे अदिति की सिसकती आवाज ने कमरे की खामोशी को तोड़ा और अदिति राकेश के बालों को जैसे उखाड़ रही थी, तड़पते और कराहते हुए। अदिति की आवाज कुछ ऐसी सुनाई दे रही थी सिसकियों के साथ- “हाँ...
ओह्ह... हाँ हम्म... इसस्स्स... उफफ्फ.."
राकेश को लगा जैसे उसकी जीभ पर नमकीन लज्जत की दही अदिति की चूत की फैक्टरी निकल रही थी और वो जी भर के खा रहा था। अपने दोनों हाथों को अदिति के पेट पर दबाए हए उसकी नाभि पर गोल-गोल फेरते हुए, राकेश ने कुछ देर उसके नीचे का रस निचोड़ा, अदिति के चेहरे में उसकी तड़प और सिसकियों को देखते
और मजा लेते हए। उसने अदिति का सिर ऊपर की तरफ उठाते हुए देखा, बंद आँखें और तड़प से जिश्म को काँपते हुए पाया अपने भाई की जवान पत्नी का। फिर राकेश ने अपने हाथ को और ज्यादा ऊपर करते हुए अदिति की नाइटी को बाहर निकाल फेंका। अब अदिति बिल्कुल नंगी हो गई अपने जेठ के सामने खुद अपने बेडरूम में।
राकेश ने अदिति को फिर अपनी गोद में एक बच्चे की तरह उठाया और बेड पर लेटा दिया, और खुद अपने कपड़े उतारने लगा। अदिति बेड पर लेटी हुई राकेश को कपड़े निकालते हुए देख रही थी और फुसफुसाते हुए कहा- “क्या होगा अगर विशाल अचानक आ गया तो?"
राकेश ने अपना अंडरवेर निकालते हुए कहा- “उसकी गाड़ी जब गैरेज में दाखिल होगी तो हमको सुनाई देगी, और मुझको पूरा टाइम मिलेगा यहाँ से निकलने के लिये, जब तक वो यहाँ नहीं आ जाता। मगर फिकर मत करो, वो अभी नहीं आने वाला, मैं इतना तो बदडकिश्मत नहीं हो सकता की हर बार तुमको मिस कर जाऊँ मेरी जान। आज मैं तुमको पाकर रहूँगा। आज इस लण्ड को तुम्हारे अंदर घुसाऊँगा, अंदर-बाहर करूँगा और तुमको बहुत मजा आएगा मुझे पूरा यकीन है, और तुम कल और ज्यादा माँगोगी मेरी प्यारी छोटी वाली भाभी..”
अदिति हाँफती जा रही थी और उसकी चूचियां ऊपर-नीचे उठक-बैठक कर रही थीं। जिसको देखकर राकेश बहुत उत्तेजित हो गया, तो राकेश बेड पर चढ़ा और अदिति की कांख के नीचे से पकड़कर उसको उठाकर थोड़ा और बेड के ऊपर किया और अदिति की दोनों टाँगों को फैला दिया। अदिति अब उसको सब करने दे रही थी।
अदिति ने अपने आपको उसके हवाले कर दिया था उस वक्त। समर्पण कर दिया था अपना जिश्म अपने जेठ
वक्त। समर्पण कर दिया था अपना जिश्म अपने जेठ
को।
मगर अदिति बोली- “मैं आज तक कभी भी किसी गैर मर्द के साथ नहीं गई, किसी गैर मर्द ने मुझको कभी नंगी नहीं देखा विशाल के अलावा। आप पहले आदमी हो और मुझे बहुत ही अजीब महसूस हो रहा है। प्लीज... मुझसे नर्मी से पेश आना..."
अदिति की जांघों के बीच जाते हुए राकेश मुश्कुराया उसकी बातों को सुनकर, और कहा- “फिकर मत करो मेरी जान। बेशक मैं तुम जैसी नई नवेली दुल्हन के साथ नर्मी से पेश आऊँगा, तुम तो सबसे प्यारी बहू हो जो अभी कुछ हफ्ते पहले शादी करके इस घर में आई हो, तो यह तो बस एक नई सुहागरात की तरह है तुम्हारे लिए। मैं बिल्कुल ही नर्मी बरतूंगा। बिल्कुल ही प्यार से करूँगा। आओ जानेमन मुझे अब अपने अंदर लो। घुसाने दो अंदर,

