Nazayaz rishta : zarurat ya kamjori नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी

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shaziya
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Re: Nazayaz rishta : zarurat ya kamjori नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी

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थोड़ी देर बाद गेट खुला और राज अंदर आ आए
हम दोनो बेड पर बैठी हुए थी
उनके आने पर खड़े हो गये
राज: क्या बात है दोनो माल एकदम रेडी है अपनी सुहाग रात के लिए
नेहा: हम माल है आप की
राज: माल नही हॉट माल हो एक से बढ़कर एक
और राज हमारे पास आ गये
मे: अनुपम के पास क्यूँ गये
राज: क्या करू नेहा यहा रुकना चाहती थी आज उसकी भी सुहाग रात थी तो वो हो सकता था की रात को आ जाता
तो बात करने गया था
की नेहा रोते हुए हमारे रूम मे आई है कोई बात हुए है क्या
अनुपम मे मना कर दिया
मैने बोल दिया तो आज रात मा के साथ रुकने दो कल मा से बात कराकर भेज दूँगा
इस के लिए अनुपम राज़ी हो गया और अब रात बाहर सो नेहा की डिस्टर्ब नही करेगा
नेहा'::क्या बात है अपने काम के लिए अनुपम को गोली दे दी
राज: मेरा काम या तुम्हारा और
नेहा को देख कर आँख मार दी
नेहा: देखा भाई आँख मार रहे है
मे: पता नही आगे क्या क्या मारेंगे ये
राज: ये केक
राज: आज दो चुतो का उद्घाटन है तो उस खुशी मे केक काटने चाहिए
मे समझ गई उद्घाटन किसका है
एक मेरी गान्ड का दूसरी नेहा की चूत का
और फिर नेहा ने और मैने केक कटा और तीनो ने मिलकर खाया
राज: अपनी चूत गान्ड का उद्घाटन करने की कितनी खुशी है की ख़ुसी मे केक खा रही हो
मे: हा है हम दोनो खुश है अपना उद्घाटन करने मे तो अब करो ना वेट क्यूँ कर रहे हो
आज तो नेहा ने भी चैन पहन ली
राज: सच
नेहा मे नज़र झुका की
राज: दोनो बेड पर बैठो मे आता हू
और हम दोनो मा बेटी एक ही बेड पर एक ही ड्रेस मे एक साथ चुदने के लिए बैठी थी
अपने बेटे और भाई राज के साथ सुहाग रात मनाने ले लिए
राज ने सही कहा था की हम दोनो मा बेटी को एक ही बेड पर नंगा करके एल साथ चोदेन्गे .
हम दोनो ने घूँघट कर लिया और अपने पति का इंतज़ार करने लगे

शायद ये हिस्टरी मे पहली बार होगा एक मा बेटी एक ही बेड पर एक साथ चुदने के लिए बैठी इंतज़ार कर रही थी और वो भी एक ही आदमी से वो भी रिश्ते मे बेटा और भाई
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