शैतान से समझौता

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Kamini
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Re: शैतान से समझौता

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कनौजिया एक नोन क्रिमिनल था जो कि अवैध रूप से मुजरिमों को हथियार फायर आर्म्स वगर सप्लाई करता था। उसके सर कुछ हत्याएं भी थीं।सुबह सुबह ही पुलिस के एक मुखबीर ने फोन पर ये खबर दी थी कि वो शहर से दूर एक अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग के बेसमेंट में कोई मिटिंग करने वाला है।

दिया अपने आफिस में थी जब उसके पास उसके आर्फनेज के मैनेजर का फोन आया।
"मैडम आप कुछ देर के लिये यहां आ सकती हैं? वो बच्ची जो कल यहां आई थी न उसकी तबियत ठीक नहीं और वो आपको ही याद किये जा रही है"
"कौन अर्शिया?" दिया ने पूछा
"जी मैडम शायद एक बार मिल लेगी तो उसे तसल्ली हो जाएगी"
दिया फ़ोन रख कर सोचने लगी... क्या करूं? विनय ने मना किया था उससे मिलने को..पर क्यूं..वो एक बच्ची ही तो है और अभी तो बिमार भी है...जल्दी से मिल के आ जाती हूं विनय को नहीं बताउंगी...नहीं तो वो गुस्सा होगा

उधर विनय पूरे दल बल के साथ उस बिल्डिंग में पहुंचा जहां कनौजिया नाम के अपराधी के होने की खबर मिली थी। आफरा तफरी मच गई। एक लंबी मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उनके तीन आदमियों को पकड़ लिया और एक को शूट कर दिया जो पुलिस ,
पर ही गोलियां चला रहा था।
कनौजिया छिप कर भागने लगा पर विनय ने उसे देख लिया। वो उसके पीछे भागा। भागते भागते सामने एक दिवार आ गई...वो पलटा..उसके हाथ मे एक पिस्टल थी..
जबकि उसके भागने से विनय ने सहज ही सोच लिया था कि वो निहत्था था। विनय ने फुर्ती से उसके पिस्टल वाले हाथ पर गोली चलाई पर तब तक...
वो ट्रिगर दबा चुका था.....

उसे हल्की हल्की बातचीत की आवाज सुनाई दे रही थी। वो जैसे गहरी नींद से उठा हो।
"किस्मत अच्छी थी..बस फ्लैश वूंड है..डाक्टर बोल रहे थे कि जान का खतरा नहीं पर बुलेट ने लोअर रिब्स को हिट किया है..."
विनय ने धीरे से आंखें खोली..वो हास्पिटल में था। उसे दिया उसके पास ही खड़ी थी और सब इंस्पेक्टर अर्जुन भी।

"दि...य..या..." विनय कराहता सा क्षिण स्वर में बोला
"विनय!"। दिया जल्दी से उसके पास आ गई "तुम ठीक हो...तुम्हें कुछ नहीं हुआ..सब ठीक है..." वो रो रही थी..
विनय हल्का सा मुस्कुराया
तभी कमरे का दरवाज़ा खुला और...
अर्शिया अंदर आ गई
विनय की आंखे खौफ़ से फैल गईं। उसने एक फूलों का गुलदस्ता पकड़ रखा था। उसने मुस्कुरा कर विनय को देखा और उसकी बगल वाली टेबल पर गुलदस्ता रख दिया।

विनय का अभी अभी आपरेशन हुआ था और अर्शिया का वहां होना उसके लिये किसी सदमें से कम न था। उसने बोलने की कोशिश की पर नहीं बोल पाया...घबराहट से उसकी सांसें जोर जोर से चलने लगी..
,
"विनय!!!" दिया घबरा गई। तभी वहां डाक्टर और एक नर्स आ गए।
"आपलोग बाहर जाईये प्लीज़" डाक्टर बोला। विनय बहुत कुछ बोलना चाहता था पर उसके चेहरे पर आक्सीजन कैप लगा दिया गया। फिर जल्दी से उसे सीडेटिव का इंजेक्शन दे दिया गया।
विनय लाचारी से देख रहा था...वो अंतत: कुछ नहीं कर पाया..अर्शिया दिया की उंगली पकड़े खड़ी थी और विनय को देख कर व्यंग से मुस्कुरा रही थी....

