मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

810 ब

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे फ्रेश हो गयी.

फ्रेश होते ही मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे अपने असली रूप मे आ गयी.

रंडी से वापस हाउस वाइफ बन गयी.

उन दोनो की खुसबू सूंघ कर राजेश भी उठ गया.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे के पीछे पीछे हॉल मे आ गया.

और आते दोनो के गले लग गया.

मिसेज़ पंवार-क्या कर रहे ,हमने नहा लिया है.

राजेश-आपकी खुश्बू से पता चल गया

मिसेज़ दूबे-छोड़ो ,क्या कर रहे हो

राजेश-आप को छोड़ने का मन नही हो रहा.

मिसेज़ पंवार-रात भर इतना प्यार करने के बाद मन नही भरा

राजेश-आप से मन भर नही सकता.

मिसेज़ दूबे-कंट्रोल रखो ,

राजेश-वही तो नही रख पा रहा हूँ

मिसेज़ पंवार-रखना सीख लो ,वरना सब के लिए मुश्किल होगी.

राजेश-घर2के अंदर कैसी मुश्किल

मिसेज़ दूबे-हमे अब जाना है,

राजेश-इतनी क्या जल्दी है. आज रुक जाइए

मिसेज़ पंवार-रोज रोज रुकेंगे तो फस सकते है. मैं तो अभी भी फसि हूँ

राजेश-क्या हुआ

मिसेज़ पंवार-मेरा पति घर आ चुका होगा. उसे मैं क्या कहूँगी. कहाँ थी पूछा तो क्या बताउन्गी

राजेश-कुछ भी बहाना बोल देना

मिसेज़ पंवार ने अपनी बॅग से मोबाइल निकाला जिस मे 7 मिस्ड कॉल थे उसके पति के .

मिसेज़ पंवार-इतने सारे मिस्ड कॉल मैं तो गयी,

मिसेज़ दूबे-दिखा मुझे मोबाइल

मिसेज़ दूबे ने मोबाइल लिया और मिस्टर पंवार को कॉल किया.

मिसेज़ पंवार-ये क्या कर रही हो

मिसेज़ दूबे-चुप , हेलो मिस्टर पंवार

मिस्टर पंवार-कौन बोल रहा है. मेरी बीवी कहाँ है

मिसेज़ दूबे-मैं मिसेज़ दूबे बोल रही हूँ. आप की बीवी मेरे साथ.

मिस्टर पंवार-नमस्ते वो वहाँ क्या कर रही है.

मिसेज़ दूबे-जी वो मैं कल अपने घर पे अकेली थी तो आपकी बीवी को सोने के लिए बुला लिया. आज कल चोरिया ज़्यादा हो रही है इस लिए सोचा कि कोई साथ होगा तो अच्छा होता है.

मिस्टर पंवार-ये तो ठीक है पर वो अब तक आई क्यूँ नही.

मिसेज़ दूबे-वो आने वाली थी कि मैं ने रोक लिया. वो मुझे एक शादी मे जाना था तो आपकी बीवी को साथ मे ले चलूं,इसी बहाने उसका मन लगा रहेगा वरना घर मे अकेली रहती है. आपको बुरा तो नही लगा ना

मिस्टर पंवार-शाम तक मेरी बीवी नही आई तो बुरा लगेगा. आप शादी होते ही उसे भेज देना ,

मिसेज़ दूबे-भेज दूँगी.

और फोन कट हो गया.

मिसेज़ पंवार-ये क्या किया


मिसेज़ दूबे-तुम्हारी प्राब्लम सॉल्व हुई. अब तुम मेरे साथ शादी मे चलोगि

राजेश-शादी मे जाने की क्या ज़रूरत है. यही सुहागरात मनाते है

मिसेज़ पंवार-जाना होगा. वरना अगर मिस्टर दूबे को मेरे पति ने पूछ लिया तो.

राजेश-एक राउंड करके चली जाना

मिसेज़ डूबे-फिर कभी करेंगे ,अब तो पहचान हो गयी हमे तो मिलते रहना होगा.

राजेश-भैया

अवी-राजेश उनको जाना है. फिर कभी कर लेना. मिसेज़ दूबे यही सामने रहती है. मिसेज़ पंवार उसी लाइन मे लास्ट घर है उनका.

मिसेज़ पंवार-मेरे कपड़े तो पूरे कमरे मे बिखरे है

मिसेज़ दूबे-मेरे भी वैसे है.

अवी-तुम अपने कपड़े जमा करके पहन लो ,राजेश कॉंडम उठाना शुरू करो मेरे साथ पूरे घर मे फैला रखे है.

राजेश-जी भैया. वैसे पूरे इस्तेमाल कर लिए हमने

अवी-हाँ, एक छेद मे एक बार के लिए एक कॉंडम इस्तेमाल किया. रिया तुम बेडरूम के जमा करो

रिया बेडरूम मे चली गयी और हम हॉल को साफ करने लगे

मिसेज़ पंवार-मेरी पैंटी कहाँ

राजेश-बिना पैंटी की अच्छी लगती है आप

मिसेज़ दूबे-ये तो इधर पड़ी थी, अवी तुम्हारे सामने मेरी पैंटी है फेकना इधर

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे ने पैंटी पहन ली और अपने कपड़े ढूँढने लगी.

