बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

student wrote:nice update sir g lagta j h agla nmbre mahak ka hi lagega

thanks bhai ji
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

अगले कुछ दिनों में सब सगाई की तय्यारी में व्यस्त रहे। शिवा और मालिनी प्यारी प्यारी बातें करते रहते। उधर राजीव सरला से गंदी बातें करता रहता। रानी की चुदाई चालू थी और आख़िर एक दिन रानी बोली: साहब , एक महीने से ऊपर हो गया है मेरे पिरीयड को आए हुए।

राजीव: ओह बढ़िया, चलो मैं अभी मेडिकल स्टोर से प्रेग्नन्सी टेस्टिंग की किट लेकर आता हूँ। यह कहकर वो किट लेने गया और लेकर वापस आया। वो रानी को समझाने की कोशिश किया कि उसको कैसे उपयोग करना है, पर रानी परेशान होकर बोली: मुझे समझ नहीं आ रहा है।

राजीव: अच्छा चलो बाथरूम में चलते हैं। वहाँ पहुँचकर वह उसको सलवार और पैंटी खोलने को बोला। वह दोनों खोल दी और कमर के नीचे नंगी हो गयी। अब वह उसको नीचे बैठ कर मूतने को बोला और किट की स्ट्रिप हाथ में ले लिया और उसके सामने ख़ुद भी बैठ गया ।वह सी सी की आवाज़ के साथ मूतने लगी और राजीव ने स्ट्रिप को उसके पिशाब की धार के सामने रखा। अब राजीव ने देखा कि स्ट्रिप गीली हो गयी है और उसका हाथ भी पेशाब से गीला हो चुका था। उसने खड़ा होकर स्ट्रिप को ध्यान से देखा। थोड़ी ही देर में स्ट्रिप ने रंग बदला और राजीव मुस्कुरा उठा। अब वह अपना हाथ धोया और कमर से नीचे नंगी खड़ी रानी को गोद में उठाकर चूमने लगा।

फिर वह उसे बिस्तर पर लिटाया और बोला: रानी तू प्रेगनेनेट हो गयी मेरी जान। यह कहकर वह उसे बेतहाशा चूमने लगा।

रानी भी ख़ुशी के मारे उससे लिपट गयी और उसको चूमते हुए बोली: साहब, आपने अपना वादा निभा दिया और मुझे एक महीने ही में गर्भ से कर दिया। मैं ये आपका अहसान कभी नहीं भूल पाऊँगी। अब रानी उठी और उसका पजामा खोल दिया और चड्डी नीचे करके उसके नरम सोए हुए लौड़े पर चुंबनों की बरसात कर दी। फिर नीचे जाकर उसके बड़े बॉल्ज़ को भी चूमे जा रही थी। फिर वह बोली: सच में मेरा तो जीवन ही आपने बचा लिया। अब वह मेरी कुतिया सास मुझे ताना नहीं दे सकेगी। मेरा पति भी बहुत ख़ुश होगा। यह कहकर वह फिर लौड़े और बॉल्ज़ को चूमने लगी।

राजीव उसे खींच कर अपने गले से लगा लिया और बिस्तर से उठके अपना पजामा पहना और फिर किचन से मिठाई लाया और रानी को अपनी गोद में बिठाकर खिलाया और ख़ुद भी खाया। थोड़ी देर तक उसने रानी को चूमा और प्यार किया । फिर वह उठकर तिजोरी खोला और उसमें से सोने की एक चेन निकाल कर रानी को अपनी गोद में बिठाकर उसके गले में पहना दिया और बोला: रानी, मेरी तरफ़ से गर्भ वति होने की बधाई और उपहार।

रानी की आँख में आँसू आ गए , वह बोली: माँ भी बनाया और उपहार भी दे दिया। आप कितने अच्छें हैं।

राजीव उसकी चूचि दबाकर बोला: देखो वैसे मैं हूँ तो कमीना पर इन बातों में मेरा विश्वास है कि बच्चा तो भगवान की मर्ज़ी से ही होता है। और सच में आज मैं बहुत ख़ुश हूँ।

उस दिन रानी बड़े देर तक चुदवाइ और उसके जाने के बाद राजीव सोचने लगा कि अभी भी इस उम्र में मर्दानगी है मुझमें। और वो मुस्कुरा उठा और अपने लौड़े पर हाथ फेर कर अपनी ख़ुशी को महसूस करने लगा।

सगाई के एक दिन पहले सरला का फ़ोन आया : कैसे है आप?

राजीव: बस तुम्हारे ख़यालों में गुम हूँ।

सरला: यहाँ मेरी जान निकले जा रही है और आप हैं कि बस मस्ती कर रहे हैं।

राजीव: अरे मुझे बताओ ना क्या समस्या है।

सरला: बस सहमी हुई हूँ कि सब कुछ ठीक से हो जाए।

राजीव: अरे घर की ही बात है, अगर कुछ गड़बड़ हो भी गयी तो तुम सब तो अपने ही हो। चिंता छोड़ो।

सरला: यह कह कर आपने मेरा बोझ कम कर दिया ।

राजीव: तो कल तुम सब कितने बजे आ जाओगे?

सरला: हम सब दो कार से करीब ६ बजे शाम को होटेल रॉयल में पहुँचेंगे। आप वहाँ कितने बजे पहूँचोगे?