अपने जेठ का लण्ड अपने अंदर लो और देखो एक ज्यादा बड़ा लण्ड अंदर लेने से तुमको कैसा महसूस होता है। क्या तुमको पता है की कितना मजा है घर के एक दूसरे लण्ड को अपने अंदर लेने में? मुझको यकीन है की तुमको बेहद मजा आएगा..."
इतना कहकर राकेश अपने छोटे भाई की पत्नी के ऊपर चढ़ गया और एक हाथ से अपने लण्ड को उसकी चूत में ठूसा। अदिति उसको धैर्यपूर्वक देख रही थी, जब वो ये सब कर रहा था, और जैसे ही लण्ड उसके अंदर दाखिल हुआ, अदिति कसमासाई और एक गहरी साँस लेते हुए बेड पर अपने जिश्म को टेढ़ा करते हुवे, सिसकती
आवाज में एक लंबी वाली “इसस्ससश्” किया।
राकेश को लगा की वो जन्नत में आ गया, जिस वक्त उसका लण्ड अपनी छोटी भाभी के अंदर घुसा तो, उस वक़्त वो अदिति के चेहरे में देखते हुए पेल रहा था, और उसकी चूचियों को निहार रहा था जो कड़क थी और छत की तरफ देख रही थीं। राकेश ने धीरे-धीरे अपने लण्ड को अंदर-बाहर किया। जबकी अदिति सिसकती जा रही थी अपने बदन को ऐंठते हए। अदिति के गले से प्यारी सी पतली सी आवाज निकल रही थी तड़पते हुए।
राकेश ने उसको चोदते हुए कहा- “सस्शससश... शोर मत करो। तुम्हारी आवाज वहाँ पहुँच सकती है, डैड और लीना वहाँ हैं, भूल गई क्या?”
अदिति बेकाबू हो रही थी अपने जेठ का लण्ड अपने अंदर लेते हुए। वो लीना वाला दृश्य जब वो राकेश को चूस रही थी, और अब लीना का अपने पिता के साथ वाला दृश्य अदिति की आँखों के सामने मंडरा रहा था। राकेश का लण्ड अब खुद अपने अंदर आते-जाते हुए महसूस करते हुए अदिति काँप उठी थी। अदिति को खुद यकीन नहीं आ रहा था की वो राकेश के धक्कों को पसंद करने लगी थी, और एंजाय भी कर रही थी।
अदिति एक नागिन की तरह बेड पर रेंगते हुए अपनी बाहों को राकेश के कंधे के ऊपर करते हुये उसके होंठों को तलाशने लगी, अपना मुँह खोले हुए। राकेश समझ गया और उसकी चूत में धक्का देते हुए अदिति की जीभ को अपने मुँह में ले लिया और एक दूसरे की जीभ को चूसते हुए राकेश ने अपनी कमर ज्यादा जोरों से हिलाते हुए धक्कों को और बढ़ाया।
अदिति ने अपनी दोनों टाँगों को राकेश की गाण्ड पर क्रास करते हये अपने अंदर उसके लण्ड के तेज धक्कों को महसूस करती गई, और फिर अदिति, राकेश की गर्दन और कंधे पर अपने दाँतों से काटती गई उन हिस्सों को चूसते हुए, जिससे लाल धब्बे बन गये राकेश के जिश्म पर। फिर अदिति झड़ने लगी, उसकी आर्गेज्म होने लगी
और सिसकती आवाज में कराहते हुए अदिति की तड़पती आवाज निकली- “आअहह... ओहह... अहह... मुझे और चोदो इसस्स्स्स ... और करो और और आहह... इसस्स."
राकेश ने रफ़्तार बढ़ाते हुए अदिति के चेहरे में देखते और हाँफते हुए कहा- “इस्स्सह... आवाज नीचे करो, वह लोग सुन लेंगे..."
अपने कमरे में राकेश के पिता ने अदिति की आवाज सुनी और लीना से पूछा- “क्या विशाल वापस आ गया?"
** * * * * * * * *
rajan
Expert Member
Posts: 3302
Joined: 18 Aug 2018 23:10

