प्यार का अहसास

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rajsharma
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Re: प्यार का अहसास

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सुबह-सुबह अनय, राज के घर...

विजय तिवारी अखबार पढ़ते हुए-अरुणा तुम्हारा लाडला उठा या नहीं अभी तक आज पहला दिन है कॉलेज का, और लाड़ साहब अभी तक सोए है..!!

वसुधा तिवारी (दादी)-विजय तेरा ही सपूत है तू भी ऐसे ही देरी से उठता था.. जब तक तुझे कोई उठाता नहीं तू उठता नहीं था..!!

कैलाश जी (दादाजी)-अरे पर मेरा बेटा थोड़ा कम नालायक था..!! उनकी बात पर सब हंस पड़े..!!

विजय जी-पापा आपने और माँ ने राज को कुछ ज्यादा ही सिर चढ़ा रखा है..!! एक वो है जिसको मस्ती मारने से और सोने से फुरसत नहीं है और दूसरा जिसके दिलो दिमाग में क्या चलता है कुछ पता नहीं चलता..!!

अरुणा जी ने जाकर राज को उठाया और वो आंखें मलते हुए बेमन से बाथरूम में घुस गया..!!

अनय भी कॉलेज के लिए रेडी हो गया व्हाइट शर्ट, लाईट ब्लू जींस हल्की बियर्ड, और नशीली आंखें और पर्सनालिटी भी एकदम कमाल की..!!

****************

शर्मा निवास में

कॉलेज जाना है सोच-सोचकर ही प्रिंसेस मतलब डॉली को पूरी रात नींद नहीं आई..!! सुबह जल्दी दादू और दादी के साथ वॉक पर चली गई जो कि उन तीनों का डेली का काम था, वहां से आकर नहा कर और रेडी हो गई कॉलेज के लिए... उसने व्हाइट कलर का पटियाला सुट पहना था, जिसमें दुपट्टा भी व्हाइट ही लगा रखा था..!! नीचे आई तो बड़ी मम्मा ने कुमकुम का टिका लगा दिया, उसने मंदिर में माथा टेका और नाश्ते के लिए टेबल पर आ गई सब उसे ही देख रहे थे.. तो उसने अपने आप को देखा सब ठीक ही लगा तो उसने सबको गुडमॉर्निंग विश किया तो जवाब में सब हंस पड़े..!!

डॉली-आप सब ऐसे तो हमें प्रिंसेस प्रिंसेस करते रहते है, और पूरा दिन हमें ही छेड़ते रहते है.. हम जा रहे है..!!

बड़े पापा उसे रोकते हुए-प्रिंसेस... बैठो... अच्छा एक बात बताओ हम सब तुमसे मजाक करना तुम्हें चिढाना बन्द कर दे तो तुम्हें नहीं लगता सब सुना सुना सा लगने लगेगा..!!

प्रमोद (पापा)-हम्मम और तुमसे ही तो रोनक है ना प्रिंसेस..!!

जय-हां वरना यहां मुझे और दोनों भैय्या को देखो कोई प्यार ही नहीं करता हमसे तो..!!

सविताजी ने उसे दही चीनी खिलाई..!!

डॉली-मम्मा क्या आप भी पहले बड़ी मम्मा ने ये टीका लगा दिया अब आप ये दही चीनी... अरे हम बस कॉलेज जा रहे है जो कि यहां से मुश्किल से दस मिनट की दूरी पर होगा और आप लोग ऐसे ट्रीट कर रहे है जैसे हम बॉर्डर पर जंग लड़ने जा रहे है..!!

दादी-ये प्यार और आशीर्वाद है प्रिंसेस जो सदा सदा तुम्हारे साथ रहेगा.. फिर उन्होंने प्यार से उसके माथे को चूम लिया..!!

जय-बस बस आज के लिए इतना लाड़ काफी है अब चलो कॉलेज के लिए लेट हो जाओगी..!!

डॉली-हम आपके साथ नहीं आ रहे हम राज के साथ जायेंगे

जय-अरे पर उसे अनय साथ लेकर जायेगा अकेले जाओगे तो रैगिंग के शिकार बनना तय है..!!