राजीव: हम लोग एक घंटे पहले पहुँच कर पूरा इंतज़ाम चेक कर लेंगे। हमारे तरफ़ से हमने क़रीब १० परिवारों को बुलाया है। और तुम लोग भी क़रीब १० लोग होगे तो एक अच्छा सा पारिवारिक महोल में सगाई की रस्म हो जाएगी।

सरला: ठीक है बस सब कुछ बढ़िया से हो जाए।

राजीव: सब बढ़िया ही होगा। मैंने दो कमरे भी होटेल में बुक किए हैं। एक में दारू पार्टी होगी, सगाई के बाद और दूसरा कमरे में मैं और तुम मस्ती करेंगे।

सरला: आप भी ना, मस्ती फिर कभी कर लीजिएगा। बस सगाई अच्छी तरह से हो जाए। और हाँ आपने वो सेट जो पोलिश करके भिजवाया था मालिनी को बहुत पसंद आया है।

राजीव: अरे अब सब कुछ तो बच्चों का ही है। चलो कल मिलते है। बहुत दिन हो गए तुमको देखे हुए।

राजीव ने फ़ोन काटकर श्याम को लगाया। वो बोला: हाय श्याम क्या हाल है? उसने उसे भाई सांब बोलना बन्द कर दिया था।

श्याम: बढ़िया है , बस सगाई की तय्यारी में लगे हैं।

राजीव: यार मैंने कल दारू और सरला की चुदाई का भी इंतज़ाम किया है। ठीक है ना?

सरला: दारू तो सही है, पर सबकी मौजूदगी में चुदाई कैसे करोगे?

राजीव: मैंने प्लान बनाया है। मिलने पर बताऊँगा।

अगले दिन सगाई थी। राजीव ने सारा समान सूट्केस में पैक किया और शिवा और रानी को लेकर होटेल पहुँचा। वहाँ होटेल वालों ने सभी तय्यारियाँ पूरी कर रखीं थीं। वह रानी को सामान का ध्यान रखने को बोलकर बाक़ी का इंतज़ाम चेक करने लगा और पंडित को भी फ़ोन कर दिया।

ठीक समय पर श्याम , सरला, मालिनी , उसका भाई और श्याम की बीवी और दो बच्चे जो की नौकरी करते थे वहाँ पहुँच गए। सब एक दूसरे से मिले। फिर शिवा के दोस्त और उनके पारिवारिक मित्र भी आ गए। राजीव सरला से मिला और उसे बधाई दिया। आज वह गुलाबी रंग की एक बहुत सुंदर साड़ी में थी जो कि उसकी दुकान से ही ली थी। उसने कान में वो ear rings भी पहने थे ज़ो राजीव ने उसे उपहार में दिए थे। मालिनी भी बहुत सुंदर लग रही थी और उसने भी राजीव के दिए हुए ज़ेवर ही पहने थे और साड़ी भी शिवा की भेंट की हुई पहनी थी।

राजीव ने ध्यान दिया कि सच में आज दोनों माँ बेटी बहुत सुंदर लग रहीं थीं।

वो श्याम से बोला: यार आज सरला तो मस्त दिख रही है।

श्याम: सगाई पर ध्यान दो भाई मेरे।

राजीव: जब इतनी सुंदर चीज़ हो तो साला ध्यान तो भटकेगा ही ना? देखो क्या मस्त पिछवाड़ा है साला मेरा तो खड़ा होने लगा है।

श्याम: चलो अभी सगाई पूरी करते हैं। ये सब बाद में देखेंगे।

राजीव: ठीक है यार यही सही।

सगाई की रीति चालू हुई। पंडित ने मंत्र पढ़े और छोटा सा हवन हुआ। फिर शिवा और मालिनी ने एक दूसरे को अँगूठी पहनाई। सबने तालियाँ बजाईं और अब वो दोनों सबसे आशीर्वाद लेने लगे। राजीव के जब वो दोनों पैर छुए तो उसने उन दोनों की पीठ पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। तभी राजीव का हाथ मालिनी की ब्रा के स्ट्रैप पर पड़ा और वह सोचा कि ३४ की ब्रा है। फिर जब मालिनी उठने लगी तो वह झाँककर अन्दाज़ लगाने की कोशिश किया कि दूध सच में ३४ साइज़ के हैं क्या। और उसको साड़ी के साइड से उसके ब्लाउस में कसे दूध दिखे और वो सरला की बात से सहमत हो गया कि साइज़ तो वही है। पर क्या बिना चुदवाए उसके इतने बड़े हो गए हैं? फिर उसने अपने सिर को झटका दिया और सबको बधाइयाँ देने लगा। चाय नाश्ता के बाद सब मेहमान चले गए ख़ाली शिवा का एक दोस्त और उसकी बहन वहाँ रह गए। राजीव ने रानी को भी मिठाई और कुछ पैसा दिया और ऑटो से घर जाने को कह दिया।

अब राजीव ने सबको एक सुईट में आने को बोला। वहाँ होटेल के कमरे में कुर्सियाँ और सोफ़े लगे थे। वहाँ बग़ल के कमरे से खाने और पीने का इंतज़ाम किया हुआ था। सब लोग बैठ गए । श्याम और सरला का परिवार और राजीव और शिवा का दोस्त और उसकी बहन ही थे।

