Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र

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shubhs
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by shubhs »

अच्छा ही होगा
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

वीर बेहोश था ऑर जैसे ही गाड़ी खाई के बीच उतरने लगती है तो तभी आशीष ऑर बिस्वा उसे रोक लेते है..


ऑर गाड़ी को उपर खीच लेते है..



ऑर वीर को बाहर निकाल गाड़ी को खाई मे फेक देते है.जिस से गाड़ी खाई मे जाकर आग की लपटो मे घिर जाती है..

ऑर दोनो वीर को साथ ले वहाँ से गायब हो जाते है..


दोनो वीर को एक पहाड़ी पर ले जाते है...


आप सोच रहे होंगे यह दोनो कौन है इनमें इतनी ताक़त कैसे

तो आपको बता दे कि यह दोनो जिन्न है..जो वीर के साथ बचपन से उसके साथ थे..


उधर..जब अजय ऑर टीम कार को देखते है तो खुशी के मारे झूम उठते है...

अजय..अच्छा हुआ साला मर गया ..मेरे से पंगा ले रहा था..हाहहहहाहा..


यह खबर जब संजना को लगती है तो उसे बहुत बड़ा सदमा लगता है..उसे ऐसा लगता है जैसे उस से फिर से उसकी जिंदगी से एक अहम चीज़ छीन ली गयी हो..


उधर..पहाड़ी पर बिस्वा ऑर आशीष वीर को होश मे लाते है..


जब वीर होश मे आता है तो अपने आप को पहाड़ी पर पाकर हैरान हो जाता है.

वीर . मैं पहाड़ो पर मैं तो गाड़ी मे था..वीर ने अभी इतना ही बोला था कि उसकी आँखो के सामने वो सारा सीन गुजर जाता है


जहाँ अजय उसे गाड़ी मे छोड़ खुद कूद गया था ऑर वो खाई मे गिरने वाला था..


वीर...बिस्वा हम यहाँ कैसे मैं तो खाई मे गिरा था .


बिस्वा हमने तुझे बचाया ..ऑर हाँ हम तुझसे कुछ बात करना चाहते है.



बिस्वा..बात यह है कि आप हमारे मालिक है . ऑर मैं ऑर आशीष इंसान नही जिन्न है..
.
तभी

दोनो अपना रूप जिन्न मे बदल लेते है...

जिसे देख वीर शॉक हो जाता है..

वीर ..कौन हो तुम मेरे पास मत आना ..

आशीष..मालिक प्ल्ज़्ज़ ऐसा मत कहें हमसे ना डरें..आप हमारे बादशाह है..

वीर..नही मैं कोई बादशाह नही ऑर वीर वहाँ से भागने लगता है..


तभी वीर का पैर फिसल जाता है ऑर वो खाई मे गिरने ही वाला था कि तभी वो हवा मे ही रुक जाता है..


बिस्वा..देखा मालिक आप मे शक्ति है..आप हवा मे कैसे रुक गये..


बिस्वा वीर को पकड़ कर साइड मे करता है....


वीर....अगर मुझ मे शक्ति है तो कहाँ है..क्यूँ बचपन से मैं दर दर की ठोकर्र खाते आ रहा हूँ...क्यू...


बिस्वा..अगर आपको बचपन मे ही शक्ति का पता चल जाता तो आप अपनी शक्ति से कुछ ग़लत भी कर सकते थे..


वीर..चलो अब इंसानी रूप मे आ जाओ मेरे दोस्त बनकर..

तभी बिस्वा ऑर आशीष .इंसानी रूप ले लेते है..


वीर...मुझे शक्ति कैसे मिली है..


फिर बिस्वा वीर को सब बता देता है..


वीर...ऑर मुझे अपनी शक्ति के बारे मे किससे पता चलेगा..


बिस्वा..मालिक आपको आपके अंदर झाकना होगा.


योग साधना मे बैठना होगा..


