आजाद पंछी जम के चूस complete

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josef
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Re: आजाद पंछी जम के चूस

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कमल को यकीन नहीं हुआ कि आरती इतना बुरा मान गई है. वो आरती को मनाने उनके पीछे गया. आरती ने उसे धमकाया की वह सच में पुलिस के पास जाएंगे अगर उसने उन्हें छुआ भी तो. फिर आरती अपने कमरे में चली गई और कमल भी अपने कमरे में आ गया. आरती की चड्डी संभालकर अंदर रख दी और बिना हस्तमैथुन किए सो गया.
अगले दिन सोनल वापिश आ गयी। सोनल चुप चुप रहने लगी थी, उसने कमल को घर मे देख कर भी कोई रिएक्ट नही किया। आरती और कमल दोनो सोनल के बेहव से हैरत में थे।
अगले 10 दिन तक कमल की आरती से बात नहीं हुई. वह उसे देखकर इग्नोर करती. खाना खाने को बुलाने के लिए भी जया से कहती. आरती कमल से नाराज थी. और इस नाराजगी के चलते कमल इतने दिनों किसी से भी चुदाई नहीं किया. एक रात पानी पीने के लिए जब कमल उठा तो न जाने क्यों रसोई के दरवाजे से घर के अंदर चला गया, वहा आरती के कमरे से कामुक आवाजें आ रही थी. कमल दरवाजे पर कान लगाकर खड़ा हो गया.
"हां जानू.... हां बस वही पर... बस उधर ही... प्लीज रुकना मत.... चोदो मुझे.... चोदो मुझे... मेरी चूत की प्यास बुझाओ"
"मेरी जान.... हा.... हां.... मैं छूट रहा हूं.... मैं छूट रहा हूं"
रवि छूट के आरती के जिस्म से अलग हो गए और खर्राटे मार के सोने लगे. आरती रोने लगी.
"10 दिन से मेरा संभोग अधूरा रह जाता है... अपने कमल से कुछ सीख... बिना मेरा पानी निकाले छूटता नहीं था... बेचारा आज कल बस हस्तमैथुन ही कर पा रहा होगा. लेकिन गलती उसी की ही है... पर माफी भी तो मांग सकता है ना".
उसके बाद आरती सो गई और कमल भी अपने कमरे में आकर सो गया. सुबह हुई तो रवि काम पर चला गया और सोनल स्कूल। रवि भी कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था. बाहर आया तो आरती के कमरे की तरफ गया. आरती नहा कर आई थी और साड़ी पहनकर अपने बाल सवार रही थी. कमल धीरे से आकर जमीन पर बैठ गया और अपना सर उनके पांव पर लगा दिया.
"यह क्या कर रहा है कमल?"
"चाची प्लीज मुझे माफ कर दीजिए. मुझसे गलती हो गई. आप की मर्जी के बिना अब कभी मैं आपको हाथ भी नहीं लगाऊंगा"
आरती ने उसे उठने को कहा फिर उसे अपने गले से लगा लिया.
"जा कमल एक बार फिर मैंने तुझे माफ किया. लेकिन वादा कर ऐसी हरकत तू दोबारा कभी नहीं करेगा".
"वादा करता हूं चाची... आप जब से नाराज हुई तब से मैं हस्तमैथुन भी नहीं कर पाया हूं"
आरती को कस के गले लगा लिया और फूट-फूट कर रोने लगा.
"रो मत कमल... तुझे सबक सिखाना जरूरी था"
"चाची आई लव यू... आपके बिना मैं जी नहीं पाऊंगा".
"आई लव यू टू कमल"
फिर आरती ने उसे चूम लिया. कमल भी आरती को प्यार से चूमने लगा.
"बड़ा तड़पाया मैंने मेरे कमल को.... ले... जितना प्यार करना है कर ले".
आरति ने पल्लू खोल दिया और उनका गोरा पेट कमल के सामने था. कमल ने आरति की नाभि को चूम लिया और खूब देर तक चूमता रहा. फिर प्यार से उनका पेट सहलाने लगा और फिर उनका पेट अपने चेहरे से लगा लिया.
"चल कमल अब तू कॉलेज जा और रात को मुझे तेरी जरूरत पड़ेगी".
"क्या हुआ चाची?"
" 10 दिन की प्यासी हूं समझ जा". आरती ने कमल को आंख मारते हुए बोला.
