दादाजी भी अब बिल्कुल ठीक हो चुके थे...
दादाजी..आ मेरा पोता..मुझे गर्व है बेटा तुझ पर .तूने थोड़े ही वक्त मे बहुत तरक्की करली है.
वीर...ये तो सिरफ़ आपके आशीर्वाद का असर है ..
मोम..चल बेटा बैठ लंच करले..ऑर संजू को भी आवाज़ लगा दे..
वीर संजू को भी बुला लेता है ऑर दोनो मिल कर लंच करते है..
वीर..तुझे घूमने जाना है ना थोड़े दिन वेट कर मैं लेके चलूँगा तुझे ठीक है..
संजू...ठीक है जैसा तुझे ठीक लगे .
रात को वीर अपने रूम मे जाता है..संजू तो पहले ही सो चुकी थी..
वीर उसके पास.जा.
वीर..हम कैसी हालत मे फँस गये है एक ओर हम भाई बेहन हैं..उपर से दिल कुछ ऑर कह रह रहा है..
पर जो भी हो रहोगी तो तुम मेरे साथ ही ना..तुम्हेकभी अपने से अलग नही करूगा.. चाहे जो हो जाए आइ लव यू..
ऑर संजू के गाल पर किस करता है..
जिस से संजू थोड़ा कसमसाती है .
ऑर वीर जल्दी से बेड पर लेट जाता है.
पर उसे नही पता था कि संजू जाग रही है .ऑर उसने सब सुन लिया है..
संजू रात को पानी पीने के लिए उठती है ऑर देखती है कि वीर उसे हग कर सोया हुया है..जिसे देख संजू वैसे ही फिरसे सो जाती है..
नेक्स्ट मॉर्निंग...
वीर..आज उन्हे दिखाएँगे..सिंग फॅमिली क्या चीज़ है
फिर वीर अपने असली रूप मे रेडी होता है..
जिसे देख कोई भी लड़की पागल जो जाए..टाइट शर्ट गॉगेल्स..
संजू..हाई किसी की नज़र ना लगे...काश मैं तेरी बेहन ना होती..
वीर...क्या कहा..ह्म
संजू..नही नही मैं तो ये कह रही थी..बहुत सुंदर लग रहे हो..
वीर उसकी तरफ सिरफ़ स्माइल करता है..
संजू अपने मन मे....काश मैं इसकी बेहन ना होती..ही सो हॉट....
पर उधर वीर संजू की बात सुना लेता है.....
ऑर मंद मंद मुस्कुराने लगता है..
संजू वहाँ से नीचे बने कार सेक्षन जाता है..यहाँ हर तरह की इंपोर्टेड कार्स खड़ी थी...
साथ आई संजू ये सीन देख शॉक हो जाती है..हर तरह की कार थी एक से बढ़ कर एक
फिर वीर..एक कार निकालता है..ऑर संजू को बिठा निकलता है....कॉलेज की तरफ..
उधर...कॉलेज मे लॅमबर्गीनी अवेंटडॉर गेट से एंटर करती है..
अजय ऑर उसके साथी अभी आए हुए थे...
ऑर कार को ही देख रहे थे..जैसे ही कार पार्किंग मे खड़ी होती है तो उसमे से 2 शक्श निकलते है जिसे देख पूरा कॉलेज शॉक हो जाता है..
सारा कॉलेज उस शक्श को देख शॉक हो जाता है..
ये कोई ओर नही संजू ऑर वीर थे...
वीर उतर कर बाहर आता है...
Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र
- Dolly sharma
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- Joined: 03 Apr 2016 16:34
Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
अजय तो बुत्त बना बस देखे जा रहा था *.
ऑर प्रीत ..वीर को देख उसमेहि खो गयी उसको ऑर कुछ नज़र ही नही आरहा था
वीर वहाँ से चल कर अजय के पास आता है
वीर...देखली मेरी औकात ..मेरे सामने तुम्हारे पिता सेठ धनराज चन्द कुछ भी नही *समझा....
ऑर हाँ अब पंगा लेना हो तो अपनी औकात के हिसाब से लेना..
वरना तेरी औकात दिखा दूँगा तुझे
..
पूछ लेना अपने पिता से सिंग कंपनी'स का मालिक धनवीर सिंग कौन है.....समझा...
वीर संजू का हाथ पकड़ वहाँ से कॅंटीन मे आ जाता है..
