अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete
- shubhs
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
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सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- Kamini
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
Plz continued
.तबाही.....शादी का मन्त्र .....हादसा ..... शैतान से समझौता ..... शापित राजकुमारी ..... संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा ....
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
कहानी में BSM में भी लिखो दोस्त कहानी बहुत मस्त है।
- rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
Shukriya dosto
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- rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन की गाण्ड हवा में इतने जोरों से हिल रही थी जैसे कोई पिस्टन हो। ऊपर से रजिया की चूत का चिपचिपा पानी उसे और आसानी से लण्ड को अंदर बाहर करने में मदद दे रहा था। रजिया की हालत खराब थे। इतने जबरदस्त धक्कों की उसे आदत नहीं थी उसकी आँखें बाहर को आने लगी थीं। पर न जाने क्यों उसे आज सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो चाहती थी कि अमन उसपे ऐसे ही ज़ुल्म करता रहे। ये ज़ुल्म वो सारी जिंदगी खुशी-खुशी लेने को तैयार थी।
रजिया अपने मुँह से नाइटी निकाल देती है, और जोर से सांस लेने लगती है-“अह्म्मह… ऊऊऊ… ओह्म्मह… जामलम कुछ तो रहम कर अपनी अम्मी पे अह्म्मह… ओह्म्मह…
रेहाना को भी ऐसे ही चोदता है क्या? अह्म्मह… उंन्ह…”
अमन-“हाँ मेरी जान रेहाना को भी और फ़िज़ा को भी… अह्म्मह…”
रजिया-“क्या फ़िज़ा को भी चोदा तुमने? उंन्ह…” रजिया चकित थी कि फ़िज़ा अपनी कुँवारी चूत अमन से चुदा चुकी है-“अह्म्मह… कितनों को और चोदोगे बेटा?
अमन-“तेरी बहन को चोदूं… इस घर की सभी औरतें मेरे लण्ड के नीचे होंगी एक दिन… जैसे तू है…”
रजिया इतने उत्तेजित हो चुकी थी कि वो दूसरी बार अपनी चूत का पानी छोड़ने लगती है, और अमन का हाथ पकड़ लेती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… चोदो जोर से उंह्म्मह… अह्म्मह…” और रजिया ढीली पड़ जाती है।
अमन-“ले मेरे जान… तेरी कोख में मेरा पानी, तुझे मेरा बेटा जनना है… अह्म्मह… अह्म्मह…” और अमन रजिया की चूत में पानी की धार छोड़ने लगता है।
दोनों माँ-बेटे एक दूसरे से चिपके अपनी साँसें संभालने लगते हैं। करीब 10 मिनट बाद अमन रजिया के ऊपर से उतरकर साइड में आ जाता है।
रजिया अपना चेहरा अमन के सीने पे रख देती है, और अमन की छाती के घुँघराले बालों को सहलाने लगती है-“क्या सच में तुमने फ़िज़ा को चोदा है?”
अमन-“हाँ… कल रात…” और अमन उसे सारी बात सुनाता है।
रजिया अपनी चूत को अमन के लण्ड पे रखते हुए-“और कौन कौन है तुम्हारी लिस्ट में?”
अमन-“तेरी बेटी अनुम और हीना… शीबा को तो मैं शादी के बाद चोदूंगा ही…”
रजिया-“नहीं अमन, अनुम को नहीं। वो बच्ची है। हमें उसकी शादी करनी है प्लीज़्ज़ज्ज्ज…”
अमन रजिया के बाल खींचते हुए-“छिनाल रंडी, लण्ड चाहिए ना तुझे मेरा कि नहीं चाहिए?”
रजिया दर्द से-“हाँ… चाहिए ना… रोज चाहिए…”
अमन-“तो फिर चुप रह… बच्ची को बड़ा करना मुझे आता है। तू तेरी गाण्ड बीच में लाएगी तो तेरी चूत में लण्ड नहीं जाएगा…”
रजिया जानती थी कि अमन अनुम को चोदे बिना नहीं रहेगा और उसे डर भी था कि अमन कहीं उसे चोदना ना छोड़ दे। जैसे अगर अनुम अमन से चुद गई तो इसमें मेरा ही फायदा है। फिर तो दिन हो या रात अमन मुझे कहीं भी चोद सकता है। रजिया की होंठों पे मुश्कान आ जाती है।
अमन-क्या सोच रही है?
रजिया अमन के छाती को चूमते हुए-“कुछ नहीं, क्या अनुम तैयार होगी?”