कमल खुशी-खुशी कॉलेज चला गया. और रात का बेसब्री से इंतजार करने लगा. कॉलेज से वापस आया तो जया काकी खाना बना रही थी.
कमल मुंह हाथ धोकर घर मे आया और टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद खाना लग गया.कमल और आरती खाना खाने लगे. खाना खाने के बाद आरती उसके पास आई और बोली "तैयार रहना तुझे कॉल करूंगी थोड़ी देर में".
रात को सब सोने चले गए. उसे मालूम था कि शायद रवि और आरती की चुदाई शुरू हो गई होगी. करीबन 1 घंटे बाद उसे आरती का फोन आया.
"कमल मेरे कमरे में आ जा".
कमल उत्साहित होकर आरती के कमरे में गया. वहां रवि भी सो रहा था और नीचे गद्दा बिछा हुआ था.
"आजा कमल... गद्दे पर लेट जाओ".
"लेकिन चाचा?"
"अरे तेरे चाचा को मैंने थोड़ी शराब पिला दी. सुबह तक नहीं उठेंगे."
josef
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Re: आजाद पंछी जम के चूस

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कमल कपड़े उतारकर नंगा हो गया और लंड हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाने लगा. आरती ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके लंड को ललचाई निगाहों से देखने लगी.
"कमल तरस गई हूं तेरे लंड के लिए. चूत मेरी बड़ी प्यासी है. आज की प्यास बुझा जा".
"जरूर चाची. आप गद्दे पर लेट जाइए और बंदा आप की खिदमत में हाजिर है".
चाची गद्दे पर लेट गई. और कमल अपना मुंह आरती की चूत के पास ले गया. कमल ने गहरी सांस अंदर ली तो उसकी मादक खुशबू से उसका लंड पूरे शबाब पर आ गया. कमल ने अपनी जीभ निकाली और प्यार से आरती की चूत चाटने लगा. बहुत ही गर्म थी उन
सकी चूत. और जल्द ही चूत से पानी बहने लगा. कमल सारा पानी चट कर गया. आरती की कामुक आवाजें निकाल रही थी और अपनी चूचियां सहला रही थी. कमल अपना काम करता रहा. फिर कमल ने अपनी उंगली ली और उनका दाना रगड़ने लगा. आरती तो मानो पागल ही हो गई. उनकी सांसे तेज हो गई.
"हां कमल बस मुझे चाटता रह. प्लीज रुकना मत. मुझे छूटने मैं मेरी मदद कर.... आह.... आह.... आह... हां मेरे राजा. काश तू मेरा पति होता. चाट मुझे. चाट मुझे"
कमल एक हाथ से उनका दाना रगड़ रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूचियां मसल रहा था. तभी आरती के अंदर से एक आवाज आई "आह" की और आरती छूटने लगी. आरती खूब देर छूटी और फिर शांत हो गई. कमल ऊपर आ गया और आरति को चूमने लगा. आरती भी उसे चूमने लगी. कमल ने देखा आरती की आंखों से आंसू बह रहे थे. कमल ने प्यार से उनकी आंखें चूम ली और आंसू पी गया.
"कमल मैं 10 दिन की प्यासी हूं. मेरे अंदर आग लगी हुई थी. आग बुझाने के लिए शुक्रिया. अरे यह क्या, तेरा छोटा शेर तो बड़ा उछल रहा है."
आरती उसे उठने को बोली. खुद भी उठ गयी. कमल का लंड मुंह में लिया और प्यार से चूसने लगी. कभी-कभी उसके लंड के छेद को वह अपनी जीभ से छेड़ती तो कमल को आनंद आ जाता. कमल भी 10 दिन से कुछ नहीं किया था. उसके अंडे में बहुत माल था.
"चाची प्लीज अब चोदने दो ना. आप चुस्ती रही तो मैं आपके मुंह में ही झड़ जाऊंगा"
आरती ने उसका लंड अपने मुंह से निकाला और गद्दे पर लेट गई. कमल उनके ऊपर चढ़ गया, अपना लंड उनकी चूत के मुंह पर रखा और एक ठोकर मारी जिस से उसका पूरा लंड एक ही बार में नंगी चूत में जा धसा.
आरती के मुंह से कामुक आवाजें आने लगी. कमल ने धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करना चालू किया. चुदाई शुरू हो चुकी थी. कमल ने आरती को चूम लिया और फिर उनकी एक चूचुक मुंह में लेकर चूसने लगा.
