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अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार complete
- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
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खेल खेल में गंदी बात (Running) मेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना ) (Complete) नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी (Running) अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार (complete) निदा के कारनामे (Complete) दोहरी ज़िंदगी (complete)नंदोई के साथ (complete ) पापा से शादी और हनीमून complete
खेल खेल में गंदी बात (Running) मेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना ) (Complete) नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी (Running) अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार (complete) निदा के कारनामे (Complete) दोहरी ज़िंदगी (complete)नंदोई के साथ (complete ) पापा से शादी और हनीमून complete
- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
निदा जो कि अभी तक शोखी दिखा रही थी एकदम से मुँह बनाते हुये उठी और अपने रूम में चली गई, और जाते हुये बोली- “भाई वैसे आपने बाजी के साथ ज्यादती नहीं की है?"
मैं- “यार ये बात फरी से ही क्यों नहीं पूछ लेती तुम? वो तुम्हें अच्छे से समझा देगी सब कुछ...”
निदा के जाने के बाद मैं भी उठा और अपने रूम में आ गया, जहाँ अब निदा फरी बाजी का सिर खा रही थी कि मैं पता नहीं कहाँ से मुंह काला करवा के आ रहा हूँ? और फरी बाजी को मुझसे सख्ती से पूछना चाहिए। लेकिन फरी बाजी थी कि बेड पे बैठी हल्का सा मुश्कुरा रही थी। जिससे निदा को गुस्सा आ गया और उसने कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोला ही था कि मुझ पे नजर पड़ते ही बोली- “लो आ गये आपके नाबाब साहब, पूछो अब । इससे कहाँ गया था ये?”
फरी बाजी ने अब सीरियस होते हुये निदा से कहा- “यार क्यों बच्चों की तरह रिएक्ट कर रही हो तुम? जैसे सन्नी मेरी हर ख्वाहिश का ख्याल करता है और मुझे हर तरह की आजादी दी हुई है इसने, तो क्या इसे इस बात का हक नहीं है कि अपनी लाइफ के कुछ पल अगर किसी और के साथ भी गुजरना चाहे तो गुजर सके?”
फरी की बात सुनकर निदा का गुस्सा थम सा गया। लेकिन मुझे उसके चेहरा पे अब भी एक नागवारी सी दिखाई दे रही थी, जिसका मतलब था कि निदा को मेरा किसी और के साथ करना अच्छा नहीं लगा था। जिसका एक ही मतलब निकलता था कि निदा भी जेहनी तौर पे मेरी तरफ झुक रही थी, जो कि मेरे लिए सप्टइज ही था। क्योंकी निदा बहूत हाट लड़की थी और मैं खुद भी उसके लिए पागल हुआ फिर रहा था। जिस बात का एहसास निदा को भी अच्छी तरह था कि मैं उसके लिए क्या सोचता हूँ?
अभी निदा कुछ बोलने ही लगी थी कि अम्मी की आवाज सुनाई दी जो निदा को बुला रही थी कि वो उनके रूम की अच्छी तरह झाड़-पोंछ कर दे। तो निदा मुँह ही मुँह में बुदबुदाती हुई रूम में से निकल गई।
बाजी ने कहा- “हाँ तो मजा आया मेरे भाई को इरम के साथ?”
मैंने बुरा सा मुँह बनाते हुये कहा- “अरे बाजी, एकदम गश्ती है साली। लेकिन आज मैंने भी उसकी वो ठुकाई की है कि पीछे-पीछे भागेगी मेरे...”
मैं- “यार ये बात फरी से ही क्यों नहीं पूछ लेती तुम? वो तुम्हें अच्छे से समझा देगी सब कुछ...”
निदा के जाने के बाद मैं भी उठा और अपने रूम में आ गया, जहाँ अब निदा फरी बाजी का सिर खा रही थी कि मैं पता नहीं कहाँ से मुंह काला करवा के आ रहा हूँ? और फरी बाजी को मुझसे सख्ती से पूछना चाहिए। लेकिन फरी बाजी थी कि बेड पे बैठी हल्का सा मुश्कुरा रही थी। जिससे निदा को गुस्सा आ गया और उसने कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोला ही था कि मुझ पे नजर पड़ते ही बोली- “लो आ गये आपके नाबाब साहब, पूछो अब । इससे कहाँ गया था ये?”
