तुषार बेड पे बैठा हुआ था और अपना चेहरा तौलिया से पोंछ रहा था। उसका छोटा सा लण्ड सो रहा था। उसने पानी की बोतल ले ली जो मोम ने उसकी तरफ बढ़ा दी थी, फिर मोम बेड पे लेट गई।
तुषार ने पानी पीने के बाद मुझे अपनी तरफ खींचा और पूछा - “निशा, तुम कहाँ थी अब तक…”
मोम ने उसके पीछे से कहा- “दिन का जो अहसान था वो चुका रही थी…”
तुषार हँस पड़ा और कहा- “तुम कुछ देर इंतजार कर लो…” फिर तुषार मुझे अपने पास लाकर मेरे टिट्स को किस करके चुचियों को अपने मुँह में भरके उनके मजे लेने लगा।
अब मुझे मोम को सिचुएशन के बारे में बता देना चाहिए, और हो सके तो तुषार को अभी जाने के लिए कह देना चाहिए, लेकिन मैं क्या करूं? मोम तो पहले से ही मूड बनाकर बैठी हैं। अगर मोम को बता दूँ की आदी घर पे ही है तो मोम तुषार को भगा देंगी। लेकिन अभी जो हुआ था उसकी वजह से मुझे भाई की टेन्षन नहीं थी, क्योंकी वो तो यही समझेगा की हम माँ बेटी मिलकर एक-दूसरे को शांत कर रही हैं।
मैंने डिसाइड किया की मोम को ना ही बताऊूँ तो ठीक रहेगा। लेकिन भाई का कोई भरोसा नहीं, हम दोनों की आवाज़ शायद उसको फिर से भड़का दे, और वो पास से सुनने के लिए या फिर चुपके से देखने के लिए मन बना ले। फिर तो बहुत ही मुश्किल हो जाएगी।
मैंने मोम और तुषार को कहा- “मैं अब थक गई हूँ , और मेरे लिए तुषार को रुकने की कोई ज़रूरत नहीं है…”
मोम ने तुषार को कहा- “तुम यहीं रात रुक जाओ और फिर कल चले जाना…” और मेरी तरफ देखकर मोम वाली टोन में कहा- “तुम अपने रूम में जाकर सो जाओ…”
मैंने सोचा की मोम भी ना, एक नंबर की चुदक्कड़ हैं, वो तो पक्का मूड बनाकर बैठी है दूसरे राउंड का। मैं मुड़ी और जाने लगी। तभी एक खयाल आया, और कहा- “तुषार, तुम्हें अली मॉर्निंग में जाना पड़ेगा, मेरे पति आदित्या मॉर्निंग में आ जाएँगे। गुड नाइट…”
मोम मेरा इशारा समझ गई और जवाब में “गुड नाइट” कहा। मुख्य दरवाजा बंद करके रूम से बाहर आ गई। काउच के नीचे से जूते निकाल लिए और पास से मैंने अपना फ़ोन लिया और बाकी सामान भी उठाकर मैं अपने रूम में चली गई।
भाई के कपड़े रूम के दूसरे कोने में चेयर के ऊपर पड़े हुए थे, और वो छत की तरफ घूर रहा था, और किसी सोच में डूबा हुआ था। मेरे आने पे उसने मेरी तरफ देखा जैसे वो कुछ पूछना चाहता है पर उसने कुछ पूछा नहीं।
मैंने दरवाजा लाक करके उसको कहा- “मैंने मोम को कहा की तुम कल मॉर्निंग में आ रहे हो, इसलिए अगर रात को मोम नाक करें, तो तुम बाथरूम में छिप जाना। ओके…”
मैंने रूम के दूसरी ओर के कोने पे चेयर पे रखे भाई के कपड़ों को कपबोड में डालकर कहा- “और अगर मॉर्निंग में भी मोम यहां नहीं आती है तो उनको कह देंगे की तू सुबह 4:00 बजे ही आ गया था और तूने मुझे काल करके उठाया, आज रात तुझे यही पे सोना पड़ेगा…”
भाई- “अगर मैं 4:00 बजे आया हूँ तो अपने रूम में सोऊूँगा ना?” उसने प्लान के कमजोर पाइंट की तरफ इशारा किया।
मैं- “नहीं, अगर मोम 4:00 बजे से पहले तेरे रूम में गई तो जवाब नहीं दे पाएंगे। वैसे वो तेरे रूम में जाएगी तो नहीं, पर हम रिस्क नहीं ले सकते…”
भाई इंप्रेस होने वाली नजर से देख रहा था की मैं कितना डीप में सोचती हूँ । भाई ने इतनी मेहनत की थी इसलिए वो थोड़ी देर बाद ही सो गया। पर मैं टेन्षन में आधा घंटा तक जागी रही और किसी आवाज़ के होने का इंतजार करती रही, पर इतनी देर घर में शांति ही थी। धीरे-धीरे मुझे नींद आ ही गई और मैं अंदर बेडरूम में भाई से लिपटी, सो गई।
