मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम compleet

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jay
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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Post by jay »

amitraj39621 wrote:VEry nice....
please continue.. we r all waiting for your hot hotter hottest updates..
mini wrote:nice going
mini wrote:real life aise ho tooooooooo

friends sath banaaye rakho abhi bahut sa fun aaapka wait kar raha hai he he he he he he
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Post by jay »

मैं फटाफट एक छोटा स्टूल ले आया और सोफे के बगल फर्श पर रखा .. आइस क्रीम -बोवल उस के उपर ..और स्वेता की बगल बैठ गया ..हाथ में चम्मच लिए...

स्वेता बड़े हसरत भरी निगाहों से मेरी ओर देख रही थी .. और शायद सोच रही होगी कि कहाँ से शूरू होता है ..कहाँ होगी इस की जान ..मेरे मांसल शरीर के किस कोने में ...

मैं भी सोच रहा था कहाँ से शूरू करूँ ..

चम्मच बोवल में घूसाते हुए उसे अच्छी तरह भर लिया ..पूरा चम्मच भरा था आइस क्रीम से ...उठाया और स्वेता की ओर बढ़ाया ...

"ह्म्‍म्म.. स्वेता तैय्यार हो ना ..?? देखूं कहाँ है मेरी जान " ...और उसके पैर से सर तक अपनी पैनी नज़र घूमाई ..धीरे धीरे ..और उसके चेहरे पर आ कर मेरी नज़र रुक गयी ..." लगता अभी यहीं कहीं है .." फिर मैने उस के गाल सहलाए ...." हां हां बिल्कुल सही जागेह ..यहीं है मेरी जान अभी .." और आइस क्रीम उसके गाल पे डाल दी .."

स्वेता ठंड से सीहर उठी ... और शायद मज़े से भी ..." ऊऊओ ..ठंड लग रही है यार .. जल्दी करो ..हटाओ अपनी जान यहाँ से ... "

"हां बाबा हटता हूँ .. जस्ट वेट .." मैने चम्मच बोवल में रख दी ..मेरे दोनों हाथ फ्री थे ..मैने अपने हाथों से उसके भरे भरे , फूले फूले गालों को थाम लिया ..और अपनी जीभ लगा दी आइस क्रीम वाले गाल पर .. पहले सिर्फ़ आइस क्रीम की टिप पर ...थोड़ी सी आइस क्रीम चाटी ...आइस क्रीम धीरे धीरे पिघलता जा रहा था जीभ के टच से ..उसकी क्वांटिटी कम होती जा रही थी ..मैं मज़े ले ले कर चाट रहा था ..उसके चेहरे को अपने हाथों से थामें ... स्वेता मुस्कुरा रही थी ... और उसकी आँखों मे एक उत्सुकता थी ..आगे क्या होगा ..?? थोड़ी देर बाद आइस क्रीम पूरी ख़तम हो गयी ..पर उसके गाल में क्रीम लगा था ..मैं उसके चेहरे को और अपने करीब लाया और सतसट जीभ चलाया उसके फूले फूले गाल पर और अब उसके गाल पूरी तरह चीकने और सॉफ थे ... मज़ा आ गया ... मैं एक स्टेप आगे बढ़ गया ..और जीभ हटा कर वहाँ अपने होंठ रख दिए ..चूसना शूरू किया ....

स्वेता फ़ौरन चिल्ला उठी "" यह सरासर बे-इमानी है प्रीत ..शर्त में सिर्फ़ चाटना है चूसना नहीं ...चलो हटाओ अपने होंठ ..वरना खेल ख़तम ...""

"ओह सॉरी मॅ'म जी ..मैं ज़रा बहक गया था ..क्या करूँ तुम्हारे गाल हैं ही ऐसे ..ओके .. ह्म्‍म्म.. पर ये साली मेरी जान यहाँ से तो निकली ..पर गयी कहाँ ... ??"

मैने अपने कान लगाए उसकी गर्दन पे ...फिर उपर ले गया और उसके होंठ पर कान रखा .."हां ..हां मिला ..मिला ..अभी यहाँ है स्वेता ... "

"तो फिर जल्दी करो ना ..हटाओ उसे यहाँ से ...प्ल्ज़्ज़ .." उसकी आवाज़ भर्रायि थी . शायद अब स्वेता भी गेम के रोमांच में शामिल थी ..."जल्दी प्रीत .."

मैने फ़ौरन चम्मच भरा आइस-क्रीम से और उसके बंद होंठों पर खाली कर दी ...