"हां. चोद मेरे राजा. चोद मेरे राजा. बना दे मेरी चूत का भोसड़ा".
कमल कस के आरती को चोदने लगा. आरती खूब मज़े लेने लगी और गंदी गंदी गालियां देने लगी.
"आह मादड़चोद.... ओ बहनचोद.... चोद रे साले मादरजात.... खुद को मेरी चूत के लायक साबित कर".
"कुत्तिया. रंडी. छिनाल. पति से चुदवाती है और अब अपने बेटे समान भतीजे से चुदवा रही है. मेरी रांड"
आरती ने उसे कस के पकड़ लिया, अपने पैर कमल के चूतड़ों पर रख दिए उसे कस के चोदने को कहने लगी. कमल ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी. अब आरती की चूत से फच फच फच फच की आवाज आने लगी. तभी अचानक आरती छूटने लगी. कमल ने अपनी रफ्तार थोड़ी और बढ़ाई और आरती को छूटने में मदद की. कमल ने आरती को चूम लिया. कमल के अंडे आरती के चूतड़ों पर तबला बजा रहे थे. बहुत ही कामुक माहौल था. आरती पसीने से तर थे. फिर भी कमल को और चोदने को कहती रही. तभी कमल को लगा कि वो भी छूटने वाला है. उसने आरती को कस के पकड़ लिया.
"चाची मैं छूटने वाला हूं. अपना माल कहां निकाल दूं?"
"जहां भी तेरा मन करें निकाल दे. तूने खुद को मेरे जिस्म के काबिल साबित कर दिया है".
कमल ने आरती को चूम लिया और फिर उनकी चूत में छूटने लगा. 10 दिन का माल इतना ज्यादा था कि उनकी चूत से उसका माल बहने लगा और जमीन पर इकट्ठा होने लगा. कमल 20 सेकंड तक छूटता रहा और आरती प्यार से उसके अंडे सहला रही थी.
वो दोनों बहुत थक गए थे और एक दूसरे की बाहों में ही आराम करने लगे. कमल का लंड अभी भी आरती की चूत मे ही था और माल छोड़ रहा था.
"चाची, इतना माल कितनी औरतों को पेट से कर सकता है?"
कमल ने मुस्कुराते हुए पूछा.
"कम से कम 25-30 औरतों के लिए तो इतना माल काफी होगा".
"चाची, थैंक यू. आपके बिना तो यह लंड पागल ही हो गया था. मुझे लगता है आपकी चूत ही इसका असली घर है".
"अच्छा बेटा जी. और अपना यह माल जो छोड़ रहा है उसका घर कहां है?"
कमल मुस्कुराया और आरती के पेट को चूम लिया.
"यही है मेरे माल की असली जगह. आपके पेट में. 9 महीने अपना घर बनाएगा उसको"
"हट बदमाश. मुझे मां बनाएगा तू? और बाप कौन होगा. तू या तेरा चाचा?"
"आप जैसा बोलो चाची. मैं तो आपसे शादी भी कर लूंगा. आई लव यू आरती".
"आई लव यू टू कमल. तुझे एक खुशखबरी सुनाऊं?"
"क्या हुआ चाची? क्या सच में आप पेट से हो?"
"अरे नहीं रे पगले. तेरे चाचा अगले हफ्ते 2 महीने के लिए मुंबई जा रहे हैं और सोनल भी 1 महीने के लिए फिर से अपने चाचा के घर जा रही हैं।".
"मतलब?"
"मतलब तू और मैं 1 महीने के लिए इस घर में अकेले होंगे".
"सच में चाची?" कमल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उसने आरती को चूम लिया.
"मैं इंतजार नहीं कर सकता, चाची आपके साथ अकेले वक्त बिताने का".
"अच्छा ऐसा क्या करेगा तुम मेरे साथ?"
"बस चाची. इतना चोदूंगा की एक साथ आप आधे दर्जन बच्चों की मां बन जाओगी".
आरती हंसने लगी और उसे चूम लिया. कमल का मन था कि आज आरती से चिपक कर ही सो जाये.
"उठ जा कमल कपड़े पहन ले और अपने कमरे में जाकर सो जा".
"चाची प्लीज सोने दो ना आज अपने साथ. बड़े दिन हो गए हैं".