वेटर्ज़ ने सबको ड्रिंक्स दिया। किसी ने कोल्ड ड्रिंक लिया और किसी ने वाइन और किसी ने विस्की। श्याम और राजीव विस्की लिए । श्याम के बेटे और बेटी ने वाइन ली और उन दोनों ने सरला को भी वाइन का ग्लास पकड़ा दिया। मालिनी और शिवा ने कोल्ड ड्रिंक लिया। शिवा के दोस्त और उसकी बहन ने भी कोल्ड ड्रिंक लिया। स्नैक्स सर्व हो रहे थे और हँसी मज़ाक़ चल रहा था। राजीव की नज़र बार बार शिवा के दोस्त की बहन पर थी। वह क़रीब १८ साल की थी और उसने मिनी स्कर्ट और टॉप पहना था और बहुत सेक्सी थी।
राजीव उठकर दूसरे कमरे में गया और वेटर को बोला: वो जो लड़का और लड़की एक साथ बैठे हैं उनकी कोल्ड ड्रिंक में विस्की मिला दो और कम से कम दो गिलास पिला दो।

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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इधर सरला और श्याम के बेटा और बेटी वाइन पीकर बहकने लगे थे। और जल्दी ही शिवा का दोस्त प्रकाश और उसकी बहन रीमा भी नशे में झूमने लगे। अब राजीव ने शिवा और मालिनी से कहा: बेटा तुम दोनों मेरी कार ले कर जाओ और एक दूसरे को और अच्छी तरह से जानो। वो दोनों ख़ुश होकर चले गए।

अब राजीव उठकर रीमा के बग़ल में बैठा और उससे सामान्य बातें करने लगा। वह ११ वीं में पढ़ती थी। जल्दी ही वह उसके जाँघ पर हाथ रखा और वह भी नशे के कारण मज़े में थी। राजीव ने म्यूज़िक बजवाया और सब झूमने लगे। जल्दी ही प्रकाश सोफ़े पर लुढ़क गया। अब राजीव ने देखा कि सरला और श्याम भी नाच रहे थे। उधर श्याम के बच्चे भी नशे में लुढ़क रहे थे। राजीव ने श्याम और सरला को कहा: चलो दूसरे कमरे में चलते हैं। और रीमा को भी क़रीब घसीटते हुए अपना सहारा देकर पास के कमरे में ले गया। अब चारों एक कमरे में थे और राजीव ने रीमा को बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर आकर उसे चूमने लगा। बेचारी मासूम लड़की नशे में थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी उसने उसका टॉप ऊपर किया और ब्रा के अंदर हाथ डालके उसकी छोटी सी चूचियाँ बाहर की और आधे बने छोटे से निपल्ज़ को चूसने और मसलने लगा।

श्याम और सरला आँखें फाड़े उसकी हरकत देख रहे थे। फिर वह नीचे आकर उसका स्कर्ट ऊपर किया और उसकी गोरी जाँघों को चूमते हुए उसकी पैंटी नीचे कर दिया। अब उसके सामने काले और भूरे रोयों वाली मासूम से बुर थी। वह पागल होकर उसे चूसने लगा। अब रीमा भी हाऽऽयय्यय करने लगी और वह चूसता ही चला गया और रीमा हाय्ह्य्य्य्य्यू कहकर झड़ने लगी। फिर उसने एक उँगली उसकी टाइट बुर में डाली और बोला: आऽऽऽह ये तो कुँवारी है। वह अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसको मसलने लगा।

अब सरला बोली: आप अभी इसको वापस कमरे में छोड़ कर आओ। बहुत छोटी है यह, आपके ऊपर रेप का केस बनेगा। वह आपका मोटा वाला नहीं ले पाएगी। फट जाएगी उसकी। ये कहते हुए उसने क़रीब ज़बरदस्ती उसका हाथ उसकी बुर से हटाया। फिर वह लड़की को सहारा देकर उठायी और उसके कपड़े ठीक कर के दूसरे कमरे में छोड़ कर वापस आइ।

अब भी राजीव कमर के नीचे नंगा था और श्याम को बोल रहा था: क्या यार इस सरला ने सारा मज़ा ख़राब कर दिया। क्या मस्त माल थी चोदने में मज़ा आ जाता।

श्याम सरला को देखकर: अरे यार सरला ने ठीक किया तुमको बचा लिया। वो बहुत ही मासूम सी बच्ची थी, फट जाती उसकी।

राजीव अपना लौड़ा हिलाकर सरला को बोला: चलो अब तुम ही इसका इलाज करो।

सरला हड़बड़ाकर श्याम को देखी और श्याम मुस्कुराया और बोला: अरे इसमें क्या शर्माना चलो शांत कर दो इसके लौड़े को। मैं बाहर जाता हूँ।

राजीव: अरे तुम क्यों बाहर जाओगे? कभी थ्रीसम नहीं किया क्या?

श्याम: नहीं यार नहीं किया।

राजीव : तो आज कर लो, बहुत मज़ा आएगा। सरला , तुमको कोई ऐतराज़ है क्या हम दोनों से एक साथ चुदवाने में?

सरला: हे भगवान। ऐसे भी कोई किसी औरत से पूछता है भला?