उनके पैंटी पहने से राजेश उदास हो गया.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे के बदन पर जैसे जैसे कपड़े चढ़ रहे थे वैसे वैसे राजेश उदास हो रहा था.

कपड़े पहनते ही दोनो हल्का सा मेकप करने लगी जो मिसेज़ पंवार की बॅग मे था.

हम ने पूरे कॉंडम जमा किए और प्लास्टिक मे डाल कर मिसेज़ दूबे को दिए

अवी-ये लीजिए

मिसेज़ दूबे-इसका मैं क्या करूँ

अवी-इसे देख कर हमे याद करिए या फिर जाते हुए डस्टबिन मे फेक देना

मिसेज़ पंवार-तुम्हे तो दिल मे रखूँगी इसको डस्टबिन मे फेकना ठीक रहेगा.

फिर मैं ने सबको नाश्ता दिया .राजेश को छोड़ कर राजेश का फ्रेश होना बाकी था.

सब ने फास्ट फास्ट मे नाश्ता किया

राजेश-इतनी जल्दी क्या है.एक राउंड तो कर लीजिए

मिसेज़ दूबे-ये ऐसे नही मानेगा

मिसेज़ दूबे और मिसेज़ पंवार ने राजेश को एक एक किस किया

मिसेज़ दूबे-अब खुश


राजेश-हाँ, फिर कब मिलेंगे

मिसेज़ पंवार-रोज रोज करेंगे तो मज़ा नही आएगा

मिसेज़ दूबे-आराम से मिलेंगे ,मैं सामने रहती हूँ. जब भी आओगे तो आवाज़ देना ,पर ध्यान से

राजेश-जल्दी मिलेंगे

मिसेज़ पंवार-मैं भी यही रहती हूँ. मुझे भूलना मत

राजेश-आपको कैसे भूल सकता हूँ

मिसेज़ दूबे-बाइ अवी, बाइ राजेश

मिसेज़ पंवार-बाइ

और मिसेज़ पंवार मिसेज़ दूबे के साथ चली .अब रह गयी रिया

अवी-रिया तुम्हे जाना नही है.

रिया-जाना तो था पर

अवी-पर क्या

रिया-मुझे 10 बजे सिलाई कोर्स को जाना था

अवी-अब तो 11 बज रहे है

रिया-अब तो ब्यूटी पार्लर कोर्स को जाना होगा 12 बजे

राजेश-रिया तुम भी जा रही हो

रिया-12 बजे जाउन्गी. 1 घंटा बाकी है

अवी-वैसे रिया तो गाओं मे रहेगी तू कभी भी मिल सकता है.

राजेश-ये तो मेरी गुलाम है

रिया-गुलाम ,मैं किसी की गुलाम नही हूँ.

अवी-तुम शर्त हार चुकी हो.

रिया-वो तो मज़ाक था ना

राजेश-अब पलटो मत

रिया-अवी

अवी-देखो रिया ,तुम गुलाम नही हो ,वो शर्त मज़ाक था. पर तुम राजेश केसाथ एंजाय तो कर ही सकती हो

रिया-तुम्हारा क्या

अवी-मैं भी रहूँगा ही. पर राजेश जब कहे कर लेना. इतना तो तुम करना होगा.

रिया-ठीक है. करेंगे कहाँ

अवी-गाओं मे जैसे हम करते थे वैसे. तबेले मे तुम्हारे माँ के खेत मे जाने के बाद

रिया-मेरे कोर्स रहते है

अवी-कितने बजे तक रहते है

रिया-2 बजे तक

अवी-तो बस आने तक बस स्टॉप पे रहने की जगह यहाँ आकर एंजाय करना

राजेश-मैं तुम्हे गाओं ड्रॉप करूँगा

अवी-ऐसा मत करना. तुम को किसी ने एक बाइक पर देखा तो गड़बड़ हो जाएगी,

राजेश-मैं गाओं के पास छोड़ने की बात कर रहा हूँ

अवी-वहाँ से तो पैदल जाना होगा ना ,रिया के लिए बस ठीक है.

रिया-मैं बस से जा सकती हूँ. अब चलो मेरे पास 1 घंटा बाकी है. और हाँ आराम से करना

अवी-तेल लगा लेना .

रिया-तुम नही करोगे

अवी-तुम 2 लंड लेने तक ठीक नही हुई हो .

रिया-चलो राजेश

राजेश रिया को लेकर बेडरूम मे चला गया और मैं स्नॅक्स लाने बाहर चला गया.
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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by shubhs »

बिलकुल
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
mini

Re: मैं और मेरा परिवार

Post by mini »

mast mast ja rhe ho..........sabse lambi story banegi
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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by shubhs »

किधर हो
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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