अगली सुबह मेरी आँखे खुली और मैं कुछ देर सामने वाल को देखती रही।
मैं दिमाग से रात का सपना भूल ती जा रही थी। बस मुझे इतना याद आया की सपने में मैं किसी मोटे और 6 फुट लंबे, तोंद वाले आदमी से झगड़ रही थी लेकिन क्यों? ये अब भूल चुकी थी पर मुझे अपना गुस्सा अभी भी महसूस हो रहा था।
फिर तेज़ी से मुझे कल की सारी बातें याद आ गई। भाई मेरे पास ही खर्राटे ले रहा था। 7:20 हो रहे थे, मैं जल्दी से उठी, मुझे पक्का करना था की तुषार चला गया है की नहीं? क्या मोम ने रात को दूसरा राउंड किया था? शायद नहीं क्योंकी मुझे काफ़ी देर तक कुछ सुनाई नहीं दिया और हो सकता है की तुषार ही भाई के जैसे थक के सो गया हो।
मैंने मोम के रूम का दरवाजा खोला और देखा की बेड खाली था। बाथरूम का दरवाजा खुला था पर वहां भी कोई नहीं था। शायद तुषार चला गया होगा और मोम किचेन में होंगी। मैं चल के किचेन में गई तो मोम वहां भी नहीं थी। अब मोम मुझे टेन्षन होने लगी है, कल आदी और आज ये मेरी माँ, बस सबको अपनी-अपनी पड़ी है। मैं जल्दी से एक्सरसाइज़ रूम में गई पर मोम वहां भी नहीं थी। अब ये लोग कहीं बाहर तो नहीं चले गये? मैं अपने रूम में गई और टीशर्ट –पजामा पहना और घर के बाहर गई। कार, बाइक और अजक्टवा सब अंदर ही थे, और मैंने देखा भी नहीं था की तुषार कैसे आया था।
हमारे घर के सामने भी कोई कार या बाइक खड़ी नहीं थी। फिर तुषार आया कैसे होगा? और ये कैसे पता चले कि वो गया भी है की नहीं? क्योंकी मोम और उसका तो आता-पता ही नहीं था। मैं गुस्से में वापस अपने रूम में जाने लगी। एक मिनट मैंने भाई का रूम चेक नहीं किया। अब मुझे और गुस्सा आने लगा, मोम ऐसा कैसे कर सकती हैं, अभी दिखती हूँ , ये कोई तरीका है?
और जब भाई के रूम में भी कोई नहीं था तो मुझे राहत तो मिली पर गुस्सा कम नहीं हुआ- “एक बार मोम मेरे हाथ आ जाए…” सोचती हुई मैं वापस अपने रूम की तरफ जाते हुए सीढ़ियों चढ़ने लगी तो सामने से तुषार नीचे आ रहा था।
मैं- “व्हाट द हेल, ह्हवेयर वेयर यू ? पता है मैं कब से पागलों की तरह यहां वहां ढूँढ रही हूँ ? और मोम कहां हैं?” मैं गुस्से से किसी नागिन जैसे फुन्फकारते हुए पूछने लगी।
तुषार- “वो… वो ईिी ईिी, हम लोग तो टेरेस पे थे, और तुम्हारी मोम को मैंने नहीं देखा। बल्कि मैंने किसी को नहीं देखा। क्या वो भी घर पे थी?”
मैं- “ओह्हह धीरे बोलो…” फिर मैंने अपनी बात को संभालते हुए कहा- “मेरी मोम जागगई हैं, और अगर वो तुम्हें देख लेंगी तो गजब हो जाएगा। तुम जल्दी से जाओ, और… और राखी भी टेरेस पे ही है?”
तुषार- “हाँ… हम तुम्हारे सो जाने के बाद ऊपर चले गये थे, ताकी तुम सो सको…”
मैं उसका हाथ पकड़े उसको ले जाने लगी- “वैसे तुम आए कैसे यहां पे?” मैं और तुषार मोम के रूम में गये, जहाँ पे उसके कपड़े थे।
तुषार ने कहा- “मैं कार से आया था…”
मैंने उसको कहा- “मैंने बाहर तो कोई कार नहीं देखी…”
तुषार- “मैं अपनी कार गली के एंड वाले हाउस के बाहर खड़ी की है, तुम लोगों की प्राइवसी के लिए। वैसे तुम्हारी मोम ने कल कुछ नहीं सुना?”
मैं- “उन्होंने टैबलेट ली थी, जिससे वो घोड़े बेचकर सो जाती हैं। इसलिए हमें उनकी कोई टेन्षन नहीं थी…” मैंने जल्दी से कहानी बना दी।
तुषार तैयार हो गया, मुझे किस करने के बाद बोला- “आई मिस्ड यू लास्ट नाइट, तुम भी आ जाती तो अच्छा होता…” फिर उसने मुझे वापस किस किया और इस बार वो मुझे कुछ ज्यादा ही देर किस करता रहा। फिर किस ब्रेक होने के बाद वो मेरा चेहरा पढ़ने की कोशिस कर रहा हो की क्या मेरा मूड है?
