DEEWANGI (INCEST) दीवानगी compleet
- jay
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Re: DEEWANGI (INCEST) दीवानगी
thnx mini
mini wrote:going right,mast niklegi story
mini wrote:pls continew
Read my other stories
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
- jay
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Re: DEEWANGI (INCEST) दीवानगी
शाम को 7 बजे मोम कहने लगी..
सुजाता : रवि चल ज़रा मुझे मंदिर तक ले चल
रवि : चलो मोम, मैं मोम को लेकर चल दिया मोम ने ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी और लो कट ब्लॉज उनकी बगल
के बड़े बड़े बाल जब मुझे नज़र आए तो मेरे लंड मे अकड़न सी होने लगी, उपर से उनका मस्त उभरा हुआ नंगा
पेट गहरी नाभि मोटे मोटे जालीदार चोली मे कसे दूध और जब वह मेरी बाइक पर बैठी तो उनके भारी चुतडो
का गुदाज एहसास मुझे मस्त कर गया, मैने बाइक चलाने से पहले अपने लंड को अड्जस्ट कर लिया जिससे लंड का टोपा
ओपन हो गया और लंड और भी ताव मे आ गया
रवि : मोम तुम्हे बाइक पर बैठा कर बड़ा संभाल कर चलना पड़ता है
सुजाता : मेरी पीठ पर मारते हुए मुस्कुरा कर, नालयक अपनी मोम को मोटी कह रहा है, मेरा फिगर तो बच्चे
पैदा करने के बाद भी सुडोल है वो तो मेरी कमर थोड़ी मोटी हो गई है
रवि : अरे मोम आपकी कमर तो पतली ही है वो तो आपके....
सुजाता : पीछे से मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए बदमाश कही का, मैं जानती हू मेरे चुतडो का साइज़ बहुत बढ़
गया है इसीलिए मैं बेडोल लगती हू
रवि : नही मोम औरतो का तो शरीर ऐसे ही अच्छा लगता है
सुजाता : मुस्कुराते हुए तुझे बड़ी जानकारी हो गई है औरतो के शरीर के बारे मे
रवि : मोम एक बात कहु
सुजाता : क्या
रवि : मोम आप जीन्स पहना करो आप पर बहुत अच्छा लगेगा
सुजाता : अरे पगले अब इस उमर मे मुझ पर जीन्स कहाँ से अच्छा लगेगा और तो और जीन्स मे तो मेरा बदन और
उभर कर सामने आ जाएगा और मैं और भी मोटी लगुगी
रवि : अरे नही मोम आपको पता नही है जब जीन्स मे आपका बदन और उभर कर आएगा तो आप सच मे बहुत
मस्त लगेगी
सुजाता : लगता है तू मेरी उमर की जीन्स वाली औरतो को बहुत देखता है, तेरी उमर तो लड़कियो को देखने की है
और तू औरतो को देखता है
रवि : नही मोम दरअसल मैने अपने दोस्त अंकुर की मोम को टाइट जीन्स मे देखा है और वह जीन्स मे बड़ी मस्त
नज़र आती है वह तो हमेशा जीन्स पहनती है और तो और तुम दीदी को ही देख लो जीन्स मे कितनी फिट लगती है
सुजाता : अरे बेटे तू कहाँ मेरी तुलना रिया से कर रहा है उसकी जंघे और चूतड़ अभी इतने भारी नही हुए है
इसलिए उस पर जीन्स अच्छी लगती है, मेरी मोटी मोटी जंघे और इतने बड़े बड़े भारी भरकम चूतड़ क्या जीन्स
मे समाएगे
रवि : मुस्कुराते हुए, क्यो आपकी जंघे क्या दीदी की जाँघो से भी ज़्यादा मोटी है
सुजाता : मंद मंद मुस्कुराते हुए रवि तू बहुत बदमाश हो गया है, क्या तू नही जानता कि मेरी जंघे और चूतड़
तेरी दीदी से कितनी मोटी है
रवि : मैं कैसे जानुगा मोम क्या तुमने मुझे कभी दिखाई है
मोम मेरी पीठ पर चुटकी काटते हुए, रवि तू बहुत बिगड़ गया है अब क्या अपनी मोम की जंघे और चूतड़ देखना
चाहता है
रवि : नही मोम मेरा मतलब है की मैने जब देखा ही नही तो मैं कैसे कह सकता हू कि दीदी की जंघे ज़्यादा
मोटी है या आपकी