फरी बाजी ने अब सीरियस होते हुये निदा से कहा- “यार क्यों बच्चों की तरह रिएक्ट कर रही हो तुम? जैसे सन्नी मेरी हर ख्वाहिश का ख्याल करता है और मुझे हर तरह की आजादी दी हुई है इसने, तो क्या इसे इस बात का हक नहीं है कि अपनी लाइफ के कुछ पल अगर किसी और के साथ भी गुजरना चाहे तो गुजर सके?”
फरी की बात सुनकर निदा का गुस्सा थम सा गया। लेकिन मुझे उसके चेहरा पे अब भी एक नागवारी सी दिखाई दे रही थी, जिसका मतलब था कि निदा को मेरा किसी और के साथ करना अच्छा नहीं लगा था। जिसका एक ही मतलब निकलता था कि निदा भी जेहनी तौर पे मेरी तरफ झुक रही थी, जो कि मेरे लिए सप्टइज ही था। क्योंकी निदा बहूत हाट लड़की थी और मैं खुद भी उसके लिए पागल हुआ फिर रहा था। जिस बात का एहसास निदा को भी अच्छी तरह था कि मैं उसके लिए क्या सोचता हूँ?
अभी निदा कुछ बोलने ही लगी थी कि अम्मी की आवाज सुनाई दी जो निदा को बुला रही थी कि वो उनके रूम की अच्छी तरह झाड़-पोंछ कर दे। तो निदा मुँह ही मुँह में बुदबुदाती हुई रूम में से निकल गई।
बाजी ने कहा- “हाँ तो मजा आया मेरे भाई को इरम के साथ?”
मैंने बुरा सा मुँह बनाते हुये कहा- “अरे बाजी, एकदम गश्ती है साली। लेकिन आज मैंने भी उसकी वो ठुकाई की है कि पीछे-पीछे भागेगी मेरे...”
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- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
फरी बाजी हँसते हुये बोली- “अच्छा जी, ऐसा क्या कर दिया मेरे शेर भाई ने?”
तब मैंने बाजी को सारा वाकिया सुना दिया, जो वहाँ हुआ था।
फरी बाजी ने हैरानगी से कहा- “क्या मतलब? भाई तुम ये कहना चाहते कि अगर वो अपनी और अपने बाप की मर्जी से करवा रही है तो वो काल-गर्ल है?"
मैंने हाँ में सिर हिला दिया।
बाजी ने कहा- “अच्छा? तो फिर जरा एक नजर अपनी तरफ और दूसरी नजर मेरी तरफ देखकर बताओ कि हम क्या हैं फिर? क्योंकी करते तो हम भी मजे के लिए ही हैं ना?”
फरी बाजी की बात सुनकर मुझे बड़ी शर्म आई खुद पे कि अगर हम करें तो सब अच्छा और दूसरों को करता देखते हैं तो बुरा भला कहते हैं उन्हें।
तभी बाजी ने कहा- “अच्छा, और बुरा महसूस नहीं करो कुछ भी और जाओ जरा अम्मी के रूम में से निदा को बुलाओ, कुछ काम है उससे...”
मैं बाथरूम के रास्ते अम्मी के रूम में गया लेकिन वहाँ जो नजारा देखा तो वहीं दिल थामकर खड़ा हो गया।
निदा अम्मी के रूम की सफाई कर चुकी थी और अब अम्मी के बेड पे झुकी हुई उसकी चादर ठीक कर रही थी।
लेकिन निदा के इस तरह झुकने से उसका पाजामा काफी नीचे तक खिसक आया था और नीचे से पहनी हुई उसकी ब्लैक पैंटी की स्ट्रिप साफ दिखाई दे रही थी और पूरी गाण्ड अपनी शेप में नजर आ रही थी। निदा की चिकनी गाण्ड का ये रूप देखते ही मेरा लण्ड सलामी देने खड़ा होने लगा।
तभी निदा भी चादर ठीक करते हुये उठ खड़ी हुई और जैसे ही मुड़ी और बाथरूम के दरवाजा में मुझे खड़ा देखा तो बोली- “क्या बात है भाई तुम कब आए?” और तभी उसकी नजर मेरे खड़े होते लण्ड पे गई तो निदा गुस्सा दिखाते हुये बोली- “भाई कुछ शर्म है कि नहीं तुममें? अभी-अभी अपना मुँह काला करवा के आए हो और घर
आते ही तुम फिर से मुझपे लाइन मारने लगे हो?"
