ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete

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jay
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना

Post by jay »

rajaarkey wrote: 01 Nov 2017 14:49 shukriya paji nayi kahani ke liye
sexi munda wrote: 01 Nov 2017 16:15 hattttttttttttttt update plz continue ............
pongapandit wrote: 02 Nov 2017 09:14 Hot update ....waiting next
Dolly sharma wrote: 02 Nov 2017 11:51 Superb update
Kamini wrote: 03 Nov 2017 12:20mast update
THANKS FOR SUPPORT
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना

Post by jay »

लेकिन कहते हैं ना कि हर काम का एक अंजाम ज़रूर होता है…. अब भूरी की चूत फिर से पानी छोड़ने को तैयार थी और इधर अरुण का लंड भी मस्ती में झूम रहा था और उसे भी भूरी की कसी हुई चूत के रस ने सराबोर कर दिया था, उसे लगने लगा जैसे उसके लंड को भूरी की चूत जकड लेना चाहती है और उसके धक्कों में अवरोध पैदा कर रही है, जिसके कारण उसके टट्टों से कोई चीज़ बहके लंड के रास्ते बाहर आना चाहती है…

अरुण के धक्के अप्रत्याशित रूप से बढ़ गये, जिसके कारण भूरी की चूत जबाब दे गई और वो भल्भल कर पानी छोड़ने लगी, अरुण ने भी 4 सुलेमानी धक्के मारे और हुंक्काआअरररर मारते हुए भूरी की गान्ड से चिपक गया, उसका लंड भूरी की चूत में फाइरिंग करने लगा… 1…2….3… लगातार 15-20 शॉट मारके वो भूरी के उपर पसर गया, उसके वजन को सहन ना कर पाने और थकान के कारण भूरी चारपाई पर पेट के बल पसर गई, अरुण उसकी गान्ड के उपर लंड अंदर डाले ही पड़ गया…

कितनी ही देर वो दोनो ऐसे ही पड़े रहे…. जब भूरी की साँसें थोड़ा संयत हुई तब उसे अरुण का वजन महसूस हुआ और उसने अपनी गान्ड हिला कर अरुण को उठने का संकेत दिया…

दोनों ने खड़े होकर अपने-अपने शरीर को गीले तौलिया से सॉफ किया जो कि पसीने और उन दोनो के रस से चिपचिपा गया था, अपने-अपने कपड़े पहने, और एक-दूसरे से सटके चारपाई पे बैठकर बातें करने लगे…

भूरी…!! कपड़े पहने के बाद अरुण बोला…

हुउंम.. भूरी अभी-अभी हुई चुदाई की खुमारी में ही बोली..

मज़ा आया…? अरुण ने पूछा..

बहुत !! सच कहूँ, इतना मज़ा तो आजतक कभी नही आया, पता नही आज आपके अंदर किस चोदु की आत्मा घुस गई, हँसते हुए भूरी बोली. एक बार तो लगा जैसे जान ही निकल जाएगी आज तो मज़े के मारे….

अरुण : ह्म… चल तू अब घर जा, कोई आगया तो हम लोग फँस जाएँगे, में भी कुच्छ देर के बाद आता हूँ, अभी तक साला सुबह से खाना भी नसीब नही हुआ.. पता नही आज साला सुबह-सुबह उठके किस गधे का सामना हुआ था..? बुदबुदाते हुए उसने गेट खोला और भूरी की गान्ड पे एक चपत मार के कमरे से बाहर भेज दिया, और खुद उसी चारपाई पे लेट गया…

पट-पाट-पट-पाट..मोटर और पंप के बीच लगे पट्टे के जायंट्स की लयबद्ध आवाज़ें उसके कानों में पड़ रही थी, और उन्ही आवाज़ों के बीच चारपाई पे लेटा-लेटा अरुण अपने परिवार में हुई अतीत की घटनों में डूबता चला गया…
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना

Post by jay »

ये कहानी है पश्चिमी उत्तर परदेश के एक गाओं की जिसकी 60 के दसक में कुल अवादी होगी लगभग 2000-2500, जिसमें 1/3 ब्राह्मण, 1/4 ठाकुर, बाकी के लगभग सभी जातियाँ रहती थी.