सुजाता : मुस्कुराते हुए, अब ज़्यादा बनने की कोशिश ना कर, अगर मैने तुझे असली बात कह दी तो तुझसे बोलते
ना बनेगा यह जो इतना पाटर पाटर कर रहा है एक दम चुप हो जाएगा,
रवि : मैं कुछ समझा नही मोम आप क्या कहना चाहती है
सुजाता : अच्छा तूने रिया की जंघे और चूतड़ नही देखे, जब कि मैने तो तुझे कई बार उसकी मोटी जाँघो और
चुतडो को घूरते हुए देखा है
मोम से मुझे इस बात की उम्मीद नही थी और मैं इस प्रकार हड़बड़ा गया जैसे किसी ने मुझे चोरी करते पकड़
लिया हो, यह सच था कि घर पर मे रिया दी की गान्ड और जंघे आज दिन भर से देख रहा था जब भी रिया
दी सोफे से उठ कर अपनी जीन्स फसाए इधर से उधर जाती मैं बेखौफ़ उनके भारी चुतडो और जाँघो को भरपूर
मज़े ले कर देख रहा था लेकिन मैने यह गौर नही किया कि मोम भी मेरी नज़रो को ताड़ रही है
सुजाता : अब क्या हुआ बोलती क्यो बंद हो गई, भला कोई भाई अपनी बहन को ऐसी नज़रो से देखता है जिस तरह आज
तू रिया को देख रहा था,
रवि : वो मोम आपको ऐसा लगा होगा मैं तो नॉर्मल ही देख रहा था
सुजाता : बेटे और किसी को चलाना तेरी मा हू तेरे जैसे जाने कितने छोकरे चला चुकी हू, क्या मैं तेरी नज़रो को नही समझती हू
सुजाता : रवि चल ज़रा मुझे मंदिर तक ले चल
रवि : चलो मोम, मैं मोम को लेकर चल दिया मोम ने ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी और लो कट ब्लॉज उनकी बगल
के बड़े बड़े बाल जब मुझे नज़र आए तो मेरे लंड मे अकड़न सी होने लगी, उपर से उनका मस्त उभरा हुआ नंगा
पेट गहरी नाभि मोटे मोटे जालीदार चोली मे कसे दूध और जब वह मेरी बाइक पर बैठी तो उनके भारी चुतडो
का गुदाज एहसास मुझे मस्त कर गया, मैने बाइक चलाने से पहले अपने लंड को अड्जस्ट कर लिया जिससे लंड का टोपा
ओपन हो गया और लंड और भी ताव मे आ गया
रवि : मोम तुम्हे बाइक पर बैठा कर बड़ा संभाल कर चलना पड़ता है
सुजाता : मेरी पीठ पर मारते हुए मुस्कुरा कर, नालयक अपनी मोम को मोटी कह रहा है, मेरा फिगर तो बच्चे
पैदा करने के बाद भी सुडोल है वो तो मेरी कमर थोड़ी मोटी हो गई है
रवि : अरे मोम आपकी कमर तो पतली ही है वो तो आपके....
सुजाता : पीछे से मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए बदमाश कही का, मैं जानती हू मेरे चुतडो का साइज़ बहुत बढ़
गया है इसीलिए मैं बेडोल लगती हू
रवि : नही मोम औरतो का तो शरीर ऐसे ही अच्छा लगता है
सुजाता : मुस्कुराते हुए तुझे बड़ी जानकारी हो गई है औरतो के शरीर के बारे मे
रवि : मोम एक बात कहु
सुजाता : क्या
रवि : मोम आप जीन्स पहना करो आप पर बहुत अच्छा लगेगा
सुजाता : अरे पगले अब इस उमर मे मुझ पर जीन्स कहाँ से अच्छा लगेगा और तो और जीन्स मे तो मेरा बदन और
उभर कर सामने आ जाएगा और मैं और भी मोटी लगुगी
रवि : अरे नही मोम आपको पता नही है जब जीन्स मे आपका बदन और उभर कर आएगा तो आप सच मे बहुत
मस्त लगेगी
सुजाता : लगता है तू मेरी उमर की जीन्स वाली औरतो को बहुत देखता है, तेरी उमर तो लड़कियो को देखने की है
और तू औरतो को देखता है
रवि : नही मोम दरअसल मैने अपने दोस्त अंकुर की मोम को टाइट जीन्स मे देखा है और वह जीन्स मे बड़ी मस्त
नज़र आती है वह तो हमेशा जीन्स पहनती है और तो और तुम दीदी को ही देख लो जीन्स मे कितनी फिट लगती है
सुजाता : अरे बेटे तू कहाँ मेरी तुलना रिया से कर रहा है उसकी जंघे और चूतड़ अभी इतने भारी नही हुए है
