Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र
- shubhs
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
So good
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- Dolly sharma
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- Joined: 03 Apr 2016 16:34
Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
उधर
अंडर वर्ल्ड...मे दहशत बनी हुई थी..एक साथ अपने इतने आदमी मारे जाने से वो एक मीटिंग बुलाते है
इनकी मीटिंग एक बड़े से गोदाम मे होती है..यहाँ वीर ऑर बिस्वा भी पहुँच जाते है..
वीर गोदाम के अंदर एंटर करता है साथ मे बिस्वा भी...
तभी गोदाम मे खड़े गुंडे इनकी तरफ देखते है
....
उनमे से एक पूछता.है.
गुंडा - कौन हो बे तुम..
तभी उनमे से..
गुंडा1 - भाई ये तो वोही है.जिसे हमे मारना है ...वीर.
गुंडा बॉस - ओह्ह्ह ये खुद ही मौत के मूह मे आ गया...
वीर - तुझे ऐसा लगता है..
देखलिया जाए फिर..
तभी बस अपने आदमियो को इशारा करता है..ऑर वो सभी खड़े हो वीर ऑर बिस्वा पर गोलियों की बौछार कर देते है..
पर वीर को गोलियो से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था...
ये देख सभी गुंडे शॉक हो जाते है..
तभी वीर अपने हाथ से आग निकालता है ..
ऑर सिरफ़ इतना बोलता है..
वीर - खेल ख़तम.. स्वाअ हाअ एयेए.
वीर ने इतना ही बोला और तेज़ी से अपने हाथ से आग के गोले गुन्डो पर फेकने लगता है .
देखते ही देखते सब के सब जलने लगते है..
गुन्डो की सिरफ़ चीखे ही सुनाई दे रही थी....
कुछ टाइम बाद ही सब राख हो जाता है....
गोदाम आग मे जल रहा था..
वीर ऑर बिस्वा वहाँ से सीधा अजय के घर जाते है....
वीर घर के पास जाते ही दरवाजे पर लात मारता है..
ऑर दरवाजा टूट जाता है..
सामने से गार्ड आते है ऑर वीर उन्हे भी मार मार कर बेहोस कर देता है..
तभी वीर के सामने सेठ धनराज चन्द आता है..
हम इसे पी डॅड बुलाएगे..
पी डॅड - कौन हो तुम ऑर क्यू तोड़ फोड़ कर रहे हो..
वीर - जिसे मारने के लिए भाड़े के टट्टू भेजता है उसे ही भूल गया..
पी डॅड - ओह वीर ...
तेरी इतनी हिम्मत मेरे घर आ गया...
रुक एक मिनिट..
तभी पी डॅड किसी को फ़ोन मिलाता है..ऑर जो सुनता है उस से उसे साँप सूंघ जाता है.
वीर - क्यू क्या सुन लिया .......
अब कान खोल के सुन ले......
मेरे से पंगा मत ले .....
वरना तेरा बेटा जान से जाएगा......
अभी भी मौका देता हूँ..
या तो दोस्ती करले..
यह अपने बेटे की मौत..
फ़ैसला तेरे हाथ मे है .
वीर की बात सुन पी डॅड डर जाता है
पी डॅड - ठीक है बेटा मैं तुमसे दोस्ती के लिए तैयार हूँ मेरे बेटे को कुछ मत करना..
वीर - देखिए अंकल जी मैं एक अच्छे घर से हूँ.....
खुद का बहुत बड़ा बिजनेस है सिंग कंपनीज़ मेरी है.....
आपके बेटे ने फाइट शुरू की है मैने नही..
आपके बेटे को तो मैं फर्स्ट डे ही ख़तम कर सकता था...
पर मैने ऐसा नही किया..
कॉज़ ये उमर ही ऐसी है मस्ती करने की..
ऑर हाँ मैं आपकी बेटी से प्यार करता हूँ..
ऑर आपकी बेटी भी..
हम दोनो शादी करना चाहते है...
पी डॅड - आम सॉरी बेटा मैने बहुत ग़लत किया.....
मैं शादी के लिए तैयार हूँ....
वीर - तो ठीक है अब मैं चलता हूँ..
तभी वीर की नज़र अजय पर पड़ती है..
वीर - सॉरी भाई मैने तेरी टाँग तोड़ी उसके लिए..
ऑर रही बात तेरी टाँग की तो मेरे डॉक्टर आएगे तुम्हारा इलाज़ करने.
1 दिन मे तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे..चलता हूँ..
फिर वीर घर आ जाता है
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
फिर वीर घर आ जाता है
और घर आ कर जो देखता है उसे देख हैरान हो जाता है...
वीर घर आ कर देखता है कि प्रीत मां के साथ बैठी थी..ऑर माँ उसे डायमंड का हार पहना रही थी..
वीर को देख ..
माँ .आ मेरा बच्चा..
सब की नज़र वीर पर जाती है ऑर प्रीत वीर की तरफ देख शर्मा जाती है..
वीर..माँ ये क्या..