अमन-“उसे पटाना पड़ेगा, जिसमें तू मेरी मदद करेगी, जैसे मैं कहूँ जैसे…”
रजिया-“ठीक है। अरे हाँ… एक बात तो मैं बताना भूल ही गई। ख़ान तुम्हारे लण्ड का दुश्मन दो हफ्तों के लिये सऊदी जा रहा है, साथ में तेरे चाचा भी…”
अमन-क्यों?
रजिया-“उन्हें अपनी प्रापटी बेचनी है वहाँ की और सारा पैसा यहाँ लाना है, हमेशा के लिये…”
अमन-“अच्छा… फिर तो तेरी चूत दिन रात चोदने को मिलेगी…” और अमन रजिया की गाण्ड सहलाने लगता है। जैसे कह रहा हो अब तेरी गाण्ड की बारी है।
रजिया भी गरम थी। वो भी गाण्ड मराना चाहती थी। वो कसमसाते हुए-“उंन्ह… मुझे पेशाब आई है। मैं मूतकर आती हूँ…”
अमन-“चल मैं भी चलता हूँ…” और दोनों माँ-बेटे बाथरूम में चले जाते हैं।
रजिया नीचे बैठने लगते है। तभी अमन उसे झुका देता है।
अमन-“रुक एक मिनट…”
रजिया-“मूतने तो दे…”
अमन-“रुक बोला ना…” और अमन अपना लण्ड रजिया की गाण्ड में डालने लगता है।
रजिया-“अमन्न् क्या कर रहे हो, मुझे मूतने दो ओह्म्मह… उंन्ह…”
अमन का लण्ड रजिया की गाण्ड में चला जाता है। और अमन वहीं खड़े-खड़े रजिया की गाण्ड मारने लगता है।
रजिया का पेशाब रुक जाता है, और वो दीवार पे अपने हाथ टिका देती है। फिर अपनी कमर आगे पीछे करने लगती है। उसे अपनी गाण्ड में अमन का लण्ड बहुत अच्छा लगता था-“उंन्ह… ओह्म्मह… मेरी गाण्ड धीरे से मारा करो बेटा अह्म्मह… वो छोटा सुराख है उंन्ह…”
अमन-“अम्मी, मैं करूंगा तेरा हर सुराख बड़ा… अह्म्मह… ले साली…” दोनों माँ-बेटे खड़े-खड़े 10 मिनट तक अपनी चुदाई का मज़ा लेते है।
रजिया-“प्लीज़्ज़ज्ज्ज… एक मिनट के लिये बाहर निकालो जी, मुझे मूतने दो अह्म्मह…”
अमन अपना लण्ड बाहर निकालता है, और रजिया जल्दी से खड़े-खड़े मूतने लगती है। रजिया का दबाव इतना ज्यादा था कि उसका पेशाब अमन के पैरों पे भी गिरने लगता है। और अमन की जाँघ भीग जाती है। रजिया को हँसी आ जाती है।
अमन रजिया के बाल पकड़कर नीचे बैठा देता है, और अपना लण्ड रजिया के मुँह में डाल देता है। फिर उसका सिर कसकर पकड़ लेता है। रजिया कुछ समझ पाती उससे पहले अमन का पेशाब उसके गले में उतरने लगता है, और सीधा उसके पेट के अंदर जाने लगता है। ये पहले बार था जब रजिया पेशाब पी रही थी… वो भी डाइरेक्ट मुँह में।
रजिया का जिस्म काँपने लगता है। ये नया अनुभव उसे और मस्त कर देता है। अमन जब पूरा पेशाब रजिया को पिला देता है, तो अपना लण्ड बाहर निकालने लगता है। तभी रजिया उसके लण्ड को अपने मुँह में वापस ले लेती है-“अह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प मुझे और चाहिए अह्म्मह… गलप्प्प अगलप्प्प उंह्म्मह…” रजिया अमन का लण्ड छोड़ने को तैयार नहीं थी। वो तो आज पागल हो गई थी। उसे एहसास हो गया था कि अमन को खुश रखना उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
अमन शावर ओन कर देता है। दोनों के जिस्म पे पानी गिरने लगता है-“अह्म्मह… बस कर रजिया…”
रजिया खड़ी हो जाती है, और अमन के लण्ड पे साबुन लगाने लगती है। अमन भी रजिया की चूत पे और फिर पूरे जिस्म पे साबुन लगाने लगता है। दोनों एक दूसरे को रगड़-रगड़कर नहलाने लगते हैं। 10 मिनट बाद दोनों बाथरूम से बाहर आते हैं।
रजिया अपने बालों को सुखाते हुए बेड के किनारे बैठ जाती है। और अमन वहीं उसकी गोद में सर रख देता है। रजिया की चुचियाँ लटक रही थीं, जिसे अमन अपने मुँह में ले लेता है। और छोटे बच्चे के तरह दूध पीने लगता है।
रजिया-“अह्म्मह… मेरा बेटा दुद्धू पीना है, अम्मी का…”
अमन-“हाँ रजिया, मुझे तेरा दूध पीना है…”
रजिया-“उंह्म्मह… कैसे होगा जी?”
