बहू नगीना और ससुर कमीना
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
Superb update.........
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
शाम तक दोनों बहू ससुर लिपटे पड़े थे। राजीव ने मालिनी को एक राउंड और चोद दिया था। फिर दोनों जब चाय पी रहे थे तब मुन्नी और चारु पढ़ाई करके घर आए । दोनों आकर सीधे किचन में गयीं और स्नैक्स खाते हुए बाहर आयीं ।चारु आकर मालिनी के पास बैठ गयी। मुन्नी जाकर राजीव के पास बैठने जा रही थी पर उसने उसे अपने गोद में खींच लिया। और उसके गाल चूमने लगा।तभी उसकी निगाह मुन्नी के टॉप पर पड़ी ।
वो बोला: ये क्या मुन्नी तुम्हारे टॉप यहाँ पर इतना मुड़ा तुड़ा सा क्यों है। वो उसके अमरूदों की ओर इशारा करके बोला।
मुन्नी: ऐसा कुछ नहीं है अंकल। ऐसे ही प्रेस ख़राब हो गयी होगी।
मालिनी: नहीं मुन्नी । साफ़ लगा रहा है कि तुम्हारी छातियों को कोई मसला है। तुम्हारे टॉप इसी वजह से ऐसा हो गया है।
चारु: मुन्नी किसने दबाई तुम्हारी चूचियाँ ?
अचानक मुन्नी रोने लगी। राजीव ने उसके गाल से आँसू पोंछे और कहा: बेटी डरो मत बताओ ये किसका काम है? हम उसे ठीक कर देंगे।
मुन्नी ने आँसूँ पोंछकर कहा: अंकल बस का कंडक्टर और ड्राइवर मुझे तंग कर रहे हैं । उन्होंने मुझे कहा है कि मैंने किसी को बताया तो मुझे जान से मार देंगे।
राजीव: लेकिन इतनी लड़कियों के सामने वो ऐसा कैसे कर सकते हैं ? पूरी बात बताओ कि ये सब कैसे शुरू हुआ?
मुन्नी ने गहरी साँस ली और बोलना शुरू किया: अंकल क़रीब ५/६ दिन पहले बस में स्कूल जाने के समय भीड़ के कारण मुझे सीट नहीं मिली। मैं पीछे की ओर कंडक्टर की सीट के पास खड़ी थी। वह मेरी छातियों को घूर रहा था। उसकी उम्र कोई ५० साल की होगी। तभी मुझे लगा कि मेरी कमर पे किसी का हाथ आ गया है। मैंने मुड़कर देखा तो एक स्वीट सा लड़का था। वो मुझे छूने लगा और सच कहूँ तो मुझे भी अच्छा लगा और मैं चुपचाप मज़ा लेने लगी।
राजीव: ओह फिर क्या हुआ?
मुन्नी: वो मुझे छूता रहा और फिर मेरी स्कर्ट के ऊपर से मेरे चूतडों को दबाने लगा। थोड़ी देर बाद वो स्कर्ट उठकर मेरी जाँघों को सहलाने लगा। और अब पैंटी के ऊपर से मेरी गाँड़ सहलाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था सो मैंने उस प्यारे से लड़के को सब करने दिया। थोड़ी देर बाद स्कूल आया और हम सब उतर गए। ।
स्कूल के बाद जब मैं बस की तरफ़ आ रही थी तो बस का ड्राइवर राजू जिसकी उम्र कोई २५/३० की होगी , मुझे एक पेड़ के पास खड़ा हुआ मिला। वो बोला: मुन्नी ज़रा यहाँ आओ।
मैं उसके पास जाकर बोली: क्या बात है राजू भय्या।
वो मुझे अपने मोबाइल को दिखाकर बोला: देखो इसमें तुम्हारी एक क्लिप है। देख लो ज़रा।
मैंने वो क्लिप देखी और मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी। उसमें मैं साइड से साफ़ दिख रही थी और वो लड़का भी दिख रहा था जिसने मेरी स्कर्ट उठकर मेरी नंगी जाँघे सहलायीं थीं । उसमें मेरी पैंटी में उसकी ऊँगलियाँ मेरी गाँड़ में घुसती हुई साफ़ दिखाई दे रही थी। मैं समझ गयी कि कमीने कंडक्टर ने मेरी क्लिप बना ली है।
वो कमीनी मुस्कान के साथ बोला: मुन्नी बड़ी मस्त गाँड है तुम्हारी। बड़ा मज़ा करी आज इसके साथ। अब अगर मैं ये क्लिप फ़ेस्बुक में डाल दूँ तो तुम्हारा क्या होगा?