Re: Adultery The Innocent Wife​ (hindi version)

Post by rajan »

कड़ी_81 राकेश के पिता जानना चाहते थे
* * * * *
* * * * *

लीना ने भी अदिति की तड़पती आवाज सुनी और जानना चाही, मगर अपने पापा से कहा- “मगर मैंने विशाल की गाड़ी को अंदर आते नहीं सुना पापा..” इन दोनों ने अभी-अभी चुदाई खतम किया थे और लीना अपनी कपड़े पहन रही थी, और बाप ने एक शार्ट और टी-शर्ट पहना हुआ था।

राकेश का पिता कमरे से बाहर निकला चेक करने के लिए। उसने देखने के बाद वापस आकर लीना से कहा “विशाल की कार गैरेज में नहीं है।.."

लीना ने कहा- “हो सकता है भाभी ने कोई बड़ा सपना देखा हो। अच्छा अब मैं वापस अपने कमरे में जा रही हूँ पापा..” और वो चली गई।

उसके पापा को पूरा यकीन था की उसने अदिति को सिसकारियां लेते हुए सुना था। बिल्कुल ठीक, जैसे चुदाई के वक़्त एक औरत लेती है मजा आने पर। तो उसने तुरंत राकेश को सोचा और उसको उसके कमरे में देखने गया तो देखा की वो वहाँ नहीं है। तब बाप ने सोचा- “क्या राकेश अदिति के कमरे में है? क्या वो अदिति, अपने छोटी भाई की बीवी को चोदने भी लगा इतनी जल्दी, अभी-अभी तो उसकी शादी हुई है, वो तो नई नवेली दुल्हन है इस घर की। इतनी जल्दी राकेश ने उसको पटा लिया और चोदने भी लगा? अदिति इतनी शुसील, घरेलू कमसिन दिखती है तो क्या वो इतने ही दिनों में मान गई? पट गई राकेश से? मुझे पता लगाना है की राकेश कहाँ है? और क्यों मैंने अदिति को जैसे आर्गेज्म में सुना?”

वो धीरे से चलकर अदिति के कमरे तक गया और उसके रूम के दरवाजे के पास अपना कान लगाकर सुनने लगा।
तब तक अदिति के कमरे के अंदर राकेश झड़ रहा था तड़पते हुए, और उसकी आवाज तड़प में कुछ ऐसे सुनाई दी बाप को- “आघघ हुघघ...” राकेश हाँफ रहा था।

जबकी अदिति कराहती जा रही थी सिसकते हुए, मगर धीमी आवाज में ऐसे- “हम्म्म... इस्स्स... आआह्ह.."

मगर अदिति की हॉफते हुए साँसें उसके ससुर को सुनाई दी, जिसने अपने लण्ड को अपने शार्ट में हाथ से पकड़ा। अब उसको पक्का यकीन हो गया की राकेश अदिति को चोद रहा था अंदर।

उसने खुद से पूछा- “कमाल है, कब और कैसे राकेश ने अदिति को फँसा लिया भला? अदिति तो इतनी प्यारी, चुपचाप, खामोश, मीठी टाइप की लड़की है, कोई भी कभी सोच भी नहीं सकता की इतनी आसानी से वो किसी और मर्द के साथ चुदवा सकती है तो राकेश ने यह कैसे क्या? मगर अब तो मुझे भी इसे पाना होगा, अगर ये राकेश को दे रही है तब तो मेरे लिए ज्यादा आसान होगा उसको चोदना। साला इतने दिनों से मैं अदिति की मुश्कुराहट, उसकी मीठी आवाज, उसकी गोल-गोल चूचियों से और उसकी अदाओं से, उसकी चाल से, उसकी सफेद क्लीवेज से जब भी झाँकने का मौका मिला प्रभावित हुआ हूँ। साला लीना को चोदते वक्त कई बार मैंने
अदिति को खयालों में चोदा है। अब तो सच में कर सकता हूँ इसके साथ। वाह... किया किश्मत है, बेटी भी और बहू भी हाहाहाहा। मगर कैसे शुरुवात करूँ हाँ?”