अमन-“तुझे प्रेगनेंट करके गलप्प्प…”
रजिया-“हाँ मेरे सरताज अह्म्मह… उंह्म्मह… मैं पिलाउन्गी आपको अपना गर्म-गर्म दूध उंह्म्मह…”
अमन रजिया की चुचियों को अपने दाँतों से काटने लगता है।
रजिया से अब बर्दास्तकरना मुश्किल हो रहा था उसकी चूत पनियाने लगी थी-“अह्म्मह… आराम से…”
अमन-चल घोड़ी बन जा।
रजिया-“हाँ…” और वो डोगी स्टाइल में आ जाती है।
अमन उसके पीछे से उसकी कमर पकड़कर अपने लण्ड पे थूक लगाकर अंदर पेल देता है। दोनों सिसकारियाँ भर रहे थे। रजिया बहुत खुश थी। उसके दिल की मुराद जैसे पूरे हो रही थी।
अमन-“अम्मी, तुम्हें चोदने में अलग ही मज़ा है…”
रजिया-कैसे जी?
अमन-“जिस चूत से मैं निकला था उसी को चोद रहा हूँ यही सोचकर मेरा लण्ड और तन जाता है। ओह्म्मह… ले साली…”
रजिया-“अह्म्मह… मैं चाहती हूँ कि मेरा बेटा मुझे चोदते हुये गालियाँ दे, मुझे रगड़ते हुए चोदे अह्म्मह… मेरी चूत और गरम होने लगी है राजा बेटा उंन्ह…”
दोनों की कमर लगातार हिल रही थी और दोनों अपने-अपने जोश में थे।
अमन रजिया की चूत से लण्ड बाहर निकाल लेता है।
रजिया-“अह्म्मह… बाहर मत निकाल बेटा अह्म्मह…”
अमन-मुझे तेरे मुँह में गिराना है।
रजिया-“उंन्ह… नहीं म्मेरी चूत प्यासी है जी उंन्ह… डालो ना…”
अमन फिर से लण्ड चूत में पेल देता है, और ताबड़तोड़ 5 मिनट जोर-जोर से चोदते हुए अपना पानी रजिया की चूत में निकाल देता है। अब वो बुरी तरह थक चुका था। वो लेट जाता है। रजिया भी उसके बगल में लेट जाती है। और दोनों एक दूसरे को चूमते हुए आने वाली जिंदगी के ख्वाब बुनने लगते हैं।
रजिया अपने मुँह से नाइटी निकाल देती है, और जोर से सांस लेने लगती है-“अह्म्मह… ऊऊऊ… ओह्म्मह… जामलम कुछ तो रहम कर अपनी अम्मी पे अह्म्मह… ओह्म्मह…
रेहाना को भी ऐसे ही चोदता है क्या? अह्म्मह… उंन्ह…”
अमन-“हाँ मेरी जान रेहाना को भी और फ़िज़ा को भी… अह्म्मह…”
रजिया-“क्या फ़िज़ा को भी चोदा तुमने? उंन्ह…” रजिया चकित थी कि फ़िज़ा अपनी कुँवारी चूत अमन से चुदा चुकी है-“अह्म्मह… कितनों को और चोदोगे बेटा?
अमन-“तेरी बहन को चोदूं… इस घर की सभी औरतें मेरे लण्ड के नीचे होंगी एक दिन… जैसे तू है…”
रजिया इतने उत्तेजित हो चुकी थी कि वो दूसरी बार अपनी चूत का पानी छोड़ने लगती है, और अमन का हाथ पकड़ लेती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… चोदो जोर से उंह्म्मह… अह्म्मह…” और रजिया ढीली पड़ जाती है।
अमन-“ले मेरे जान… तेरी कोख में मेरा पानी, तुझे मेरा बेटा जनना है… अह्म्मह… अह्म्मह…” और अमन रजिया की चूत में पानी की धार छोड़ने लगता है।
दोनों माँ-बेटे एक दूसरे से चिपके अपनी साँसें संभालने लगते हैं। करीब 10 मिनट बाद अमन रजिया के ऊपर से उतरकर साइड में आ जाता है।
रजिया अपना चेहरा अमन के सीने पे रख देती है, और अमन की छाती के घुँघराले बालों को सहलाने लगती है-“क्या सच में तुमने फ़िज़ा को चोदा है?”