"वो ठीक हो जाएंगे.." अर्शिया, दिया की आंखे पोछती हुई बोली। दिया ने सर हिलाया
"आप चाहती हैं मैं आज आपके साथ रहूं? आपको अकेले नहीं रहना चाहीये..." अर्शिया बोली।
दिया ने उसके मासूम चेहरे को देखा और चाह कर भी मना नहीं कर पाई।
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Kamini
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(^%$^-1rs((7)
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अर्शिया, दिया के बेडरूम में बैठी टीवी देख रही थी। दिया किचन में उसके लिये सैंडविच बना रही थी। विनय को लेकर वो चिंतित थी चोट तो उसे आई थी पर राहत की बात थी कि वो खतरे से बाहर था।
"अर्शिया..." उसने आवाज़ लगाई। "सैंडविच"
वो डाईनिंग टेबल से फालतू सामान उठाने लगी। अर्शिया नहीं आई न उसने जवाब दिया।
"अर्शिया!" दिया अपने बेडरूम में आई। टीवी चल रही थी पर अर्शिया वहां नहीं थी। कहां गई! बाथरूम...बालकनी..
वो कहीं नहीं थी।

उधर हास्पीटल में विनय को होश आया। वो कराहता हुआ बेड से उतर गया। उसने महसूस किया उसके सीने पर पट्टीयां बंधी थी। उसने हाथों में लगी ड्रिप भी नोच कर फेंक दी। सब इंस्पेक्टर अर्जुन ,
अंदर आया...
"अरे सर आप...इस..तरह" वो हड़बड़ाया
"जल्दी पहुंचना होगा..मेरी रिवाल्वर कहां है? गाड़ी स्टार्ट करो जल्दी" वो कपड़े पहनने लगा
"सर आपको गोली लगी है..." वो मिमिया कर बोला
"टाईम नहीं है...इट्स माई आर्डर डैम इट..." विनय जोर से गरजा।

दिया को अर्शिया कहीं नहीं मिली। वो परेशानी से हाल में खड़ी थी। उसने किसी को फोन लगाया..फोन कान से लगाए हुए उसकी नज़र छत पर पड़ी..तो...फोन उसके हाथों से छूट गया!
अर्शिया किसी छिपकली की तरह छत से चिपकी हुई थी। उसकी पीठ छत से चिपकी थी जबकि चेहरा दिया तरफ था और वो उसे गुस्से घूरे जा रही थी।
दिया जोर से चीखी।
वो किसी छिपकली की तरह ही रेंगती हुई छत से दिवार पर और दिवार से फर्श पर आई और दिया के सामने खड़ी हो गई। उसकी आंखें पूरी काली थीं उनमें सफेद हिस्सा नहीं था। उसके हाथ और पैर भी पंजे जैसे दिख रहे थे...
वो दिया की तरफ हौलनाक अंदाज़ में बढ़ने लगी

"तुम्हें अपने मंगेतर की बात माननी चाहीये थी....

उसके गले से वही तीखा कर्कश स्वर निकला जो विनय दो बार फोन पे सुन चुका था। वो किसी नौ साल की बच्ची की आवाज़ तो हरगिज़ नहीं थी।

"उसने कहा था न..मुझसे दूर रहना.. .

दिया पीछे हटने लगी...वो बेहोश होने ही वाली थी तभी..
फ्लैट का दरवाज़ा खुला और विनय धड़धड़ता हुआ अंदर आ गया। ,
वो अर्शिया और दिया के बीच में खड़ा हो गया और अर्शिया पर गन तान दी। उसका चेहरा दर्द से भिंच गया था पर वो मज़बूती से खड़ा था।अर्शिया हंसने लगी..एक भयानक हंसी...

तभी दाएं तरफ का बालकनी वाला दरवाज़ा खुल गया और एक लंबी काली आकृति अंदर आ गई।
विनय को याद आया उसने पिछली रात भी शायद इसी आकृति को बालकनी में देखा था। वो कोई लंबी सी औरत थी जिसने लंबा काला चोगा जैसा कुछ पहन रखा था। वो बिलकुल अर्शिया के सामने खड़ी हो गई। विनय ने देखा अर्शिया वापस सामान्य दिख रही थी और अपने सामने खड़ी औरत को डर के देख रही थी। उसने अर्शिया की कलाई पकड़ ली
"छोड़ो मुझे.."अर्शिया चिल्लाई। वो औरत उसे खींच कर ले जाने लगी। विनय हैरान था। अर्शिया की उस औरत पर एक नहीं चल रही थी।
"छोड़ो मुझे...मैं घर नहीं जाउंगी ..ममा!! छोड़ो"
विनय ने चौंक कर उस औरत को देखा जिसकी पीठ उसकी तरफ थी। वो फ्लैट के दरवाजे तक पहुंच गई थी।
तो ये थी!! अर्शिया की मां!!!