मैं- “अरे नहीं ये... ये तो बस ऐसे ही... वो मैं तो तुम्हें बुलाने आया हूँ कि बाजी को कुछ काम है तुमसे...”
निदा मुझे खा जाने वाली नजरों से देखते हुये मेरे पास से गुजरने लगी तो मैं जो कि पूरा रास्ता बंद किए खड़ा हुआ था साइड के बल हुआ तो जैसे ही निदा गुजरने लगी, तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने खुद को थोड़ा सा निदा को तरफ दबाया तो मेरा खड़ा लण्ड निदा के हाथ से टच हो गया, तो निदा को जैसे कोई झटका लगा हो और वो वहीं खड़ी होकर कुछ देर मेरे लण्ड को अपने हाथ से लगा हुआ देखती रही लेकिन फिर कुछ बोले । बिना ही निकल गई।
THE END
तब मैंने बाजी को सारा वाकिया सुना दिया, जो वहाँ हुआ था।
फरी बाजी ने हैरानगी से कहा- “क्या मतलब? भाई तुम ये कहना चाहते कि अगर वो अपनी और अपने बाप की मर्जी से करवा रही है तो वो काल-गर्ल है?"
मैंने हाँ में सिर हिला दिया।
बाजी ने कहा- “अच्छा? तो फिर जरा एक नजर अपनी तरफ और दूसरी नजर मेरी तरफ देखकर बताओ कि हम क्या हैं फिर? क्योंकी करते तो हम भी मजे के लिए ही हैं ना?”
फरी बाजी की बात सुनकर मुझे बड़ी शर्म आई खुद पे कि अगर हम करें तो सब अच्छा और दूसरों को करता देखते हैं तो बुरा भला कहते हैं उन्हें।
तभी बाजी ने कहा- “अच्छा, और बुरा महसूस नहीं करो कुछ भी और जाओ जरा अम्मी के रूम में से निदा को बुलाओ, कुछ काम है उससे...”
मैं बाथरूम के रास्ते अम्मी के रूम में गया लेकिन वहाँ जो नजारा देखा तो वहीं दिल थामकर खड़ा हो गया।
निदा अम्मी के रूम की सफाई कर चुकी थी और अब अम्मी के बेड पे झुकी हुई उसकी चादर ठीक कर रही थी।
लेकिन निदा के इस तरह झुकने से उसका पाजामा काफी नीचे तक खिसक आया था और नीचे से पहनी हुई उसकी ब्लैक पैंटी की स्ट्रिप साफ दिखाई दे रही थी और पूरी गाण्ड अपनी शेप में नजर आ रही थी। निदा की चिकनी गाण्ड का ये रूप देखते ही मेरा लण्ड सलामी देने खड़ा होने लगा।
तभी निदा भी चादर ठीक करते हुये उठ खड़ी हुई और जैसे ही मुड़ी और बाथरूम के दरवाजा में मुझे खड़ा देखा तो बोली- “क्या बात है भाई तुम कब आए?” और तभी उसकी नजर मेरे खड़े होते लण्ड पे गई तो निदा गुस्सा दिखाते हुये बोली- “भाई कुछ शर्म है कि नहीं तुममें? अभी-अभी अपना मुँह काला करवा के आए हो और घर
आते ही तुम फिर से मुझपे लाइन मारने लगे हो?"
मैं- “अरे नहीं ये... ये तो बस ऐसे ही... वो मैं तो तुम्हें बुलाने आया हूँ कि बाजी को कुछ काम है तुमसे...”
निदा मुझे खा जाने वाली नजरों से देखते हुये मेरे पास से गुजरने लगी तो मैं जो कि पूरा रास्ता बंद किए खड़ा हुआ था साइड के बल हुआ तो जैसे ही निदा गुजरने लगी, तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने खुद को थोड़ा सा निदा को तरफ दबाया तो मेरा खड़ा लण्ड निदा के हाथ से टच हो गया, तो निदा को जैसे कोई झटका लगा हो और वो वहीं खड़ी होकर कुछ देर मेरे लण्ड को अपने हाथ से लगा हुआ देखती रही लेकिन फिर कुछ बोले । बिना ही निकल गई।
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
फ्रेंड्स इस तरह ये कहानी यहीं ख़त्म होती है आप सभी साहिबान का हौंसलाहफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया
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- naik
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार complete
bahot achchi kahani thi aur bahot achcha ikhtitam bhi kia aap ne shaziya ji
bahot bahot shukriya aap ka
bahot bahot shukriya aap ka