इसलिए उस पर जीन्स अच्छी लगती है, मेरी मोटी मोटी जंघे और इतने बड़े बड़े भारी भरकम चूतड़ क्या जीन्स
मे समाएगे
रवि : मुस्कुराते हुए, क्यो आपकी जंघे क्या दीदी की जाँघो से भी ज़्यादा मोटी है
सुजाता : मंद मंद मुस्कुराते हुए रवि तू बहुत बदमाश हो गया है, क्या तू नही जानता कि मेरी जंघे और चूतड़
तेरी दीदी से कितनी मोटी है
रवि : मैं कैसे जानुगा मोम क्या तुमने मुझे कभी दिखाई है
मोम मेरी पीठ पर चुटकी काटते हुए, रवि तू बहुत बिगड़ गया है अब क्या अपनी मोम की जंघे और चूतड़ देखना
चाहता है
रवि : नही मोम मेरा मतलब है की मैने जब देखा ही नही तो मैं कैसे कह सकता हू कि दीदी की जंघे ज़्यादा
मोटी है या आपकी
सुजाता : मुस्कुराते हुए, अब ज़्यादा बनने की कोशिश ना कर, अगर मैने तुझे असली बात कह दी तो तुझसे बोलते
ना बनेगा यह जो इतना पाटर पाटर कर रहा है एक दम चुप हो जाएगा,
रवि : मैं कुछ समझा नही मोम आप क्या कहना चाहती है
सुजाता : अच्छा तूने रिया की जंघे और चूतड़ नही देखे, जब कि मैने तो तुझे कई बार उसकी मोटी जाँघो और
चुतडो को घूरते हुए देखा है
मोम से मुझे इस बात की उम्मीद नही थी और मैं इस प्रकार हड़बड़ा गया जैसे किसी ने मुझे चोरी करते पकड़
लिया हो, यह सच था कि घर पर मे रिया दी की गान्ड और जंघे आज दिन भर से देख रहा था जब भी रिया
दी सोफे से उठ कर अपनी जीन्स फसाए इधर से उधर जाती मैं बेखौफ़ उनके भारी चुतडो और जाँघो को भरपूर
मज़े ले कर देख रहा था लेकिन मैने यह गौर नही किया कि मोम भी मेरी नज़रो को ताड़ रही है
सुजाता : अब क्या हुआ बोलती क्यो बंद हो गई, भला कोई भाई अपनी बहन को ऐसी नज़रो से देखता है जिस तरह आज
तू रिया को देख रहा था,
रवि : वो मोम आपको ऐसा लगा होगा मैं तो नॉर्मल ही देख रहा था
सुजाता : बेटे और किसी को चलाना तेरी मा हू तेरे जैसे जाने कितने छोकरे चला चुकी हू, क्या मैं तेरी नज़रो को नही समझती हू
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: DEEWANGI (INCEST) दीवानगी
मोम की बातों ने मेरा लंड तो खड़ा कर ही दिया था साथ ही उनकी बातो की तेज रफ़्तार से मेरी बाइक की रफ़्तार मंद पड़ गई थी हाँ यह अच्छा था कि यह सब बाते उन्होने फेस टू फेस नही की वरना मैं शर्म से पानी हो जाता
सुजाता : अब कुछ बोलता क्यो नही, मुझे तो लगता है तू मेरे चुतडो को भी ऐसी ही नज़रो से देखता होगा
रवि : नही मोम ऐसा नही है,
सुजाता : ऐसा हो ही नही सकता जब तू अपनी दीदी की मोटी जाँघो और फैले हुए चुतडो को इस कदर खा जाने वाली नज़रो से देखता है तो मेरे चूतड़ और जंघे तो और भी मोटी है तू ज़रूर मुझे भी ऐसी नज़रो से देखता होगा
रवि : नही मोम ऐसा नही है
सुजाता : अगर ऐसा नही है तो फिर मुझे जीन्स पहनने की सलाह क्यो दे रहा था, यही सोच रहा था ना कि मोम जब जीन्स पहनेगी तो उनके भारी चूतड़ तो और भी खुल कर तेरे सामने आ जाएगे और तू अपनी मोम के बड़े बड़े उभरे हुए चुतडो को देख पाएगा
रवि : क्या मोम तुम भी ना
सुजाता : बेटे मैने इतनी उमर ऐसे ही नही गुज़ार दी, मैं सब समझती हू तुम आज कल के लड़को को