बूढ़े ने राकेश को अपना पैंट पहनते हुए सुना अंदर और भुनभुनाते हुए अदिति से कहते हुए सुना- “वाउ... तुम कमाल की हो जानेमन, बहुत ही मजा आया मुझे, अब तो हर रोज तुमको लेना पड़ेगा हाँ... अब हर रोज ऐश करेंगे, ओके बेबी?"
बाप ने बाहर से अपने कान को और ज्यादा दरवाजे से सटाकर सुनने की कोशिश की कि उसकी बहू का क्या जवाब होगा। और उसने अदिति की चंचल चुलबुली आवाज में यह सुना उसको कहते हुए।
अदिति- “नही, हर रोज नहीं, हर रोज मौका नहीं मिलेगा, और मैं नहीं चाहती की हम दोनों को कोई रंगे हाथ पकड़े, जैसे मैंने तुमको लीना के साथ देखा तुम्हारे लिंग को चूसते हुए..”

राकेश के बाप को झटका लगा यह सुनकर की अदिति ने राकेश को लीना के साथ देख लिया चुसवाते हए। तो उसने सोचा की- “तो ये बात है, इसीलिए राकेश ने अदिति को पाया, क्योंकी अदिति ने बहन को भाई को चूसते हए पकड़ा। तभी से बात चली होगी। इस तरह से राकेश ने इसको भी फुसलाया होगा। मुझे सब सही-सही पता
लगाना होगा अब..." और वो वहाँ से वापस अपने कमरे में गया, जहाँ से वो राकेश को अदिति के कमरे से बाहर निकलते हुए देख सके।

उधर उस तरफ अदिति के कमरे में राकेश अपने कपड़े पहनकर अदिति के पास बेड पर गया, जहाँ अदिति बिल्कुल नंगी लेटी हुई राकेश को कपड़े पहनते देख रही थी।

राकेश- “बाइ जानेमन, अब जाना होगा मुझे, वरना विशाल टपक पड़ा तो हमारा यह खेल यहीं हमेशा के लिए खतम हो जाएगा..” और राकेश को बहुत हैरानी हुई जब अदिति ने उसके कंधों पर अपनी बाहों को रखकर उसको कामुकता से किस किया, उसके जीभ का रस निचोड़ते हुए। तो राकेश समझ गया की अदिति को सब करके बहुत मजा आया, और आइन्दा अब उसको दोबारा चोद में कोई दिक्कत नहीं होगी।

बाप अपने कमरे के एक कोने से राकेश के निकलने का इंतेजार कर रहा था, और हाँ उसने राकेश को अदिति के कमरे से बाहर निकलते देखा भी। राकेश बहुत ही खुश दिख रहा था। बाप ने अपने लण्ड को अपनी मुट्ठी में जोर से पकड़ा जो हलचल मचा रहा था, उसका मन किया की वो तुरंत अदिति के कमरे में जाए। उसी वक्त उसको अदिति को चोदने का मन कर रहा था। हालांकी अभी-अभी उसने लीना को चोदा था, पर अदिति में और बात थी तो लण्ड बिल्कल तैयार था। मगर उसको पता था की विशाल के आने का वक्त करीब था तो बढा अपने बेड पर लेटकर अदिति को खयालों में लिए सोचता रहा।
|

विशाल आया तो सीधे अपने कमरे में गया, जहाँ अदिति उसका इंतेजार कर रही थी, मगर वो कुसूरवार महसूस कर रही थी और साथ-साथ उसको एक बहुत खुशी भी महसूस होने लगी थी, जो हुआ उसके बारे में सोचकर। अदिति ने विशाल से बिल्कुल नार्मल बिहेव किया, जैसे की कुछ हुआ ही नहीं, मगर फिर भी अपराधी महसूस कर रही थी विशाल की आँखों में देखते हुए सोचकर की अभी-अभी उसने उसके बड़े भाई के साथ उसको धोखा दिया है।

