Incest मर्द का बच्चा

Post Reply
josef
Platinum Member
Posts: 5372
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

लल्लू बेड से उतर कर खड़ा हो गया और ऋतु के सर की ओर आ गया.

लल्लू जब से कुंभ से आया था तब से उस टॅटू के कारण उसका शरीर बहुत गठिला हो गया था.
उसके गोरे शरीर पर काला टॅटू चमक रहा था.
लल्लू अपने धोती को खोल कर अलग कर दिया.
उसका डंडा तो पहले से ही खड़ा था.
लल्लू ऋतु का हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रख दिया.
ऋतु सासो को संभालती हुई लल्लू एल लौड़े को सहलाने लगी.

फिर अपना मूह खोल कर सर उठा लल्लू एल लौड़े को गुपप से मूह में भर कर चूसने लगी.
ऋतु- उऊहह कितना मज़ा आ रहा है. आज में इस गन्ने का पूरा रस चूस जाउन्गी.

लल्लू आँखे बंद किए ऋतु के मूह के गर्माहट को फील कर रहा था.

ऋतु मूह को आगे पीछे कर लल्लू के गन्ने को चूसे जा रही थी.

थोड़ी देर उसे चूसने के बाद जब ऋतु का.मूह दुखने लगा तो लौड़े को निकाल कर अपने पैर फैला लिए और लल्लू को इशारा करने लगी.

लल्लू भी आँखो के इसरे से पूछने लगा की ऋतु क्या कह रही है.

ऋतु- ऐसे क्यू नाटक कर रहा है जैसे पता ही नही. आ अब अपनी लुगाई की इस रस बहाती निगोडी बुर का भोसड़ा बना दे अपना लॉडा डाल कर. जल्दी आ रे अब नही रहा जाता. पता नही क्या आग लगा दी है तुम ने.

अब तो हर दम यही मन करता है की इस प्यारे से लौड़े को अपने बुर में घुसा कर लेती रहूँ.

लल्लू ऋतु के ऊपर चढ़ गया और उसके दोनो पैर पकड़ कर मोड़ दिया फिर ऋतु के छाती से चिपका दिया.\

ऋतु की चूत के साथ साथ उसके बड़ी सी गान्ड भी हवा में उठ गई.
लल्लू को ऋतु की बड़ी गान्ड पागल बना रहा था.

लल्लू ऋतु की चूत पर अपने लौड़े को पकड़ कर रगड़ने मसलने लगा.

ऋतु आँखे बंद किए अपने होंठो को दाँतों से दबाए आहे भर रही थी.

लल्लू चूत के छेद पर लौड़े को लगा कर ऋतु के गान्ड के नीचे दोनो हाथ लगा कर उसे मसलते हुए एक करारा धक्का लगा दिया.

ऋतु अपने दोनो हाथो से अपने पैर को पकड़े हुए चिल्ला उठी.

ऋतु- हरामी एक बार में ही पूरा घुसा दिया.
आज फाड़ कर ही मानेगा. हाय्यी मेरी चूत.

लल्लू ऋतु के गान्ड को मुट्ठी में कस के दबोचे हुचक हचक कर उसे पेलने लगा.

ऋतु की बड़ी बड़ी चुचिया हर धक्के से ऊपर नीचे हिल रहा था.

लल्लू ऋतु के गान्ड को छोड़ कर उसके मोटे मोटे पपीते को पकड़ लिया और उसे ज़ोर ज़ोर से मसलता हुआ कस कस कर ऋतु के बुर में शॉट लगाने लगा.

लल्लू- आहह, ये ली. यी लीयी उउउहह. क्या गर्मीी हाई. लगता है जैसे पिघल जाउन्गा में इस अंदर.

लल्लू ऋतु के ऊपर चढ़ कर उसे रगड़ने लगा.
ऋतु के दोनो चुचे को मसल कर लाल कर दिया.