कृषि के मामले में ये इलाक़ा पूरे देश में उत्तम था, गंगा-यमुना के दोआब के इस इलाक़े में ऐसी कोई फसल नही थी जो ना उगाई जाती हो, मुख्य रूप से यहाँ की सिंचाई का साधन गांग नहर थी, इस गाओं के पूर्व में लगभग 800 मीटर दूर एक बड़ी नहर थी और पश्चिम में भी लगभग 1 किमी दूर एक छोटी नहर थी, कुल मिलाकर इस इलाक़े में फसलों की सिचाई के लिए पर्याप्त मात्र में नहरों द्वारा गंगा का पानी उपलब्ध था, सभी को समान रूप से उनके ज़मीनों के माप के हिसाब से.

इसी गाओं में एक खुशहाल ब्राह्मण संयुक्त परिवार था, जिनके पास भरपूर मात्र में ज़मीन थी, इनकी ज़्यादातर ज़मीन छोटी वाली नहर से लगी हुई थी.

अच्छा ख़ासा बहुत बड़ा सा एक घर था जिसमें चार भाइयों का भरपूरा परिवार संयुक्त रूप से रहता था. चारों भाइयों के हिसाब से ही घर चार हिस्सों में बना हुआ था.

घर के ठीक सामने लगा हुआ एक बड़ा सा लगभग 10 फीट उँची दीवार से घिरा हुआ कम-से-कम 2 एकड़ का एक घेर था, जिसमें लगभग 15-20 पशु (बैल, गई, भैंस और उनके बच्चे आदि) बाँधे जाते थे.

घर बिल्कुल गाओं के पश्चिमी छोर पे है, घर के ठीक पीछे से ही लगभग 8-10 एकर ज़मीन इसी परिवार की है.

जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है, कि इस परिवार की खेती 3 मुख्य जगहों पर है, जिसमें से एक ये घर के पिच्छवाड़े वाली है.



2) दूसरे भाई… जानकी लाल शर्मा : लंबे-चौड़े कद काठी के व्यक्ति, बड़े ही सज्जन और सरल प्रवृति के मालिक, परोपकारी इतने कि चाहे खुद के बच्चे अपनी ज़रूरतों के लिए रोते रहें, लेकिन अगर कोई गाओं का ग़रीब इनके दरवाजे पे आगया तो उसको खाली हाथ नही जाने देंगे.

ऐसा लगता था जैसे इन्हें इस युग में पैदा करके भगवान ने कोई ग़लती करदी हो.

जानकी लाल शुरुआती 50 के दसक में, अपने गाओं के सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे व्यक्ति थे. पढ़ाई के तुरंत बाद ही इनको अध्यापक की नौकरी मिल गयी, इसलिए इनका पेट नाम ही पंडितजी पड़ गया था. सभी बूढ़े-बच्चे इनको इसी नाम से संबोधित करते थे, लेकिन कुच्छ ही समय बाद उन्होने वो नौकरी छोड़ दी और अन्य भाइयों के साथ खेती वाडी में लग गये.

उत्तम दिमाग़ के मालिक जानकी लाल इतने तेज थे की 10थ-12थ के मैथ के सवाल उंगलियों पे गड़ना करके ही हाल कर देते थे.

इनके भी चार बेटे और दो बेटियाँ हैं,

दो बड़े बेटे- रोशन लाल, और ब्रिज लाल, उसके बाद दो बेटियाँ- मल्टी और फाल्गुनी, दोनो शादी-शुदा हैं और अपने-अपने परिवारों में सुखी और सम्पन जीवन व्यतीत कर रहीं हैं. उसके बाद दो छोटे बेटे- श्याम बिहारी और अरुण.

चूँकि इस कहानी का मुख्य पात्र अरुण है इसलिए उसी से संबंधित पात्रों पर चर्चा भी स्वाभाविक है ज़्यादा ही होगी.