वीर..तो क्या हम अभी कर सकते है..


आशीष...हाँ क्यू नही..


तभी वीर नीचे बैठ जाता है..ऑर अपने मन को एक जगह केंद्रित करने लगता है..बहुत बार असफ़ल रहा पर लगा रहा.


.थोड़ी देर मे वीर आपने अंदर झाँकने लगता है. उसे अपने अंदर की सारी शक्ति महसूस होने लगी थी


उसके अपने अंदर की असीम शक्ति बाहर आ जाती है..जैसे जैसे वीर को शक्ति मिल रही थी वैसे वैसे वीर की बॉडी की शेप बदलने लगती है...


आँखों का कलर ब्लू हो जाता है..थोड़ी देर मे वीर को सब पता लग जाता है वो अपनी शक्ति से क्या क्या कर सकता है..


वीर...मुझे पता चल चुका है..


बिस्वा..वाह अब अपनी बॉडी देखो..ऑर आपकी आँख ब्लू हो गई है..


वीर खुद को देखता है ..सिक्स पॅक बॉडी पहले से भी गोरा रंग


वीर..वाह क्या बात है ..अब आएगा मज़ा...तुम लोगो को यह भी पता होगा मेरी फॅमिली कहाँ है ..


बिस्वा वो तो आप भी पता लगा सकते है . आपके पास हमसे भी 100 गुना ज़्यादा ताक़त है...


क्यू कि आपके पास..पूरे जिन्न साम्राज्य की शक्ति है.


वीर... ठीक है *टाइम क्या हुआ है..


बिस्वा..शाम के 5 बजे है...


वीर..क्या 5..हम इतने टाइम से यहाँ है
.


बिस्वा....मालिक आप 5 घंटे से योग साधना मे लीन थे


वीर.. पहले तो तुम मेरे दोस्त हो..कोई गुलाम नही समझे जैसे पहले रहते थे वैसे रहो... ..

फिर सभी वहाँ से रूम पे आ जाते है..


वीर पता लगा लेता है अपनी फॅमिली के बारे मे जब उसे अपनी फॅमिली के बारे मे पता चलता है तो वो बहुत खुश होता है..


वीर....बहुत तड़प लिया अब ऑर नही.


उधर..संजना वीर के जाने के दुख से रोए जा रही थी..कही ना कही वो वीर को चाहने लगी थी...


ऑर भगवान को कोस रही थी

संजना...क्यू उपर वाले आख़िर क्यू क्या बिघड़ा है मैने तेरा ..पहले मेरा भाई दानवीर *मुझसे छीन लिया *..अब मेरा दोस्त मेरी जान भी बुला लिया अपने पास....

ऑर रोने लगती है..


इधर...
अजय ऑर उसके फ्रेंड्स खुशिया मना रहे थे..

अजय..उसका तो राम नाम सत्य हो गया है...

लड़की...किसका भाई..

.अजय..ऑर किसका प्रीत..एक ही दुश्मन था इस कॉलेज मे..वीर..

जब प्रीत को एस बारे मे पता चलता है तो उसको बहुत बड़ा शॉक लगता है..


प्रीत दिल की बुरी नही थी.ऑर किसी की जान लेना पड़े कभी भी नही
.

इधर..वीर रात को खाना खा सो जाता है....

नेक्स्ट मॉर्निंग वीर जल्दी उठ जाता है..ऑर


योग करने लगता है ताकि अपनी पूरी शक्ति को जगा सके..


योग से उठ वीर फ्रेश होता है..ऑर तीनो रेडी हो निकलते है.कॉलेज....


कॉलेज पहुँच वीर कॅंटीन मे चला जाता है...


वीर अभी खड़ा ही था कि तभी वहाँ अजय ऑर उसके साथी आ जाते है..जब वीर को देखते तो उन्हे बहुत बड़ा शॉक लगता है..


