भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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mastram
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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Part-23
इसके बाद इस पेन ड्राइव में वीडियो खत्म हो गई थी। इसका मतलब शोभित ने कुसुम को ब्लैकमेल करने के मकसद से यही वीडियो बनाई होंगी। रश्मि ने अब समय देखा। 8 बजे थे। उसने अपने पैरों को अर्जुन की टाँगों के ऊपर से हटाते हुए कहा-"अब उठ जा और डिनर की तैयारी कर।"
अर्जुन " जी मेम साब " बोलता हुआ उठा और कमरे से निकलकर किचिन की तरफ चला गया।
रश्मि अब जल्दी से रोहित और कुसुम की पेन ड्राइव देखना चाहती थी। उसने जल्दी से उस पेन ड्राइव को लगाया और वीडियो शुरू हो गया। रोहित के कमरे में कुसुम अपने कान पकड़कर खड़ी हुई थी। यह बहुत पुरानी वीडियो लग रही थी जब कुसुम खुद 18 साल की रही होगी और उस समय रोहित से अंग्रेजी की ट्यूशन पड़ती थी। कुसुम ने एक टी शर्ट और बहुत छोटा सा टाइट निक्कर पहना हुआ था जिसमे उसकी दूधिया जाँघे साफ दिख रही थी।
रोहित अपने हाथ में एक छड़ी लेकर बैठा हुआ था और बीच बीच मे कुसुम की जांघों पर छड़ी मारता हुआ कह रहा था-' " तुम्हारा पढ़ाई में मन ही नही लगता है, इसलिए बार बार फेल हो जाती हो- अब तुम मेरी स्टूडेंट हो। मैं देखता हूँ तुम कैसे नही पढ़ती हो।"
कुसुम गिड़गिड़ाते हुए कह रही थी- " भैया बहुत दर्द हो रहा है। अब प्लीज़ छड़ी से मत मारो। अब मैं मन लगाकर पढ़ाई किया करूंगी। "
रोहित ने अब अपने हाथ की छड़ी एक तरफ रखते हुए कुसुम से कहा- " ठीक है लेकिन सज़ा तो तुम्हे मिलेगी। कान पकड़े पकड़े 100 उठक बैठक लगाओ। अपनी उठक बैठक गिनती भी रहना। और थोड़ा मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ ताकि तुम्हे अगर छड़ी मारनी भी हो तो आसानी से मारी जा सके। "
रोहित सोफे पर टी शर्ट और जीन्स पहने बैठा हुआ था। उसकी जीन्स के अंदर जिस तरह उसका लंड एकदम तनकर खड़ा हो चुका था, वह साफ दिख रहा था। वह कुसुम को सज़ा देने के बहाने एक तरह से उसका यौन शोषण ही कर रहा था।
कुसुम उठक बैठक लगाने के लिए थोड़ा आगे उसके नज़दीक आकर खड़ी हो गई तो उसने अपनी छड़ी को उसकी दोनों टाँगों पर फिराते हुए कहा-" थोड़ी टांगे फैलाओ और फिर उठक बैठक लगाना शुरू करो।"
कुसुम अब गिनती करते हुए उठक बैठक लगाने लगी। रोहित अपने खड़े हो चुके लंड को जीन्स के ऊपर से ही सहलाये जा रहा था।
कुसुम अभी मुश्किल से 25 उठक बैठक लगा पाई थी कि वहीं जमीन पर ढेर हो गई और बोली-' " बस अब मुझसे और नही लगाई जाएंगी। "
रोहित तो शायद यही चाहता था- " चलो अपने कपड़े उतारो और मुर्गा बनकर दिखाओ।"
कुसुम ने अपनी टी शर्ट और निक्कर उतार दिए। उसके खूबसूरत बदन पर अब सिर्फ एक ब्रा और पैंटी बची थी जिसमे उसकी पूरी फिगर नज़र आ रही थी। रोहित ने कुछ समय उसके अधनंगे बदन को जी भरकर देखा और फिर बोला- " चलो मुर्गा बनो। "
कुसुम गिड़गिड़ाने लगी- " भैया मैं बहुत थक गई हूं । मुझे मुर्गा मत बनाओ कोई और सज़ा दे दो ।"
अब रोहित ने अपनी जीन्स उतार दी और अब वह भी टी शर्ट और निक्कर में था। उसने उँगली के इशारे से कुसुम से कहा- " इधर आओ और मेरी जाँघों के ऊपर उल्टी होकर लेटो। मैं तुम्हें अब अपने हाथों से सज़ा दूंगा। "
कुसुम रोहित के नज़दीक आ गई। रोहित ने उसे अपनी जांघों पर लिटाते समय यह ध्यान रखा कि उसके दोनों उरोज उसकी बायीं जांघ पर टिके रहें और कुसुम के नितम्बों को उसने अपनी दायीं जाँघ पर टिका दिया। रोहित का तना हुआ लंड कुसुम के चिकने पेट से टकरा रहा था। रोहित अपने हाथ को उसके पूरे बदन पर फिराते हुये उसके नितम्बों तक ले आया। कुछ देर तक नितम्बों को सहलाने के बाद उसने अपने हाथ से एक जोर का स्ट्रोक उसके नितम्बों पर लगा दिया।
शेष अगले भाग में......