डॉली-नहीं हम राज के साथ ही जायेंगे और हमें भी रैगिंग के मजे लेने है और हां जैसे अब तक आपके कॉलेज फ्रैंड्स हमें नहीं जानते अब भी उन्हें अंजान ही रहने दो..!!

डॉली-के कहने पर जय अनय के साथ चले गया ओर

राज और डॉली साथ में निकले..!! पूरा रास्ता दोनों ने एक दूसरे को चिड़ाते हुए पार किया..!!

राज-ओय नकचढ़ी चुहियां कल से मै भैय्या के साथ आऊंगा तुम भी जय भाई के साथ आना..!!



डॉली-क्यों..?? लाल मुंह के बन्दर डर रहे हो क्या..??

राज-हैं डर और में क्या वाहियात बात कर दी तुमने..??

डॉली-हा हा हा.. हमें पता है तुम एक नंबर के फट्टू हो अपने खुद के भाई से तो डरते हो..!! यार वैसे वो तुम्हारे सगे भाई तो है ना... हिटलर ज्यादा लगते है..!!

राज-तुम ना मेरे हिटलर भाई को बुरा नहीं बोल सकती.. और वो दोनों ही एक दूसरे को हाई फाई दे हंसने लगे..!!

कॉलेज के बाहर खड़े होकर दोनों कॉलेज को देख रहे थे,

बड़ा सा गेट फिर बड़ा सा मैदान जो एकदम हरा भरा सा था कई सारे पेड़ पोधे और जगह जगह बैठने के लिए बेंचेस, एक तरफ केंटीन और सामने की और कॉलेज दोनों देखते हुए गेट से अंदर गए उनके बाकी फ्रेंड भी वही थे जिन्होंने (ज्योति, निखिल,रिंकी) इसी कॉलेज में एडमिशन लिया था..!! वो दोनो भी उनके पास चले गए..!!

रिंकी डॉली से-यार डॉली मुझे तो रैगिंग के नाम से ही डर लग रहा है..!!

राज-अरे यार जब हम पांच है साथ तो डरने की क्या बात..!!

सब लड़के बस डॉली को ही देखे जा रहे थे.. पर डॉली को कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा था..!! कुछ सीनियर्स ने रैगिंग तो ली पर बस इंट्रो लेकर और हॉबी पूछकर ही जाने दिया..!!
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: प्यार का अहसास

Post by rajsharma »

लेक्चर का टाइम हुआ तो सब लेक्चर अटेंड करने चले गए ..!! आज पहला दिन था तो टीचर्स ने भी बारी बारी सबका इंट्रो लिया और अपना इट्रो भी दिया..!!

अनय-तुम्हारी बहन ना एकलौता पीस है दुनियां में... जिसको रैगिंग का शौक चढ़ा है..!!

जय-तुम्हे भी तो ये एकलौता पीस ही पसंद है..!! वो आगे कुछ कहता इससे पहले ही प्रोफेसर आ गए..!!

लगातार दो लेक्चर के बाद सब केंटीन में आ गए और डॉली को तो बस पूरा कॉलेज देखना था तो वो सबको छोड़ जाने लगी..

राज-यार डॉली अब यही तो आने वाले है रोज़ ही फिर कभी देख लेना ना अभी तो यही बैठो..!!

निखिल-और क्या और तुम्हें कॉलेज देखकर कौन सा अवॉर्ड मिल जाना है.. बैठो यार चाय कॉफी पियो मजे करो..!!

डॉली-निक्कु तुम तो एक नंबर के आलसी हो तुमने तो स्कूल में भी केंटीन के सिवाय कुछ नहीं देखा होगा..!!

बाकी सब भी हंसने लगे तभी अनय जय और उनके कुछ फ्रेंड्स भी केंटीन में आकर बैठ गए..!!

रिंकी अनय को देख-ओह माय गॉड क्या पर्सनालिटी है यार और कितना हॉट बन्दा है.. सिंगल है या मिंगल..!!