लल्लू ऋतु को पकड़ कर पलटा दिया और उसे घोड़ी बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लॉडा पेल दिया.

लल्लू कमर हिलाता हुआ चूत मार रहा था और एक उंगली को गीला कर ऋतु के गान्ड पर थूक कर उस में अपना उंगली घुसा दिया.

ऋतु इस दोहरे हमले को नही झेल पाई और आहे भरती हुई झड़ गई.

लल्लू ऋतु के बाल को पकड़ कर उसे चोदने में लगा हुआ था.

लल्लू का लॉडा ऋतु की चूत से पूरा भींग गया था और अब तो लल्लू के लोडा के आस पास उसके कमर और लल्लू के टटटे भी भींग गया था ऋतु की चूत रस से.

लल्लू ऋतु की चूत का धज्जिया उड़ा ता हुआ दो उंगली से उसके गान्ड का छेड़ ढीला करने में लगा हुआ था.

ऋतु जब थोड़ी संभली तो वो कमर हिला कर लल्लू का साथ देने लगी.

लल्लू झट से अपना लॉडा निकाल कर ऋतु के गान्ड के छेद पर लगा दिया अपना उंगली निकाल.

लल्लू ऋतु के गान्ड पर पहले ही थूक थूक कर चिकना कर रखा था उंगली से.

लंड लगते ही लल्लू एक धक्का लगा दिया.

गान्ड का छल्ला फैल कर लल्लू के लंड के टोपे को अपने अंदर फशा लिया.

ऋतु इस अचानक हमले के लिए तैयार नही थी वो आगे को गिर गई.

लल्लू ऋतु के कमर को पकड़े लंड को उसके गान्ड में डाले रुक गया.

थोड़ी देर बाद लल्लू आहिस्ता से लौड़े को गान्ड में धकलने लगा.

ऋतु- अया क्या कर रहाा है. मुआअ आजज्ज तूओ तू माअरर दीईया रीए.

लल्लू हल्के हल्के दबाव बनाता हुआ लॉडा ठेलता रहा गान्ड में.
एक चौथाई लंड घुस गया था.


लल्लू- बहुत टाइट है तेरी गान्ड मेरी घोड़ी.
ऋतु- मुआ हट जा वहाँ से.. बहुट्त्त दर्द्द्द कर रहा है…

लल्लू एक चौथाई लंड से ही ऋतु के गान्ड को चोदने लगा हौले हौले.

लल्लू को लग रहा था जैसे उसके लंड को किसी पाइप में फसा दिया हो.

चारो ओर से उसका लंड किसी सिकंजे में फसा हुआ था.

लल्लू जब लंड बाहर निकालता तो जैसे लग रहा था की ऋतु के गान्ड का छल्ला भी साथ ही खिछा चला आ रहा है.

आगे ऋतु अपने सर को इधर उधर पटकती रही थी.

लल्लू उतने से ही ऋतु के गान्ड को चोदने लगा.

थोड़ी देर में जब गान्ड का छल्ला थोड़ा ढीला हुआ तो लल्लू का लंड थोड़ा और अंदर जा पहुचा.
ऋतु को जो थोड़ा आराम मिला था वो फिर उसे दर्द देने लगा.

ऋतु- मुआ निकाल ले वहाँ से नही तो में मार जाउन्गी..

लल्लू अपने लंड को निकाल कर चूत में घुसा कर ताबड तोड धक्के लगा दिया.
कमरा फॅक फुच्च से गूँज उठा.


लल्लू ताबड तोड बिना रुके उसे चोदे जा रहा था

फिर अचानक उस से लंड निकाल कर इस बार एक बार में ही आधा लंड ऋतु के मखमली गान्ड में उतार दिया.

ऋतु अधमरी हो गई.
josef
Platinum Member
Posts: 5372
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

लल्लू अपने लौड़े को टोपा तक निकाल कर एक बार साँस अंदर खिच घच्छ से पूरा का पूरा ठोक दिया ऋतु की गान्ड में.