दरवाजे पर पहुंच के वो ठिठकी और मुड़कर बेहोश दिया को देखने लगी। उसने अपना पूरा चेहरा ढंक रखा था सिर्फ आंखे खुलीं थी जिनमें इस वक्त अफ़सोस भरा था। वो चली गई।

विनय वहीं खड़ा ठगा सा देखता रहा। उस औरत ने भले ही चेहरा ढंक रखा हो पर उन आंखों को विनय पहचान चुका था....
तो इसलिये अर्शिया उसे जानी पहचानी लगती थी...

उसे याद आया जब वो पहली बार अर्शिया से मिला था तो उसे कैसा झटका लगा था। हमेशा लगता था कि वो उसे पहले कहीं देख ,
चुका था! अब समझ आया कि वो क्यों जानी पहचानी लगती थी!

वो बिलकुल अपनी मां जैसी जो थी..हूबहू!

तभी उसके खयालों को एक झटका सा लगा...
अरे! अगर "वो" अर्शिया की मां थी तो इसका मतलब...इसका मतलब...ओह गाॅड! विनय कटे पेड़ सा लहराया और वहीं फर्श पर बैठ गया...

भयंकर सच्चाई किसी खंजर की तरह उसके दिल में उतर गई... वो जान चुका था कि....

अर्शिया उसकी अपनी बेटी थी!
विनय ही अर्शिया का पिता था!
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Re: शैतान से समझौता

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"बस बहुत हो गया..बहुत मनमानी कर ली..अब और नहीं.." वो दांत पीसती हुई बोली।
"ममा मुझे वहां नहीं रहना..प्लीज़..साॅरी अब मैं बाहर नहीं जाऊंगी..प्राॅमिस!" अर्शिया मिमियाती हुई बोली।
"जाओगी तो तब न जब दरवाजा खुलेगा..." वो कहर भरी आवाज़ में बोली और अर्शिया को घसीटती हुई घर के आखरी कमरे तक ले गई। वहां एक बंद दरवाजा था।
"नहीं ममा प्लीज़..मुझे नहीं जाना.." दरवाजे को दहशत से देखती अर्शिया चीखी।

उसकी मां ने दरवाजा खोला उसे अंदर धक्का दे कर जल्दी से दरवाजा़ बंद कर दिया। अर्शिया अंदर बुरी तरह चीख रही थी...जैसे उसकी मां ने उसे कमरे में नहीं आग में धक्का दे दिया हो।
वो वहीं दरवाजे से टिक कर फर्श पर बैठ गई। अंदर से अभी भी अर्शिया के चीखने की आवाज़े आ रही थीं।
उसे रह रह के वो दिन याद आ रहा था जब वो उसे उसके पैदा होते ही मार डालने वाली थी। पर एन मौके पर उसकी हिम्मत जवाब दे गई थी (जहां से कहानी शुरू हुई थी-पहला भाग)
अगर तब उसने वो कर दिया होता तो.....
"आई एम साॅरी...विनय...सब मेरी गलती है..." वो सुबक रही थी...

वो एक बहुत बड़ी कंपनी का विशाल आफिस था। विनय रिसेप्शन पर पहुंचा।
"मेकप हो गया हो तो इधर आना' विनय खीज के बोला।
रिसेप्शनिष्ट ने जल्दी से लिपस्टिक ड्रार में डाली और विनय के पास आ गई।
"गुड मार्निंग सर! मे आई हेल्प यू?" वो जबरन मुस्कुराई।

"हरमन अंदर है? तुम्हारा बाॅस?" विनय ने रूखेपन से पूछा।

वो हड़बाई। हरमन ओबेराॅय उस कंम्पनी का मालिक था। पहले कभी किसी ने इस तरह उसे नहीं पूछा था।
"सर! डू यू हैव अपाइंटमेंट" वो पूछी। जवाब में विनय ने अपना आईडी कार्ड दिखा दिया। वो सकपकाई और पीछे एक बंद दरवाजें की तरफ इशारा कर दिया।

वो एक भव्य आॅफिस था जिसमें एक विशाल सी मेज के पीछे एक एक्ज़क्युटिव चेयर पर वो बैठा था..वही जिसके जूते से लेकर टाई पिन तक हर चीज से विनय को नफ़रत थी। उसके हाथ में फोन का रीसीवर था..जाहीर था उसे रिसेप्शन से ने विनय की सूचना मिल गई थी।
,
"वैसे तो मैं किसी की धौंस नहीं खाता..पुलिस की भी नहीं पर अब आ ही गए हो तो बोलो..क्या चाहीये?" वो फोन रखता हुआ ठंडे लहजे में विनय से बोला। विनय के अंदर गुस्सा उबलने लगा।

साला ऐसे बन रहा था जैसे मुझे पहचानता ही नहीं....