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mastram
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PART-24
रोहित अपने हाथों को पल्ल्वी के चिकने नितम्बों पर घुमा घुमा कर उन पर अपने हाथों के स्ट्रोक लगाता जा रहा था और पल्ल्वी हर स्ट्रोक के बाद अपने शरीर को उठाकर उछल रही थी. पल्ल्वी जब उछल रही थी तो उसका पूरा बदन, उरोज और पेट रोहित के खड़े लण्ड और जाँघों से इस तरह टकरा रहा था मानों कोई खूबसूरत लड़की उसे लैप डांस का मज़ा दे रही हो. बीच बीच में वह उसके बदन को अपनी जांघों पर ठीक से एडजस्ट करने के बहाने कभी उसके ब्रा में कैद उरोजों को तो कभी उसकी चिकनी जाँघों को दबा सहला रहा था. कुल मिलकर पल्ल्वी का पूरा बदन इस समय रोहित के लिए एक खिलौना बना हुआ था और वह उससे जी भरकर खेल रहा था.
कुछ देर बाद रोहित ने पल्ल्वी के बदन को अपनी टांगों पर उल्टा करके लिटा लिया. अब पल्ल्वी का चेहरा, उसके उन्नत उरोज, चिकना पेट और मखमली जांघें रोहित की आँखों के सामने थीं. रोहित ने अपने हाथ को उसके चिकने पेट पर फिराया और फिर उसे नीचे की तरफ योनि के ऊपर से होते हुए उसकी चिकनी जाँघों को दबाने सहलाने लगा. पल्ल्वी को लग भी रहा था कि रोहित यह कोई सजा नहीं दे रहा है बल्कि उसके साथ बदतमीजी कर रहा है. उसने विरोध करते हुए कहा-" भैया यह क्या बदमाशी कर रहे हो आप मेरे साथ."
रोहित के हाथ इस समय पल्ल्वी के उन्नत उरोजों को दबाने सहलाने में व्यस्त थे. पल्ल्वी की यह बात सुनकर वह एकदम भड़क सा गया और बोला-" नालायक, एक तो पढाई ठीक से नहीं करती और ऊपर से जुबान कैंची की तरह चलाती है. मैं तुझे अब बताऊंगा कि बदमाशी कैसे करते हैं. चल खड़ी हो जा."
यह कहकर रोहित ने पल्ल्वी को अपनी टांगों पर से हटाते हुए उसे खड़ा कर दिया और फिर अपनी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल जबरन बिठा दिया. इससे पहले कि पल्ल्वी कुछ समझ पाती, रोहित ने अपने अंडरवियर को नीच खिसकाते हुए अपने तने हुए लण्ड को पल्ल्वी के होंठों के आगे करते हुए कहा-" इसे अपने मुंह में लेकर चूस.अब तुझे हर रोज मेरा लण्ड चूसना होगा. नहीं चूसेगी तो तेरी मैं रोजाना जो वीडियो बनाता हूँ उन्हें तेरे दोस्तों को फॉरवर्ड कर दूंगा."
पल्ल्वी ने अभी भी अपना मुंह नहीं खोला तो रोहित ने उसके दोनों गालों पर बारी बारी से चपत लगाते हुए कड़क आवाज़ में उसे आदेश दिया-" लण्ड चूस साली वरना तेरी खाल उधेड़ दूंगा."
पल्ल्वी ने अब अपना मुंह खोला और रोहित के लण्ड को मुंह के अंदर लेते हुए उसे चूसने लगी."
यह वीडियो यहीं पर ख़त्म हो गयी थी.
इससे पहले कि दूसरी वीडियो शुरू होती, रश्मि ने समय देखा- पौने नौ बज रहे थे. उसने अब पेन ड्राइव बाहर निकाल ली और गेस्ट रूम का "लाइव टेलीकास्ट" लगा दिया. मोहित और शोभित दोनों अभी भी सो ही रहे थे. पल्ल्वी वहीं बैठी उन लोगों के जागने का इंतज़ार करने लगी. इस बीच वह उठकर वाशरूम भी चली गयी. वाशरूम से बाहर वापस आयी तो उसके हाथ में एक कांच का गिलास था जिसमे पीले रंग का कुछ जूस जैसा तरल पदार्थ भरा हुआ था- ऐसा लगता था कि रश्मि के मन में कुछ अलग तरह की खुराफात चल रही थी और वह कांच के गिलास में अपना पेशाब भरकर ले आयी थी. उसने उस कांच के गिलास को पास पडी टेबल पर रख दिया और धीरे धीरे मुस्कराते हुए फिर से अपने सोफे पर बैठकर गेस्ट रूम के लाइव टेलीकास्ट को देखने लगी. उसने देखा कि अब मोहित सोकर उठ चुका है और वह झिंझोड़ झिंझोड़कर शोभित को भी जगा रहा है. शोभित भी कुछ देर में जब जाग गया तो दोनों आपस में बातचीत शुरू कर देते हैं.