जिसे देख सभी लड़कियों की चूत गीली होने लगती है..
तभी इनके पास *प्रीत आती है..
प्रीत..हाई आइ अम प्रीत..प्रीत की आँखेमे वीर ले लिए चाहत झलक रही थी
वीर...हाई आम वीर..
प्रीत...प्लज़्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर दीजिए उस दिन के लिए वो सब मैने अपने बाई के कहने पर किया...न्ड जिस दिन इन्हो ने आपको मारने की कोशिस की है ..उस कान्ड मे मैं इनके साथ नही थी...
वीर .मुझे पता है...डोंट वरी...
प्रीत.सो फ्रेंड्स.
वीर...हाँ क्यू नही..फ्रेंड्स ऑर वीर उस से हाथ मिला लेता है..
वीर के स्पर्श से ही दिल मे घंटिया बज जाती है
फिर प्रीत संजू की तरफ हाथ करती है..
पर हाथ नही मिलाती जिसे देख वीर उसे समझाता है.ऐसे मे संजू भी हाथ मिला लेती है...
प्रीत...पर आप पहले क्यूँ नॉर्मेल रह रहे थे...
वीर..वो इसीलिए मुझे अपनी नॉर्मले लाइफ भी जीना था पर तेरा भाई बहुत औकात औकात कर रहा था तो दिखा दी उसे औकात..
देख प्रीत..मुझे पता है तू दिल की सॉफ है...पर अपने भाई को समझा देना मेरे से पंगा ना ले .वरना बहुत पछताएगा..
जानता हूँ तेरे डॅड के अंडरवर्ल्ड्स के साथ ताल्लुक है...
पर मैं उन सब से नही डरता...समझा देना अपने भाई को..
प्रीत ..कोई बात नही मैं समझा दूँगी *..तो ठीक है मैं चलती हूँ..
वीर : रूको तो सही अभी तो मिले है कहाँ चली
वीर की बात सुन प्रीत बैठ जाती है
उधर अजय...
अजय....राहुल इसका कोई तो जुगाड़ करना होगा *साला मेरी बेहन भी उसकी तरफ अट्रॅक्ट हो रही है...
राहुल..क्यू चिंता करता है..क्यू ना इसे *विक्रम बाई को बोल मरवा दें..
अजय...हाँ.ये सही रहेगा...बहुत पवरफुल कहता है ना..अब देख हम इसका क्या करते है...
इधर...
संजू...प्रीत तुम इतनी अच्छी हो फिर क्यूँ अजय का बुरे कामो मे साथ देती हो..
प्रीत..दी बात ये है कि....मैं आपको दी बुलाऊ क्या..
संजू..ह्म..
प्रीत...दी मैं सिरफ़ मस्ती करती हूँ.
वो भी जिस दिन वीर आया था उसी दिन उनके साथ खड़ी थी वहाँ..अदरवाइज़.मैं कभी भी ऐसे घटिया काम मे किसी का साथ नही देती..
उस दिन मैने वीर को बोल तो दिया कि मैं हम तेरे से दोस्ती नही करेगे..पर
घर जा कर मुझे बहुत अफ़सोस हुआ..कि मुझे ऐसा नही करना चाहिए था ..
वीर....इट्स ओके प्रीत..
संजू...वीर चलो ना *कहीं घूम के आते है *
तभी वहाँ बिस्वा ऑर आशीष.आते है...
दोनो आकर सब से मिलते है..
वीर..कहाँ थे बे दोनो..सुबह से गायब हो..
बिस्वा..भाई वो ऑफीस मे थे..थोड़ा काम कर रहे थे *
वीर .चल ठीक है .चलो घूमने चलते है...
फिर सभी निकलते है पार्किंग की ओर.
वीर...आशीष..तुम मेरी कार ले जाओ मैं तुम्हारी कार ले जाउन्गा .हम तीन है..
फिर वीर अपनी लॅमबर्गीनी अवेंटडॉर
आशीष को देता है ऑर उस से हमर ले लेता है.......
ऑर प्रीत ..वीर को देख उसमेहि खो गयी उसको ऑर कुछ नज़र ही नही आरहा था
वीर वहाँ से चल कर अजय के पास आता है
वीर...देखली मेरी औकात ..मेरे सामने तुम्हारे पिता सेठ धनराज चन्द कुछ भी नही *समझा....
ऑर हाँ अब पंगा लेना हो तो अपनी औकात के हिसाब से लेना..