"जेनिफर कहां है?" खुद पर काबू करते हुए विनय ने पूछा।
"क्या? कौन जेनिफ़र..किसकी बात कर रहे हो?" वो रूखे स्वर में बोला।
"वही जेनीफ़र जिसके पीछे तू दुम हिलाता फिरता था कालेज में...भूल गया?" विनय एक एक शब्द चबाता हुआ सा बोला।
वो गुस्से में कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
"बहुत बरदाश्त कर लिया तुम्हें..नाओ लीव़!!" वो दरवाजे की तरफ उंगली दिखाता हुआ बोला। "वैसे भी तुम इस शहर के नहीं लगते...कमीश्नर तक पहुंच है मेरी..तुम्हारी वर्दी उतरवा सकता हूं इस बद्तमीज़ी के लिये"

उधर हास्पीटल में दिया को होश आया। उसे नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था। एक रात पहले अर्शिया नाम की वो अनाथ बच्ची! कुछ और ही निकली! उसे याद करके अब भी उसे सिहरन हो रही थी।

"दिया!!..बच्चा!!..." उसके पापा पास आए। विनय ने दिया के माता पिता को फोन कर दिया था।
"पापा! विनय कहां है?" दिया धीरे से बोली।
"उसे कुछ काम था बेटा..पुलिस की नौकरी जो ठहरी" दिया की मां बोली। दिया को फिक्र हो रही थी। विनय को गोली लगी थी..,वो कहां था...

विनय अपने पुराने शहर में था। जहां वो पुलिस की नौकरी से पहले रहा करता था। जहां उसका कालेज था।
,
एक शानदार चमचमाती कार रोड पर दौड़ी जा रही थी। शाम हो रही थी वो थोड़ा सूनसान इलाका था। रोड पर कोई गिरा हुआ था। कार एक भीषण चरमराहट के साथ रूक गई।
"ओह गाड! आर यू ओके! क्या हुआ?" कार से उतरता हरमन ओबेराॅय उस आदमी के पास पहुंचा जो रोड पर पड़ा था। वो विनय था!

"यू?? ये सब..." उसकी बाकि की बातें उसके मुंह में रह गई। विनय का एक जबरजस्त घूंसा उसके चेहरे से टकराया।
"कमीश्नर को बुलाएगा!!" विनय फुंफकारता सा बोला और उसकी कालर पकड़ कर उसे उसी की कार पर टिका दिया। "चल बुला.." विनय ने उसकी जेब से मोबाईल निकाला और जबरन उसके हाथ में थमाता हुआ बोला।
"तू फोन कर मैं घोड़ा दबाता हूं" विनय बोला। उसके हाथ में उसकी गन थी।वो गुस्से से उबल रहा था।
"लिसन लिसन...तुम क्यों मेरे पीछे पड़े हो मैं तो तुम्हें जानता भी नहीं" वो गिड़गिड़ाया।
"अच्छा!!नहीं जानता!!" विनय गुस्से में बोला और गन वाला हाथ उपर उठाया। वो उसकी नाक तोड़ने ही वाला था कि
"अरे कुछ बताओ तो सही..मेरे बाप" वो कलपा।
विनय ने एक लंबी सांस ली जैसे अपने गुस्से पर काबू कर रहा हो फिर उसे सब कुछ बताया।

"लिसन मैन.." वो खीजता सा बोला.."मेरा आफिस तुम देख ही चुके हो, मेरी कार देखो! मुझे देखो! मैं फारेन ग्रेजुएट हूं। मेरी तो स्कूलिंग तक यूएस से हुई है। तुम्हें लगता है तुम जिस मिडिल क्लास कालेज का नाम ले रहे हो मैं वैसे कालेज में कभी कदम भी रखूंगा!!!"
विनय सोचने लगा।
"बिलीव मी मैं कभी उस कालेज में नहीं गया तो वहां की किसी ,
स्टूडेंट..अ..जेनिफ़र? को कैसे जान सकता हूं!"
वो अपने होठ पर हाथ फिराता बोला जो विनय के मुक्के से कट गया था। विनय को वो सच बोलता लग रहा था पर ये कैसे संभव था!