प्रीत वीर को सही सलामत देख बहुत खुश होती है..ऑर वीर को ध्यान से देखती है..ब्लू आँखे..मसल्स बॉडी..


सभी शॉक मे थे कि तभी थोड़ी दूर खड़ी संजना ज़ोर से वीर का नाम चिल्लाती है..


वीर उसकी तरफ देखता है कि संजना भागती हुई आती है ऑर वीर के गले लग जाती है...


साथ मे रोए जा रही थी..तभी संजना वीर के लिप्स पे हल्की से किस कर देती है है..यह देख सभी जलने लगते है..


संजना..उपर वाले का लाख लाख शूकर है तुम ठीक हो..


वीर..हाँ मैं ठीक हूँ संजना..अजय की तरफ देख..पर किसी ने मारने की कसर छोड़ी..


वीर अजय के आगे खड़ा होकर..

वीर...देख अजय..आखरी चांस दे रहा हूँ *मुझे मेरी नॉर्मल लाइफ जीने दे...अगर मैं अपने असली रूप मे आ गया तो समझ तू गया....



अजय..क्या करलेगा तू हां ..तेरी 2 कोड़ी की औकात नही मेरे सामने ..तू क्या कर लेगा इसबार तो बच गया अगली बार नही बचेगा.


वीर...यह तो अब टाइम ही बताएगा...


फिर वीर संजना को साथ ले पार्क मे चला जाता है..


संजना...मुझे तो लगा तुम नही रहे..
मेरी तो जैसे फिरसे जिंदगी बिछड़ गई थी..

वीर संजना को हग कर लेता है ..

वीर..बस संजू बस..


संजना *क्या कहा तुमने.मुझे..संजू..


वीर ..हाँ तो क्या मैं तुम्हे संजू नही बुला सकता..


संजू...हाँ क्यू नही .वैसे कल हुआ क्या था..

फिर वीर संजू को सब बता देता है..


संजू..यह साला अजय तो हद से बढ़ रहा है. क्या करे इसका .


वीर..अभी नही संजू डार्लिंग..अब देख मैं क्या करता हूँ...


अपने आप को वीर के मुँह से डार्लिंग कहे जाने से संजू शर्मा जाती है..


आशीष..चलो गाइस क्लास का टाइम हो गया..
फिर सभी वहाँ से क्लास मे चले जाते है...



क्लास ख़तम कर सब बाहर आकर कॅंटीन मे बैठ जाते है..


वीर...मुझे दो कोड़ी का बोल रहा था ना जल्दी पता चल जाएगा मैं क्या चीज़ हूँ..


वीर..बिस्वा जा कुछ ऑर्डर कर..स्नकस.कॉफ़्फीे


बिस्वा ऑर्डर देता है.ऑर वापिस आ कर बैठ जाता है.


सभी कॉफ़्फीे पीते है .

वीर .चलो चलते है घर...


संजू...प्लज़्ज़्ज़्ज़ रूको ना थोड़ी देर ऑर बड़ी मुश्किल से तो मुझे दोबारा मिले हो....


वीर समझ जाता है...संजू क्या सोच रही है.
पर उसे कुछ काम का बहाना बना निकल जाता है..

घर पहुँच कर..


वीर....आशीष न्ड बिस्वा...एक काम करो
8 10 कंपनी ख़रीदो मेरी और मेरे नाम से रिजिस्टर्ड करवा देना ऑर


करोड़ो मे पैसा मेरे आकाउंट मे..न्ड ना कोई उस पैसे के बारे मे मेरे से पूछे कहाँ से आया कैसे आया .ईनकम टॅक्स वाले ..बस टाइम पे टॅक्स पे करते रहना..


एक बंगला तैयार करो जैसा पहले यहाँ कोई ना हो.सबकुछ हो उसमे ए तो z..
समझ गये.


अब हमारी बारी है..लोगो को उनकी औकात दिखाने की...
.. अब देखते है कल क्या होगा......................
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Kamini
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

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