बहू नगीना और ससुर कमीना

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rocky123
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by rocky123 »

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KONG
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

Thanks all for your encouraging comments.
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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

चारु बाप बेटे के बीच में शोप में बने केबिन में सोफ़े पर बैठी थी और वो दोनों उसकी स्कर्ट को ऊपर करके उसकी जाँघ सहला रहे थे। चारु की नज़र बार बार दोनों के पैंट में तंबू पर चली जाती थी। राजीव ने अपना हाथ अंदर डालकर उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से दबा दिया।

शिवा: चारु टॉप उतार दो ना। चोदने का मन कर रहा है।

चारु: छी जीजू गंदी बात करते हो।

राजीव: अरे बेटी चुदाई को चुदाई ही तो बोलेंगे। चलो टॉप उतारो। हम तुम्हारी मस्त चूचियाँ दबाएँगे और चूसेंगे। देखना कितना मज़ा आता है।

शिवा ने हाथ बढ़ाकर उसकी टॉप को उतारा और फिर ब्रा में से उसकी सख़्त चूचियाँ देख कर बोला: पापा ये तो अभी पूरी जवान भी नहीं हुई है। देखो ना चूचियाँ कितनी छोटी हैं।

राजीव उसकी ब्रा खोलकर बोला : अरे नहीं देखो काफ़ी बड़ी हो गयी हैं । फिर वो दबाकर बोला: हाँ सख़्त बहुत है। अभी रोज़ चुदेगी तो मस्त बड़ी और थोड़ी सॉफ़्ट हो जाएँगी।

अब शिवा भी उसकी एक चूची दबाने लगा, एक चूचि राजीव तो मसल ही रहा था। चारु की आऽऽऽऽऽऽह निकल गयी।अब दोनों उसकी एक एक चूची चूसने लगे। चारु मस्त होकर उइइइइइइइ कर उठी। क़रीब ५ मिनट के बाद शिवा खड़ा हुआ और अपने पैंट की ज़िप खोलकर लौड़े को बाहर किया और चारु के मुँह के पास लेकर आया। चारु ने चुपचाप लौड़े को चूसना शुरू कर दिया। शिवा अपनी कमर हिलाकर उसके मुँह को मानो चोदने लगा।

राजीव नीचे बैठा और उसकी पैंटी उतार दिया और फिर उसे पीछे धकेल कर अधलेटा सा करके उसकी जाँघें अपने कंधों पर चढ़ा कर उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। शिवा अब उसकी चूचियाँ भी दबा रहा था। चारु मुँह में लंड होने की वजह से गंन्न्न्न्न गंन्न्न्न कर रही थी। अब राजीव खड़ा हुआ और अपना लौड़ा बाहर निकाला और शिवा को हटाकर अपना लंड उसके मुँह में डालकर मस्ती से अपनी कमर हिलाने लगा।

शिवा अब भी उसकी चूचियाँ दबा रहा था। चारु मस्ती के सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी।

राजीव ने उसे उठाया और टेबल पर लिटा दिया। और उसकी दोनों टांगों के बीच आकर एक झटके में अपना लंड उसकी तंग चूत में डाल दिया और बेरहमी से उसे चोदने लगा। शिवा टेबल के दूसरे सिरे में उसके मुँह के पास जाकर उसका मुँह चोदने लगा। वो भी जीभ से उसका सुपाड़ा चाट रही थी और साथ ही ज़ोर से चूस भी रही थी। कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से भरने लगा था। अब राजीव जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा। चारु आऽऽऽऽहह अंकल जीईईई करके झड़ने लगी। तभी राजीव भी अपनी कमर हिलाकर झड़ गया। फिर अपना लंड निकालकर बोला: आऽऽऽह क्या टाइट चूत है इस छोकरी की। लंड को तो जैसे मूठ्ठी में जकड़ लेती है इसकी चूत आऽऽहह।
यह कहकर वो बाथरूम में घुस गया।

शिवा अपना गीला लंड उसके मुँह से निकाला और राजीव की जगह आकर उसकी बुर को देखा जहाँ से उसके पापा का माल बाहर आ रहा था। वो टिशू पपेर्स लेकर उसकी बुर साफ़ किया और फिर अपना लंड उसकी बुर में एक झटके में पेल दिया और कमर हिलाकर उसे बुरी तरह से चोदने लगा।