आआआह क्या सीन था ..उसके गुलाबी होंठों पे क्रीम वाइट आइस क्रीम ..मैं फ़ौरन टूट पड़ा अपनी जीभ लिए ..सतसट चाटने लगा ..मेरी जीभ उसके होंठों की लंबाई नाप रही थी ...एक छोर से दूसरी छोर ... ऊऊओ ..भरे भरे होंठ और आइस क्रीम ..आआह दोनों का टेस्ट एक साथ ..मस्ती बढ़ती जा रही थी ... आइस क्रीम की परत ख़त्म हो गयी ..मैने क्रीम की पतली लेयर जीभ उसके होंठों से चीपकते हुए चाटने लगा ..स्वेता भी अब मस्ती में थी ..उसे अच्छा लग रहा था ..उस ने होंठ खोल दिए ... मैं अच्छी तरह चाट रहा था ..पूरा होंठ सूख गया ..... अब होंठ सॉफ था .. पर ये भोसड़ी की जान कहीं और चली गयी थी ...

स्वेता को भी अब मस्ती आ रही थी ..वो मुस्कुराए जा रही थी ...और उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि अब कहाँ ..???

अब मैने फ़ौरन उसके कंठ पे आइस क्रीम डाला ... और स्वेता की मस्ती कम हो इसके पहले ही चाटना शूरू कर दिया ... उसके गर्दन और कंठ ... स्वेता सीहर उठी .."अया ..ऊवू ... यार जल्दी चाटो ..निकालो अपनी जान ..मैं पागल हो रही हूँ ..प्ल्ज़्ज़ जल्दी करो ..." और वो इतनी मस्ती में आ गयी के उसने सोफे को अपनी मुट्ठी से भींच लिया .."आआआआआआआह ..अया ..."

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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Post by jay »

स्वेता लेटी थी ..अब उसकी टाँग बिल्कुल सीधी थीं ...थोड़ी सी फैली हुई ..आँखें बंद थीं मस्ती में ..मेरा लॉडा भी टॅन हो रहा था ...मैं उसके बिल्कुल करीब बैठा था ... लगभग चीपकते हुए ...मेरी जाँघ उसे टच कर रही थी ... उसका गला और कंठ सॉफ हो गया ...अब कहाँ की बारी ..??

मैने फ़ौरन आइस क्रीम उसकी चेस्ट पे डाला ... दोनों चूचियों के बीच ..और जीभ रखते हुए टूट पड़ा ... स्वेता चिहुनक उठी ..."ऊवू ..." आइस क्रीम की ठंडक और जीभ की गर्मी ..मैं चाटे जा रहा था उसकी गूदाज चूचियाँ ...स्वेता सिसकारियाँ ले रही थी ..मैं उस से और चीपक गया ...क्या मस्त चूचियाँ थी ... पूरी गोलाई में आइस क्रीम पिघल कर फैली थी ...चारों ओर जीभ दौड़ रही थी मेरी ..मैं भी मस्ती में था ...चाटे जा रहा था ..चाटे जा रहा था उसके चौड़े सीने को .. ऐसे भारी भारी और चौड़े सीने को चाटने की मस्ती ...मेरा लॉडा फॅन फ़ना रह था ...सडन्ली मुझे अपने सुपाडे पर कुछ गुदगुदी महसूस हुई ..स्वेता अपनी उंगलियों से वहाँ धीरे धीरे कुरेद रही थी ..."आह " भेन्चोद मस्ती मे... मैं सिसकार उठा ..

उसका सीना साफ था ... और दोनों एक अजीब सीहरन ..रोमांच और मस्ती में थे ..मैने अब बिना समय बर्बाद किए आइस क्रीम उसके निपल पे डाला ... स्वेता एक दम से चौंक पड़ी ... निपल्स में ठंढक के अहसास ने उसमें एक कंपकंपी पैदा कर दी .. मैं एक झटके में जीभ वहाँ रखा और सतसट चाटने लगा ...निपल की पूरी गोलाई नापते हुए .. निपल की टिप्स तक जीभ ले जाता ...आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उसके निपल्स एक दम कड़े थे ..जैसे कोई बच्चे की नूनी .... आआआआआआआआः ...ऊवू ..स्वेता कराह रही थे ..मस्ती में थी , उसकी उंगलियाँ अब मेरे लौडे को कुरेदने से आगे बढ़ चूकि थी ..वो उसे सहला रही थी ..उंगलियों से ..मैं भी सीहर उठा ..कांप उठा ... जब तक आइस क्रीम का चाटना ख़तम हुआ उसके निपल्स टाइट थे ..एक दम खड़े ..