माँ..ये मैं अपनी बहू को मुँह दिखाई का तोहफा दे रही हूँ...मुझे तो बहुत प्यारी लगी मेरी बच्ची..
वीर तो जैसे शॉक मे था कि इतनी जल्दी ये सब क्या....हो रहा है..पर जो भी हो सही है..
संजू....वीर कहाँ रह गया था...इतना लेट क्यू आए हो..
वीर...कुछ नही जान टाइम लग गया..काम ही ऐसा था....
उधर...बिस्वा..वीर को बाहर बुलाता है..
वीर .बिस्वा बोल..भाई कल मॉर्निंग हमे जिन्न लोक जाना है सब तैयारी हो चुकी है
..ऑर हाँ आओ चाहे तो संजू ऑर प्रीत को साथ लेजा सकते है
अब तो ये सिरफ़ ऑर सिरफ़ तुम्हारी है....
वीर..ठीक है.कल जाने की तैयारी करो
फिर वीर वहाँ से अपने रूम मे आ जाता है...
वीर...मुझे तुम दोनो से कुछ बात करनी है..
संजू..हाँ करो जान क्या हुया..
वीर..मैने कहा था ना मैं एक बात बताउन्गा सही टाइम आने पर ऑर वो सही टाइम आज है.
बात ये है कि मैं कोई आम इंसान नही हूँ....
प्रीत..मैं समझी नही...
फिर वीर..शुरू से अंत तक सब सच बता देता है...जिसे सुन दोनो गर्ल्स ऑर वीर के खुद के भी आँसू आ जाते हैं ..
संजू ऑर प्रीत का दिल तड़प उठता है कि वीर ने कितने दुख देखे है अपनी लाइफ मे..
संजू...चलो जो होना था हो गया..खुशी तो इस बात की है..मेरी जान अब हमारे पास है..
ऑर हमारी जान बादशाह है..
प्रीत ..कब जाना है हमे वहाँ..
वीर...हम तीनो को कल सुबह जाना है...ऑर न प्लज़्ज़्ज़ उन्हे देख डरना मत.....
वीर...प्रीत तुम घर फ़ोन करदो कि मैं अपने डस्ट वीर के साथ घूमने जा रही हूँ..
प्रीत...तो क्या घरवाले मुझे जाने देंगे..
वीर..तुम करो तो सही..
फिर प्रीत अपने डॅड को फ़ोन करती है ऑर जाने के लिए कहती है...जिस से उसके डॅड फ़ौरन हाँ कर देते है.
जिसे सुन प्रीत को भी हैरानी होती है..
प्रीत ..तुमने कुछ किया क्या..
वीर....उन्हे गोदाम से लेकर प्रीत के घर तक सब बता देता है.
वीर...सॉरी प्रीत मैने डॅड को धमकाया ..मेरे पास कोई चारा नही था..
प्रीत....डोंट भी जान..अगर कोई ऑर होता तो उनको जानं से मार देता तुमने तो सिरफ़ धमकाया है...
एनीवे ..कुछ पकिंग करनी है.
वीर....नही वहाँ सब मिलजाएगा...डोंट वरी..
प्रीत...ठीक है चलो फिर ठीक है...
वीर...वैसे संजू हमारे रिश्तेदार कहाँ है.हमे मिलने क्यूँ नही आए कोई भी..
संजू...भाई सब रिश्तेदार मतलबी हैं किसी ने भी हमारी हेल्प नही की ..
पिता जी ने आपको ढूँढने के लिए सब पैसे लगा दिए..फिर किसीने हेल्प नही की
...
वीर..ओह्ह.ये बात है..एक बात बता..हमारे रिश्ते दारों के यहाँ लड़किया है.क्या...
संजू..जान से मार दूँगी तुम्हे अगर किसी ऑर की तरफ आख भी उठा के देखा तो..
प्रीत..हम से बुरा कोई नही होगा..तुम सिरफ़ हमारे हो सिर्फ़ हमारे..
वीर..मेरी जान क्यू परेशान हो रही हो..मैं तो उन्हे मज़ा चखाना चाहता हूँ.
हम कल जाने से पहले एक पार्टी रखेगे...एक दूसरे को मिलने की खुशी मे..
संजू...हाँ समझ गयी....लेकिन एक बात याद रखना तुम सिरफ़ हमारे हो..
वीर...सिरफ़ तुम्हारा ही हूँ दी..प्रीत का..बस उन्हे तो सबक सिखाना है.सज़ा देनी है जो उन्हो ने किया मेरी फॅमिली के साथ
तभी वीर बिस्वा को बुलाता है..
ओर बिस्वा एक दम से सामने आ जाता है..ये देख दोनो लड़किया शॉक ही जाती है..
और घर आ कर जो देखता है उसे देख हैरान हो जाता है...
वीर घर आ कर देखता है कि प्रीत मां के साथ बैठी थी..ऑर माँ उसे डायमंड का हार पहना रही थी..
वीर को देख ..
माँ .आ मेरा बच्चा..