शोभित : अरे तूने मुझे पहले क्यों नहीं जगाया. मैं इतनी देर तक कैसे सोता रहा ?
मोहित : मुझे नहीं पता, मैं तो खुद अभी दो मिनट पहले ही सोकर उठा हूँ. मुझे भी बड़ी तेज नींद आ गयी थी.
शोभित : लगता है, हम लोगों को सफर की थकान कुछ ज्यादा ही हो गयी थी.
मोहित : लेकिन भैया, ऐसी थकान पहले तो कभी नहीं हुई
शोभित : लगता है, रश्मि भी ट्यूशन पढ़ने आयी होगी और हम लोगों को इस तरह से सोता देख वापस चली गयी होगी.
मोहित : हाँ, मुझे भी कुछ ऐसा ही लग रहा है. अब तो मुझे तेज भूख भी लग रही है
शोभित : हाँ, भूख तो मुझे भी लग रही है. ऐसा करते हैं, किचिन में फोन करके पूछते हैं.
शोभित ने अब किचिन में फोन लगा दिया-" अर्जुन, डिनर तैयार है क्या ?"
अब रश्मि समझ गयी कि आगे क्या होने वाला है और उसने टी वी को अब बंद कर दिया और बाहर किचिन की तरफ जाने लगी.
रश्मि अभी किचिन तक पहुँची भी नहीं थी कि उसने देखा कि अर्जुन डाइनिंग टेबल पर खाना लगा रहा था. रश्मि वहीं डाइनिंग टेबल पर ही रुक गयी और बोली-" सब तैयारी हो चुकी है ?"
"जी मेम साब, मोहित और शोभित भी नीचे ही आ रहे हैं डिनर करने. उनका अभी फोन आया था." अर्जुन कहता हुआ फिर से किचिन में कुछ और लाने चला गया और रश्मि वहीं टेबल पर बैठ गयी और उन दोनों के आने का इंतज़ार करने लगी.
कुछ ही देर में दोनों आते दिखाई दिए. जब डिनर टेबल पर पहुंचे तो रश्मि ने कहा-" आप तो लगता है, सफर की थकान कि वजह से काफी गहरी नींद में सो गए थे. खैर अब आइये , डिनर तैयार है."
अर्जुन भी किचिन से आ गया और उसने तीनों को डिनर सर्व कर दिया.
डिनर करते करते शोभित रश्मि से बोला-"आज आपकी दोनों ट्यूशन रह गयीं"
रश्मि बोली-" कोई बात नहीं, आज भी डिनर के बाद एक ट्यूशन तो हो ही सकती है. हाँ, आज की ट्यूशन ऊपर आपके कमरे में नहीं हो सकेगी क्योंकि ममी का कमरा ऊपर आप लोगों के कमरे के साथ ही है और उनकी नींद में बेवजह का डिस्टर्बेंस होगा."
अब मोहित बोला-" ठीक है , डिनर के बाद ठीक १० बजे का समय रखते हैं. मैं आपके कमरे में नीचे अंग्रेजी पढ़ाने आ जाता हूँ."
शोभित भी बोला-" हाँ ठीक है. मैं आज के बदले में कल दो बार क्लास ले लूँगा एक बार सुबह और एक बार शाम को. इस तरह से पढाई का कोई नुक्सान नहीं होगा."
इस बातचीत के साथ डिनर करके सब लोग एक बार फिर अपने अपने कमरे में चले गए.
रश्मि भी अपने कमरे में आ गयी और उसने अंग्रेजी की कपि और किताब निकालकर टेबल पर रख दीं.
इसके बाद उसने किचिन में अर्जुन को फोन लगाया-" खाना खाकर मेरे पास आ जाना."
इस समय रात के साढ़े नौ बज रहे थे. आधे घंटे बाद अंग्रेजी की ट्यूशन होनी थी. रश्मि फटाफट वाशरूम जाकर फ्रेश हो गयी और उसने अब अपने कपडे भी बदल लिए थे. उसने टी शर्ट और निक्कर के ऊपर ही एक गाउन भी पहन लिया था.
इसके बाद वह कमरे में रखी कुर्सी और टेबल पर बैठकर अपनी कॉपी किताब खोलकर यह देखने लगी कि पल्ल्वी ने उसे अंग्रेजी में कहाँ तक पढ़ाकर छोड़ा था ताकि वह उसके आगे की पढाई अब नए टीचर मोहित के साथ शुरू कर सके.
कुछ देर में वहां अर्जुन भी आ गया.
रश्मि उसे देखकर बोली- " अर्जुन तुम अंदर साइड रूम में जाकर चुपचाप कुर्सी पर बैठ जाओ. जब मैं तुम्हे किसी काम से बुलाऊँ, तभी यहां आना, वरना वहीं साइड रूम में ही बैठे रहना."
अर्जुन साइड रूम में आ गया. रश्मि भी उसके पीछे पीछे आयी और उसे टी वी स्क्रीन के साथ लगी कुर्सी पर बिठाकर बाहर वाले कमरे में आ गयी और मोहित के वहां आने का इंतज़ार करने लगी.
ठीक दस बजे मोहित कमरे में घुस आया- उसने एक टी शर्ट और जींस पहनी हुई थी.