"पहले वो बुढ्ढा गोवानी और अब तुम..." वो अपनी कालर ठीक करता हुआ बोला।
"कौन??" विनय ने पूछा।
"एक बुढ्ढा आया था मेरे आफिस में वो भी किसी जेनिफ़र को पूछ रहा था...लगभग दो साल हो गए"
"कौन था वो?" विनय ने जल्दी से पूछा।
"मुझे क्या पता.." उसने लापरवाही से कंधे उचकाए..."पर मैं पता करने की कोशिश करूंगा" वो विनय के चेहरे के भाव देखता हुआ जल्दी से सुर बदला "हो सकता है उसकी सीसीटीवी फुटेज मिल जाए..."
विनय को उम्मीद कम थी की दो साल पुरानी एक गैरजरूरी सीसीटीवी फुटेज अब भी मौजूद होगी पर क्या किया जा सकता था।

"विनय! कहां हो तुम? मुझे टेंशन होने लगी थी..ऐसे बिना बताए कहां चले गए?" दिया फोन पर बोली
"डिपार्टमेंट का काम था दिया आना जरूरी था जल्द ही लौटूंगा.." विनय ने साफ झूठ बोल दिया।
"पर तुम्हारा जख्म.."
"मैं ठीक हूं..रखता हूं..लव यू..बाय..." वो जल्दी से बोला और फोन कट कर दिया। जब दिया को जेनिफ़र के बारे में पता चलेगा तो..वो..., इसके आगे वो सोचता ही नहीं था। उसे रह रह कर याद आ जाता था कि जिस रात वो अर्शिया से मिल कर लौटा था उस रात उसने जो भयानक घटनाएं देखी उनमें दिया उसे छोड़ कर जा रही थी... "तुमने मुझे धोखा दिया..झूठ बोला.." उसके शब्द थे!

हां अर्शिया! ये मेरे दिल में दफ़न मेरा सबसे बड़ा डर है! उसने मन ही मन सोचा।

सीसीटीवी फुटेज तो नहीं मिली पर जब सारी बातें आफिस के गार्ड को पता चली तो उसने आसानी से बता दिया कि वो बुढ्ढा गोवानी कौन था। वो उसे पहले से जानता था।
उसका नाम मारियानो था जो पेशे से प्लंबर था। उसका एक ठिकाना भी बताया जो कि बीच के पास का एक गंदा सा खपरैल पुराने जमाने का बार था। बार क्या देशी शराब का अड्डा था।

"मारियानो कहां मिलेगा?" विनय कैश काउंटर पर खड़े एक व्यक्ति से पूछा। वो भले ही वर्दी में नहीं था पर उसकी आवाज का रौब कद काठ और कमर में खुंसी रिवाल्वर उसके पुलिसीया होने की चुगली करते थे।
"वो...वो जो आखरी वाली बेंच पे बैठा है‌ वो ब्राउन ब्लेज़र वाला.." वो जल्दी से बोला।
वो बैठा क्या सामने की मेज पर लुढ़का पड़ा था। वो एक बहुत ही दुबला पतला सा मरघिल्ला सा आदमी था।विनय उसके कंधे पकड़ कर झकझोर दिया। वो नहीं उठा। उसके गाल थपथपाने लगा पर वो नहीं उठा।
"मारियानो!!!" वो कान में चिल्लाया। उसका पारा चढ़ने लगा।
"अबे उठ!!!" उसने मुक्का तान दिया। अचानक मारियानो ने एक हाथ से उसका मुक्का हवा में ही रोक लिया...विनय कुछ समझ पाता इसके पहले ही दूसरे हाथ का प्रचंड घूसा उसके पेट में पड़ा। वो दोहरा हो गया और हैरान भी!
विनय खुद हट्टा कट्टा छ: फीट का था...दूसरी तरफ ये मरीयल सा बूढ़ा और इतनी ताकत!

"भाव नहीं खाने का...समझा!" वो उठकर खड़ा हो गया था "जो ,
कुछ भी बोलने का विद रिस्पेक्ट बोलने का" मारियानो बोला।

दिन ढल रहा था। विनय और वो बूढ़ा मारियानो बीच पर एक चट्टान पर बैठे थे। सामने समुद्र हिलोरे मार रहा था।
"तू विनय है न...मैं जानता तेरे को..जेनिफ़र ने बताया था"
"मैं उसे ही ढूंढता हुआ आया हूं..कहां है वो और तुम कैसे जानते हो उसको?"
"हां मै जानता उसको...तुम बोलो कोई पंगा?" मारियानो एक सिगरेट मुंह में दबाता हुआ बोला। विनय असहाय भाव से इधर उधर देखने लगा।
"देख भिड़ू! हेल्प चाहीये तो पूरा बात बताने का..तभीच्च मैं कुछ कर पाएंगा" मारियानो दुबारा बोला। जवाब में विनय ने सारी आपबीती सुना दी।