"कमल हफ्ता भर सब्र कर. खूब मस्ती करेंगे हम दिन में. रात में चिपक कर सोएंगे एक साथ".
कमल ने आरति के होठों को चूम लिया और उठ गया. कमल अपने कपड़े पहनने लग गया तो देखा आरती की चूत काफी खुल गई थी.
"देखो चाची असली मर्द से चोदने का असर. आपकी चूत भी बंद होने का नाम नहीं ले रही".
आरती हंसने लगी और कमल अपने कमरे में चला गया और आरती के ख्यालों में खोया खोया ही सो गया.

आरती ने कमल को कुछ दिन अपने पर संयम बरतने को कहा, आरती ने कमल को तड़पाने का प्लान बनाया जिससे उसमे हवस की आग भड़क जाए और कमल जब मौका मिले तो रगड़ कर चुदाई करे उसकी।
आरती ने कमल को समझा दिया कि जब भी मौका मिले तो ऐसे रियेक्ट करे कि पहली बार सेक्स कर रहे हो , आरती ने इस एक महीने में अपनी सारी फैंटसी पूरी करने का प्लान बनाया। कमल ने भी सोच लिया कि अबसे वो आरती के अनुसार ही सब काम करेगा, उसका मतलब आरति और सोनल को फिर काबू करने का था, उसका मकसद अब इस घर पर राज करने का था, उसके लिए पहले आरती को खुश कर कर सोनल को पाना था,
कुछ दिन के बाद कि बात है, कमल का लंड रात को अचानक खड़ा हो गया और उसकी इच्छा हुई की वो आरती चाची के बाथरूम में जा कर उनकी पैंटी और ब्रा सूँघ कर मुठ मारे। कमल चुप-चाप बाथरूम की ओर जाने लगा तो उसे आरती के कमरे से हल्की सी लाइट और कुछ आवाज़ सुनाई दी। कमल भी धड़कते दिल से आरती के दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा। अंदर आरती चुदाई में मस्त हो कर रवि को बहनचोद और मादरचोद की गालियाँ दे रही थी।
कमल से रहा नहीं गया। उसने सोचा यह मौका है जब वो आरती को चुदते हुए देख सकेगा और मजा ले पायेगा और कमल सीधा बालकोनी की ओर गया क्योंकि उसे मालूम था वहाँ की खिड़की पर पर्दा नहीं है और वहाँ से उसे सब दिखाई देगा। कमल चुपचाप दबे पैरों से बालकोनी में गया और अंदर का सीन देख कर तो उसे जैसे मन की इच्छा मिल गयी। आरती अपनी दोनों टांगों को फैला कर लेटी हुई थी और रवि उनकी चूत में भीड़ा हुआ था।
आरती नशे में थी और कह रही थी,
मादरचोद कभी तो मेरी चूत को ठंडा करा कर, बस भोंसड़ी वाले अपना लंड डाल कर अपने आप को ठंडा कर लेता है। आज मादरचोद अगर तूने मेरी चूत को ठंडा नहीं किया तो मैं बज़ार में रंडी बन कर चुदवाऊँगी।
रवि भी अपनी और से पूरी ताकत लगा रहा था और कह रहा था कि साली रंडी कितना चोदता हूँ तुझे, पर तेरी चूत की प्यास ही खत्म नहीं होती और तेरा बदन इतना मस्त है की चार पाँच शॉट में ही मेरा लंड झड़ जाता है और इतना बोलते-बोलते ही रवि अपना लंड आरती की चूत में झाड़ कर लुड़क गया।
आरती बोलती रहीं कि पता नहीं कब मेरी चूत की प्यास ठंडी होगी, ये गाँडू तो मुझे ठंडा ही नहीं कर पाता है।
आरती और रवि को इस तरह गंदी भाषा में गालियाँ देते हुए बातें करते सुनकर कमल का लंड तन कर खड़ा हो गया था। उसकी बड़ी इच्छा करी कि मैं अंदर जाऊँ और आरती को पकड़ कर खूब चोदूँ।
कमल अपना लंड हाथ में पकड़ कर वापस अपने कमरे की और चल दिया। रास्ते में सोनल का कमरा पड़ता था। आरती की चुदाई देखने के बाद कमल का लंड फड़फड़ा रहा था। पता नहीं कमल किस ख्याल में सोनल के कमरे में घुस गया। उसे जब ध्यान आया तो उसने अपने आप को सोनल के बिस्तर के पास खड़ा पाया। सोनल इस समय अपनी नाईटी में आराम से सो रही थी जो उसके चुतड़ों को सिर्फ़ आधा ढके हुई थी। कमल के सामने अभी भी आरती की चुदाई का सीन चल रहा था और इसी गर्मी में उसने देखा कि सोनल की मस्त चिकनी-चिकनी टाँगें और फुले हुए चूतड़ जो उसने पैंटी में छुपाये हुए थे। उस से रहा नहीं गया और वो बिस्तर के साइड में हो कर उसकी चिकनी टाँगों को अपने होठों से चूमने लगा, और धीरे-धीरे उसकी गाँड की दरार में अपने होंठ और नाक रख दी और अपने होंठों से किस करने लगा। इतने में सोनल कुछ कुनमुनाई और कमल डर के मारे चुप चाप कमरे से निकल गया।