मोम से बाते करते हुए मंदिर आ गया और मोम उतार के मंदिर की सीढ़िया चढ़ कर जाने लगी, मोम के बलखाते भारी भरकम चुतडो की थिरकन देख कर मेरा लंड पूरी औकात मे खड़ा हो गया और मैं उसे मसले बिना ना रह सका, मैं मोम की गुदाज मोटी गान्ड को खा जाने वाली नज़रो से देख कर अपने लंड को पेंट के उपर से मसल रहा था तभी मोम ने सीढ़िया चढ़ते हुए मुझे पलट कर अपने मटकते भारी चुतडो को घूरते हुए और अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया, मेरी नज़रे उनसे मिली तो मेरी साँसे रुक सी गई पर अचानक मोम ने एक कातिल मुश्कान मेरी और मारी और वापस मूह आगे करके सीढ़िया चढ़ने लगी तो मेरी भी कलिया खिल गई और मेरी जान मे जान आई, मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे मोम ने मुझे अपनी मोटी गान्ड को जी भर के देखने का सिग्नल दे दिया हो फिर तो मैं मोम की मोटी थिरकति गान्ड को तब तक देखता रहा जब तक कि वह मंदिर के अंदर नही चली गई, मैं बाहर ठंडी हवा लेता हुआ उनके आने का वेट करते हुए सोचने लगा कि यदि मोम की ये मदमस्त जवानी चोदने को मिल जाए तो मैं तो मोम को सारी रात नंगी लिए ही पड़ा रहूँगा, मोम अक्सर लड़कियो की बाते मुझसे खुल कर करती रहती थी वह नेचर मे भी काफ़ी बोल्ड स्वाभाव की है पर आज उन्होने कुछ ज़्यादा ही ओपन बाते की हालाकी ग़लती उनकी नही थी उन्होने मुझे दीदी के चुतडो और मोटी जाँघो को घूरते हुए देखा था और मैं सचमुच दीदी की मोटी गान्ड को चोदने की नज़र से ही देख रहा था, मेरा लंड कभी दीदी को चोदने की कल्पना से झटके दे रहा था और कभी अपनी हेवी मोम की मोटी गान्ड मारने की कल्पना मे झटके खा रहा था, मैं तो बस इसी धुन मे था कि क्या मैं अपनी दीदी और मोम को चोद पाउन्गा, आज का दिन बड़ा अच्छा था दीदी ने भी मुझे फ्रेंड बना लिया था और मोम भी मस्ती से भरी हुई बाते कर रही थी, मैं वही उनका वेट कर रहा था और फिर थोड़ी देर बाद वह आती हुई नज़र आई और मुझे प्रसाद देते हुए कहने लगी
सुजाता : तू यही क्यो खड़ा रह गया अंदर क्यो नही आया
रवि : मोम मन नही हुआ इसलिए
सुजाता : मुस्कुराते हुए जानती हू आज कल तेरा मन कही और लग रहा है, चल अब बाइक स्टार्ट कर,
मैने बाइक स्टार्ट की और मोम अपने भारी चुतडो के साथ बाइक पर मुझसे बिल्कुल सॅट कर बैठ गई, उनके तरबूज जैसे दूध मेरी पीठ से कस कर दबे जा रहे थे जिसका मदमस्त एहसास मुझे पागल कर रहा था,
रवि : मोम भगवान से क्या माँगा
सुजाता : मंद मंद मुस्कुराते हुए, यही कि तू जो भी चाहता है तुझे मिल जाए
रवि : मोम क्या तुम्हारे इस तरह माँगने से मैं जो चाहता हू वह मुझे मिल जाएगा
सुजाता : मुस्कुराते हुए, अगर तू सचमुच दिल से चाहता है तो तुझे ज़रूर मिल जाएगा
मैने अपने मन मे सोचा कि मोम मैं तो तुम्हे और दीदी को पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदना चाहता हू,
सुजाता : क्या सोचने लगा
रवि : उसी के बारे मे मोम जो मैं चाहता हू
सुजाता : मैं जानती हू तू क्या चाहता है
रवि : अच्छा तो बताओ मैं क्या चाहता हू
सुजाता : तू चलता रह मैं बताती हू तू क्या चाहता है,
सुजाता : अब कुछ बोलता क्यो नही, मुझे तो लगता है तू मेरे चुतडो को भी ऐसी ही नज़रो से देखता होगा
रवि : नही मोम ऐसा नही है,
सुजाता : ऐसा हो ही नही सकता जब तू अपनी दीदी की मोटी जाँघो और फैले हुए चुतडो को इस कदर खा जाने वाली नज़रो से देखता है तो मेरे चूतड़ और जंघे तो और भी मोटी है तू ज़रूर मुझे भी ऐसी नज़रो से देखता होगा
रवि : नही मोम ऐसा नही है
सुजाता : अगर ऐसा नही है तो फिर मुझे जीन्स पहनने की सलाह क्यो दे रहा था, यही सोच रहा था ना कि मोम जब जीन्स पहनेगी तो उनके भारी चूतड़ तो और भी खुल कर तेरे सामने आ जाएगे और तू अपनी मोम के बड़े बड़े उभरे हुए चुतडो को देख पाएगा