राजीव: इसका मतलब नहीं है। अब वह दोनों बिस्तर के पास रखे सोफ़े पर बैठी सरला के पास आते हैं। श्याम उसकी एक तरफ़ और राजीव दूसरी तरफ़ बैठ जाते हैं। राजीव उसके गाल चूमने लगता है। श्याम भी उसका दूसरा गाल चूमता है। फिर दोनों उसकी गरदन और बारी बारी से होंठ चूसते हैं।

अब राजीव उसकी साड़ी का पल्लू गिरा देता है। ब्लाउस में तने उसके विशाल दूध देखकर दोनों उसको दबाने लगते हैं। सरला भी अपना हाथ बढ़ाकर राजीव का नंगा लौड़ा सहलाती है और दूसरे हाथ से श्याम के लौड़े को भी पैंट के ऊपर से दबाती है । श्याम उसके ब्लाउस के हुक खोलता है और ब्लाउस निकाल देता है। दोनों उसकी एक एक नंगी बग़ल चाटने लगते हैं। फिर उसकी ब्रा भी निकाल कर दोनों एक एक दूध मुँह में लेकर चूसने लगते हैं। सरला आऽऽऽऽऽऽहहहह करने लगती है। राजीव और श्याम उसकी साड़ी और पेटिकोट को टांगों से ऊपर उठाकर उसकी जाँघ सहलाते है और पूरे टाइम दूध पीते रहते हैं। राजीव का पंजा उसकी पैंटी में क़ैद बुर पर पड़ता है और वह उसे दबाकर सरला की हाऽऽऽऽऽऽयययय निकाल देता है।

श्याम उसकी साड़ी खोलता है और पेटीकोट का नाड़ा खोलता है और सरला अपनी गाँड़ उठाकर पेटिकोट और पैंटी भी निकल जाने देती है। अब श्याम उसकी चूचि दबाकर चूसता है और राजीव पूरा नंगा होकर उसके सामने कारपेट पर बैठ कर उसकी टाँगें अपने कंधे पर रखता है और उसकी बुर चूसने लगता है। सरला हाय्य्य्य्य्य्य्यू मरीइइइइइइइइइइइइइ चिल्लाकर मज़े से अपनी गाँड़ उछालकर अपनी बुर उसके मुँह में दबाती है। श्याम भी खड़ा होकर पूरा नंगा हो जाता है। उसका लौंडा सामान्य ६ इंच का और थोड़ा मोटा था। सरला उसका लौड़ा चूसने लगती है। फिर राजीव अपने मुँह को और नीचे करके उसकी गाँड़ के छेद पर ले जाता है और उसकी गाँड़ को जीभ से चाटने और चोदने लगता है। सरला बेहाल होकर गूँ गूँ करती है और तभी राजीव खड़े होकर सरला को बिस्तर पर आने को कहकर ख़ुद बिस्तर पर लेट जाता है। सरला राजीव के ऊपर आकर उसके होंठ चूमने लगती है और राजीव उसके चूतरों को दबाकर उसको फैलाता है और गाँड़ में एक ऊँगली डालता है। सरला उइओइइइइइओ करती है।

राजीव: मैं बुर में डालता हूँ तुम गाँड़ में थूक लगा कर डालो।

सरला: आऽऽऽह नहीं, मेरे पर्स में क्रीम है प्लीज़ उसको लगाइए, सूखे में दर्द होता है।

अब सरला राजीव के लौंडे को चूसकर गीला करती है और उस पर बैठकर अपनी बुर खोलकर लौड़े को अंदर करती हुई उस पर बैठती चली जाती है। तब तक श्याम भी क्रीम लेकर अपने लौड़े पर मलता है और फिर दो ऊँगली में क्रीम लेकर उसकी गाँड़ के अंदर भी डाल देता है। फिर वह ऊपर आकर उसकी गाँड़ में अपना लौड़ा डालता है और दबाते हुए पूरा अंदर कर देता है। तभी उसको राजीव के लौंडे का भी अंदर ही अंदर अहसास होता है। अब सरला उछल कर अपनी बुर और गाँड़ चुदवाने लगती है। उसकी वासना अब अपनी चरम सीमा पर थी और वह उइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ और जोओओओओओओओर से चोओओओओओओओओदो आऽऽऽऽहहहह फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो। हाऽऽऽऽयय्यय कितना मज़ाआऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽ है चिल्ला रही थी। पलंग तोड़ चुदाई चालू थी और दोनों मर्द पूरे ज़ोर से उसकी चुदाई में लगे हुए थे। सबकी कमर बुरी तरह से हिल रही थी। कमरे में पलंग भी आवाज़ कर रहा था और वह तीनों भी सिसकारियाँ भर रहे थे। सरला की चूचियाँ उछलने से ऊपर नीचे हो रहीं थीं। उनको कभी श्याम और कभी राजीव दबाकर या चूसकर उसकी हालत और ख़राब कर दिए थे। अचानक सरला चिल्लाई: उइइइइइइइइ मैं तो गईइइइइइइइइइइ। अब श्याम और राजीव भी अपनी गति बढ़ा दिए और ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगे। फिर तीनों लेटकर सुस्ताने लगे।

राजीव सरला की चूची दबाते हुए: जान मज़ा आया?

सरला: आऽऽऽऽह हाँ बहुत मज़ा आया। सच मुझे पता नहीं था कि थ्रीसम में इतना आनंद आता है।

श्याम: सच यार हम दोनों का लौड़ा एक पतली सी दीवार से अलग था और मुझे लग रहा था कि वो आपस में रगड़ भी रहे थे। क्या फ़ीलिंग थी।

सरला उठी और उसकी जाँघों में सफ़ेद रस लगा हुआ था। वह फ़्रेश होकर आयी और कपड़े पहनने लगी। अब श्याम भी बाथरूम में गया और राजीव उठकर ब्लाउस और पेटिकोट पहन रही सरला के पीछे आया और उसकी चूचियाँ दबाते हुए अपना लौड़ा उसके चूतरों पर रगड़ते हुए बोला: अभी रुको ना एक राउंड और करते हैं।
तभी श्याम बाहर आया और बोला: यार देर हो जाएगी वापस भी जाना है। फिर आ जाएँगे हम दोनों।

सरला: हाँ इस बार आपके घर आएँगे और फिर हम तीनों दिन भर मस्ती करेंगे। ठीक है?