जल्दी ही वो दोनों भी आऽऽऽऽह उइइइइइइइइ कहकर झड़ने लगे। फिर शिवा भी उठकर बाथरूम गया और बाहर आकर बोला: पापा मज़ा आ गया । सही में मस्त टाइट चूत है इसकी। राजीव ने चारु को सहारा देकर उठाया और बाथरूम तक छोड़ कर आया।

थकी हुई चारु बाहर आकर सोफ़े में गिर गयी। राजीव ने फ्रिज से एक जूस निकाला और उसे पीने को दिया। तभी लैंडलाइन बजा और शिवा बोला: पापा मुझे जाना होगा कुछ विदेशी आए हैं ख़रीदारी करने ।

उसके जाने के बाद राजीव बोला: चारु कल का प्रोग्राम तारिक के साथ होगा ना? शमा से कोई चैट हुई?

चारु: जी वो बोल रही थी कि उसके अब्बा मेरी नंगी फ़ोटो देखना चाहते हैं ।

राजीव: ओह तो तुमने क्या कहा?

चारु: छी मैंने मना कर दिया?

राजीव: बड़ी बेवक़ूफ़ लड़की हो। फ़ोटो दिखाने में तुम्हारा क्या जाता है?

चारु: अंकल ये सब फ़ोटो एक दूसरे को भेज देते हैं। और नेट में भी डाल देते है।

राजीव: हा हा चलो अपनी पैंटी नीचे करो और स्कर्ट उठाओ। मैं तुम्हारी बुर की फ़ोटो तुम्हारे फ़ोन से खींचता हूँ।

चारु थोड़ा झिझकते हुए सोफ़े पर बैठे हुए अपनी स्कर्ट उठाई और पैंटी नीचे की। उसकी मस्त चिकनी बुर बहुत ही दिलकश दिखाई दे रही थी। राजीव ने पास से उसकी फ़ोटो ली। अब वो फ़ोटो चारु को दिखाकर बोला: इसमें तुम्हारा चेहरा तो आया नहीं। अब क्या फ़र्क़ पड़ता है अगर ये फ़ोटो कोई भी देख ले।

चारु ने देखा कि इस फ़ोटो में उसकी बुर और गाँड़ के छेद साफ़ साफ़ दिख रहे थे पर चेहरा नहीं।

वो बोली: हाँ इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

राजीव: अब ऐसे ही अपनी चूचियों की भी फ़ोटो ले लेने दो।

वो अपनी पैंटी ठीक करके अपने टॉप को ऊपर की और राजीव ने ब्रा में क़ैद उसके अमरूदों की फ़ोटो ली।फिर राजीव ने उसकी ब्रा से उसकी चूचियों को बाहर निकाला और उनकी भी एक मस्त फ़ोटो लिया।

राजीव: अब इन तीनों फ़ोटो को शमा को भेजो और उससे बोलो कि मैं अब उसकी भी नंगी जवानी देखना चाहता हूँ।

चारु ने अपने टॉप को ठीक किया और फिर फ़ोटो शमा को भेजी और राजीव की इच्छा भी बताई।

उसी समय शमा का फ़ोन आया और वो बोली: चारु अंकल हैं क्या? अब्बा बात करेंगे।

राजीव फ़ोन लेकर: हेलो क्या हाल है तारिक भाई?

तारिक: सब बढ़िया। उफ़्फ़्फ क्या मस्त जवानी है अपनी बिटिया की।चारू की चूत और गाँड़ देखकर लगता है कि मुश्किल से दो चार बार ही चुदी है। और चूचियाँ तो अभी जवान हो ही रहीं हैं माशाअल्लाह।

राजीव: हाँ हमारी बच्ची बड़ी मस्त माल है। आप भी भेजो ना शमा की फ़ोटो।

तारिक: देखो राजीव भाई मैं तो कई फ़ोटो रखा हूँ शमा की जवानी की। पर क्या आप पर विश्वास करके भेज दूँ? आप किसी और को तो नहीं भेजोगे?