मैं: नहीं नहीं भय्या ऐसा मत करना प्लीज़ मैं बदनाम हो जाऊँगी। मैं रोने लगी।
वो: देखो तुमको हमारी बात माननी होगी। आज तुम आख़री स्टॉप तक बस से नहीं उतरोगी। फिर हम दोनों तुम्हारे साथ थोड़ा सा मज़ा करेंगे फिर तुमको तुम्हारे घर पर छोड़ देंगे। और हमारी बात नहीं मानी तो ये क्लिप तुम्हारे स्कूल के सब बच्चे देखेंगे। बोलो मंज़ूर है?
मैंने चुपचाप हाँ में सर हिला दिया। फिर मैंने सिर उठाया तो मेरी नज़र उसके पैंट के ऊपर बने हुए तंबू पर पड़ी। मैं समझ गयी कि आज मेरा हाल ख़राब होने वाला है।
ख़ैर जब मैं बस में चढ़ी तो मुझे अहसास हुआ कि मेरी स्कर्ट में किसी का हाथ घुसा है। मैंने मुड़ी तो सामने वो बुड्ढा कंडक्टर था और वो कमीनी मुस्कान दे रहा था। मैं जानती थी कि विडीओ क्लिप इसी कमीने ने बनायी है पर क्या कर सकती थी। मैं सीट पर बैठ गयी। और आख़री स्टॉप पर जब बस ख़ाली हो गयी तो मैं अकेली ही बस में बैठी थी। अब कंडक्टर मेरे पास आकर खड़ा हुआ और उसके पैंट का तंबू भी साफ़ दिख रहा था।
मैं: सलीम अंकल मुझे जाने दो और वो क्लिप डिलीट कर दो।
वो: वाह जब स्कर्ट में हाथ डलवा कर गाँड़ मसलवाई थी तब ये नहीं सोचा था? अब हमको भी मौक़ा दो मुन्नी।
मेरी हालत इन दो कमीनों के बीच में फँसी हुई एक मुर्ग़ी जैसी थी जो अब हलाल होने वाली है।
अब दोनों बस को एक सुनसान सड़क पर खड़े किए और मेरे पास आकर खड़े हुए। दोनों के तंबू देखकर मैं डर गयी थी। पता नहीं क्या क्या करेंगे मेरे साथ।
मालिनी: ओह स्साले बड़े कमीने हैं ये दोनों। फिर क्या हुआ??????
वो बोला: ये क्या मुन्नी तुम्हारे टॉप यहाँ पर इतना मुड़ा तुड़ा सा क्यों है। वो उसके अमरूदों की ओर इशारा करके बोला।
मुन्नी: ऐसा कुछ नहीं है अंकल। ऐसे ही प्रेस ख़राब हो गयी होगी।
मालिनी: नहीं मुन्नी । साफ़ लगा रहा है कि तुम्हारी छातियों को कोई मसला है। तुम्हारे टॉप इसी वजह से ऐसा हो गया है।
चारु: मुन्नी किसने दबाई तुम्हारी चूचियाँ ?
अचानक मुन्नी रोने लगी। राजीव ने उसके गाल से आँसू पोंछे और कहा: बेटी डरो मत बताओ ये किसका काम है? हम उसे ठीक कर देंगे।
मुन्नी ने आँसूँ पोंछकर कहा: अंकल बस का कंडक्टर और ड्राइवर मुझे तंग कर रहे हैं । उन्होंने मुझे कहा है कि मैंने किसी को बताया तो मुझे जान से मार देंगे।
राजीव: लेकिन इतनी लड़कियों के सामने वो ऐसा कैसे कर सकते हैं ? पूरी बात बताओ कि ये सब कैसे शुरू हुआ?
मुन्नी ने गहरी साँस ली और बोलना शुरू किया: अंकल क़रीब ५/६ दिन पहले बस में स्कूल जाने के समय भीड़ के कारण मुझे सीट नहीं मिली। मैं पीछे की ओर कंडक्टर की सीट के पास खड़ी थी। वह मेरी छातियों को घूर रहा था। उसकी उम्र कोई ५० साल की होगी। तभी मुझे लगा कि मेरी कमर पे किसी का हाथ आ गया है। मैंने मुड़कर देखा तो एक स्वीट सा लड़का था। वो मुझे छूने लगा और सच कहूँ तो मुझे भी अच्छा लगा और मैं चुपचाप मज़ा लेने लगी।
राजीव: ओह फिर क्या हुआ?