"जीजस!!!" वो सदमें से बोला.."अभी कैसा है वो? तेरा फियांसी?"
"हास्पिटल में है..नर्वस ब्रेकडाउन...
"नहीं..तेरेको इस पंगे में नहीं पड़ने का मैन..वापिस जा अपना लव से शादी बना..खुश रह..भूल जा सबकुछ। जेनिफ़र से कोई मिस्टेक हो गया होएंगा जो बेबी लिलियाना तेरेको ढूंढ लिया। अब वो ध्यान रखेंगा। तू जा...पंगा मत ले"

"लिलियाना!!...वो बच्ची??" विनय ने पूछा
"शशशशशश...भूल जा ...बोला न तू जा... मैं जेनिफर को मिल के सब सेटल करता है"
"नहीं..मैं नहीं जाउंगा बिना सबकुछ जाने तो नहीं। पहले तो वो अचानक गायब हो गई..ढूंढे नहीं मिली और अब जब मैं अपनी जिंदगी में खुश था सब ठीक होने लगा था तो वो अचानक वापस आ गई क्यों??"

वो बहुत देर तक समुद्र को घूरता रहा..,सूरज डूब रहा था।
"तब मैं पोंडा में था बोले तो मेरा होम टाउन.. आई वाज़ ट्वैंटी सिक्स इयर्स ओल्ड..जब 'वो' मेरेको मिली.."
बुढ़ऊ रोमांटिक हो रहा था...

"मैं साला टिन का पिचटा कनस्तर और वो! किसी एंजील के माफिक ब्यूटीफुल! जब वो मेरे को भाव देने लगा, आई वाज़ फीलींग लाईक...मतलब मैं साला पूरे वर्ल्ड का सबसे लकी परसन। बाद में शादी भी बनाया उससे..और मेरा डाटर जेनिफ़र मेरा लाईफ में आया...."
"क्या??? विनय चौंकता सा बोला.."जेनिफर तुम्हारी बेटी है!"
उसने सहमति में सर हिलाया। उसकी आंखों के कोर गीले होने लगे थे।
"पर मेरा वाईफ अलीशा...स्ट्रेंज! कभी चर्च नहीं जाता था..प्रे नहीं करता था..और मैं! अक्खा ईडीयट उसके ब्यूटीफुल फेस के अलावा मेरेको कुछ दिखता किधर था!" वो कड़वाहट से बोला।

"जब बेबी जेनिफ़र टू ईयर्स का हो गया तो उसने बताया कि वो वापिस से प्रेंग्नेंट। मैंने उससे बोला कि मैं टू चिल्डरन्स नहीं अफोर्ड कर सकता। वो बहुत आरग्यू किया मेरे से और अपने डैडी के घर चला गया"
शायद वो पहली बार किसी से अपने दिल की बात कह रहा था...

"मैं उसे लेने उसके डैडी के घर गया। वहां मेरे बहुत से इनलाज़ थे। रिलेटिव्स..फिरेंड्स..नेबर्स..
एक रात डिनर पर उन लोगों ने जो मेरेको बताया..मेरा लाईफ..चेंज्ड!..जीजस.." वो आह भरता सा बोला।
"क्या बताया?" विनय ने पूछा
"मेरा वाईफ..बोले तो..बोले तो वो..
हाफ़ डीमन(शैतान).."
,
उसने जबड़े भींच लिये जैसे ये बोलने भर से उसे बहुत चोट पहुंची हो।
"क्या??" विनय हैरानी से बोला.. "डीमन!!!"
"हां मेरा वाईफ ही क्यों उसके पैरेंट्स, रिलेटिव सभी..ह..हाफ ड..डीमन्स.."
सन्नाटा सा छा गया। विनय चुप रहा।
"फिर मेरा फादर इन ला बोला कि उसका अलीशा ने कोई खाली फोकट मेरे जैसे हलकट से शादी नहीं बनाया..बोले तो मैं भी साला ह....." वो चुप हो गया।
विनय चुप रहा। मारियानो ने अपने ब्लेज़र के पाकेट से एक बाटल निकाल ली और उसका एक लंबा घूंट भरा। मानो आगे बोलने के लिये ताकत बटोर रहा हो।

"बाद में मुझे पता चला कि वो लोग अकेले नहीं थे। उनके जैसे और भी थे। अक्खा गोवा बल्कि अक्खा कंट्री में थे। ह्यूमन के कपेरीज़न में बहुत कम थे...पर थे। और यही उनका मोटिव था.. अपना माफिक लोगों का पापुलेशन बढ़ाने का..
"अलीशा बोला मेरेकू कि मैं खुद को लकी समझे कि मैं भी टू चिल्ड्रेन्स का कांट्रीब्यूशन कर रहा है..और जेनिफ़र..