रश्मि ने उसे देखा और उसे बैठने का इशारा करते हुए बोली-" आइए आप यहां कुर्सी पर बैठिये. या फिर जहां आपको ठीक लगे, वहां बैठ सकते हैं. पल्ल्वी भाभी तो यहीं इस कुर्सी पर ही बैठकर पढ़ाती हैं."
मोहित वहीं रश्मि के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया. दोनों के बीच में टेबल थी. रश्मि ने उसे अपनी कॉपी और किताब खोलकर बता दिया कि पल्ल्वी भाभी उसे कहाँ तक की पढाई करा चुकी हैं ताकि मोहित को यह मालूम हो सके कि उसे आअज कहाँ से पढाई शुरू करनी है.
अब मोहित ने अपने हाथ में किताब लेकर नया चैप्टर खोला और उसे समझा समझा कर पढ़ाने लगा-लगभग १५ मिनट तक मोहित पाठ को समझा समझा कर रश्मि को पढ़ाता रहा और फिर उससे बोला-"अब इस पाठ के आखिर में अभ्यास के लिए जो पांच सवाल पूछे गए हैं, उनका उत्तर अपनी कॉपी में लिखकर मुझे दिखाओ. उससे यह मालूम हो जाएगा कि तुमने इस पाठ को ठीक से समझा है या नहीं."
रश्मि अब कॉपी पर एक एक करके पाँचों सवालों के जबाब लिखने लगी.
रश्मि अपने जबाब लिखने में व्यस्त थी और मोहित के दिमाग में उथल पुथल इस बात को लेकर चल रही थी कि अब आगे इस लड़की को कैसे अपने जाल में फांसा जाए. वह रश्मि को फंसाने की योजना बनाने लगा और रश्मि को दिखाने के लिए उसने वहीं रखी एक मैगजीन उठा ली और उसके पन्ने पलटने लगा. लेकिन उसका ध्यान मैगजीन में नहीं रश्मि के खूबसूरत बदन में लगा हुआ था जिसे वह हर हालत में भोगना चाहता था.
शेष अगले भाग में ......
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PART-25
रश्मि ने लगभग आधे घंटे बाद सभी सवालों के जबाब लिखकर अपनी कॉपी मोहित के आगे रख दी-" मैंने सभी सवालों के जबाब लिख दिए हैं."
मोहित के मन में जो विचार शृंखला अब तक चल रही थी, उसकी वजह से उसका लण्ड खड़ा हो चूका था और वह बहुत ही उत्तेजित अवस्था में था. रश्मि भी आज सारा दिन पेन ड्राइव में पल्ल्वी के साथ शोभित और रोहित की रियल पोर्न फ़िल्में देख देख कर बेहद गर्म और उत्तेजित अवस्था में थी.
उसने रश्मि की कॉपी में उसके लिखे हुए जबाबों को पढ़ना शुरू कर दिया- कुछ देर पढ़ने के बाद वह कहने लगा-" इन पांच जबाबों में से सिर्फ एक ही जबाब पूरी तरह सही है-बाकी चार जबाब गलत हैं. इसलिए अब तुम्हे गलत जबाब लिखने के लिए सजा मिलेगी."
यह कहकर मोहित एकदम कडककर बोला-"चलो अब खड़ी हो जाओ."
रश्मि को शरारत सूझ रही थी. उसने सोचा कि जरा देखूं तो यह आगे और क्या क्या बकवास करने वाला है. वह कुर्सी से उठकर खड़ी हो गयी
मोहित के सर पर तो इस समय अपनी उत्तेजना का भूत सवार था, वह फिर कडककर बोला-"चलो अब अपने अपडे उतारो और कान पकड़कर 100 उठक बैठक लगाओ."
रश्मि ने अब आवाज़ देकर अर्जुन को बुलाया और अर्जुन साइड रूम से एकदम भागकर वहां कमरे में आ गया-" जी मेम साब, आपने मुझे बुलाया."
मोहित ने अर्जुन को देखा तो उसके चेहरे पर हवाईआं उड़ने लगीं. उसे पता ही नहीं था कि रश्मि ने अर्जुन को वहां छुपाकर बिठाया हुआ था.
रश्मि ने अर्जुन से कहा-" दरवाज़े को अंदर से बंद कर दो" और अर्जुन ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया.
मोहित को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा था.
दरवाज़ा अंदर से बंद होने के बाद रश्मि ने अर्जुन से कहा-" मोहित अपने कपडे उतारकर अपने कान पकड़कर 100 उठक बैठकें लगाना चाहता है. तुम उसकी इस काम को करने में कुछ मदद कर दो."
अर्जुन रश्मि का इशारा समझ गया और बोला- " जी मेम साब, आप आराम से सोफे पर बैठिये. मैं इसकी पूरी मदद करूंगा."
इसके बाद रश्मि सोफे पर आराम से एक टांग के ऊपर दूसरी टांग रखकर बैठ गयी और इस लाइव तमाशे को देखने लगी.
अर्जुन अब मोहित की तरफ बढ़ा और बोला-" तुम अपने कपडे खुद ही उतारोगे या फिर मैं तुम्हारी कुछ मदद करूँ ?"