""आआह प्रीत ..बस अब जल्दी करो ..प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़..जल्दी रूको मत ..जान निकालो अपनी वरना मेरी जान निकल जाएगी ..अया ..प्ल्ज़्ज़ जल्दी ..जल्दी ...'

मैने आइस क्रीम पेट में डाली ...स्वेता कराह उठी .....मैं चाटने लगा ..पेट ..भारी , मांसल ...सफेद ...अया पूरे पेट में मेरी जीभ चल रही थी ..लॅप लॅप लॅप .......उसकी पकड़ मेरे लौडे पर और टाइट हो रही थी ... अब वो सहलाने से आगे बढ़ चूकि थी ..दबा रही थी मेरे लौडे को ..धीरे धीरे ....मैं चाट रहा था उसके पेट .... मैने नीचे नज़रें दौड़ाई ,उसकी जांघों के बीच ,,उसकी चूत गीली थी ....आह्ह्ह्ह्ह्ह उसके रस की बूँदें चूत की फांकों से लगी चमक रही थी ..

अब मैने आइस क्रीम से उसकी नाभि का होल भर दिया .....स्वेता कांप रही थी ... जीभ मेरी अब तक आइस क्रीम की ठंडक से कुछ कड़ी हो गयी थी ... मैने जीभ को पूरा बाहर निकालते हुए पतली कर ली और उसके नाभि में घुसेड दिया ... जैसे नाभि चोद रहा हूँ ..."आआआआआआः ..मरी रे मरी रे..मैं मारीईईईईईई..' स्वेता चीत्कार उठी ...मैं उसकी नाभि के चारों ओर जीभ घूमा रहा था और चाटे जा रहा था ....आयार जीभ चोडन भी चालू था ...स्वेता के पेट में कनकंपी सी हो रही थी ..पेट के मसल्स थरथरा रहे थे ..... 'प्रीत ...हाआँ ....ऊऊऊहह ....क्या कर रहे हो .... उईईईईईईईईईईईईई ..."
इस बार की चटाई थोड़ी देर तक चली ..उसकी नाभि का छेद गहरा था ...और चौड़ा भी ...उसके अंदर जीभ चलाने का भी एक अलग ही मज़ा था ....जैसे छोटी चूत हो ... स्वेता की उंगलियों की हरकत अब तेज़ हो रही थी ..उसने अब पूरी मुट्ठी में मेरे लौडे को पकड़ रखा था ...दबाए जा रही थी ..जैसे अपनी मस्ती लौडे में डाल रही हो ......उसकी मस्ती के साथ साथ मेरे लौडे से खेलना भी बढ़ता जा रहा था और मेरी सीहरन भी ...'हाआआं स्वेता ....हाआआआआअन्न ..दबाओ ...दबाओ और जोरों से दबाओ ... आआआआआः " मैं भी तड़प उठा था ...' मेरे लौडा से भी लगातार पानी बह रहा था ..स्वेता की हथेली मेरे प्री कम से गीली थी और उसकी चूत उसके पानी से ...

"जल्दी करो ना ...हाईईईई ..हाईईईई ...रूको मत प्रीत ...... "

और मैने चम्मच अब उसकी नाभि और चूत के बीच वाली झन्टो की सपाट जगह में खाली कर दिया ..वहाँ एक भी झांट के बाल नही थे ...एक दम प्लेन और चिकना ..आइस क्रीम फिसल कर नीचे खीसकने लगी ..मैने फ़ौरन जीभ लगाई और फिसलना रोका और चाटना शूरू कर दिया ,,चूत की फाँक से जस्ट उपर से शूरू करता हुआ नाभि के नीचे तक जीभ पहूंची ..काफ़ी बड़ा एरिया था ...जीभ भी लंबी चौड़ी जगह की तेज़ रफ़्तार से सफाई कर रही थी ..साडॅप साडॅप ...जीभ उस चीकनी जगह पर फीसली जा रही थी ...अपने आप ... स्वेता के चूतड़ उछल पड़े थे ...लगातार उछले जा रहे थे , उसके जांघों में भी कंपन था .... मैने उसकी जंघें हाथों से जाकड़ रखी थी और उसके पेडू की चटाई कर रहा था //सतसट ..सतसट ..लॅप लॅप .....''प्रीईईईईईईईईट ..अब और नहीं ..आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैं मर जाऊंगी ,,,क्या हो रहा है ....कहाँ गयी तुम्हारी जान..अब जल्दी निकाल दो ..मेरी जान निकल रही है ...माआआआआआआआआआआआ ..निकाल दो प्रीत ..निकाल दो ..... जल्दी करूऊऊऊऊओ ...."
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