उसके बाद कमल बाथरूम गया और आरति की पैंटी और ब्रा अपने रूम में ला कर सूँघते और चाटते हुए खूब मुठ मारी, मुठ मारते-मारते कमल आरति की ब्रा अपने होंठों से लगा कर सो गया।
अगली सुबह में आरती ने उसे झकझोड़ के जगाया और बोली,कमल आज कालेज क्यों नहीं गया? देख सुबह के दस बज रहे हैं, तेरे चाचा को तो आज सुबह महीने भर के लिये मुंबई जाना था, वो तो कभी के चले भी गये और सोनल भी अपने चाचा के घर चली गई है, मैं भी थक रही हूँ, तू नहा धो के नाश्ता कर ले तो मैं भी थोड़ा लेटूँगी।
कमल ने जल्दी से उठ कर सबसे पहले आरती की पैंटी और ब्रा ढूँढी पर उसे कहीं नहीं मिली। उसकी तो डर के मारे सिट्टी पिट्टी गुम हो गई, और वो सोचने लगा की अगर आरती को पता पड़ गया तो आरती नाराज होकर उसकी खूब पिटाई करेंगी।
कमल चुपचाप अपने सारे काम पूरे करके टीवी देखने बैठ गया और उधर आरती नाश्ता देकर अंदर जा कर लेट गयीं। थोड़ी देर बाद आवाज दे कर कमल को अपने कमरे में बुलाया, और बोली कमल मेरा जरा बदन दबा दे।
josef
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उस समय आरती सिर्फ़ ब्लाऊज़ और पेटीकोट में थीं और कहने के बाद पेट के बल हो कर उल्टी लेट गई। आरति ने अपने ब्लाऊज़ का सिर्फ़ एक हुक छोड़ कर सारे हुक खोले हुए थे और अपना पेटीकोट भी कुछ
ज्यादा ही नीचे कर के बाँधा हुआ था जिस से उनकी गाँड की दरार साफ नज़र आ रही थी। कमल के सामने वो चूतड़ थे जिसे सिर्फ़ देख कर ही उसका लंड खड़ा हो जाता था और आरती तो अपना पूरा बदन उस को दिखाते हुए मसलने को कह रही थी। कमल बिना देर करे चुपचाप आरती के साईड में बैठ कर धीरे-धीरे उनका बदन दबाने लगा, उनके चिकने बदन को छूते ही उसका लंड तन कर खड़ा हो गया। जब पेटीकोट के ऊपर से आरती के चूतड़ दबाये तो लंड एक दम मस्त हो गया। पेटीकोट के ऊपर से ही आरती के चूतड़
दबा कर मालूम पड़ गया था कि गाँड वाकय में बहुत गदरायी हुई और ठोस है।
थोड़ी देर बाद आरती बोली, अरे कमल,
जरा तेल लगा कर जोर से जरा अच्छी तरह से मालिश कर।
कमल ने कहा, चाची तेल से आपका ब्लाऊज़
खराब हो जायेगा, आप अपना ब्लाऊज़ खोल दो।
आरती बोली, कमल मैं तो लेटी हूँ,
तू मेरे पीछे से ब्लाऊज के हुक खोल के साईड में
कर दे।
कमल बड़े धीरे-धीरे से उनके ब्लाऊज के हुक खोले और अब आरती की नंगी पीठ पर सिर्फ़ काली ब्रा के स्ट्रैप दिख रहे थे। कमल ने थोड़ा सा तेल अपने हाथों पर लेकर आरती की पीठ पर मलना चालू किया पर बार-बार आरती की काली ब्रा के स्ट्रैप दिक्कत दे रहे थे। कमल ने आरती को बोला कि चाची आपकी पूरी ब्रा खराब हो रही है और मालिश करने में भी दिक्कत हो रही है।
तब आरती बोली कि तू मेरे ब्रा के स्ट्रैप खोल दे।
आरती के मुँह से यह सुन कर उसका लंड तो झटके लेने लगा। उसने भी बड़े ही प्यार से ब्रा के हुक खोल दिये। कमल उस नंगी पीठ पर धीरे-धीरे तेल से
मालिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद आरति बोली,कमल जरा मेरे नीचे भी मालिश कर दे।
कमल ने कहा, चाची कहाँ करूँ?