मोहित हालांकि अर्जुन से लगभग 3 साल छोटा था लेकिन कद काठी और शारीरिक बनाबट में वह हर लिहाज़ से मोहित पर भारी था. उसकी लम्बाई भी 5 फिट 9 इंच थी जबकि मोहित की लम्बाई 5 फिट 6 इंच के आसपास थी.
मोहित के चेहरे पर डर और कन्फ्यूजन साफ़ दिख रहा था. वह बोला-" अब मैं कुछ नहीं पढ़ाऊंगा. मुझे यहां से जाने दो. मैं पल्ल्वी दीदी को बताऊंगा कि..."
इससे पहले कि मोहित कुछ आगे बोलता, अर्जुन ने एक जोर का थप्पड़ मोहित के गाल पर रसीद करते हुए कहा-" बकबास बंद कर और अपने सारे कपडे उतार."
रश्मि को लग रहा था कि पेन ड्राइव देख देखकर अर्जुन भी थोड़ा एक्सपर्ट हो गया है और जो काम उसे करना चाहिए, उसमे उसकी सही से मदद कर रहा है.
अब मोहित ने अपना थप्पड़ खाया गाल सहलाते हुए रश्मि की तरफ देखा-" आप कुछ कहती क्यों नहीं. देखिये आपके नौकर ने मेरी कितनी इंसल्ट कर दी आपके सामने ही और आपने इसे कुछ नहीं कहा."
रश्मि अब हँसते हुए बोली-" मोहित तुम अर्जुन की बात मान क्यों नहीं लेते. अर्जुन जैसा जैसा कहता है, वैसा वैसा करते रहो फिर तुम्हे कोई परेशानी नहीं होगी. चलो अपने कपडे उतारो."
अर्जुन को अब रश्मि की तरफ से पूरी छूट मिल चुकी थी और इसके साथ ही उसका लण्ड भी अब एकदम तनकर खड़ा हो गया था.
मोहित ने फिर रश्मि की तरफ देखा-" लेकिन मैंने क्या गुनाह किया है- मैं अपने अपडे क्यों उतारूँ ?"
रश्मि फिर शरारत से मुस्करायी और बोली-" तुमने कोई गुनाह नहीं किया है, यही तुम्हारा गुनाह है. ट्यूशन पढ़ाने के बहाने तुम लोग अपने स्टूडेंट्स को जिस तरह अपनी हवस का शिकार बनाने का सपना देखते हो, वह क्या काम बड़ा गुनाह है ? ज्यादा होशियारी मत दिखाना, तुम्हारी और तुम्हारे दोनों भाईओं और तुम्हरी बहन पल्ल्वी की पूरी कुंडली मेरे हाथों में है.तुम लोगों ने एक दुसरे को ट्यूशन पढ़ाते हुए कैसे सेक्स लीलाएं की हैं, सबके वीडियो मेरे पास हैं-सारे वीडियो वायरल कर दिए जाएंगे.इसलिए भलाई इसी में है कि जो कहा जा रहा है, उसे चुपचाप करते जाओ."
मोहित को अब लगा कि वह पूरी तरह से फंस चूका है तो उसने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए.
रश्मि अर्जुन की तरफ देखकर थोड़ी शरारती लेकिन कड़क आवाज़ में बोली- " अर्जुन मैं यहीं सोफे पर बैठी देख रही हों. तुम इसे अपने कब्ज़े में लेकर इसके पहले कपडे उतरवाओ और फिर कान पकड़कर 100 उठक बैठकें लगवाओ."
अर्जुन रश्मि का इशारा समझ गया था.अर्जुन खुद एक कुर्सी पर बैठ गया और मोहित से रौबीली आवाज़ में बोला-" इधर मेरे सामने आकर खड़े जो जाओ और अपने बाकी के कपडे भी उतारो."
मोहित अपनी टी शर्ट उतार चुका था और ऊपर से एकदम निर्वस्त्र था. अब उसने अपनी जींस के बटन खोलकर उसे भी उतारना शुरू कर दिया. जींस उतारने के बाद उसके बदन पर बस एक टाइट अंडरवियर ही बचा था जिसमे से उसका खड़ा हो चुका लण्ड साफ़ महसूस हो रहा था. मोहित क्योंकि अभी सिर्फ 22 साल का ही था और उसके बदन पर अभी कहीं भी ज्यादा बाल नहीं आये थे.उसका गोरा बदन बेहद चिकना और सुडौल था. अर्जुन ने अपने हाथ को उसके अंडरवियर पर फिराया और बोला-"चल इसे भी उतार दे."
अब मोहित हाथ जोड़कर अर्जुन के आगे गिड़गिड़ाया-" नहीं प्लीज़, इसे मत उतरवाओं"
रश्मि कुछ दूर पर ही सोफे पर बैठी इस तमाशे का मज़ा ले रही थी. वह अपने सोफे से उठी और साइड रूम से एक छड़ी, एक हथकड़ी और एक ब्लाइंड फोल्ड लेकर वहां आ गयी.