राजीव उसके होंठ चूमा और बोला: ठीक है जान जैसे तुम कहो। फिर सबने कपड़े पहने और दूसरे कमरे में पहुँचे और तभी शिवा और मालिनी भी आ गए। फिर सबको उठाया गया और सब झूमते हुए कार में आकर बैठे और सरला अपने परिवार के साथ वापस चली गयी और राजीव रीमा को सहारा देकर कार के पीछे बैठा और राकेश और शिवा सामने बैठे। शिवा कार चलाते हुए बातें कर रहा था और राजीव फिर से अधलेटि रीमा की जाँघ सहलाने लगा और उसकी बुर में पैंटी को साइड करके ऊँगली फेरने लगा। वह फिर से गीली हो गयी और आऽऽझ की आवाज़ निकालने ही वाली थी कि उसके मुँह में हाथ रखकर उसकी आवाज़ को रोकने में सफल हो गया। वह उसकी चूचि दबाकर उसकी बुर में ऊँगली करके उसको दस मिनट में फिर से झाड़ दिया। वह नींद में लग रही थी। अब राजीव ने अपने जेब से अपना विज़िटिंग कार्ड निकाला और उसके पर्स में डाल दिया।

जब उनका घर आया तो दोनों भाई बहन उतरे तब रीमा मुस्कुरा कर बोली: अंकल थैंक्स । फिर वह गाँड़ मटकाते हुए चली गयी। राजीव को समझ नहीं आया कि क्या वो होश में थी और मज़े से उसे सब कुछ करने दे रही थी। राजीव सोचने लगा कि मेरा नम्बर तो मैंने उसे दे ही दिया गई अगर चुदवाना होगा तो साली फ़ोन करेगी। अब वह अपना लौड़ा मसल कर उसकी छोटी मगर टाइट चूचियों का सोचने लगा। तभी घर आ गया।

राजीव घर में शिवा से बोला: सगाई ठीक से हो गई ना?

शिवा: जी पापा, सब बड़े ख़ुश थे। आपने दारू का चक्कर क्यों चलाया?

राजीव: अरे मेरे इकलौते बेटे की सगाई थी कोई कमी थोड़ी करनी थी। ये बताओ मालिनी और तुम्हारे में क्या रहा?

शिवा: पापा आप भी ना, बस सब नोर्मल था और हम एक दूसरे को समझने की कोशिश कर रहे थे।

राजीव: शाबाश बेटा जितना एक दूसरे को समझोगे उतनी ही शादी सफल होगी।

शिवा: जी पापा अब सोया जाए। गुड नाइट कहकर वो चला गया।

राजीव भी अपना लौड़ा दबाकर रीमा की कुँवारी जवानी का सोचकर सो गया।

पर शिवा की आँखों में नींद कहाँ थी। आज का दिन उसके लिए बहुत ख़ास था। वह याद करने लगा कि आज क्या क्या हुआ। नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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शिवा को नींद नहीं आ रही थी, उसकी आँखों के सामने मालिनी का चेहरा और उसका कसा हुआ बदन आ रहा था । दरअसल में शिवा एक शरीफ़ लड़का था और उसने कभी भी किसी लड़की के साथ प्यार या सेक्स नहीं किया था। आज जब उसके पापा सगाई के बाद उसे मालिनी को घुमाने को बोले, तो वह थोड़ा नर्वस सा हो गया था। पर मालिनी के सरल स्वभाव ने उसे जल्दी ही सामान्य कर दिया। वह मालिनी को कार से एक पार्क में ले गया , जहाँ उनके जैसे ही और जोड़े भी थे।

पार्क में वो दोनों एक अलग सी बेंच पर बैठे और बातें करने लगे। मालिनी उसे अपने भाई अपनी माँ और अपने स्वर्गीय पापा के बारे में बताने लगी। फिर वह अपनी पढ़ाई और अपने दोस्तों के बारे में बताई ।

तभी शिवा ने उसको टोका: क्या तुम्हारा कोई बॉय फ़्रेंड भी था?

मालिनी: नहीं कभी नहीं, इस बारे में शुरू से ही पक्के इरादे की थी कि मैं उसी से प्यार करूँगी जिससे मेरी शादी होगी। आपकी कोई गर्ल फ़्रेंड है?

शिवा: मैं भी तुम्हारी तरह सोचता हूँ। अब तुम ही मेरी गर्ल फ़्रेंड होगी। इस पर दोनों हँसने लगे। वह बोला: मालिनी जब तुम हँसती हो तो बड़ी प्यारी लगती हो।

मालिनी: इसका मतलब वैसे प्यारी नहीं लगती?