विशाल उस रात को अदिति से हमबिस्तर नहीं हुआ, क्योंकी वो बहुत थका हुवा था। अदिति ने सोच रखा था की वो विशाल को करने नहीं देगी। क्योंकी वो नहीं चाहती थी की उसको अपने बड़े भाई का खाया हुआ जूठन दे। तो अदिति को चैन आया जब विशाल ने कहा- “मैं डाइरेक्ट सोने जा रहा हूं, एक क्विक शावर के बाद..”

अगली सुबह को, क्योंकी अदिति का ससुर सबसे पहले जागा था, तो वो टेरेस पर एक सिगरेट पी रहा था जब अदिति किचेन में गई। बूढ़े ने अदिति को कारिडोर से किचेन तक जाते हुए देखा और सोचा- “तुमने कल रात को दो लण्ड खाए, वो भी दो भाइयों के, अब बाप वाला लण्ड भी तुमको को चखना चाहिए मेरी जान, और क्या पता किसी रात को हम तीनों का एक के बाद एक लोगी?" ।

फिर राकेश का बाप किचेन की तरफ जाने लगा जहाँ अदिति ने ब्रश करने के बाद चाय सर्व करने वाली ही थी।
और हर रोज पहला आदमी जिसको अदिति चाय सर्व करती थी वो ससुर को ही था, और वो एक कप लेकर उसी की तरफ आ रही थी जब ससुर किचेन की तरफ बढ़ रहे थे। उसने अदिति के हाथ से चाय लिया और बैठकर एक सिप लेकर अपनी बहू के जिश्म को निहारने लगा।

उस वक़्त अदिति सिंक में कुछ बर्तनों को धो रही थी। ससुर उठा और अदिति के करीब जाकर सिंक में कप रखते वक़्त अपने नीचे के हिस्से को अदिति के पिछवाड़े पर हल्के से दबाया। अदिति काँप उठी और एक तरफ होते हए उनके चेहरे में डरी हई नजरों से देखा।

ससुर के चेहरे पर एक शैतानी मुश्कुराहट थी और उसने अदिति के कान में धीरे से कहा- “कल रात को तुमने अपने जेठ के साथ खूब मजा किया ना?” और यह कहकर अपने लण्ड को ज्यादा जोर से अदिति के नीचे वाले हिस्से पर और दबाया।
अदिति का चेहरा बिल्कुल लाल हो गया, वो काँप उठी और उसके पास कोई जवाब ही नहीं था उस वक्त।

वैसे तो इस घर में आने के बाद पहले ही दिन से अपने ससुर के साथ अदिति के बहुत अच्छे तालुकात रहे हैं। मगर जब अदिति ने उनको लीना के साथ देखा तब एक घिन और नफरत सी होने लगी थी उसको उनसे। मगर कल रात को राकेश के साथ उस अजीब खुशी को महसूस करने के बाद ससुर के लिए जो नफरत थी वो गायब हो गई थी। क्योंकी राकेश से सेक्स करने के बाद अदिति समझ गई थी की किसी और से सेक्स करने का क्या मजा होता है। लेकिन इस वक्त क्योंकी अदिति ने बिल्कल ही नहीं उम्मीद किया था की ससर उसके साथ वैसा बिहेव करेगा तो उसको इस वक्त बहुत अनकंफर्टेबल महसूस कर रही थी उनसे।
अदिति हर सुबह की तरह अपनी नाइटी में थी, मगर ऊपर गाउन था। ससुर अपने हथियार को अदिति उस मुलायम कपड़े पर फिसलते हुए महसूस कर रही थी। अदिति की समझ में नहीं आ रहा था की उसके ससुर को कल रात के बारे में कैसे पता चला?
अदिति ने मन में सोचा- “क्या राकेश ने उनको कल रात को जाकर सब बता दिया? क्या दोनों बाप बेटे ने मिलकर प्लान किया हुआ था? दोनों लीना की लेते हैं तो क्या दोनों ने मिलकर मुझको पाने की साजिश की हैं?"

