सौंदर्या के चेहरे पर गुस्से के भाव बढ़ गए और बोली:" अच्छा तो तुम गांव में शरीफ होने का नाटक करते हो और ये शहर में फैले हुए सारे अपराध की असली वजह तुम हो।
मनोज:" सही समझी तुम सेक्सी सौंदर्या, मेरे आदमी ही सब कुछ करते हैं और पिंकी की मौत भी मेरी वजह से ही हुई हैं क्योंकि उसने मेरी बहन के खिलाफ जाने की कोशिश करी थी।
सौंदर्या की आंखे लाल सुर्ख हो गई और वो गुस्से से अपने शब्दो को चबाते हुए बोली:"
" बस मनोज, अब तुम्हारे पापो का घड़ा भर गया हैं और मैं सारी दुनिया को तुम्हारी करतूत बताउंगी।
मनोज ने उसकी तरफ देखा और जोर जोर से हंसने लगा मानो वो कोई जोक सुना रही हो।
सौंदर्या:" हंस लो अपनी आखिरी हंसी तुम क्योंकि फिर इसके बाद कोई तुम्हे जेल में रोना पड़ेगा।
मनोज:' मर गए मुझे जेल भेजने वाले, जरा पहले यहां से निकल कर तो दिखाओ तुम।
सौंदर्या तेजी से आगे की तरफ बढ़ी और मनोज ने सामने लगे स्विच को दबा दिया तो कमरे का एक मात्र दरवाजा तेजी से बंद हो गया और सौंदर्या के माथे पर परेशानी और डर को रेखाएं उमड़ आई।
सौंदर्या:" देखो मनोज तुम मुझे जाने दो नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा तुम्हारा।
मनोज थोड़ा सा आगे आया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" मेरे अंजाम की छोड़, अपनी फिक्र करो। दुनिया की कोई ताकत मेरी मर्जी के बिना ये दरवाजा नहीं खोल सकती। मान लो तुम बाहर चली भी गई तो मेरे आदमी भूखे कुत्तों की तरह तुम्हे नोच डालेंगे। ये देखो।
इतना कहकर उसने टीवी ऑन किया तो बाहर खड़े और बेहद डरावनी सूरत के गुंडे नजर आए जिन्हे देखते ही सौंदर्या का पसीना टपक पड़ा।
मनोज:" मान लो तुम गुण्डो से भी बच गई तो यहां से बाहर कैसे निकल पाओगी ? ये एक घणा जंगल हैं और तुम्हे कोई दूर रास्ता नजर नहीं आएगा। बाहर तुम्हे जंगली जानवर खा जाएंगे।
सौंदर्या समझ गई थी कि वो बेहद बुरी तरह से फंस गई है और उसका बचना मुश्किल है लेकिन उसे अपने भाई पर पूरा भरोसा था कि वो उसे जरूर बचा लेगा।
सौंदर्या सोच में डूब गई।
मनोज" किस सोच में डूब गई मेरी जान ? देखो तुम्हे अब सारी ज़िन्दगी यहीं रहना होगा मेरी रखैल बन कर, कहां तो तुम एक लंड के लिए तरस रही थी यहां अब तुम्हे हर रोज लंड मिलेंगे, एक नहीं काफी सारे। मेरे सारे आदमी तुम्हारी साथ बारी बारी से मस्ती करेंगे।
सौंदर्या मनोज की बात पूरी होते ही बेहोश हो गई और मनोज ने उसके उसे उठा कर बेड पर पटक कर और कमरे को बाहर से बंद करने के बाद बाहर आ गया और अपने गुण्डो से बात करने लगा।
अजय को समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी बहन को कहां तलाश करे। दोपहर हो गई थी लेकिन उसे अभी तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
अजय ने गाड़ी को सड़क के किनारे रोक दिया और सोच में डूब गया कि आखिर उसकी दीदी का किडनैप क्यों और किसने किया तो उसके आगे सिर्फ एक ही वजह उभरी। वहीं पिंकी वाली और वो समझ गया कि ये दोनो काम जरूर एक ही आदमी के है।