दोनो बड़े भाई, रोशन लाल और ब्रिज लाल अपनी-अपनी शिक्षा पूर्ण करके अच्छे पदों पर हैं, अलग-अलग शहरों में बस चुके हैं. बड़े भाई गॉव कॉलेज में लेक्चरर हैं, तो दूसरे अग्रिकल्चर यूनिट में प्रोफेसर है.

बड़े भाई के 3 बेटे हैं, जिनमें सबसे बड़ा बेटा तो अरुण से मात्र 8 महीने ही छोटा है और सिविल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा करके रेलवे में जॉब करता है.
वाकी दोनों भी अच्छे जॉब कर रहे हैं..

दूसरे भाई के दोनों बेटे भी सेट हैं, एक 5 स्तर होटल में मॅनेजर है, तो दूसरा देश की बहुत बड़ी एलेक्ट्रॉनिक को. में मॅनेजर है. दोनो शादी शुदा हैं.

अरुण के तीसरे भाई श्याम जी- इनके भी 3 बच्चे हैं, 2 बेटे और एक बेटी. आजकल दोनो बेटे जॉब कर रहे हैं, बेटी ग्रॅजुयेशन कर चुकी है, शादी किसी की नही हुई है अभीतक.

अरुण चूँकि इस कहानी का मुख्य पत्र है, इसलिए उसके आज के बारे में हम कहानी के उस पड़ाव तक पहुचने पर ही चर्चा करेंगे तो ही उचित होगा….
……………………………………………………………………………

3) अब नंबर आता है अरुण के चाचा नंबर 1 राम सिंग जी का, लंबे तगड़े राम सिंग जी अपने सभी भाइयों में तगड़े थे, नाम के मुतविक ये वास्तव में ही सिंग थे, अपनी जवानी में इनके डर से इनके साथियों की गान्ड फटती थी. अनपढ़ होते हुए भी कोर्ट-कचहरी और अन्य बाहरी व्यवस्थाओं के कामों में दक्ष थे.

जानकी लाल और राम सिंग जीवन परियन्त तक एक साथ मिलकर ही रहे, लेकिन इन दोनो भाइयों की म्र्टपेरेंट, इनके परिवार अलग-अलग हुए.

अरुण के लिए राम सिंग जी वाकई में चाचा नंबर.1 थे, क्योंकि उसको निडर और साहसी बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा था.

इनके 3 बेटे और एक छोटी बेटी, बड़े दोनो भाई स्कूल टीचर और तीसरे भाई हरियाणा में अग्रिकल्चर ऑफीसर हैं. तीनों के परिवार अच्छे से सेट हैं. बेटी भी शादी शुदा है और अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रही है.

4) इस परिवार के सबसे छोटे भाई और अरुण के चाचा नंबर.2 ..रमण लाल, बचपन से ही वॅंगाडू किस्म के थे, लेकिन किस्मत के धनी,

इनकी शादी एक ऐसी लड़की से हुई, जिसके पिता को उसके अलावा और कोई औलाद नही थी, और लगभग 100 बीघा ज़मीन थी उनकी, फिर क्या था बन गये घर जमाई,

हल्की फुल्की कद काठी के 55 किलो वजनी रमण चाचा अपनी कुन्तल भर की शिवप्यारी के साथ हो गये सेट अपनी ससुराल में, और अपने मुख्य परिवार से कट से गये. इसलिए आगे इनका कोई रोल इस कहानी में नही होगा. लगभग….

तो ये था इस भरे-पूरे परिवार का परिचय… बूआओं का इस कहानी में कोई ज़्यादा महत्व नही है..अगर कुच्छ आया भी तो समय और घटना के हिसाब से बुआ नंबर. 1,2,3 और 4 होंगी.

वाकी अन्य कहानी में समय समय पर जो नाम आएँगे… वो उनके महत्व के हिसाब से परिचित कराए जाएँगे…
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना

Post by pongapandit »

ohhhhh super hot story bro
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