ऋतु तकिये में मूह रगड़ती गो गो करने लगी.

दर्द से उसे जैसे लगता था की उसकी गान्ड में किसी ने मिर्च घुसा दिया है.

ऋतु- रोते हुए मररर दियाअ मुुआअ नी. हाय्यी बेदर्द्द्द यी क्या किया. मा क्या कर दिया यी. किसका मुह देख कार मेनी आऐ इसकी पास.

ऋतु बेसूध हो गई.

लल्लू तो डर गया की क्या हुआ.

लल्लू ऐसे ही ऋतु की पीठ को जीभ निकाल कर चाटता हुआ उसके चुचे को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद ऋतु थोड़ी संभली.

लल्लू अब हल्के हल्के अपना कमर हिलाने लगा.

ऋतु की बड़ी बड़ी बाहर को निकली मटका लल्लू के सब्र की परीक्षा ले रहा था.
लल्लू के मन में काम वासना हिलोरे मार रहा था.

लल्लू गान्ड को हाथो से सहलाता हुआ लंड को हल्के से निकालता और फिर डाल देता.

ऋतु चादर को दोनो हाथो में ज़ोर से पकड़े दाँतों से तकिये को दबाए अपनी पीड़ा को सहने की कोशिश कर रही थी.

लल्लू अब अपना कमर हिलाना थोड़ा तेज कर दिया था.
ऋतु की गान्ड से अजीब आवाज़े निकल रहा था.

लल्लू दोनो हाथो में गान्ड थामे अब अपना पूरा लॉडा निकाल निकाल कर ऋतु की ठुकाई कर रहा था.
अब लल्लू के लिए रुकना मुश्किल हो रहा था. लालू को लग रहा था जैसे उसके खून का प्रवाह उसके बदन में नीचे आ कर लंड से बाहर निकलना चाह रहे हो.
लल्लू का लॉडा अब ऋतु की गान्ड में ही फूलने पिचक ने लगा था.
ऋतु को अब बहुत आनद आ रहा था.
ऋतु की गान्ड का छल्ला भी अब कभी खुल जाती और कभी कस जाती.
लल्लू जैसे हवा में उड़ रहा था.
उसके मूह से मज़े की अधिकता से अजीब अजीब आवाज़े निकल रहा था.
लल्लू अंधाधुंड ऋतु की गान्ड को गुब्बारा बनाए जा रहा था.

लल्लू के मूह से गुर्राहट निकल रहा था.
लल्लू गुर्राता हुआ ऋतु की गान्ड में अपना पानी उडेलने लगा.
ऋतु लल्लू के पानी को अपने गान्ड में फील करती वो भी झरने को तरह अपना छूट रस बहा दी.

लल्लू झड़ कर ऋतु की पीठ पर लुढ़क गया.

ऋतु तो पहले ही निढाल हो रखी थी ऐसे ही अपने गान्ड में लल्लू का लंड लिए उसके नीचे दबे पड़ी रही.

लल्लू का लंड सिकुड कर छोटा होता हुआ बाहर निकल गया.
ऋतु के ऊपर से लुढ़कता हुआ लल्लू इसे अपने आगोश में लिए पीछे से ऋतु से चिपका दोनो सो गये.


सुबह 4 बजे लल्लू की नींद खुल गया.
उठ कर देखा तो ऋतु की गान्ड मूसल से चुदने के कारण फैल गया था और उस पर लल्लू के वीर्य के साथ कुछ खून के धब्बे फैला हुआ था.

लल्लू ऋतु के ऊपर एक चादर डाल कर कपड़ा पहन लिया और दरवाजा खोल कर बाहर आ गया.

बाहर आ कर लल्लू नदी किनारे चला गया.
वहाँ अपने निर्धारित स्थान पर जा बैठा
Post Reply