उसने जोर से एक छड़ी मोहित के नितम्बों पर मारते हुए कहा-" जल्दी उतार अपना अंडरवियर. हमारे पास ज्यादा समय नहीं है, तेरे नखरे देखने के लिए."
इसके बाद मोहित ने अपना अंडरवियर भी उतार दिया और अब वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था के अर्जुन के सामने खड़ा हुआ था. वह अपने हाथों से अपने लण्ड को ढकने लगा तो अर्जुन ने उसे आदेश देते हुए कहा-" चल घुटनों के बल नीचे बैठ."
जैसे ही मोहित घुटनों के बल फर्श पर बैठा, अर्जुन ने उससे उसके हाथ ऊपर उठवाये और रश्मि के हाथ से हथकड़ी लेते हुए उसके दोनों हाथों में हथकड़ी बाँध दी.
मोहित एकदम बेबस सा हो गया था. उसके यकायक कहा-" मुझे बहुत जोर की प्यास लगी है. प्लीज़ मुझे पानी पीना है."
रश्मि के चेहरे पर फिर से शरारती मुस्कान आ गयी और उसने टेबल पर रखे कांच के गिलास को उठाकर अर्जुन को थमाते हुए कहा-" इसमें मेरी पेशाब भरी हुई है-इसे पीकर इसकी कई जन्मों की प्यास दूर हो जाएगी."
अर्जुन ने रश्मि की पेशाब से भरे गिलास को अपने हाथों में लिया और उसे मोहित के होंठो से लगाकर बोला-" पियो इसे."
मोहित को प्यास तो बहुत जोर से लगी थी लेकिन उसे पानी की जगह रश्मि की पेशाब पीने को मिलेगी, यह तो उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. मोहित अपना मुंह खोलने में झिझक रहा था, अर्जुन अपने बाएं हाथ में पेशाब का गिलास पकडे हुए था, उसने दाएं हाथ से एक जोर का थप्पड़ मोहित एक गालों पर जड़ते हुए कहा-" जल्दी मुंह खोल और रश्मि मेम साब की पेशाब पी. जब तक नहीं पियेगा, तेरे गालों पर मैं इसी तरह चपत लगाता रहूंगा." आठ-दस थप्पड़ खाने के बाद मोहित ने अपना मुंह खोला और गिलास में भरी हुई रश्मि की पेशाब को जल्दी जल्दी पी गया.
जब मोहित सारी पेशाब पी गया तो अर्जुन ने उसे छेड़ते हुए पुछा-" क्यों पेशाब पीकर मज़ा आया ?"
रश्मि लगातार अपने मोबाइल में इस सारे तमाशे का वीडियो बना रही थी.
मोहित ने अर्जुन को कोई जबाब नहीं दिया तो अर्जुन ने फिर उसके थप्पड़ लगाते हुए कहा-" जबाब नहीं देगा तो ऐसे ही पिटेगा. बोल पेशाब पीकर मज़ा आया कि नहीं ?"
मोहित को लगा कि अगर वह कहेगा कि मज़ा नहीं आया तो यह लोग मुझे और बुरी तरह पीटेंगे, इसलिए उसने कह दिया- " हाँ "
अर्जुन की अब हिम्मत और बढ़ गयी और एक चपत और लगाते हुए बोला-" ठीक से बोल कि हाँ मुझे रश्मि मेम साब की पेशाब पीकर बहुत मज़ा आया "
अब मोहित बोला- " हाँ, मुझे रश्मि मेम साब की पेशाब पीकर बहुत मज़ा आया."
अर्जुन अब रश्मि की और देखकर हंसकर बोला-" देखिये मेम साब आपकी पेशाब पीकर इसे कितना मज़ा आ रहा है"
रश्मि अपनी इस बढ़ती हुई ताकत का अंदाज़ा लगाकर ही बेहद गर्म और उत्तेजित हुई जा रही थी. अर्जुन के हाथों में भी मोहित के रूप में एक खिलौना हाथ लग गया था और उसे वह बात बात पर थप्पड़ लगा रहा था. अचानक अर्जुन मोहित से बोला-" चल अब फिर से खड़ा हो जा"
मोहित फिर से खड़ा हो गया. उसके हाथ ऊपर की तरफ हथकड़ी से बंधे हुए थे और इसलिए अब उसका पूरा बदन अर्जुन के खेलने के लिए उपलब्ध था.
रश्मि खुद जान बूझकर अर्जुन को ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहती थी क्योंकि उसे लग रहा था कि वह काफी दिनों से उसकी बड़ी वफ़ादारी से सेवा कर रहा है और खुद अर्जुन अपनी गर्मी और उत्तेजना शांत करने के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहा था. रश्मि सोफे पर से उठकर साइड रूम में जाने लगी और अर्जुन से शरारतपूर्ण ढंग से बोली-" मैं कुछ देर साइड रूम में कुछ काम कर रही हों. तब तक तुम इस चिकने लौंडे से जितने चाहों मज़े ले सकते हो."