रवि : क्या मोम तुम भी ना
सुजाता : बेटे मैने इतनी उमर ऐसे ही नही गुज़ार दी, मैं सब समझती हू तुम आज कल के लड़को को
मोम से बाते करते हुए मंदिर आ गया और मोम उतार के मंदिर की सीढ़िया चढ़ कर जाने लगी, मोम के बलखाते भारी भरकम चुतडो की थिरकन देख कर मेरा लंड पूरी औकात मे खड़ा हो गया और मैं उसे मसले बिना ना रह सका, मैं मोम की गुदाज मोटी गान्ड को खा जाने वाली नज़रो से देख कर अपने लंड को पेंट के उपर से मसल रहा था तभी मोम ने सीढ़िया चढ़ते हुए मुझे पलट कर अपने मटकते भारी चुतडो को घूरते हुए और अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया, मेरी नज़रे उनसे मिली तो मेरी साँसे रुक सी गई पर अचानक मोम ने एक कातिल मुश्कान मेरी और मारी और वापस मूह आगे करके सीढ़िया चढ़ने लगी तो मेरी भी कलिया खिल गई और मेरी जान मे जान आई, मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे मोम ने मुझे अपनी मोटी गान्ड को जी भर के देखने का सिग्नल दे दिया हो फिर तो मैं मोम की मोटी थिरकति गान्ड को तब तक देखता रहा जब तक कि वह मंदिर के अंदर नही चली गई, मैं बाहर ठंडी हवा लेता हुआ उनके आने का वेट करते हुए सोचने लगा कि यदि मोम की ये मदमस्त जवानी चोदने को मिल जाए तो मैं तो मोम को सारी रात नंगी लिए ही पड़ा रहूँगा, मोम अक्सर लड़कियो की बाते मुझसे खुल कर करती रहती थी वह नेचर मे भी काफ़ी बोल्ड स्वाभाव की है पर आज उन्होने कुछ ज़्यादा ही ओपन बाते की हालाकी ग़लती उनकी नही थी उन्होने मुझे दीदी के चुतडो और मोटी जाँघो को घूरते हुए देखा था और मैं सचमुच दीदी की मोटी गान्ड को चोदने की नज़र से ही देख रहा था, मेरा लंड कभी दीदी को चोदने की कल्पना से झटके दे रहा था और कभी अपनी हेवी मोम की मोटी गान्ड मारने की कल्पना मे झटके खा रहा था, मैं तो बस इसी धुन मे था कि क्या मैं अपनी दीदी और मोम को चोद पाउन्गा, आज का दिन बड़ा अच्छा था दीदी ने भी मुझे फ्रेंड बना लिया था और मोम भी मस्ती से भरी हुई बाते कर रही थी, मैं वही उनका वेट कर रहा था और फिर थोड़ी देर बाद वह आती हुई नज़र आई और मुझे प्रसाद देते हुए कहने लगी
सुजाता : तू यही क्यो खड़ा रह गया अंदर क्यो नही आया
रवि : मोम मन नही हुआ इसलिए
सुजाता : मुस्कुराते हुए जानती हू आज कल तेरा मन कही और लग रहा है, चल अब बाइक स्टार्ट कर,
मैने बाइक स्टार्ट की और मोम अपने भारी चुतडो के साथ बाइक पर मुझसे बिल्कुल सॅट कर बैठ गई, उनके तरबूज जैसे दूध मेरी पीठ से कस कर दबे जा रहे थे जिसका मदमस्त एहसास मुझे पागल कर रहा था,
रवि : मोम भगवान से क्या माँगा
सुजाता : मंद मंद मुस्कुराते हुए, यही कि तू जो भी चाहता है तुझे मिल जाए
रवि : मोम क्या तुम्हारे इस तरह माँगने से मैं जो चाहता हू वह मुझे मिल जाएगा
सुजाता : मुस्कुराते हुए, अगर तू सचमुच दिल से चाहता है तो तुझे ज़रूर मिल जाएगा
मैने अपने मन मे सोचा कि मोम मैं तो तुम्हे और दीदी को पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदना चाहता हू,
सुजाता : क्या सोचने लगा
रवि : उसी के बारे मे मोम जो मैं चाहता हू
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रवि : अच्छा तो बताओ मैं क्या चाहता हू
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)