(डॉली के फ्रेंड्स डॉली के भाई जय को तो जानते थे पर राज के भाई अनय को नहीं जानते थे और राज ने कभी बताया भी नहीं था..!!)

डॉली जो पानी पी रही थी रिंकी की बात सुन मुंह का सारा पानी बाहर आ गया..!!

निखिल-अरे आराम से पियों ना इतने सालो से क्या रेगिस्तान में थी..!!

डॉली-यार मतलब कुछ भी हां..!! हम जा रहे बाहर तुम सब बैठो..!!

जय और अनय जो उनके जस्ट पिछे ही बैठे थे दोनों ही मुस्कुरा दिए..!!

इसके बाद सब लेक्चर अटेंड कर घर आ गए..!!

डॉली खुश थी कि पहला दिन अच्छी तरह बिता कोई प्रॉब्लम नहीं हुई..!!

घर आकर डॉली अपने रूम में जाकर सो गई...
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Re: प्यार का अहसास

Post by rajsharma »

सविता जी-ओहो ये लड़की भी ना बिना चेंज किए ही सो गई.... डॉली बेटा उठो देखो कितना लेट हो गया है.. फ्रेश हो जाओ और नीचे आ जाओ हम तुम्हारे लिए काका से

कहकर कॉफी बनवा देते है...

डॉली मुस्कुराते हुए-ओके मम्मा... वैसे भी हमें स्केटिंग सीखनी है उस बन्दर से..!!

सविता जी-ठीक है... पर जल्दी आ जाओ..!!

कुछ ही देर में डॉली नीचे आ गई.. और दादू के पास बैठ गई....

दादू-तो कैसा रहा हमारी प्रिंसेस का कॉलेज में पहला दिन..??



डॉली-ठीक था दादू... पर बड़ा ही बोरिंग था...!!

दादी-क्यों बोरिंग क्यों था...??? तुम्हे तो पढ़ाई-लिखाई का बहुत शौक है.. पढ़ने के लिए तुम कुछ ना कुछ ढूंढ ही लेती हो..!!

डॉली मुंह बनाते हुए-हां पर आज तो बस इंट्रो ही लिया गया और लाइब्रेरी हम जा ही नहीं पाएं..!!

बड़ी मम्मा वहां आते हुए-अरे भई तो आज तो पहला ही दिन था... कुछ टाइम लगेगा सब सेटल होने में..!!

डॉली कॉफी का आखिरी सिप लेकर-हम्मम... अभी हम जा रहे है स्केटिंग करने... दादू दादी आप दोनों भी चलिए ना आप गार्डन में घूम लेना.. हम स्केटिंग कर लेंगे..!!

दादू दादी भी डॉली की बात सुन उसके साथ गार्डन में आ गए... गार्डन में सीमेंटेड रोड भी बनी हुई थी चारो तरफ गोल आकार में यहीं डॉली स्केटिंग सीखती.. गार्डन में बहुत से फूलों के पौधे लगे हुए थे कुछ बड़े पेड़ भी लगे थे.. डॉली ने अपने हाथों से कई सारे फलों के भी पेड़ लगाए थे गार्डन में एक झूला भी था बैठने के लिए...!!

डॉली ने स्केट शुज पहने पर बैलेंस आज भी नहीं बन रहा था दादू ने देखा तो उसका हाथ पकड़ उसे स्केटिंग करवाने लगे... डॉली को भी स्केट करते हुए मजे आने लगे..

डॉली खुश होते हुए-दादू उस बन्दर से तो कुछ नहीं होता अच्छे से सिखाना भी नहीं आता...

दादी-अब बस भी करो कल के लिए भी छोड़ दो धीरे धीरे सीख जाओगी... अभी अंधेरा होने को आया है अब चलो पूजा पाठ का टाइम हो गया..!!

वो तीनो घर आ गए इस टाइम तक सभी घर आ जाते है

ऑफिस और फैक्टरी से...!!

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Re: प्यार का अहसास

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