तो आरती बिना किसी शरम के बोलीं की
मेरे चुतड़ों की और किसकी।
कमल ने कहा, पर उसके लिए तो आपका पेटीकोट उतारना पड़ेगा।
तब आरती बोली, जा कर अच्छे से पहले दरवाजा बंद कर आ।
कमल जल्दी से जाके दरवाजा बंद कर के आया तो देखा आरती पहले से ही अपना पेटीकोट उतार कर पिंक पैंटी और काली ब्रा को अपने हाथों से दबाय, पेट के बल उल्टी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। कमल तेल लेकर धीरे-धीरे आरती की मस्त टाँगों की और उन मस्ताने गदराये चूतड़ों की मालिश चालू कर दी।
मालिश करते-करते जब कमल आरती की जाँघों पर पहुँचा तो उसके हाथ बार-बार पैंटी के ऊपर से आरती की कसी हुई चूत की मछलियों से टच हो रहे थे जो उसे एक अजीब तरह का आनन्द दे रहे थे। कमल को पता नहीं क्या सूझा, उसने आरती की पैंटी के साइड से अपनी एक उंगली धीरे-धीरे अंदर डाली और आरती की चूत पर उंगली फेरने लगा। आरती की चूत एक दम बिना बाल की थी और उसकी साफ़्टनैस से मालूम हो रहा था की आरती शेव नहीं बल्कि हेयर रिमूवर से अपनी चूत के बाल साफ़ करी थीं।

तभी अचानक आरती सीधी हुई और अपनी काली ब्रा को छोड़ के एक चाँटा कमल के गाल पर मार दिया और बोली, मादरचोद, तुझे शरम नहीं आती मेरी चूत में उंगली डालते हुए।
कमल समझ गया कि आरती अपनी कोई फैंटेसी पूरी कर रही है तो उसने भी वैसे ही नाटक करते हुए साथ देने की सोची।

जब आरती उठी उस समय उसे अपनी काली ब्रा का ध्यान नहीं रहा और ब्रा के हुक पहले से ही खुले होने के कारण आरती की वो मस्त गोरी-गोरी चूचीयाँ जिसपे भूरे रंग के बड़े से निप्पल थे, कमल के सामने पूरी नंगी हो गई और कमल चाँटे की परवाह किये बिना आरती की मस्त चूचीयाँ देखता रहा। आरती ने भी उन्हें छुपाने की कोई कोशिश नहीं की, बल्कि एक और चाँटा मारते हुए बोलीं, मादरचोद, बहन के लौड़े,
तू मुझे क्या चूतिया समझता है, कल रात को
मेरी पैंटी और ब्रा तेरे तकिये पर कैसे पहुँच गई,
बता सच-सच मदरचोद, मैने मना किया था ना कि कुछ दिन रुक जा फिर मेरी पैंटी और ब्रा के साथ क्या कर रहा था?
आरती इस तरह की भाषा में उसके साथ बात करेगी ये उम्मीद कमल ने नही की थी और इस वक्त उनका गुस्सा देख कर उसने डरते-डरते बताया कि, कल रात को जब चाचा आपको प्यार कर रहे थे, उस समय मैंने आपको देखा था और पता नहीं, आप उस समय
इतनी सुंदर लग रही थीं कि बाथरूम में जा कर आपकी पैंटी और ब्रा लेकर अपने बिस्तर पर आ गया और आपकी पैंटी और ब्रा को सूँघते हुए और चाटते हुए अपने हाथ से मैंने खूब मुठ मारी।
इस पर आरती ने एक चाँटा और मारा और बोलीं, बहनचोद मुझे तो तूने नंगा देख लिया चुदवाते हुए अब तू अपने कपड़े उतार के मेरे समने पूर नंगा हो के दिखा,मैं देखूँ तो सही आखिर कितनी आग लगी है तेरे लंड में!