"जेनिफर क्या?" विनय ने पूछा
"वो बहुत पावरफुल था और उसका बर्थ भी खास कंडीशन में हुआ था..वो टेम आने पर डेविल को स्पेशल करके सर्व करेगा ऐसा खुद..जेनिफ़र का मदर बोला.."

"तो तुम्हारा दूसरा बच्चा...?" विनय ने पूछना शुरू किया
"सेकेंड बेबी..माय फुट.." उसने नफरत से थूंक दिया जमीन पर।
"नेक्स्ट डे या नाईट बोले तो अलीशा का 'बेबी शावर सेरेमनी' था...घर के पीछू वाले जंगल में। वो भयानक था" उसके शरीर ने जोर की झुरझुरी ली। "वो लोग वहां डेविल का पूजा करता। सारा
हाफ डीमन प्रेज़ेट था वहां। वो डिफरेंट डिफरेंट वाइस में चिल्ला रहे थे। कोई पेड़ से उल्टा लटकता तो कोई पैदल ही पेड़ पे चढ़ता...हारीबल"
बोले तो मैं हेडेक का बहाना बनाके वापस बस्ती में लौट आया और तैयारी करने लगा...

"कैसी तैयारी?" विनय ने पूछा।

"जब वो ब्लडी डीमन्स पार्टी करके वापिस आए न तो मैंने सबके गुड नाईट बोलने का वेट किया...फिर उस बस्ती में ही आग लगा दिया" मारीयानो खौफ़नाक लहजे में बोला।
विनय भौचक्का सा उसका मुंह देखता रहा।

"देख तो साला मेरेको!" वो हंसने लगा..
"पुलिस वाले कू बता रहा है कि मैं मर्डर कियेला है" फिर वो गंभीर हो गया।
"पर ये गाॅड कि दुनिया है... इधर डीमन काय को रहेगा पर जेनिफ़र!..नहीं उसे नहीं मार पाया मैं..क्या करेंगा..हाफ डीमन है मैं..पर साला हाफ ह्यूमन भी तो है" उसका गला भर आया।

"वहीच्च मिस्टेक हो गया मेरे से। मैं उसको ले के इस शहर में आ गया सोचा था कि सारे लोचा से दूर उसे एक नार्मल ह्यूमन की तरह बड़ा करेंगा..पर किधर.."

"क्या हुआ?" विनय ने पूछा
"अब कुछ तो बराबर हुआ न मैन....वरना बेबी लिलीयाना जैसा पावरफुल डीमन कहां से आता!.. हम सारे हाफ डीमन हैं हमेरे अंदर थोड़ा बहुत डीमोनिक ब्लड है पर वो..वो पूरा डीमन ही है..बस थोड़ा सा ही ह्यूमन है..
विनय नज़रें चुराने लगा।
,
"तेरेको क्या हुआ?" मारियिनो ने पूछा।
"जेनिफ़र ने बोला था..वो मेरा बच्चा है..अर्शिया मेरा मतलब है लिलियाना...

मारियानो जोर से हंसने लगा। विनय को कुछ कुछ वो हंसी वैसी ही लगी जैसी वो फ़ोन पे सुन चुका था।
"वो तेरा डाटर नहीं होना सकता" मारियानो बोला। "तू देखा न उसको..वो कितना पावरफुल, अपना मदर, बोले तो जेनिफ़र से भी जादा पावरफुल..पर तू तो क्लीन है। नार्मल है। तू? और उसका 'फादर'? नक्को.."

"पर ये सारा झमेला क्या है?" विनय खीजता सा सवाल किया। "कौन हैं ये 'हाफ डीमन' ? कहां से आए?"
मारियानो दुबारा समुद्र की तरफ देखने लगा। एक सिगरेट और सुलगाया...

"कभी काउंट ड्रेकुला का कहानी पढ़ा है?" वो नाक से धुआं छोड़ता हुआ बोला। विनय ने उसे असमंजस से देखा।
"बहुत ब्रेव किंग था वो, तुर्की लोगों से अपना लोगों की सेफ्टी वास्ते वार किया। पर जब उसका लविंग क्वीन एलीजाबेथ का डेथ हुआ तो अपना सारा नोबलटी भूल के उसने डेविल से डील किया बोले तो शैतान से समझौता किया और पिशाच करके बन गया"
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Kamini
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Re: शैतान से समझौता

Post by Kamini »

"वैसा ही कहानी ब्लैक फिलिप का है। वो शैतान का सेकेटरी टाईप काम करता है। इनोसेंट गर्ल से अपना डायरी पर साईन मांगता है। वो गर्ल्स लोगों को स्पेशल पावर मिलता पर बदले में वो विच(डायन) में बदल जाता..एग्रीमेंट हुआ न!"