मुन्नी: वो मुझे छूता रहा और फिर मेरी स्कर्ट के ऊपर से मेरे चूतडों को दबाने लगा। थोड़ी देर बाद वो स्कर्ट उठकर मेरी जाँघों को सहलाने लगा। और अब पैंटी के ऊपर से मेरी गाँड़ सहलाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था सो मैंने उस प्यारे से लड़के को सब करने दिया। थोड़ी देर बाद स्कूल आया और हम सब उतर गए। ।
स्कूल के बाद जब मैं बस की तरफ़ आ रही थी तो बस का ड्राइवर राजू जिसकी उम्र कोई २५/३० की होगी , मुझे एक पेड़ के पास खड़ा हुआ मिला। वो बोला: मुन्नी ज़रा यहाँ आओ।
मैं उसके पास जाकर बोली: क्या बात है राजू भय्या।
वो मुझे अपने मोबाइल को दिखाकर बोला: देखो इसमें तुम्हारी एक क्लिप है। देख लो ज़रा।
मैंने वो क्लिप देखी और मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी। उसमें मैं साइड से साफ़ दिख रही थी और वो लड़का भी दिख रहा था जिसने मेरी स्कर्ट उठकर मेरी नंगी जाँघे सहलायीं थीं । उसमें मेरी पैंटी में उसकी ऊँगलियाँ मेरी गाँड़ में घुसती हुई साफ़ दिखाई दे रही थी। मैं समझ गयी कि कमीने कंडक्टर ने मेरी क्लिप बना ली है।
वो कमीनी मुस्कान के साथ बोला: मुन्नी बड़ी मस्त गाँड है तुम्हारी। बड़ा मज़ा करी आज इसके साथ। अब अगर मैं ये क्लिप फ़ेस्बुक में डाल दूँ तो तुम्हारा क्या होगा?
मैं: नहीं नहीं भय्या ऐसा मत करना प्लीज़ मैं बदनाम हो जाऊँगी। मैं रोने लगी।
वो: देखो तुमको हमारी बात माननी होगी। आज तुम आख़री स्टॉप तक बस से नहीं उतरोगी। फिर हम दोनों तुम्हारे साथ थोड़ा सा मज़ा करेंगे फिर तुमको तुम्हारे घर पर छोड़ देंगे। और हमारी बात नहीं मानी तो ये क्लिप तुम्हारे स्कूल के सब बच्चे देखेंगे। बोलो मंज़ूर है?
मैंने चुपचाप हाँ में सर हिला दिया। फिर मैंने सिर उठाया तो मेरी नज़र उसके पैंट के ऊपर बने हुए तंबू पर पड़ी। मैं समझ गयी कि आज मेरा हाल ख़राब होने वाला है।
ख़ैर जब मैं बस में चढ़ी तो मुझे अहसास हुआ कि मेरी स्कर्ट में किसी का हाथ घुसा है। मैंने मुड़ी तो सामने वो बुड्ढा कंडक्टर था और वो कमीनी मुस्कान दे रहा था। मैं जानती थी कि विडीओ क्लिप इसी कमीने ने बनायी है पर क्या कर सकती थी। मैं सीट पर बैठ गयी। और आख़री स्टॉप पर जब बस ख़ाली हो गयी तो मैं अकेली ही बस में बैठी थी। अब कंडक्टर मेरे पास आकर खड़ा हुआ और उसके पैंट का तंबू भी साफ़ दिख रहा था।
मैं: सलीम अंकल मुझे जाने दो और वो क्लिप डिलीट कर दो।
वो: वाह जब स्कर्ट में हाथ डलवा कर गाँड़ मसलवाई थी तब ये नहीं सोचा था? अब हमको भी मौक़ा दो मुन्नी।
मेरी हालत इन दो कमीनों के बीच में फँसी हुई एक मुर्ग़ी जैसी थी जो अब हलाल होने वाली है।
अब दोनों बस को एक सुनसान सड़क पर खड़े किए और मेरे पास आकर खड़े हुए। दोनों के तंबू देखकर मैं डर गयी थी। पता नहीं क्या क्या करेंगे मेरे साथ।
मालिनी: ओह स्साले बड़े कमीने हैं ये दोनों। फिर क्या हुआ??????