अमन-“हाँ… कल रात…” और अमन उसे सारी बात सुनाता है।
रजिया अपनी चूत को अमन के लण्ड पे रखते हुए-“और कौन कौन है तुम्हारी लिस्ट में?”
अमन-“तेरी बेटी अनुम और हीना… शीबा को तो मैं शादी के बाद चोदूंगा ही…”
रजिया-“नहीं अमन, अनुम को नहीं। वो बच्ची है। हमें उसकी शादी करनी है प्लीज़्ज़ज्ज्ज…”
अमन रजिया के बाल खींचते हुए-“छिनाल रंडी, लण्ड चाहिए ना तुझे मेरा कि नहीं चाहिए?”
रजिया दर्द से-“हाँ… चाहिए ना… रोज चाहिए…”
अमन-“तो फिर चुप रह… बच्ची को बड़ा करना मुझे आता है। तू तेरी गाण्ड बीच में लाएगी तो तेरी चूत में लण्ड नहीं जाएगा…”
रजिया जानती थी कि अमन अनुम को चोदे बिना नहीं रहेगा और उसे डर भी था कि अमन कहीं उसे चोदना ना छोड़ दे। जैसे अगर अनुम अमन से चुद गई तो इसमें मेरा ही फायदा है। फिर तो दिन हो या रात अमन मुझे कहीं भी चोद सकता है। रजिया की होंठों पे मुश्कान आ जाती है।
अमन-क्या सोच रही है?
रजिया अमन के छाती को चूमते हुए-“कुछ नहीं, क्या अनुम तैयार होगी?”
अमन-“उसे पटाना पड़ेगा, जिसमें तू मेरी मदद करेगी, जैसे मैं कहूँ जैसे…”
रजिया-“ठीक है। अरे हाँ… एक बात तो मैं बताना भूल ही गई। ख़ान तुम्हारे लण्ड का दुश्मन दो हफ्तों के लिये सऊदी जा रहा है, साथ में तेरे चाचा भी…”
अमन-क्यों?
रजिया-“उन्हें अपनी प्रापटी बेचनी है वहाँ की और सारा पैसा यहाँ लाना है, हमेशा के लिये…”
अमन-“अच्छा… फिर तो तेरी चूत दिन रात चोदने को मिलेगी…” और अमन रजिया की गाण्ड सहलाने लगता है। जैसे कह रहा हो अब तेरी गाण्ड की बारी है।
रजिया भी गरम थी। वो भी गाण्ड मराना चाहती थी। वो कसमसाते हुए-“उंन्ह… मुझे पेशाब आई है। मैं मूतकर आती हूँ…”
अमन-“चल मैं भी चलता हूँ…” और दोनों माँ-बेटे बाथरूम में चले जाते हैं।
रजिया नीचे बैठने लगते है। तभी अमन उसे झुका देता है।
अमन-“रुक एक मिनट…”
रजिया-“मूतने तो दे…”
अमन-“रुक बोला ना…” और अमन अपना लण्ड रजिया की गाण्ड में डालने लगता है।
रजिया-“अमन्न् क्या कर रहे हो, मुझे मूतने दो ओह्म्मह… उंन्ह…”
अमन का लण्ड रजिया की गाण्ड में चला जाता है। और अमन वहीं खड़े-खड़े रजिया की गाण्ड मारने लगता है।
रजिया का पेशाब रुक जाता है, और वो दीवार पे अपने हाथ टिका देती है। फिर अपनी कमर आगे पीछे करने लगती है। उसे अपनी गाण्ड में अमन का लण्ड बहुत अच्छा लगता था-“उंन्ह… ओह्म्मह… मेरी गाण्ड धीरे से मारा करो बेटा अह्म्मह… वो छोटा सुराख है उंन्ह…”
अमन-“अम्मी, मैं करूंगा तेरा हर सुराख बड़ा… अह्म्मह… ले साली…” दोनों माँ-बेटे खड़े-खड़े 10 मिनट तक अपनी चुदाई का मज़ा लेते है।
रजिया-“प्लीज़्ज़ज्ज्ज… एक मिनट के लिये बाहर निकालो जी, मुझे मूतने दो अह्म्मह…”
अमन अपना लण्ड बाहर निकालता है, और रजिया जल्दी से खड़े-खड़े मूतने लगती है। रजिया का दबाव इतना ज्यादा था कि उसका पेशाब अमन के पैरों पे भी गिरने लगता है। और अमन की जाँघ भीग जाती है। रजिया को हँसी आ जाती है।
अमन रजिया के बाल पकड़कर नीचे बैठा देता है, और अपना लण्ड रजिया के मुँह में डाल देता है। फिर उसका सिर कसकर पकड़ लेता है। रजिया कुछ समझ पाती उससे पहले अमन का पेशाब उसके गले में उतरने लगता है, और सीधा उसके पेट के अंदर जाने लगता है। ये पहले बार था जब रजिया पेशाब पी रही थी… वो भी डाइरेक्ट मुँह में।