अजय ने अपने दिमाग को उधर इधर दौड़ाया तो उसे एक उम्मीद की किरण नजर आईं। उसे सामने सड़क पर सीसीटीवी कैमर लगा नजर आया जिसमे वो उस बाइक का नंबर पता कर सकता था जो उसका पीछा कर रही थी।
अजय ने सावधानी से उसकी डिटेल निकाली तो बाइक सवार उसे जाना पहचाना सा लगा मानो अजय उसे बहुत अच्छे से जानता हो। अजय ने बाइक का नंबर नोट किया और बार बार वो उस आदमी की फोटो देखने लगा जो बाइक पर बैठा हुआ था।
अजय ने उस आदमी की पेंट की जेब पर ध्यान दिया तो उसकी जेब से कुछ बाहर की तरफ निकला हुआ था। अजय ने वीडियो को स्टार्ट किया तो थोड़ा आगे जाकर मोड़ पर उसकी जेब से कुछ गिरा और अजय ने बिना देर किए कार को उस दिशा में दौड़ा दिया और जल्दी ही वो उस जगह पहुंच गया और उसे सड़क पर अपना अज्जु भाई का मास्क दिखाई दिया।
अजय को आंखे चमक उठी और उसने वो मास्क उठा लिया और वो समझ गया कि ये सब इस मास्क की वजह से हुआ है क्योंकि गुण्डो को पता चल गया होगा कि मैंने ही उनके लोगो को मारा था इसलिए उन्होंने मेरी बहन को उठा लिया। अजय एक बात तो साफ समझ गया था कि उसकी दीदी बहुत बड़े खतरे में पड़ गई है।
अजय ने बहुत ध्यान से फिर से वीडियो को देखा और उस आदमी के बारे में सोचने लगा कि ये कौन हो सकता हैं। अजय अपनी सोच में डूबा हुआ था कि उसका फोन बज उठा ।
उसकी मम्मी का फोन था। अजय अपनी मम्मी को अभी कुछ भी बताकर उन्हें परेशान नहीं करना चाहता था।
कमला: अरे बेटा, अजय शाम को थोड़ा जल्दी आ जाना, रामू आज काम पर नहीं आया है इसलिए घास तुम्हे ही लाना होगा। आज फिर से शहर गया है वो किसी काम से।
अजय:" ठीक है मम्मी। आप फिक्र मत कीजिए। मैं जल्दी आ जाऊंगा।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया। अचानक अजय के दिमाग में एक विस्फोट सा हुआ और उसने फिर से वीडियो देखी तो उसकी आंख हैरत से खुलती चली गई और उसे सारी कहानी समझ में आ गई।
शाम हो गई थी और अजय ने गांव से थोड़ी दूर ही अपनी कार को एक पेड़ की साइड में छुपा है और खुद एक पेड़ के पीछे छुपकर किसी का इंतजार करने लगा। थोड़ी ही देर हुई थी कि एक बाइक उसे सामने से आती हुई नजर आईं और जैसे ही बाइक उसके पास आई उसने जंप लगा दी और बाइक सवार सड़क पर गिर पड़ा और अजय ने उसे बिना कोई मौका दिए हुए उस पर हमला कर दिया।
रामू तड़प उठा। हाँ ये रामू ही तो था। उसके घर का नौकर। अजय ने उसे पकड़ लिया और उसकी गर्दन की एक नस दबाई तो तो वो बेहोश होता चला गया।
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मांगलिक बहन
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मांगलिक बहन....एक अधूरी प्यास- 2....Incest सपना-या-हकीकत.... Thriller कागज की किश्ती....फोरेस्ट आफिसर....रंगीन रातों की कहानियाँ....The Innocent Wife ( मासूम बीवी )....Nakhara chadhti jawani da (नखरा चढती जवानी दा ).....फिर बाजी पाजेब Running.....जंगल में लाश Running.....Jalan (जलन ).....Do Sage MadarChod (दो सगे मादरचोद ).....अँधा प्यार या अंधी वासना ek Family ki Kahani...A family Incest Saga- Sarjoo ki incest story).... धड़कन...
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