इधर बूढ़े ने अदिति को बाहों में भर लिया था, जबकी अदिति उनके चुंगल से निकलने की कोशिश कर रही थी, ससुर ने अदिति के चेहरे को चूमना चाहा, पर क्योंकी अदिति निकलने के लिए मचल रही थी उनकी बाहों से तो ससुर के होंठ उसके गर्दन पर रगड़े।

अदिति ने दबी हुए आवाज में कहा- “यह आप क्या कर रहे हो पिताजी? छोड़िये मुझे.."

ससुर ने अदिति को फिर भी थामे हुए कहा- “तुमको प्यार कर रहा हूँ बेबी, चलो कम से कम एक बड़ा वाला किस तो करने दो, एक सेक्सी वाला गरमा गरम..."

अदिति उनके मोटा लण्ड को अपनी जांघों पर महसूस कर रही थी और कहा- “सब अभी कमरे से बाहर आने ही वाले हैं छोड़िये मुझे आप..”

फिर भी अदिति को किस करने को ट्राई करते हुए ससुर ने कहा- “चलो ठीक है छोड़ता हूँ, मगर एक 10 सेकेंड
के लिए मुझको एक अच्छी वाली किस करो तो छोड़ता हूँ। मगर उन लोगों के जाने के बाद बाकी के घंटों के लिये तुम मेरी हुई ओके?"

अदिति तब भी उनकी बाहों से निकालने की कोशिश में कहा- “अगर वह लोग चले भी गये तो लीना यहीं रहेगी, क्या बोल रहे हो आप?"

बूढ़े ने अपने लण्ड को उसकी जांघों पर और ज्यादा दबाते हए कहा- “लीना कोई 11:00 बजे तक सोकर उठती है तो हमारे पास 4 घंटे से ज्यादा होगा साथ रहने के लिए, अकेले सिर्फ मैं और तुम। ओके चलो अपने लरजते होंठों का रस चखने दो मुझे अब.”
अदिति ने सोचा की अगर वो ना मानी तो बूढा उसको बिल्कुल छोड़ने वाला नहीं है फिर भी उसने पूछा- “मुझे बताइए पिताजी की आपको मेरे और राकेश के बारे में कैसे पता चला?"

ससुर ने जवाब दिया- “बाइ चान्स बेबी, मैं बस वाशरूम जा रहा था तो मैंने तुम्हारी सिसकती और थर्राई हुई आवाज सुनी, जब मेरे बड़े बेटे का लण्ड तेरे अंदर आना-जाना कर रहा था, शायद उस वक्त तुम अपनी आर्गेज्म को पहुँच रही थी। मुझको ट्राई करके देखो दिलवर, बहुत बेहतर आर्गेज्म मिलेगा मुझसे, पूरा यकीन है मुझे। एक चान्स दो और देखो। अब तो समझ गई हो की अपने पति के अलावा दूसरे लण्ड का मजा क्या होता है तो एक
और ट्राई करके, देखो बहुत ज्यादा एंजाय करोगी..."

अदिति ने बहुत हिम्मत जुटाकर उनसे यह कहा- “ठीक है, जैसे आप अपनी बेटी लीना के साथ करते हो?"

ससुर को बिल्कुल भी झटका नहीं लगा और कहा- “मैं सोच रहा था की तुमको जरूर सब पता चल सबके बारे में, तो हाँ चलो जैसे अपनी बेटी के साथ करता हूँ तो बहू के साथ भी क्यों नहीं मेरी जान?" '

फिर ससुर ने अदिति का मुँह अपने मुँह में लिया और एक भूखे जानवर की तरह उसको किस किया, काफी जंगली किस था। ससुर ने 10 सेकेंड कहा था मगर तकरीबन 4 मिनट तक अदिति का मुँह उसके मुँह में रहा

और अदिति की बाहें खुद ससुर के कंधों पर अपने आप चली गई और अदिति ने अपनी जीभ को ससुर के मुँह में पिघलने दिया।
*****
*****
***** *****
Post Reply