सब की नज़र वीर पर जाती है ऑर प्रीत वीर की तरफ देख शर्मा जाती है..
वीर..माँ ये क्या..
माँ..ये मैं अपनी बहू को मुँह दिखाई का तोहफा दे रही हूँ...मुझे तो बहुत प्यारी लगी मेरी बच्ची..
वीर तो जैसे शॉक मे था कि इतनी जल्दी ये सब क्या....हो रहा है..पर जो भी हो सही है..
संजू....वीर कहाँ रह गया था...इतना लेट क्यू आए हो..
वीर...कुछ नही जान टाइम लग गया..काम ही ऐसा था....
उधर...बिस्वा..वीर को बाहर बुलाता है..
वीर .बिस्वा बोल..भाई कल मॉर्निंग हमे जिन्न लोक जाना है सब तैयारी हो चुकी है
..ऑर हाँ आओ चाहे तो संजू ऑर प्रीत को साथ लेजा सकते है
अब तो ये सिरफ़ ऑर सिरफ़ तुम्हारी है....
वीर..ठीक है.कल जाने की तैयारी करो
फिर वीर वहाँ से अपने रूम मे आ जाता है...
वीर...मुझे तुम दोनो से कुछ बात करनी है..
संजू..हाँ करो जान क्या हुया..
वीर..मैने कहा था ना मैं एक बात बताउन्गा सही टाइम आने पर ऑर वो सही टाइम आज है.
बात ये है कि मैं कोई आम इंसान नही हूँ....
प्रीत..मैं समझी नही...
फिर वीर..शुरू से अंत तक सब सच बता देता है...जिसे सुन दोनो गर्ल्स ऑर वीर के खुद के भी आँसू आ जाते हैं ..
संजू ऑर प्रीत का दिल तड़प उठता है कि वीर ने कितने दुख देखे है अपनी लाइफ मे..
संजू...चलो जो होना था हो गया..खुशी तो इस बात की है..मेरी जान अब हमारे पास है..
ऑर हमारी जान बादशाह है..
प्रीत ..कब जाना है हमे वहाँ..
वीर...हम तीनो को कल सुबह जाना है...ऑर न प्लज़्ज़्ज़ उन्हे देख डरना मत.....
वीर...प्रीत तुम घर फ़ोन करदो कि मैं अपने डस्ट वीर के साथ घूमने जा रही हूँ..
प्रीत...तो क्या घरवाले मुझे जाने देंगे..
वीर..तुम करो तो सही..
फिर प्रीत अपने डॅड को फ़ोन करती है ऑर जाने के लिए कहती है...जिस से उसके डॅड फ़ौरन हाँ कर देते है.
जिसे सुन प्रीत को भी हैरानी होती है..
प्रीत ..तुमने कुछ किया क्या..
वीर....उन्हे गोदाम से लेकर प्रीत के घर तक सब बता देता है.
वीर...सॉरी प्रीत मैने डॅड को धमकाया ..मेरे पास कोई चारा नही था..
प्रीत....डोंट भी जान..अगर कोई ऑर होता तो उनको जानं से मार देता तुमने तो सिरफ़ धमकाया है...
एनीवे ..कुछ पकिंग करनी है.
वीर....नही वहाँ सब मिलजाएगा...डोंट वरी..
प्रीत...ठीक है चलो फिर ठीक है...
वीर...वैसे संजू हमारे रिश्तेदार कहाँ है.हमे मिलने क्यूँ नही आए कोई भी..
संजू...भाई सब रिश्तेदार मतलबी हैं किसी ने भी हमारी हेल्प नही की ..
पिता जी ने आपको ढूँढने के लिए सब पैसे लगा दिए..फिर किसीने हेल्प नही की
...
वीर..ओह्ह.ये बात है..एक बात बता..हमारे रिश्ते दारों के यहाँ लड़किया है.क्या...
संजू..जान से मार दूँगी तुम्हे अगर किसी ऑर की तरफ आख भी उठा के देखा तो..
प्रीत..हम से बुरा कोई नही होगा..तुम सिरफ़ हमारे हो सिर्फ़ हमारे..
वीर..मेरी जान क्यू परेशान हो रही हो..मैं तो उन्हे मज़ा चखाना चाहता हूँ.
हम कल जाने से पहले एक पार्टी रखेगे...एक दूसरे को मिलने की खुशी मे..
संजू...हाँ समझ गयी....लेकिन एक बात याद रखना तुम सिरफ़ हमारे हो..
वीर...सिरफ़ तुम्हारा ही हूँ दी..प्रीत का..बस उन्हे तो सबक सिखाना है.सज़ा देनी है जो उन्हो ने किया मेरी फॅमिली के साथ
तभी वीर बिस्वा को बुलाता है..
ओर बिस्वा एक दम से सामने आ जाता है..ये देख दोनो लड़किया शॉक ही जाती है..
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- shubhs
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- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
Nice
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
-
- Super member
- Posts: 6659
- Joined: 18 Dec 2014 12:09
Re: अनदेखे जीवन का सफ़र
Superb........
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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