रजिया का जिस्म काँपने लगता है। ये नया अनुभव उसे और मस्त कर देता है। अमन जब पूरा पेशाब रजिया को पिला देता है, तो अपना लण्ड बाहर निकालने लगता है। तभी रजिया उसके लण्ड को अपने मुँह में वापस ले लेती है-“अह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प मुझे और चाहिए अह्म्मह… गलप्प्प अगलप्प्प उंह्म्मह…” रजिया अमन का लण्ड छोड़ने को तैयार नहीं थी। वो तो आज पागल हो गई थी। उसे एहसास हो गया था कि अमन को खुश रखना उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
अमन शावर ओन कर देता है। दोनों के जिस्म पे पानी गिरने लगता है-“अह्म्मह… बस कर रजिया…”
रजिया खड़ी हो जाती है, और अमन के लण्ड पे साबुन लगाने लगती है। अमन भी रजिया की चूत पे और फिर पूरे जिस्म पे साबुन लगाने लगता है। दोनों एक दूसरे को रगड़-रगड़कर नहलाने लगते हैं। 10 मिनट बाद दोनों बाथरूम से बाहर आते हैं।
रजिया अपने बालों को सुखाते हुए बेड के किनारे बैठ जाती है। और अमन वहीं उसकी गोद में सर रख देता है। रजिया की चुचियाँ लटक रही थीं, जिसे अमन अपने मुँह में ले लेता है। और छोटे बच्चे के तरह दूध पीने लगता है।
रजिया-“अह्म्मह… मेरा बेटा दुद्धू पीना है, अम्मी का…”
अमन-“हाँ रजिया, मुझे तेरा दूध पीना है…”
रजिया-“उंह्म्मह… कैसे होगा जी?”
अमन-“तुझे प्रेगनेंट करके गलप्प्प…”
रजिया-“हाँ मेरे सरताज अह्म्मह… उंह्म्मह… मैं पिलाउन्गी आपको अपना गर्म-गर्म दूध उंह्म्मह…”
अमन रजिया की चुचियों को अपने दाँतों से काटने लगता है।
रजिया से अब बर्दास्तकरना मुश्किल हो रहा था उसकी चूत पनियाने लगी थी-“अह्म्मह… आराम से…”
अमन-चल घोड़ी बन जा।
रजिया-“हाँ…” और वो डोगी स्टाइल में आ जाती है।
अमन उसके पीछे से उसकी कमर पकड़कर अपने लण्ड पे थूक लगाकर अंदर पेल देता है। दोनों सिसकारियाँ भर रहे थे। रजिया बहुत खुश थी। उसके दिल की मुराद जैसे पूरे हो रही थी।
अमन-“अम्मी, तुम्हें चोदने में अलग ही मज़ा है…”
रजिया-कैसे जी?
अमन-“जिस चूत से मैं निकला था उसी को चोद रहा हूँ यही सोचकर मेरा लण्ड और तन जाता है। ओह्म्मह… ले साली…”
रजिया-“अह्म्मह… मैं चाहती हूँ कि मेरा बेटा मुझे चोदते हुये गालियाँ दे, मुझे रगड़ते हुए चोदे अह्म्मह… मेरी चूत और गरम होने लगी है राजा बेटा उंन्ह…”
दोनों की कमर लगातार हिल रही थी और दोनों अपने-अपने जोश में थे।
अमन रजिया की चूत से लण्ड बाहर निकाल लेता है।
रजिया-“अह्म्मह… बाहर मत निकाल बेटा अह्म्मह…”
अमन-मुझे तेरे मुँह में गिराना है।
रजिया-“उंन्ह… नहीं म्मेरी चूत प्यासी है जी उंन्ह… डालो ना…”
अमन फिर से लण्ड चूत में पेल देता है, और ताबड़तोड़ 5 मिनट जोर-जोर से चोदते हुए अपना पानी रजिया की चूत में निकाल देता है। अब वो बुरी तरह थक चुका था। वो लेट जाता है। रजिया भी उसके बगल में लेट जाती है। और दोनों एक दूसरे को चूमते हुए आने वाली जिंदगी के ख्वाब बुनने लगते हैं।
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`·.¸.·´ -- Raj sharma
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