Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र

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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

जिन्न लोक...


जिन्न...बहुत खुशी की बात है हमारे मालिक अपनी शक्ति पहचान गये है..

ऑर वो ही हमे उस पिशाच से बचाएँगे....

ऑर थोड़े दीनो मे वो यहाँ भी आने वाले है....


डिन्नर कर सभी सिट्टिंग रूम मे बैठ जाते है..

डॅड...बेटा इतना पैसा ये सब कैसे


फिर वीर पिता जी को भी वोही सब बता देता है जो मोम को बताया था.


मोम..चलो काफ़ी देर हो गयी सोने चलो..


वीर अपनी मोम को गले लगाता है ऑर उनके गाल पर किस कर करता है..ऑर बाकी सब को गुड नाइट विश करता है..

तभी बिस्वा वीर को अपने रूम मे बुलवाता है .

बिस्वा...भाई..सब कुछ सेट कर दिया है....

कॉलेज के बाद आप अपनी कंपनी मे विज़िट कर सकते है..


ऑर आपके आकाउंट मे इतने पैसे आ चुके है कि आप सोच भी नही सकते..
न्ड भाई आपको कुछ दिनो मे जिन्न लोक चलना है वहाँ आपकी ताजपोशी होगी.आपको हम सब का बादशाह घोसित किया जाएगा.


वीर...ठीक है ज़रूर चलेंगे...


वीर वहाँ से अपने रूम मे आता है..

ऑर तभी बाथरूम. का गेट खुलता है.ऑर नाइट सूट मे संजना बाहर आती है..जिसे देख वीर की बोलती बंद हो जाती है..क्या लग रही थी..


संजना..ऐसा क्या देख रहे हो वीर..


वीर ..हड़बड़ा कर..कुछ नही .बस यही कि मेरी संजू कितनी खूबसूरत है..


संजू..चलो सोते है


वीर ...ऑर हाँ हम कॉलेज मे 2 चार दिन ऐसे ही रहेंगे नॉर्मल कपड़ों मे.

जब तक मेरा यहाँ बिजनेस खड़ा नही हो जाता ऑर मैं कुछ ही दिनो मे सब सेट कर दूँगा...


संजू..ठीक है जान...चलो सोते है..


वीर..संजू के फॉरहेड पर किस कर उसे गुड नाइट बोल लेट जाता है..ऑर संजू भी वीर के गाल पर किस कर लेट जाती है..


संजू वीर की तरफ देखती देखती सो जाती है..

दोनो नींद के आगोश मे चले जाते है...


मॉर्निंग..जब वीर उठता है तो क्या देखता है संजू वीर के उपर लेटी हुई है ओर वीर उसे हग किए हिए है..

वीर के उठने से संजू भी उठ जाती है..

ऑर खुद को वीर के उपर लेट शर्मा जाती है.ऑर वैसे ही वीए को फिरसे हग कर लेती है.


संजू..गुड मॉर्निंग वीर..

तुम्हारी बाहों मे बहुत सकून मिलता है..


वीर...मुझे भी संजू..चलो उठो मुझे बाहर जाना है..


संजू वीर के गाल पर किस कर साइड हो जाती है....वीर भी संजू को किस करता है..ऑर फ्रेश ही ..गार्डन मे चला जाता है ...यहाँ वो योग साधना मे लीन हो जाता है...


दिन भर दिन वीर को अपने अंदर असीम शक्ति महसौस होती है..ऑर उसकी बॉडी ऑर भी मजबूत हो रही थी... वीर वहाँ से उठ तैयार हो बाहर आता है..सभी उठ चुके थे..



वीर सब को गुड मॉर्निंग विश करता है..ऑर अपनी माँ को हग कर मिलता है..फिर डॅड ऑर दादा जी को...


डॅड आफ्टरनून आपको आपके ऑफीस लेकर चलूँगा


पिताजी. कौन्से ऑफीस मे बेटा..मेरा कौनसा ऑफीस है..


वीर...डॅड जो मेरा है वो आपका है..


पहले आप सब मुझे अपना समझते है..