वो सांस छोड़ता सा बोला "मेरेको नहीं पता ये सब स्टोरीज कितना सच है पर हम हाफ डीमन्स लोगों का भी ऐसा ही कहानी है। हमेरे ,
भी किसी बाप दादा ने कभी शैतान से समझौता किया होएंगा। शैतान को इस अर्थ पर अपना औलाद चाहीये था, वो हो गया..हम सब वही तो हैं..मैं भी!"
विनय ने उसकी आवाज़ में कड़वाहट साफ महसूस की।

क्या ये बूढ़ा शराबी सच बोल रहा था!! उसके पास से शराब सिगरेट और पसीने के अलावा एक अजीब सी गंध और आ रही थी जो कि विनय को किसी जानवर जैसी लग रही थी!!
इसके अलावा पीछे बार में जो मुक्का उसे पड़ा था वो इस "डेढ़ पसली" के हिसाब से जादा नहीं था!! इतनी ताकत!!

"तुम्हें ये सब पसंद नहीं?..बाकियों को तो शायद है.!" विनय बोला जिसे अब मारीयानो पे भरोसा हो गया था।

मारियानो कुछ पल तक उसे घूरता रहा फिर उसने अपना ब्लेज़र उतार दिया और शर्ट की आस्तीन चढ़ा ली।
"ये देख इधर.." वो अपना हाथ विनय को दिखाता हुआ बोला
"जब भी मैं चर्च जाता मेरा स्कीन हर टेम एसहीच्च बर्न होता
हर टेम..मेरा चाईल्डहुड से यहीच होता आ रहा है"

विनय ने देखा उसके दोनों हाथों पे जलने के निशान थे
"पर मैं चर्च जाना नहीं छोड़ेगा..." वो सख्त चेहरे से बोला
"पहले मैं हर संडे जाता था जब से पता चला मैं हाफ डीमन है मैं डेली जाता..." वो जिद भरे स्वर में बोला।
"मेरे अंदर का डीमन हर बार जलता है चर्च में मैं उसे और जलाता है..मैं कैसे किधर को पैदा हुआ ये मैं कंट्रोल नहीं करना सकता पर मैं कैसे मरेंगा और मरने के पहले क्या करेंगा ये तो मेरे ही हाथ है न?"
वो थोड़ा देर रुका और सिगरेट के कश लगाता रहा।

,
"मैं मेरा वाईफ का मर्डर किया इनलाज़ का भी मर्डर किया चाहता तो मैं भी शैतान को फालो करता पर नहीं...मैं ओनली बाॅडी से हाफ़ डीमन..बाई हार्ट? पूरा ह्यूमन..समझा!"

विनय के मन में इस वक्त अपने बगल में बैठे उस आदमी के लिये असीम सम्मान था। एक दुबला पतला सा शराब और तम्बाकू की बदबू से भरा हुआ भी वो किसी संत की तरह पवित्र लग रहा था।

"काश जेनिफ़र भी मेरी तरह सोचता.." वो आह भरता हुआ बोला। विनय ने उसको सवालिया नज़रों से देखा
"बोले तो जब वो प्रेंगनेंट था तभी समझ गया था कि उसका बेबी नार्मल नहीं है। उसे बुरे बुरे विज़न्स आते थे..वो अपना बेबी का हर फीलींग खुद फील कर सकता था बिलकुल क्लिअर! जो कि मोस्ट आफ द टाईम वर्स्ट ही रहता"
उसके चेहरे का भाव सख्त हो गया था

"मेरेको उसका मदर का बात याद आया..कि समय आने पर वो शैतान को इस्पेसल करके ट्रीट करेगा.." उसके शरीर ने स्पष्ट झुरझुरी ली।
"तब मैंने उसको सबकुछ बताया वो कौन है उसका मदर कौन था पर सबसे बड़ा प्राबलम था कि जो आने वाला था वो कौन है!!!
"सबकुछ जानने के बाद वो सबसे दूरी बना लिया..तुमसे भी..
मैने उसे समझाया कि जो आ रहा है वो एक डेंजरस डीमन है जो अपना इंडीकेशन्स पहले ही दे रहा है, उसको फिनिश करना जरूरी। पर जेनिफ़र भी तो थोड़ा सा ह्यूमन था न अपना बेबी को फिनिश करने के नाम पे उसक कलेजा हिलता था"
उसकी आवाज भर्रा रही थी।
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