राजीव: अरे नहीं नहीं। आप भेजो तो।

बस उसी समय पाँच फ़ोटो आ गयीं। उफ़्फ़्फ़्फ क्या फ़ोटो थीं। एक में शमा पूरी नंगी होकर अपनी चूचियाँ दबा रही थी। तो किसी में अपनी बुर को ऊँगलियों से खोलकर दिखा रही थी। और एक फ़ोटो में तो वो बिस्तर पर घोड़ी बनकर अपने चूतडों को ख़ुद से फैलाकर अपनी गाँड़ के भूरे छेद को खोलकर दिखा रही थी। राजीव समझ गया था कि साले ने अपनी बेटी की गाँड़ भी फाड़ रखी थी। सबसे बड़ी बात थी कि सब फ़ोटो में शमा का चेहरा भी बहुत वासना से भरा हुआ साफ़ साफ़ दिख रहा था। चारु की तो आँखें मानो फटी की फटी रह गयीं थीं । वो सोच भी नहीं सकती थी कि उसकी सहेली ऐसे फ़ोटो खिंचवा भी सकती थी।

अब राजीव ने फ़ोन बजाया और तारिक से कहा: उफ़्फ़्फ़्फ क्या मस्त जवान किया है भाई अपनी ही बेटी को। सच बड़ा मज़ा आएगा इसे चोदने में। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या माल है।

तारिक: तो फिर आइए आप दोनों कल। मैंने ऑफ़िस से छुट्टी ले रखी है। और बच्चियों की तो छुट्टी है ही कल।

फिर दोनों कल मिलने का कहकर फ़ोन रख दिए।

अब राजीव खड़ा हुआ और बोला: चलो अब कपड़े पसंद कर लो सबको देने के लिए। फिर घर चलते हैं।

उधर मालिनी मुन्नी को लेकर अपनी मम्मी के साथ राजेश के कमरे में दाख़िल हुई और बोली: क्यों रे तुमने मम्मी से सिफ़ारिश लगवाई है कि तुमको मेरा दूध पीना है?

राजेश थोड़ा सा झेंपकर: वाह दीदी आप सबको पिला रही हो गुड़िया के हिस्से का दूध अगर थोड़ा सा मुझे भी पिला दोगी तो कौन सा तूफ़ान आ जाएगा? और मुन्नी तू यहाँ क्या कर रही है? बाहर जाओ।

सरला हँसकर : अरे इस मुन्नी को कम मत समझना , ये कल अपने जीजू से चुदवा चुकी है। और उसने इसकी सील भी तोड़ दी कल रात को। और ये भी मालिनी की चूचियाँ चूस चुकी है।

राजेश: ओह तो मुन्नी की नथ उतर गयी। वाह ये तो कमाल हो गया।

तभी मालिनी बिस्तर पर बैठी और अपनी साड़ी को नीचे करके अपनी मोटी मोटी चूचियाँ ब्लाउस के ऊपर से राजेश को दिखाई। अब सरला बोली: चल लेट जा अपनी दीदी की गोद में।

राकेश मालिनी की गोद में एक बच्चे की तरह लेट गया और उसका मुँह ब्लाउस में कसी उसकी चूचियों से टकराने लगा था। मालिनी ने अपने ब्लाउस के हुक्स खोले और अब उसकी ब्रा में फँसे बड़े बड़े दूध राजेश के सामने थे। मालिनी ने अपनी ब्रा खोली और बड़े निपल के साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ उसके सामने थीं। अब मालिनी ने अपनी एक चूची हाथ में लेकर दबाई और जब उसमें से दूध निकाली और फिर उसे अपने छोटे भाई के मुँह में लगाकर अपने हाथ में एक चूचि पकड़कर उसे बड़े प्यार से अपना दूध पिलाने लगी। राजेश की भी आँखें मस्ती से बंद सी हो गयीं। वह अब ज़ोर ज़ोर से चूसकर दूध पीने लगा। सरला और मुन्नी भी वहीं खड़ी थीं और उनकी नज़र राजेश के लोअर में बने हुए बड़े से तंबू पर पड़ी। सरला ने प्यार से उसके तंबू को सहलाना शुरू किया। मुन्नी सोची कि उफ़्फ़्फ़्फ क्या परिवार है। भाई बहन का दूध पी रहा है और माँ अपने बेटे का लंड सहला रही है। पता नहीं राजेश को क्या हुआ कि वो मुन्नी को पास आने का इशारा किया और मुन्नी के पास आने पर उसकी एक चूची टॉप के ऊपर से दबाने लगा। मुन्नी सकपका गयी पर चुप चाप खड़ी रही।