माँ...कैसी बात कर रहा है बेटा तू तो मेरी जान है...


वीर..तो फिर यहाँ सब कुछ आपका है.जिस चीज़ की भी ज़रूरत हो बिना संकोच मुझे बोल देना
.
ओर ये आपको मेरी कसम आप सब को



आज वीर नॉर्मल तैयार हुया था..


संजू..चल वीर मैं तैयार हूँ. फिर चारो टेक्सी से निकलते है कॉलेज...

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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »


अजय ओर उसके फ्रेंड्स.वीर ऑर उसके दोस्तों को टॅक्सी से आता देख उस पर हँसने लगते है..


अजय...कुछ लोग तो बड़े लोगो से पंगा ले लेते है..पर अपनी औकात भूल जाते है.


इतना सुन संजू गुस्से मे आ जाती है..

ऑर कुछ बोलने ही वाली थी कि तभी वीर उसे चुप करा देता है..


ऑर कॉलेज के अंदर चले जाते है..


कॉलेज मे पहुँच...


संजू. जान तुमने क्यूँ रोका. उनकी हिम्मत कैसे हुई मेरी जान को ओकात याद दिलाने की..


वीर..शांत होज़ा संजू..बस कुछ दिन फिर सबको शॉक दूँगा..


फिर सब कॅंटीन मे बैठ ब्रेकफास्ट करते है....

ब्रेकफ़ास्ट के बाद सब क्लास के लिए जाते है ..

क्लास मे कुछ ख़ास नही होता..क्लास ख़तम कर सब बाहर आ जाते है...


संजू...जान चलो ना कहीं घूम के आते हैं..


वीर...कहाँ जाना है बता..

पर तभी...


अजय के साथ आए लड़के


लड़का...हम ले चलते है..चलेगी क्या...
.

उस लड़के का इतना बोलना था कि तभी उस के थप्पड़ पड़ता है ऑर वो वहीं बेहोश हो जाता है


ये देख सब के सब डर जाते है

वीर...कान खोल के सुन लो अगर किसी ने संजू को बुरा भला बोला तो उसकी जान ले लूँगा


मैने पहले भी बोला था.. मुझे मेरी सिपल लाइफ जीने दो वरना..कोई नही बचेगा .समझे..

वीर..ऑर बात सुन अजय के बच्चे तू मुझे मेरी औकात की बात करता था ना... तो एक बार मार्केट मे.सिंग कंपनी के बारे मे पूछना क्या है ऑर किसकी कंपनी है...


इतना बोल वीर संजू को साथ ले पार्क मे बैठ जाता है..


संजू...भाई इसे दिखाना होगा हम क्या है....बहुत चर्बी चढ़ि है इसके..


वीर देखती जा संजू मैं क्या करता हूँ

उधर....

अजय ..समझता क्या है अपने आप को..बहुत देख लिया अब तो इसे इसकी औकात दिखा ही दूँगा..


प्रीत..भाई क्यू उसके पीछे पड़े हो..
छोड़ो..हमे क्या लेना देना ..


अजय .नही बेहन.अब तो बात औकात की है..
...


फिर वीर संजू को साथ ले घर आ जाता है .



ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है..वीर कुछ ही दिनो मे वेल नोन बिजनेस मेंबर जाता है.हर तरफ वीर की ही बात हो रही थी....


उधर संजू वीर की तरफ ज़्यादा बढ़ रही थी..ऑर वीर भी.......... उसे समझ नही आ रहा था क्या होगा .

वीर अपने डॅड को भी ऑफीस मे सब काम समझा देता है.


वीर..हाँ तो डॅड आपको बस कुछ नही करना फाइल रीड कर साइन करने है .


पिताजी.ठीक है बेटा..


वीर..ऑर अग्ऱ आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो ये बटन दबा दीजिए.गा..बाहर से एक लड़का आयगा आपको जो चाहिए आपको कह दीजिएगा..


फिर वीर वहाँ से घर आ जाता है..
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shubhs
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by shubhs »

हंमे भी कम्पनी चाहिए
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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007
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by 007 »

nice update
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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