वरना तेरी औकात दिखा दूँगा तुझे
..
पूछ लेना अपने पिता से सिंग कंपनी'स का मालिक धनवीर सिंग कौन है.....समझा...
वीर संजू का हाथ पकड़ वहाँ से कॅंटीन मे आ जाता है..
जिसे देख सभी लड़कियों की चूत गीली होने लगती है..
तभी इनके पास *प्रीत आती है..
प्रीत..हाई आइ अम प्रीत..प्रीत की आँखेमे वीर ले लिए चाहत झलक रही थी
वीर...हाई आम वीर..
प्रीत...प्लज़्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर दीजिए उस दिन के लिए वो सब मैने अपने बाई के कहने पर किया...न्ड जिस दिन इन्हो ने आपको मारने की कोशिस की है ..उस कान्ड मे मैं इनके साथ नही थी...
वीर .मुझे पता है...डोंट वरी...
प्रीत.सो फ्रेंड्स.
वीर...हाँ क्यू नही..फ्रेंड्स ऑर वीर उस से हाथ मिला लेता है..
वीर के स्पर्श से ही दिल मे घंटिया बज जाती है
फिर प्रीत संजू की तरफ हाथ करती है..
पर हाथ नही मिलाती जिसे देख वीर उसे समझाता है.ऐसे मे संजू भी हाथ मिला लेती है...
प्रीत...पर आप पहले क्यूँ नॉर्मेल रह रहे थे...
वीर..वो इसीलिए मुझे अपनी नॉर्मले लाइफ भी जीना था पर तेरा भाई बहुत औकात औकात कर रहा था तो दिखा दी उसे औकात..
देख प्रीत..मुझे पता है तू दिल की सॉफ है...पर अपने भाई को समझा देना मेरे से पंगा ना ले .वरना बहुत पछताएगा..
जानता हूँ तेरे डॅड के अंडरवर्ल्ड्स के साथ ताल्लुक है...
पर मैं उन सब से नही डरता...समझा देना अपने भाई को..
प्रीत ..कोई बात नही मैं समझा दूँगी *..तो ठीक है मैं चलती हूँ..
वीर : रूको तो सही अभी तो मिले है कहाँ चली
वीर की बात सुन प्रीत बैठ जाती है
उधर अजय...
अजय....राहुल इसका कोई तो जुगाड़ करना होगा *साला मेरी बेहन भी उसकी तरफ अट्रॅक्ट हो रही है...
राहुल..क्यू चिंता करता है..क्यू ना इसे *विक्रम बाई को बोल मरवा दें..
अजय...हाँ.ये सही रहेगा...बहुत पवरफुल कहता है ना..अब देख हम इसका क्या करते है...
इधर...
संजू...प्रीत तुम इतनी अच्छी हो फिर क्यूँ अजय का बुरे कामो मे साथ देती हो..
प्रीत..दी बात ये है कि....मैं आपको दी बुलाऊ क्या..
संजू..ह्म..
प्रीत...दी मैं सिरफ़ मस्ती करती हूँ.
वो भी जिस दिन वीर आया था उसी दिन उनके साथ खड़ी थी वहाँ..अदरवाइज़.मैं कभी भी ऐसे घटिया काम मे किसी का साथ नही देती..
उस दिन मैने वीर को बोल तो दिया कि मैं हम तेरे से दोस्ती नही करेगे..पर
घर जा कर मुझे बहुत अफ़सोस हुआ..कि मुझे ऐसा नही करना चाहिए था ..
वीर....इट्स ओके प्रीत..
संजू...वीर चलो ना *कहीं घूम के आते है *
तभी वहाँ बिस्वा ऑर आशीष.आते है...
दोनो आकर सब से मिलते है..
वीर..कहाँ थे बे दोनो..सुबह से गायब हो..
बिस्वा..भाई वो ऑफीस मे थे..थोड़ा काम कर रहे थे *
वीर .चल ठीक है .चलो घूमने चलते है...
फिर सभी निकलते है पार्किंग की ओर.
वीर...आशीष..तुम मेरी कार ले जाओ मैं तुम्हारी कार ले जाउन्गा .हम तीन है..
फिर वीर अपनी लॅमबर्गीनी अवेंटडॉर
आशीष को देता है ऑर उस से हमर ले लेता है.......
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- shubhs
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
Bindas
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- Ankit
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
superb update Dolly ji
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
nice update
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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बन्धन
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यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
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