तभी सरला ने उसका लोअर नीचे किया और मुन्नी और मालिनी ने राजेश का खड़ा लौड़ा देखा। मालिनी सोची कि शिवा के लौड़े से उन्निस ही होगा पर काफ़ी बड़ा है इसका भी। सरला मुन्नी से बोली: लो अपने भय्या का लंड चूसो। कल जीजू का चूसा था ना? आज भाई का चूसो।

मुन्नी थोड़ा सा झिझकी पर मालिनी अपना दूध छुड़ाकर बो”ली: चलो अब इसको पियो । ये कहकर वो उसे दूसरी चूची चूसने को दी। फिर वो मुन्नी से बोली: चूस ना मुन्नी क्या सोच रही है?

अब मुन्नी ने अपना सिर लौड़े पर झुकाया और उसे हाथ में लेकर महसूस किया और उसके बदन में झुरझरी सी दौड़ गयी। वो अच्छी तरह से सहलाकर फिर धीरे से उसका सुपाड़ा मुँह में ली और धीरे से चूसने लगी। जल्दी ही वो मस्ती में भर कर पूरे ज़ोर से चूसने में लग गयी। सरला भी उसके बॉल्ज़ को सहला रही थी। मुन्नी का थूक उसके बॉल्ज़ पर गिर रहा था और उसे सरला चिकनाई की तरह इस्तेमाल करके उसके बॉल्ज़ सहला रही थी। फिर अचानक से सरला झुकी और बॉल्ज़ को मुँह में लेकर चूसने लगी। इधर मुन्नी ने लौड़े को चूसने में पूरा दम लगा रखा था। अब सरला वो करी जो कि राजेश को बहुत पसंद था। वो बॉल्ज़ को चूसते हुए उसकी टांगों को उठाई और अब अपनी जीभ से राजेश की गाँड़ कुरेदने लगी। राजेश मज़े से उछल पड़ा। अब वो मालिनी की चूची और ज़ोर से चूसने लगा और अपनी कमर हिलाकर मुन्नी के मुँह को चोदने लगा। उधर सरला उसकी गाँड़ चाटकर उसे मस्ती से भर रही थी। जल्दी ही वो मज़े से भरकर आऽऽऽऽऽऽऽह करके अपना पानी मुन्नी के मुँह में छोड़ने लगा। सरला ने थोड़ा सा पानी मुन्नी को पीने दिया फिर उसे हटाई और ख़ुद बाक़ी का माल हज़म कर गयी।

मालिनी ने मस्ती से देखा और बोली: आऽऽऽऽह मम्मी क्या मस्त लग रहा है भाई मेरा दूध पीते हुए आपसे और अपनी छोटी बहन से अपना लौड़ा चूसवा कर पानी पिला रहा है। मालिनी की बुर में तेज़ खुजली मची और वो राजेश को उठाई और बेशर्मी से अपनी बुर साड़ी के ऊपर से खुजाने लगी और बोली: मम्मी मेरी बड़ी ज़ोर से खुजा रही है आप सबको मस्ती करते देखकर। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

सरला: राजेश अपनी दीदी की चूत चूसकर झाड़ दे ना बेटा। अभी वो चुदवा नहीं सकती।

राजेश ने मालिनी को लिटा दिया और फिर उसकी साड़ी को पेटिकोट समेत उठा दिया। मालिनी ने अपनी गाँड़ उठाकर उसकी मदद की। अब राजेश ने अपना मुँह उसके बुर पर रखा और उसे चूसने लगा। सरला: बेटा ज़्यादा अंदर ऊँगली नहीं डालना। सिर्फ़ जीभ से चोदना। हाँ क्लिट को जीभ से रगड़ कर झाड़ दे इसे।

राजेश ने अपनी मम्मी की इन्स्ट्रक्शन मानते हुए मालिनी को मस्त करना शुरू किया और वह जल्दी ही अपनी गाँड़ उछालकर आऽऽऽऽऽऽऽह भाआआइ मरीइइइइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी। राजेश का मुँह उसके पानी से भर गया और वो मुस्कुरा कर अपनी बहन से बोला: वाऽऽऽऽऽह दीदी मस्त पानी छोड़ती हो आप। बहुत स्वाद भी आपका पानी।

मालिनी चुपचाप पड़ी रही और अपने क्लाइमैक्स का मज़ा लेती रही।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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