उस समय आरती की चूचियाँ देख कर कमल का लंड पूरा तना हुआ था। आरती ने आगे बढ़ कर अपने लिये एक सिगरेट जलाई और कमल का
पायजामा खोल दिया और उसका सढ़े आठ इंच लम्बा और ढाई इंच मोट लौड़ा आरती की आँखों के सामने झूलने लगा। आरती की आँखें फैल गयीं और वोह बस इतना ही बोली, मादरचोद! इंसान का लंड है की घोड़े का,अभी तक छुपा के क्यो रखा था, पहले क्यों नहीं दिखाया, इस लंड को देख कर तो कोई भी औरत नंगी हो कर अपनी चूत उछाल- उछाल कर चुदवायेगी!

ये बोलते-बालते उसके लंड को आरती ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी।।
इस से पहले कि कमल कुछ बोल पाता, उसके लंड से पिचकारी निकली और आरती के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।
मीना चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया
निकला,मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगा। पर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दी, पर क्या करूँ इतने साल से मेरी ख्वाइस थी कि मेरी चुदाई फोर्सली होती, असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता है, तेरा घोड़े जैसा लंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँ, तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार है,चल और बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?

कमल की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। कमल पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में उसने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में रोल प्ले करते हुए कहा, चाची! जब से मै इस घर मे आया हु हमेशा आपको चोदने की सोचता हूं, मैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता
था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तो मैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!
आरती बोलीं, कमल अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगी
पर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था।
आरती ने कहा, आज से तू
और मैं जब भी अकेले होंगे, तू मुझे सिर्फ़ आरती बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!
josef
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Re: आजाद पंछी जम के चूस

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कमल ने भी इतने दिनों की मुठ मारने के बाद मिला आरती का नंगा बदन अपनी बाहों में पकड़ कर उठा लिया और नंगी आरती को अपनी बाहों में भर कर उनके नरम-नरम होंठों को अपने मुँह से चूसने लगा। और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनकी पैंटी में डाल कर उन मतवाले चूतड़ों को दबाने लगा। जब कमल पेटीकोट के उपर से दबा रहा था, उसे उस समय ही मालूम हो गया था की आरती के चूतड़ बहुत ही तगड़े और मस्त हैं, और अब जब उनके नंगे चूतड़ पकड़े तो हाथों में कुछ ज्यादा ही जान आ गयी और कमल कस-कस कर मसलने लगा।
आरती ने भी उसे अपनी बाहों में कस कर पकड़ रखा था जिस से उनकी माँसल
चूचियाँ कमल के सीने से लग कर उसे गुदगुदा रही थी। थोड़ी देर एक दूसरे को चूसने के बाद आरती उस से अलग हुई और अपनी अलमारी खोल कर व्हिस्की की बोतल निकाल कर बोली, जब तक सोनल वापस नहीं आती तेरी चुदाई की क्लासिज़ चालू और अब तू हफते भर मेरी क्लास अटेंड
करेगा!
इतना कह कर मीना चाची ने दो ग्लास में शराब डाली और दो सिगरेट जला लीं और एक मुझे देते हुए कहा, जो मैं बताऊँ वैसे ही करना!
लेकिन चाची मैंने कभी स्मोक या ड्रिंक नहीं की है! कमल थोड़ा हैरान होते हुए बोला।
मादरचोद... नहीं की है तो आज कर ले... चुदाई भी तो तूने पहले कभी नहीं की है... मज़ा आयेगा.. बिलीव मी! आरती बोली।
उसके बाद आरती एक हाथ में व्हिस्की का ग्लास और एक में सिगरेट पकड़
कर उसके सामने आई और बोली, बहन के लौड़े!