अब कमरे में रश्मि नहीं थी और मोहित अर्जुन के सामने अपने हाथ ऊपर किये हुए निर्वस्त्र अवस्था में बैठा हुआ था. अर्जुन का लण्ड अब बेकाबू हो रहा था. उसने कुछ देर मोहित की चिकनी जांघों को सहलाया और फिर उससे बोला-" चल पीछे घूम जा"
मोहित पीछे घूमकर खड़ा हो गया तो अर्जुन ने उसके चिकने नितम्बों पर अपने हाथ फिराने शुरू कर दिए.अब अर्जुन ने भी अपनी टी शर्ट और निक्कर उतार दिए और अंडरवियर पहने हुए मोहित की पीठ से चिपककर खड़ा होते हुए अपने अंडरवियर में कैद लण्ड को उसके नितम्बों पर रगड़ने लगा. अपने हाथों को वह उसके सीने पर, चिकने पेट और टांगों पर लगातार फिरता जा रहा था. कुछ देर बाद अर्जुन ने मोहित को अपनी कैद से आज़ाद किया और उससे दुबारा कहा-" चल अब मेरी टांगों के बीच अपने घुटनों के बल बैठ जा"
मोहित को इसका कोई अंत दिखाई नहीं दे रहा था.- उसे हर बार यही लग रहा था कि कि बस अब इस उत्पीड़न के बाद उसे छोड़ दिया जायेगा लेकिन ऐसा हो नहीं रहा था.
मोहित जैसे ही अर्जुन की दोनों टांगों के बीच अपने घुटनों के बल बैठा, अर्जुन ने अपना अंडरवियर नीचे खिसकाकर उसमे से अपने खड़े लण्ड को निकाला और उसे मोहित के होंठो पर टिकाते हुए कडककर बोला-" चल अब इसे चूस."
मोहित ने एक बार में मुंह नहीं खोला तो अर्जुन ने उसके गालों पर एक दो तमाचे और जड़ दिए -" अपना मुंह खोल और उसके अंदर इस लण्ड को लेकर ठीक से चूस. तेरी चुसाई से मुझे मज़ा नहीं आया तो तेरी और पिटाई की जाएगी."
अब मोहित ने अपना मुंह फटाफट खोलकर उसमे अर्जुन के लण्ड को लेकर उस पर अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी. अर्जुन काफी देर तक इसी तरह से मोहित के साथ मुख मैथुन करता रहा और जब उसका क्लाइमेक्स आने को हुआ तो उसने मोहित से कहा-" मेरा सारा जूस तुझे पी जाना है, एक भी बूँद गिरना नहीं चाहिए."
मोहित एक आज्ञाकारी सेक्स स्लेव की तरह अर्जुन का सारा जूस पी गया.अर्जुन ने अपना लण्ड उसके मुंह में से निकाला तो देखा कि उस पर काफी वीर्य लगा हुआ था. उसने अब मोहित से कहा-" इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ करो."
जब मोहित ने उसके लण्ड को अपनी जीब से चाट चाट कर पूरी तरह साफ़ कर दिया तो अर्जुन की नज़र अपने पैरों पर पड़ गयी जहां वीर्य की कुछ बूंदे गिरी पडी थीं.
अर्जुन ने अब मोहित को फिर से हुक्म दिया-" देखो मैंने कहा था कि मे्रे जूस की एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहियें. लेकिन तुमने मे्रे पैरों पर वीर्य की कितनी बूँदें गिरा दी हैं. अब तुम्हे इन्हे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ करना होगा."
अर्जुन लगातार अपने मोबाइल पर इस सारे तमाशे की वीडियो बनाता जा रहा था.
इस बार मोहित का सब्र जबाब दे गया और बोला-" अब बस भी करो- मुझे और कितना ज़लील करोगे?"
अर्जुन भी अपनी पूरी मस्ती में था-" जमीन पर उल्टा होकर लेट जा और अपनी जीभ से मे्रे पैरों को चाट चाट कर साफ़ कर-अभी तो तुझे और भी ज़लील होना है. जल्दी कर अभी तो तेरी खबर रश्मि मेम साब भी लेंगी."
मोहित जल्दी से जमीन पर उल्टा होकर लेट गया और अपनी जीभ से अर्जुन के पैरों को चाट चाट कर साफ करने लगा
अर्जुन को मज़ा आ रहा था. वह खुश होता हुआ बोला-"ऐसे ही मे्रे पैरों को चाटता रह और मुझे खुश करता रह, इसी में तेरी भलाई है."
अर्जुन ने आखिर में उससे अपने पैरों के तलवे भी चटवाये और फिर उसे दुबारा से घुटनों के बल बिठा दिया
जब दुबारा से मोहित अपने घुटनों के बल बैठा तो अर्जुन ने पास में रखा काले रंग का ब्लाइंड फोल्ड निकलकर उसकी आँखों पर बाँध दिया और बोला-" अब ऐसे ही बैठा रह.अब तेरी क्लास थोड़ी देर में शुरू होगी." यह कहकर अर्जुन ने फटाफट अपने कपडे पहन लिए और साइड रूम में रश्मि के पास जाकर खड़ा हो गया-" जी मेमसाब , क्या मैं अब चला जाऊं ?"
रश्मि उससे बोली-" हाँ तुम जाओ लेकिन जब तक मैं न कहूँ, जागते रहना मैं किसी भी समय तुम्हे फोन करके बुला सकती हूँ."