शिवा: अरे नहीं, मेरा ये मतलब नहीं था। वो दोनों फिर से हँसने लगे। तभी अचानक थोड़ी हवा चलने लगी और मौसम ख़राब होने लगा। शाम का समय था और पार्क में काफ़ी रौशनी थी। हवा चलने से मालिनी का पल्लू उड़ा और नीचे को गिर गया। शिवा की आँखें उसके कसे हुए ब्लाउस पर गयीं और वह थोड़ा सा उत्तेजित महसूस करने लगा। अब मालिनी ने अपना पल्लू ठीक किया। तभी हल्की सी बारिश होने लगी। वो दोनों भाग कर थ्रीडी दूर पर एक पेड़ के नीचे आ गए। अब पार्क ख़ाली सा हो गया था। शिवा ने मालिनी का हाथ पकड़ा और कहा: देखो मौसम भी आशिक़ाना हो रहा है।

मालिनी: सर्दी लग गयी तो छींकते रहना। तभी शिवा ने उसको अपने पास खिंचा और बोला: लगने दो सर्दी, तुम इलाज कर देना। मालिनी भी उसकी छाती पर सिर रख कर बोली: अब तो सर्दी लग ही नहीं रही।

शिवा उसकी पीठ सहलाकर बोला: अब तुम्हारे बदन की गरमी जो महसूस हो रही है।

मालिनी हँसकर: धत्त ऐसा क्यों बोले?

इसी तरह वो दोनों छोटी छोटी मीठी सी बातें कर रहे थे तभी उनको कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी जो कुछ दूरी पर एक पेड़ के पास से आ रही थी। वो समझ गए की उस पेड़ के पीछे भी उनकी तरह एक जोड़ा है। जिस पेड़ के नीचे ये दोनों खड़े थे उसने एक बड़ी शाखा V के आकर की थी और और उसके पीछे से वो दूसरे पेड़ को देख पा रहे थे। ये कुछ अंधेरे में थे , इसलिए दूसरा जोड़ा इनको अब तक नहीं देख पा रहा था।

अब शिवा ने उस V के गैप से झाँका और सन्न रह गया। वहाँ एक क़रीब उसकी उम्र का ही एक नौजवान एक जवान लड़की का कुर्ता उठाकर उसकी ब्रा में से उसके गोल गोल संतरों को दबाकर चूस रहा था। लड़की भी उसके सिर को अपनी छाती पर दबाए जा रही थी।

मालिनी : क्या देख रहे हो?

शिवा ने उसे चुप रहने का इशारा किया और देखने को बोला: अब मालिनी भी देखी और बुरी तरह से चौक गयी। उसने शिवा को देखा जिसकी आँखें वहीं चिपकी हुई थीं। वो भी देखने लगी। अब वह लड़का नीचे बैठा और उसने उसकी सलवार खोल दी। अब वह पैंटी को नीचे किया और उसकी बुर में अपना मुँह घुसेड़ दिया। अब लड़की की हल्की सी सिसकारियाँ सुनाई पड़ने लगी।

इधर शिवा का लौड़ा भी तन गया था और उससे सटी मालिनी की जाँघ पर रगड़ रहा था। मालिनी की भी सांसें फूलने लगी थीं। अब मालिनी भी शिवा से और ज़ोर से चिपक गयी थी। शिवा के हाथ उसकी पीठ पर घूमते हुए नीचे जाकर उसकी नंगी कमर पर घुमने लगे थे। उधर वो लड़का उसके चूतरों को दबाकर उसकी बुर चाटे जा रहा था। अब वह उठा और उसने अपनी पैंट का ज़िपर खोला और अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया। शिवा ने देखा कि सामान्य साइज़ का ही था।

अब मालिनी ने अपना मुँह घुमा लिया और शिवा से बोली: चलिए यहाँ से अब । बहुत हो गया।

शिवा उसको अपने से लपेट कर बोला: फ़्री में ट्रेनिंग मिल रही है , ले लेते हैं ना। मैंने कभी ये सब किया नहीं है। और शायद तुमने भी नहीं किया होगा।

मालिनी: शायद का क्या मतलब? मैंने सच में ऐसा कुछ नहीं किया है।

शिवा : देखो वो क्या कर रही है? अब मालिनी ने मुँह घुमाया और देखा कि अब लड़की नीचे बैठी है और उसके लौड़े को प्यार से चूस रही है। फिर उस लड़के ने लड़की को उठाया और पेड़ के सहारे से उलटा होकर झुकने को बोला। फिर वह उसके पीछे से आकर उसकी बुर में अपना लौड़ा डाला और उसकी चूचियों को दबाकर उसे चोदने लगा। वह लड़की अब आऽऽऽह और हाऽऽय्यय करके अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी । शिवा और मालिनी की आँखें जैसे वहाँ उसके अंदर बाहर हो रहे लौड़े पर ही चिपक गयीं।अब शिवा का हाथ मालिनी के उभरे हुए चूतरों को दबा रहा था और मालिनी की बुर भी गीली हुए जा रही थी। अब शिवा ने उसका हाथ पकड़कर अपने पैंट के ऊपर से लौड़े पर रखा और मालिनी भी उत्तेजनावश उसका विरोध ना कर उसे दबाने लगी। शिवा का एक हाथ ब्लाउस में गया और वह उसकी चूचि को हल्के से दबाने लगा। अब मालिनी भी मस्ती में आकर हाऽऽऽय्य कहकर बोली: आऽऽहाह क्या कर रहे हैं? शादी के पहले ये सब ठीक नहीं है।

तभी वहाँ वह जोड़ा फ़च फ़च की आवाज़ के साथ ज़बरदस्त चुदाई किए जा रहा था। और फिर वो लड़की चिल्लाई : उईइइइइइइइइइइइइ मैं गयीइइइइइइइइइ।
उधर लड़का भी ह्म्म्म्म्म्म्म्म आऽऽऽऽऽह करके उसकी बुर में अपना माल गिराने लगा। फिर वह उसकी छोड़कर ज़मीन में बैठ गया और उसका नरम होता लौड़ा अभी भी गीला होकर लटका सा दिख रहा था।
लड़की भी अब अपना रुमाल लेकर अपनी बुर साफ़ की और फिर झुक कर बड़े प्यार से उसका नरम लौड़ा भी साफ़ की। फिर दोनों ने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे के होंठों को चूमा और वहाँ से चलने लगे। लड़के ने पूछा: भाभी मज़ा आया?