तू मुझे हाई हील के सैंडलों में इमैजिन करता है ना, चल अब अपने हाथों से मेरे पैरों में सैंडल
पहना और फिर मेरा पेट चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और पीछे से मेरी गाँड के छेद में उंगली डाल और धीरे-धीरे से अपने मुँह से मेरे पेट को चूमते हुए मेरी बूर के ऊपर ला कर मेरी चूत को अभी सिर्फ़ ऊपर से ही चूस। मैं तुझ से नाचते हुए अपनी चूत चुसवाँऊगी, बाद में जब तू अपनी ड्रिंक और सिगरेट खतम कर लेगा तब तुझे बताऊँगी की औरतें अपनी चूत का पानी
मर्दों को कैसे पिलाती हैं।
कमल तो उस समय कुछ बोलने की हालत में ही नहीं था। कमल तो बार-बार यही सोच रहा था की वो कोई सपना तो नहीं देख रहा है। खैर, कमल ने आरती के आदेश अनुसार उनके गोरे-गोरे नरम पैरों को चूम कर उनको चार इंच ऊँची पेन्सिल हील्स वाले सैण्डल पहनाये।

फिर कमल आरती के बताय तरीके से उनको अपनी बाहों में भर कर चूमने और पैंटी उतारने लगा। आरती अपने चूतड़ हिला-हिला कर अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी रही थी और जब कमल के होंठ आरती की चूत के उभार पर टच हुए तो आरती ने कस कर उसका सर पकड़ा और चूत के उभार पर दबा दीया। वो मीठी-मीठी सितकारियाँ भरने लगी और बोली,
कमल तुझे मैं ज़िंदगी का इतना प्यार दूँगी की जब तू अपनी बीवी को चोदेगा तो
हमेशा मेरी ही चूत याद करेगा!
कमल भी मन लगा कर आरती की चूत की दरार पर और उभार पर जीभ फेरने लगा। थोड़ी देर बाद आरती के चूतड़ों में एक कंपन आया और कमल का सर जोर से दबाते हुए अपनी चूत का पानी बहार छोड़ दिया। उसके बाद कमल के बगल में बैठ गयी और बोली,
कमल! आज पहली बार ऐसा हुआ है की मैं अपनी चूत चुसवाते हुए झड़ी हूँ!
आरती की आँखें शराब और ओरगैज़्म के कारण नशीली हो रही थी। आरती ने कमल का लंड पकड़ लिया और चोंकते हुए बोली,
हाय-हाय कमल! यह क्या हाल कर रखा है तूने अपने लंड का, तन कर एक दम फटने को हो रहा है मेरे प्यारे कमल! लंड को इतना नहीं अकड़ाते की लंड फट ही जाये और वैसे भी आज से यह लंड अब सिर्फ़ मेरा है, चल थोड़ा तेरे लंड को ढीला कर दूँ,फिर तुझे आराम से अपनी चूत का पानी पिलाऊँगी!
इसके बाद आरती ने उसे एक छोटा सा पैग और दिया और एक-एक सिगरेट जला कर उसके बदन से चिपट गयी, और उसे खींच कर बिस्तर पर टाँगें सीधी कर के पीठ के सहारे
बिठा दिया और बोली, चल अब तू आराम से अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी! और फिर कमल का लंड पकड़ कर कहा, मैं लंड की ड्रिंक और सिगरेट बना कर पीयुँगीऔर तेरी मस्ती निकले तो निकाल दियो मेरे मुँह में,लंड चूसना किसे कहते हैं अब मैं तुझे वो बताऊँगी!

इतना कह कर आरती ने अपने रसीले होंठ कमल के लंड के सुपाड़े पर रख दिए जो कि तन कर एक दम लाल टमाटर की तरह हो रहा था और फिर धीरे-धीरे उसके लंड को अपने मुँह के अंदर जीभ फिराते हुए सरकाने लगी। उसे
नहीं मालूम औरतों को लंड चूसते हुए कैसा लगता है पर वो इतना बता सकता था की कोई भी मर्द मादरचोद अपना लंड चुसवाने के बाद बिना चूत लिये रह नहीं सकता, चाहे उसे उसके लिये कुछ भी क्यों ना करना पड़े। कमल के उपर तो उस समय आरती के नंगे बदन का नशा, व्हिस्की का नशा, सिगरेट का नशा और आरती से लंड चुसवाने का नशा ऐसा छाया हुआ था की जैसे वो किसी और दूसरी दुनिया में है।
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SID4YOU
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Re: आजाद पंछी जम के चूस

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(^^^-1$i7) 😱 बहोत ही मस्त स्टोरी है भाई एकदम हॉट
Friends Read my running Hindi Sex Stories

कामूकता की इंतेहा (running)



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