रश्मि दरअसल साइड रूम में बैठकर गेस्ट रूम पर नज़र रखे हुए थी, जहाँ अभी तक शोभित जगा हुआ था-वह शायद इस इंतज़ार में था कि मोहित वापस आकर उसे आज की "सज़ा" के बारे में बताएगा. रात के सवा ग्यारह बज चुके थे.
अर्जुन अपने रूम में चला गया था. रश्मि साइड रूम से उठकर मेन रूम में आ गयी. वहां जमीन पर मोहित पूरी तरह निर्वस्त्र अपने दोनों हाथों को ऊपर किये बैठा था जिन पर हथकड़ी लगी हुई थी. उसकी आँखों पर काली पट्टी भी जाते जाते अर्जुन बांध गया था.
रश्मि ने कमरे के दरवाज़े को फिर से बंद किया और अपने सारे कपडे उतारकर पूरी तरह निर्वस्त्र हो गयी. कुर्सी पर बैठी बैठी वह चुपचाप काफी देर तक अपने सामने बैठे मोहित को देखती रही. उसके बाद उसने अपने पैरों को उसके चेहरे पर ले जाकर उसके चेहरे को अपने पैरों से रगड़ना- सहलाना शुरू कर दिया.रश्मि ने अपने हाथ में चमड़े का हंटर पकड़ा हुआ था.अपने पैर के अंगूठे से वह मोहित के होंठों पर घुमाने लगी और घुमाते घूमते अंगूठे को उसके मुंह में घुसेड़ने की कोशिश करने लगी. जब मोहित उसके इशारे को नहीं समझा तो उसने लगातार 4-5 हंटर उसके नंगे बदन पर लगाए और बोली-" मुझे बोलने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए. मे्रे इशारों को समझो और मुझे खुश करने की कोशिश करो. इसी में तुम्हारी भलाई है." इतना सुनते ही मोहित ने अपना मुंह खोलकर उसमे रश्मि के पैर के अंगूठे को लेकर चूसना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद रश्मि ने उसे जमीन पर ही सीधा होकर लेट जाने के लिए कहा. मोहित अब जमीन पर लेट गया. उसके हाथ ऊपर की तरफ ही थे क्योंकि वे बंधे हुए थे. अब रश्मि उठकर उसके बदन पर आकर बैठ गयी और मोहित के नंगे बदन पर जगह जगह अपने हाथ फिराने लगी.कुछ देर बाद उसने अपने गीले हो चुके योनि प्रदेश को मोहित के चेहरे पर रगड़ना शुरू किया और उससे बोली-"अपनी जीभ से इसे चाटो और सहलाओ"
रश्मि मज़े मज़े में जन्नत में पहुँच गयी थी- उसने फिर मोहित से कहा-" आपनी जीभ को ठीक से अंदर तक डालकर चाटो" मोहित ने आपनी जीभ को रश्मि के योनि के अन्दर डालकर उसे चाटना शुरू कर दिया. इतना मज़ा आज तक रश्मि को पहले कभी नहीं आया था. यह सेक्स लीला जब काफी देर तक चल चुकी तो रश्मि ने आपनी योनि का जूस मोहित को पी जाने के लिए कहा. मोहित के पास रश्मि की हर बात मानते जाने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं था.
रश्मि जब मोहित से जी भरकर मज़े लूट चुकी तो उसने अपने कपडे पहन लिए और वाशरूम में जाकर फ्रेश होने चली गयी. वाशरूम से वापस आयी तो मोहित उसी तरह जमीन पर लेटा हुआ था.
रश्मि ने उसे जमीन से उठकर बैठने का आदेश दिया. जब वह उठकर बैठ गया तो रश्मि ने उसका ब्लाइंड फोल्ड खोल दिया. अब मोहित देख सकता था.
"अब तुम इसी हालत में अपने कमरे में जाओ और अपने भैया शोभित को सारी कहानी जाकर सुनाओ-वह तुम्हारा बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं" रश्मि ने मोहित को हुक्म देते हुए कहा
मोहित थोड़ा सकपका गया-" लेकिन मैं नंगा ... मे्रे कपडे और यह मे्रे बंधे हुए हाथ...?"
रश्मि बोली- " मैंने कहा कि अपने कमरे में ऐसे ही जाओ तो ऐसे ही जाना होगा. चलो ..नहीं तो मैं तुम्हारी मदद के लिए अर्जुन को..."
रश्मि को बीच में ही रोकता हुआ मोहित उसी तरह हाथ ऊपर उठाये निर्वस्त्र अवस्था में अपने कमरे में जाने लगा. इसके बाद रश्मि ने फोन करके अर्जुन को बुलाया और उससे बोली-" यह मोहित के सारे कपडे और हथकड़ी की चाबी ऊपर गेस्ट रूम में लेकर जाओ. मोहित की हथकड़ी खोलकर हथकड़ी वापस ले आना और जो तुम्हे ठीक लगे सो करना."
अर्जुन ने हथकड़ी की चाबी और मोहित के कपडे उठाये और गेस्ट रूम की तरफ चल पड़ा.
शेष अगले भाग में.....
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