लड़की: तुम्हारे भय्या जो मज़ा देते हैं उसका डबल मज़ा आया। और फिर दोनों हँसते हुए पानी में भीगते हुए चले गए।

अब शिवा ने उसके होंठ को चूमा और बोला: मालिनी अब तो हम शादी करने वाले हैं तुम क्यों इतना सोचती हो?

मालिनी: मैं शादी के पहले इस सबको ग़लत समझती हूँ।यह कहते हुए उसने अपना हाथ उसके लौड़े से हटा लिया। फिर वह बोली: ये दोनों भाभी और देवर थे? है ना?

शिवा: हाँ उनकी बातों से तो ऐसा ही लगा।

मालिनी: चलो अब चलते हैं। थोड़ा भीगेंगे और क्या होगा।

शिवा उसके क़मर को सहला कर: सच कहूँ मज़ा आ गया उनकी मस्ती देख कर । क्या मज़े से चु- मतलब सेक्स किया उन्होंने। क्या हम भी इतना ही मज़ा लेंगे?

मालिनी शर्माकर: आप बहुत बेशर्म हो । मुझे नहीं पता।

शिवा: अच्छा ये बताओ कि तुम भी उतनी ही गरम ही गयी हो जितना मैं हो गया हूँ?

मालिनी: ये सब देखकर तो दिमाग़ ख़राब होता ही है। अब चलिए पानी बंद हो गया है।

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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शिवा ने उसके गाल को चूमा और बोला: चलो चलते हैं। अब वो वापस आने लगे, शाम के आठ बज चुके थे और वो रास्ता भूल गए। थोड़ी दूर जाने के बाद शिवा बोला: लगता है रास्ता भूल गए हैं। पानी रुक गया है , चलो किसी से पूछते हैं कि बाहर जाने का रास्ता किधर है।

मालिनी: ये सुनिए उधर से कुछ आवाज़ आ रही है, वहाँ चलते हैं। उनसे पूछते हैं रास्ता।

उस तरफ़ जाते हुए उन्होंने देखा कि उस तरफ थोड़ा अँधेरा सा था। वहीं पहुँच करके उन्होंने देखा कि आवाज़ एक बेंच में बैठे हुए दो लोगों के पास से आ रही थी। अभी वो एक पेड़ के पास ही पहुँचे थे कि उनको आवाज़ अब साफ़ सुनाई पड़ी और शिवा ने मालिनी को रोका और उसे भी पेड़ के पीछे कर लिया ।अब वो दोनों उनकी बातें सुनने लगे।

आदमी: आह बहू आज कितने दिन बाद तू मेरा लौड़ा चूस रही है। मैं तो तरस ही गया था इस सुख के लिए। ये घर में साले इतने मेहमान आ गए हैं की हमारी चुदाई भी नहीं हो पा रही है।

अब शिवा ने मालिनी को दिखाया और कहा: देखो , ऐसा लगता है कि बहू अपने ससुर का लिंग चूस रही है।

मालिनी: छी , ऐसा भी होता है क्या? मुझे तो सोच कर भी गन्दा लगता है। ससुर तो पिता समान होते हैं।
तभी वो आदमी बोला: आह चलो अब उठो और चोदने दो।

अब वो लड़की मुँह ऊपर को और उन्होंने देखा कि मस्त गोरी सुंदर जवान लड़की थी। वह अपनी सलवार उतारी और कुर्ता ऊपर करके अपनी बुर अपने ससुर के आगे करके बोली: लीजिए बाबूजी इसे थोड़ा सा प्यार कर दीजिए। अब वह उसकी बुर में अपना मुँह घुसेड़ दिया और उसके चूमने की आवाज़ साफ़ आ रही थी। शिवा के लौड़े ने फिर से अंगड़ाई लेनी शुरू की और वह मालिनी के चूतरों से उसको सटा कर वहाँ रगड़ने लगा। मालिनी का ध्यान उधर था और वह देखी कि अब उस आदमी ने उस लड़की को घुमाया और उसके चूतरों को दबाकर चूमने लगा और फिर उसने उसकी चूतरों की दरार में भी मुँह घुसा दिया और गाँड़ को चाटने लगा।
मालिनी के मुँह से फिर निकला : छी कितना गन्दा आदमी है, कोई उस जगह को भी चाटता है भला?

शिवा: हाँ सच में बड़ा अजीब लग रहा है, पर उसे तो बहुत मज़ा आ रहा है। यह कहते हुए शिवा अपने लौड़े को उसकी गाँड़ पर रगड़ कर अब उसकी चूचि सहलाने लगा। तभी वह आदमी लड़की से बोला: आओ बेटी मेरी गोद में बैठो और चुदवाओ। वह लड़की उसके लौड़े पर अपनी बुर रखकर बैठने लगी और फिर वह उछल उछल कर चुदवाने लगी। वह कुर्ते को उठा कर उसकी चूचियाँ दबाए जा रहा था। फ़च फ़च की आवाज़ें आ रही थीं और लड़की की ऊहन ऊहन उइइइइइइइ की भी आवाज़ निकाल रही थी। फिर वो बोला: आऽऽऽह बेटी क्या बुर है तेरी, चल अब उठ मैं चोदता हूँ। वह खड़ी हुई और बेंच को पकड़कर झुकी और वह पीछे से उसकी बुर में लौड़ा डालकर उसकी ज़बरदस्त चुदाई करने लगा।
शिवा ने उत्तेजना ने आकर अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे मालिनी की गाँड़ में साड़ी के ऊपर से रगड़ने लगा। लौड़ा उसकी गाँड़ की दरार से होकर उसकी पतली सी पैंटी के अंदर उसकी बुर को छूने लगा था। मालिनी की बुर एकदम से पनिया गयी थी। उसकी साँसे भी तेज़ चलने लगी थी।