मैंने सोचा की एक और किस करके उसको रवाना कर दूँगी । मेरे सामने से किस करने पे उसने मेरी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और और फिर एक हाथ पाजामे में डाल दिया।
मैंने उसको अलग किया- “ओके ओके, यू हैव टु गो नाउ…”
तुषार “बस थोड़ी देर…”
मैं- “अगली बार, प्रोमिस। अब चलो…”
उसके जाने के बाद मुझे इतनी राहत मिली की जैसे अभी-अभी मेरे एग्जाम खत्म हो गये हों, और अब छुट्टियाँ ही छुट्टियाँ हैं। मैं खुशी से अपने रूम में गई और भाई के पास बैठ गई। तुषार ने मुझे हाट कर दिया था, लेकिन मेरे पास एक और सेक्स पार्टनर था, जिसके साथ सेक्स करना सबसे मस्त था।
भाई मेरे ब्लो-जोब करने पे जागा, वो मुझे स्माइल करते हुए लण्ड के सुपाड़े को चाटते देख रहा था। जब मैं अपनी जीभ को धीरे से लण्ड के बड़े और गर्म सुपाड़े पर फेरती तो भाई की आँखे बंद होने लगतीं। फिर उससे रहा नहीं गया और झट से खड़ा हुआ और मुझे लिटा दिया और जी भर के चूमते हुए प्यार करने लगा।
मेरी टांगे पूरी खोलकर वो कुछ देर मेरी स्वीट गीली चूत को अपनी हाट शरारती जीभ से और गीली करने लगा। फिर मेरी क्लिट के ऊपर अपना लण्ड रखकर धीरे-धीरे रगड़ने लगा। शायद हम दोनों सेम इनटेन्स प्लेषर महसूस कर रहे थे।
“ऊव… अब डाल ना, मैं आज खूब चुदना चाहती हूँ …” अब मैं पूरा खुलकर बिना टेन्षन के मजे करना चाहती थी।
मैंने रिकवेस्ट की पर उसने नहीं डाला। मैंने फिर कहा- “प्लीज़्ज़… आई वांट यू । हियर, इनसाइड मी…”
भाई रगड़ता रहा।
मैं अब उसकी आँखों में लस्ट फीलिंग से देखती रही, अपने होंठों को काटा, चाटा, जो बात ज़ुबान नहीं कह पाई, वो आँखों ने आखिर मनवा ही ली।
मैं- “ओह्हह… गोड, एस दिस इस इट…” अपने फ़ेवरेट काक को अपनी स्लट कंट में महसूस करके मुझे मज़ा आ गया। उसके बाद भाई ने ऐसा चोदा की मैं कोई पॉर्न-स्टार बन गई। कल मेरा मुँह बंद था पर अभी मैं पक्की रण्डी बन गई थी- “फक माई स्वीट लिटिल पुस्सी, फक इट, आह्हह… फक इट फक इट आह्हह… आह्हह एस्स्स… सस्स्स… ऊह्हह गोड हार्डर हार्डर फक इट माई होर कंट, माई डर्टी कंट, प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… हाँ हाँ एस एस्स्स्स…”
भाई- “टेक इट, टेक इट, यू फकिंग कंट…” भाई ने मेरे टांग पकड़कर जम के चूत मारते हुए बोला
मैं तड़प गई- “हाँ…”
भाई- “यू लव माई काक डोन्ट यू ? माई होर स्लट सिस?”
अब एक स्वीट एल्डर सिस्टर बनने का टाइम नहीं था, अभी एक होर बाहर निकालकर आ चुकी थी- “एस आई डू । आह्हह… आई एमूड टी चीप होर, फक मी हार्डर, फक माई डर्टी लिटिल फक होल विद योर बिग हार्ड रोड, ओह्हह… आअह्हह… आऽ आऽ एस एस ओह्हह… आह्हह… आई लव इट, आई लव योर बिग काक इन माई चूत ओह्हह… शिट …”
फिर भाई उठा और मुझे बेड के किनारे पे खींचा, मेरी बाडी बेड पे थी पर मेरा सिर लटक रहा था। फिर वो ऐसे खड़ा हो गया, जिससे मेरा सिर बेड से लटकते हुए भाई की टांगों पे भी था। उसने लण्ड को मेरे मुँह में डाला और मेरे बाल पकड़कर सिर को हिलाने लगा। आई टुक हिज़ होल डिक, लिक्ड हिज़ शैफ्ट, लिक्ड हिज़ बाल्स, आंड आई बिकेम सो डर्टी वेन आई लिक्ड हिज़ गाण्ड का छेद।
फिर वो घुमा और मुझे उठा लिया, मेरे पैर हवा में थे और 69 में हो गये थे। ये अभी अिकंनटेबल हो गया था, तो मुझे बेड पे लिटा दिया पर मैं डागी स्टाइल में आ गई।
मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete
- pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
superb ....................
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
super hot stori keep writing.............
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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- Smoothdad
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
आगे क्या हुआ ……………अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .