रेशमा - मेरी पड़ोसन complete

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रेशमा - मेरी पड़ोसन complete

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रेशमा - मेरी पड़ोसन

मेरा नाम अवी है
ये स्टोरी मेरी पड़ोसन और मेरे बीच शुरू हुए नये रिश्ते की है
इस रिश्ते की शुरुआत 6 महीने पहले मुंबई मे हुई थी
पहले मैं अपने बारे में बताता हूँ
मेरी एज 27 है , दिखाने मे ठीक ठाक हूँ , पढ़ाई मे भी आव्रेज हूँ
मैं इंजिनियर हूँ पर बेरोज़गार नही हूँ
जब इंजिनियरिंग कर रहा था तब सीनियर ने पहले दिन ही रॅगिंग लेते हुए इंजिनियरिंग का मीनिंग
पूछा था
हम सब जूनियर अजीब अजीब आन्सर दे रहे थे
किताबी कीड़े ने तो लंबी लंबी डेफ़िनेशन बता दी
पर सीनियर ने कहा कि सबका आन्सर ग़लत है
इंजिनियरिंग का दूसरा मीनिंग होता है बेरोज़गार
उस दिन तो सीनियर की बात पे हँसी आई थी
लेकिन जैसे इंजिनियरिंग कंप्लीट हुई तो समझ मे आ गया कि सीनियर सही थे
इंजिनियरिंग मतलब बेरोज़गारी होती है
पर मेरा मतलब इतना भी खराब नही था
6 महीने तक तो मैं भी बेरोज़गार ही था
पर मेरी किस्मत भी चमक गयी
मुझे भी जॉब मिल गयी
इंजिनियरिंग को जॉब मिलना मतलब रेगिस्तान मे पानी मिलने जैसा था
जॉब मिलते ही मेरी जान मे जान आई
मेरी तो निकल पड़ी पर मेरे फ्रेंड अभी भी लगे हुए थे जॉब की तलाश मे
तो मुझे इंजिनियर बनते ही 6 महीने मे जॉब मिल गयी
जॉब मिलते ही जेब मे पैसे आ गये
शुरुआत कम सॅलरी से हुई पर बेरोज़गार होने से अच्छा है कि कुछ पैसे कमा लो
जॉब छोटी हो तो उसको मेहनत से बड़ी बना सकते है , इंजिनियर तो कुछ भी कर सकते है ,
मेरे पिताजी तो खुश थे कि मैं कमाने लगा हूँ
जॉब जाय्न करते ही मैं अपनी मेहनत से तरक्की के रास्ते खोलने लगा
देखते देखते मेरे पास प्रॉजेक्ट आने लगे
मेरी टीम मे मेरा पर्फॉर्मेन्स अच्छा था
हर प्रॉजेक्ट के साथ मुझे ज़्यादा वर्क और इम्पोर्टेंट वर्क मिलता जो मैं अपनी लगन से पूरा करता
देखते देखते मैं टीम लीडर बन गया
मेरे टीम मेंबर तो इस बात से जलने लगे कि मैं जूनियर होकेर टीम लीडर बन गया
सॅलरी का ग्रॅफ तो रुकने का नाम.नही ले रहा था बस बढ़ रहा था
सॅलरी जेब मे जाते ही कब ख़तम होती पता ही नही चलता
बाइक , मोबाइल , गिफ्ट , एट्सेटरा , बस सॅलरी कम थी तो कम पड़ती और ज़्यादा सॅलरी मिलने लगी तो वो भी कम
पड़ने लगी
मेरे पिताजी तो कहते कि सेविंग करनी चाहिए
इस बात का अहसास तब हुआ जब पिताजी बीमार पड़े और मेरे पास पैसे नही थे उस समय उनको अड्मिट
करने के लिए
ऐसे एक्सपीरियेन्स के बाद ही मैं सेविंग के साथ खर्च करने लगा
धीरे धीरे मेरा प्रमोशन होने लगा
जलने वाले जले मैं तो खुश था
पर इस बार मेरा प्रमोशन मुंबई मे हुआ था
प्रमोशन के नाम से तो मैं खुश था पर जब सुना कि मुझे मुंबई जाना पड़ेगा तो मेरी
खुशी हवा मे उड़ गयी
मुझे अपने शहर को छोड़ कर जाना पसंद नही था
इस शहर मे मेरी फॅमिली थी मेरे दोस्त थे मेरा बचपन था ,
इस शहर को छोड़ने के नाम से डर लग रहा था
यहाँ मेरी गर्लफ्रेंड है
मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से दूर रहना होगा
अपनी फॅमिली से दूर रहना होगा
मुंबई जैसे बड़े शहर मे ऑपर्चुनिटी तो बहुत है
वहाँ जाते ही लाइफ सेट हो जाएगी
मुंबई मे जाकर एक नयी लाइफ जी पाउन्गा
मुंबई की लाइफ स्टाइल के बारे में बचपन से सुनता आया हूँ
मेनेज़र ने मुझे प्रमोशन लेटर दिया
सॅलरी तो डबल हो गयी थी , साथ मे एक 2बीएचके प्लाट मिला था ,
पर मुझे तो अपना शहर पसंद था
प्रमोशन लेटर लेते हुए मुझे खुश ना देख कर मेनेज़र ने मुझसे बात की
मेनेज़र- क्या हुआ तुम खुश नही हो
अवी-प्रमोशन से तो हर कोई खुश होता है
मेनेज़र- पर तुम्हारे चेहरे पे खुशी दिखाई नही दे रही है
अवी-प्रमोशन से खुश हूँ पर मुंबई जाना पड़ेगा
मेनेज़र- तो ये बात है , देखो इस शहर ने कुछ नही रखा है , मुंबई मे जाते ही तुम्हारी लाइफ बदल
जाएगी
अवी-मुंबई के बारे में बहुत सुना है
मेनेज़र- अब जाकर एंजाय करो , इतना अच्छा चान्स मिलता नही किसी को
अवी-क्या मेरी जगह किसी और को नही भेजा जा सकता
मेनेज़र- अगर मैं ऐसा कहूँगा तो सब कहेंगे कि मुझे मुंबई भेज दो , मुंबई मे जाएँगे
तो तुम दूसरी कंपनी मे ट्राइ कर पाओगे , वहाँ जाकर देखो , अगर अड्जस्ट नही हुए तो मुझसे
कहना मैं तुम्हें वापस बुला लूँगा
अवी-ऐसा हो सकता है
मेनेज़र- हाँ , तुम्हें वहाँ पसंद नही आया तो बता देना मैं वापस बुला लूँगा पर
अवी-पर क्या
मेनेज़र- देखना तुम खुद कहोगे कि तुम्हें पहले मुंबई क्यूँ नही भेजा
अवी-मैं ऐसा क्यूँ कहूँगा
मेनेज़र- मुंबई मे जो एक बार जाता है उसको वापस आने का दिल नही करता
अवी-देखते है
मेनेज़र- तो अब खुश हो जाओ और अपनी फॅमिली को बता दो कि तुम्हारा प्रमोशन हुआ है
अवी-थॅंक यू सर
प्रमोशन तो मिला ,
अब मुझे मुंबई जाना होगा
मुझे अपनी फॅमिली अपने दोस्तो और अपनी गर्लफ्रेंड से दूर जाना होगा
चलो जाके देखता हूँ कि मुंबई मुझे वहाँ रोक पाती है या मैं वापस अपने शहर आउन्गा
अब तो मुझे मुंबई मे जाना होगा , उस मुंबई मे जहाँ रात मे भी दिन जैसा उजाला रहता है , या
कहूँ तो रात मे भी सूरज निकलता है , जगमगाती मुंबई , सपनो का शहर ,
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Re: रेशमा - मेरी पड़ोसन

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प्रमोशन होते ही मैं मीठा लेकर घर आ गया
मेरे घर मे माँ पिताजी भैया भाभी और मैं , इतने ही लोग है
इनका ज़्यादा रोल नही है इस से उनके बारे में बताना ज़रूरी नही है
मैं जैसे ही घर मे एंटर हुआ और मेरे हाथ मे मिठाई का बॉक्स देखते ही भाभी मेरे पास आ गयी
भाभी- मिठाई , फिर से प्रमोशन हुआ है
अवी- क्या भाभी , आपको तो पहले ही पता चल जाता है
भाभी -मतलब सच मे प्रमोशन हुआ है
अवी-हाँ , लीजिए पहले आप ही मुँह मीठा कीजिए
और मैं ने भाभी को मिठाई दी
फिर पिताजी और माँ को भी मिठाई दे कर उनका आशीर्वाद लिया
पिताजी- ऐसे ही मेहनत करना
अवी- जी
माजी- पगार (सॅलरी)कितनी मिलेगी अब
अवी- पहले जितनी थी उस से डबल हो गयी है
भाभी- तो अपनी भाभी के लिए कुछ नही लाए
अवी- भाभी सॅलरी मिली नही है , जैसे मिलेगी तो पहले आपके लिए साड़ी लेकर आउन्गा
भाभी-देख बाद मे मुकर मत जाना
भैया- तुम भाभी देवर का हो गया
भाभी- हाँ मैं आज स्पेशल खाना बनाती हूँ
अवी- हाँ भाभी , कुछ दिन स्पेशल ही बनाना पता नही फिर कितने दिनो बाद घर का खाना खाने को
मिलेगा
माजी- ऐसा क्यूँ कहा तूने
भैया- कही तेरा प्रमोशन दूसरे शहर तो नही हुआ है
अवी- मुंबई जाना होगा
माजी- मुंबई , इतने दूर
भैया- दिखा मुझे लेटर
और भैया प्रमोशन लेटर देखने लगे
अवी- इस बार प्रमोशन मे मुंबई मे जाना होगा
माजी- मना कर दे तू यही रह
पिताजी- तुम बस अपने पल्लू मे छिपा कर रखो अपने बच्चों को
माँ जी- मेरे बेटे है मैं कुछ भी करू
पिताजी- उसकी क्या मर्ज़ी है वो तो देख लो
माजी-मेरी मर्ज़ी उसकी मर्ज़ी एक ही है
पिताजी- एक होती तो मिठाई लेकर नही आता अवी घर पर
माजी- अवी
अवी- मैं ने मना किया , तो सब हँसने लगे कि इतना अच्छे चान्स को मना कर रहा हूँ
माजी- तो हँसने देता
अवी- मुझे भी ऐसा ही लगा तो मैं लेटर वापस देने गया लेकिन
पिताजी- लेकिन क्या
अवी- मेनेज़र ने कहा कि एक बार जाकर देखो , अगर पसंद नही आया तो वापस बुला लेंगे
माजी- बिल्कुल नही , तू यही रहेगा
पिताजी- अब अवी बड़ा हो गया है , कब तक उसको पल्लू से छुपा कर रखोगी
माजी- आप को अवी से दूर रहना अच्छा लगेगा
पिताजी- मैं अवी से दूर नही रह सकता पर बच्चे बड़े हो जाते है तो उनको घर छोड़ कर उड़ना
सीखना पड़ता है
माजी- मुझे ये सब नही पता
भैया- सॅलरी तो बहुत ज़्यादा है और रहने को घर भी मिल रहा है
अवी- भैया सब मुंबई जाने की कॉसिश करते है और मुझे तो अपने आप मिल गया है
पिताजी- तुझे जाना हो तो तू जा , देख आ मुंबई
माजी- मैं नही जाने दूँगी , अगर अवी को वही रहने की इच्छा हुई तो
भैया- माँ मैं हूँ ना आपके पास
अवी- माँ बस जाकर देखता हूँ , अगर अच्छा लगा तो आपको भी अपने साथ लेकर जाउन्गा
माजी- मुझे नही जाना वहाँ पर
पिताजी- कब जाना है
अवी- अगले हफ्ते
माजी- मैं ने ना कहा ना
भैया- माँ , अवी को जाने दो ,
माजी- मैं अवी के बिना कैसे रहूंगी
भाभी-अवी नही होगा तो क्या हुआ आप अपने पोती / पोता के साथ रहना
माजी- क्या कहा
भाभी शरमा रही थी
अवी- भाभी सच , मैं चाचा बने वाला हूँ
भाभी ने हाँ मे गर्दन घुमा दी
ये सुनते भैया ने तो भाभी को गोद मे उठा कर गोल गोल घुमा कर खुशी जाहिर की
माँ और पिताजी तो दादी दादाजी बनने की खबर सुनते ही खुश हो गये
भाभी- मैं गिर जाउन्गी
भैया- मैं बाप बनने वाला हूँ
पिताजी- बहू तुमने तो हमारी इच्छा पूरी कर दी
माजी- पर अब तक बताया क्यूँ नही था
भाभी- सुबह ही पता चला , बस अवी के आने का इंतज़ार था
पिताजी- तो अब तो तुम अपने पोते के साथ बिज़ी रहोगी , अब अवी को जाने दो
माजी- ठीक है , पर जल्दी वापस आना
अवी- जल्दी आउन्गा
माजी- और आते ही शादी करना
अवी- इस बार मना नही करूँगा
पिताजी- देखो अब तो अवी ने भी शादी को हाँ कर दी
भैया- आज तो बाहर खाना खाने जाते है
अवी- पार्टी मेरी तरफ से ,
और हम सब उस खुशी को सेलेब्रेट करने लगे
मैं ने तो भाभी की बहुत खिचाई की
भाभी और मेरी तो बहुत अच्छी बनती थी
अब तो मैं चाचा बन जाउन्गा
नया मेंबर आएगा तो माँ उस पे ध्यान देंगी
मेरे मुंबई जाने की टिकेट फिक्स हो गयी
पिताजी खुश थे कि उनके बेटे तरक्की कर रहे है और अब तो वो दादाजी भी बन जाएँगे
हमने सब शाम होते ही होटेल मे जाकर डिन्नर किया
सब भाभी की पसंद का था
काश मैं यही रहता तो भाभी को अच्छा लगता
पर भाभी भी चाहती थी कि मैं अपने बारे में सोचु , मुंबई जाउ
मतलब अब तो मेरा मुंबई जाना फिक्स हो गया
माँ तो अभी से तैयारी मे लग गयी
भैया ने तो कुछ दिन की छुट्टी ली ताकि भाभी के साथ रह सके
अब बस मेरी गर्लफ्रेंड को मनाना था
पता नही वो क्या कहेगी
कल उसको मिलकर खूसखबरी बता देता हूँ
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Re: रेशमा - मेरी पड़ोसन

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मेरा प्रमोशन हो गया , मैं मुंबई जा रहा हूँ , और अब तो मैं चाचा बन रहा हूँ
ये सारी खुशख़बरी मेरी गर्लफ्रेंड को बताने को बेताब था
मैं दूसरे दिन अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने चला गया
मेरी गर्लफ्रेंड का नाम माला है , वो फाइनल एअर बी टेक मे है , मैं जिस कॉलेज मे था उसी कॉलेज
मे वो पढ़ रही है ,
जब मैं कॅनवोकेशन सेरेमनी को गया था तब उस से मुलाकात हुई थी ,
और मुलाकात धीरे धीरे बढ़ने लगी
और देखते देखते प्यार हो गया
टाइम पास प्यार नही था , मैं तो इस प्यार को शादी का नाम देने वाला हूँ
मैं ने माला को फोन करके बता दिया कि मैं उससे मिलने आ रहा हूँ
तो माला ने भी कॉलेज से छुट्टी ली
मैं मिठाई और उसके लिए गिफ्ट लेकर उसके रूम पर गया
माला मेरा ही इंतज़ार कर रही थी
मेरे आते ही माला ने मेरे गले लग कर विश किया
माला- तुम चाचा बनने वाले हो
अवी- तुम्हें कैसे पता
माला- भाभी ने बताया
मैं ने माला और भाभी की मुलाकात करवाई थी , भाभी को माला के बारे में सब पता है ,
भाभी ने ही माला को बताया होगा पता नही प्रमोशन के बारे में बताया कि नही
अवी- ये भाभी भी ना , वैसे और कुछ बताया
माला- नही पर बोल रही थी कि तुम भी कोई खुश खबरी सुनाने वाले हो
अवी- हाँ , मेरा प्रमोशन हुआ है
माला- सच
अवी- और तुम्हारे लिए गिफ्ट लाया हूँ ,
माला- तुम तो हर प्रमोशन पर गिफ्ट लाते हो
अवी- इस बार मोबाइल लाया हूँ
माला- मेरे पास तो मोबाइल है
अवी- इस मोबाइल से वीडियो कॉलिंग भी होती है
माला- वीडियो कॉलिंग की क्या ज़रूरत है
अवी- क्यूँ कि मुझे मुंबई जाना होगा ,
माला- व्हाट
अवी- प्रमोशन मे मुंबई मिली है
माला- मतलब तुम मुझसे दूर रहोगे
अवी- दूर नही अब और पास आएँगे , 2 साल बाद शादी करेंगे
माला- तब तक मैं कैसे रहूंगी
अवी- तभी तो मोबाइल लाया हूँ ,
माला- पर
अवी- पर क्या
माला- मुंबई मे तुम्हें कोई और मिल गयी तो
अवी-तुमसे अच्छी मिली तो भी तुमसे ही शादी करूँगा
माला- वादा
अवी- तुम कहो तो चलो कोर्ट चलते है ,
माला- इतना विश्वास है तुम पर , पर मुंबई की लड़कियो से दूर रहना
अवी- ट्राइ करूँगा पर प्रॉमिस नही करूँगा
माला- तुम ......!
और माला ने मेरे चेस्ट पर मुक्का मारा
माला- और शादी के बाद क्या हम मुंबई मे रहेंगे
अवी- देखेंगे , अगर मुंबई पसंद आई तो वही रहेंगे ,
माला-मुझे तो कुछ भी चलेगा , बस तुम साथ हो यही चाहती हूँ
अवी- अच्छा
माला- तुम्हारे बिना तो मैं रह नही सकती
अवी-तो मुंबई जाने से पहले रोज तुम्हारे रूम पर आउन्गा , प्यार करने
माला- तो ये बात है , चलो इस बार मैं भी मना नही करूँगी
अवी- तुम्हारी रूम पार्टनर
माला- उसको कहा कि शाम तक रूम पर मत आना
अवी- मतलब तुम्हारा भी दिल कर रहा है
माला- भाभी ने कहा कि मैं चाची बन रही हूँ तो मुँह मीठा किए बिना तुम्हें जाने थोड़ी देती
अवी-मैं भी तो देखु कि मुँह कैसे मीठा कराती हो तुम
और माला ने मेरे गले मे बाहें डाल दिए
और धीरे धीरे अपने होंठो को मेरे होंठो के पास लाने लगी
आज तो मुँह मीठा होकर रहेगा
और माला ने अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो से मिला दिया
माला का मुँह मीठा करने से डाइबीटियेज़ का डर भी नही लगता
बस मैं माला के होंठो का रस पीने मे खो जाता हूँ
माला भी वाइल्ड किस कर रही थी
मेरे होंठो को चूसने लगी
मैं भी उसका पूरा साथ देने लगा
किस करते हुए मैं ने माला को बेड पर गिरा दिया
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Rathore
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Re: रेशमा - मेरी पड़ोसन

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Congratulations for new story
Kya bat h Esme bhi avi
#Rathore– #अंदाज 😎 कुछ #अलग 😏 हैं #मेरे_सोचने 😅 का...!
#सबको 👥 #मंजिल 🏠 का #शौंक हैं और #मुझे 😎 #सही_रास्तों😊 का...!!
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