उधर वह लड़की अब बड़बड़ा रही थी: आऽऽऽऽह और ज़ोर से हाय्य इसी मज़े के लिए मरी जा रही थी हाय्य बाऊजी क्या चोद रहे हैं। और जोओओओओओओओर से आऽऽऽऽऽऽह फ़ाआऽऽऽड़ दोओओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइ। अब वह अपनी गाँड़ पीछे करके अपनी ओर से भी धक्का दे रही थी। फिर वो दोनों सिसकियाँ भरते हुए झड़ने लगे। शिवा भी अपने लौड़े को रगड़ते हुए अपनी मूठ मारने लगा और झड़ने लगा। उसने मालिनी की साड़ी ख़राब नहीं होने दी। मालिनी आँखें फाड़कर उसके मोटे और लम्बे लौड़े को झटके मारते हुए सफ़ेद वीर्य छोड़ते हुए देखा। मालिनी का हाथ भी अपनी बुर पर चला गया और वह वहाँ खुजा बैठी।

उधर से आवाज़ आयी। लड़की: बाऊजी आज तो आपने बहुत मज़ा दिया ,सच में तरस गयी थी ऐसी चुदाई के लिए।

ससुर: मुझे भी बहुत मज़ा आया बेटी, बस ये मेहमान जाएँ तो हमारी रेग्युलर चुदाई फिर से चालू ही जाएगी। और हाँ मेरा दोस्त नज़ीर भी तुझे याद कर रहा था।

लड़की अपने कपड़े पहनती हुई बोली: बाऊजी नज़ीर अंकल तो उस दिन मेरी चूचि दबाए थे और पैंट के ऊपर से अपना लौड़ा भी पकड़ाए थे मुझे।

ससुर: अरे बेटी वो तुमको चोदने को मरा जा रहा है। मेहमानों के जाते ही हम दोनों मिलकर तेरी चुदाई करेंगे।

लड़की: बाऊजी मुझे भी इसी दिन का इंतज़ार है। फिर वो दोनों एक दूसरे से लिपटकर चूमे और जाने लगे।

मालिनी: चलिए ये बाहर जा रहें हैं, हम इनके पीछे पीछे बाहर निकल जाएँगे। वो दोनों बाहर आकर कार ने बैठे। मालिनी: आज जो देखा, मेरा तो सिर ही घूम गया। क्या ससुर और बहू भी इतनी नीच हरकत कर सकते हैं।

शिवा: हैरानी तो मुझे भी बहुत हुई और फिर वो कमीना अपने किसी दोस्त से भी उसे चु-- मतलब करवाने के लिए बोल रहा था।

मालिनी: सच बड़ा ही कमीना आदमी था और लड़की भी उतनी ही रँडी थी, है कि नहीं?

शिवा : हाँ सच में वो भी ऐसी ही थी। बेकार सी।

मालिनी हँसकर बोली:: पर आपका तो उसको देख कर रस ही छोड़ दिया था ।बहुत पसंद आयी थी ना आपको?

शिवा: अरे नहीं , पर बहुत गरम दृश्य था ना वो। तुम भी तो अपनी वहाँ खुजा रही थी।

मालिनी शर्माकर: धत्त गंदे कहीं के । कुछ भी बोलते हैं। और ये बताइए की आपने मेरे यहाँ क्यों हाथ रखा था! वो अपनी छाती की ओर इशारा करके बोली।

शिवा: सॉरी वो सब देखकर मैं बहुत उत्तेजित हो गया था। मुझे माफ़ कर दो।

मालिनी: धत्त सॉरी क्यों बोल रहे हो। आख़िर ये हैं तो तुम्हारे ही ना। तुम इन्हें छू लिए तो क्या हुआ।

शिवा: सच तुम बहुत प्यारी हो। इसका मतलब ये मेरे हैं, यही ना? और तुमने इनको इतना बड़ा मेरे लिए ही किया है, है ना? यह कहकर उसने हाथ बढ़ाया और उसकी छाती दबा दिया।

मालिनी उसके हाथ पर अपना हाथ मारकर बोली: धत्त अभी हटाओ अपना हाथ । मैं शादी के बाद की बात कर रही थी, बदमाश कहीं के। और एक बात आज मैंने आपका वो देखा, बाप रे कितना बड़ा है? उन दोनों आदमियों से भी बड़ा है जिनको आज हमने नंगा देखा है। मुझे तो डर लग रहा है।

शिवस अरे अभी सुहाग रात में बहुत समय है, अभी से क्यों डर रही हो।

फिर दोनों हँसने लगे और तभी होटेल आ गया और वो दोनों सबके पास वापस आ गए थे और बाद में मालिनी अपने परिवार के साथ वापस अपने शहर चली गयी थी।
इधर शिवा अब अपना लौड़ा दबाया और नींद में समा गया।
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