मांगलिक बहन

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rajan
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Re: मांगलिक बहन

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अजय और सीमा के पापा हॉल में पहुंच गए। चूंकि अजय काफी टाइम से शहर में रह रहा था इसलिए उसे हॉल के बारे में काफी सारी जानकारी थी इसलिए उसने खुद ही बात करी। उसने काफी मुश्किल से हॉल वाले को एक सस्ते दाम पर तय कर लिया और उसके बाद दोनो घर की तरफ लौट पड़े। सीमा के पापा काफी खुश नजर आ रहे थे क्योंकि अजय ने उनके काफी सारे पैसे बचा दिए थे।

जब से अजय ने अपनी बहन पर शहर में हमला होते देखा था असल में उसके मूड तब से ही खराब था लेकिन वो सोच रहा था कि कोई ऐसा आदमी मिले जिससे उसे सही जानकारी मिल सके और उसे एहसास हो गया था कि सीमा के पापा उसे काफी कुछ बता सकते है।

अजय:' और बताए ताऊ जी गांव में कैसा चल रहा हैं सब कुछ ? नए मुखिया राम बाबू की काफी तारीफ होती हैं।

ताऊ जी:" हान बेटा, राम बाबू तो सच में बहुत अच्छे आदमी हैं, जब से मुखिया बने हैं तब से गांव में रामराज अा गया है।

अजय:" ये तो बहुत अच्छी बात है ताऊ जी। गांव में सब लोग खुशी से रहे इससे अच्छा और क्या हो सकता है।

ताऊ:"हान बेटा, पहले वाले मुखिया रोशन के बेटे मनोज की हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि गांव की लड़कियों से सरेआम बदतमीजी करने लगा था लेकिन तूने उसका हाथ ही तोड़ दिया था तो उसकी अक्ल ठिकाने अा गई और फिर नए मुखिया ने तो ऐसे लोगो की हालत ही खराब कर दी है। सच में भगवान उन्हें लंबी उम्र दे ताकि गांव में शांति रहे।

अजय:" जी ये तो अच्छी बात है। लेकिन ताऊ जी शहर का माहौल थोड़ा खराब लगा मुझे। लड़कियो को ऐसे देखते हैं मानो खा ही जाएंगे।

ताऊ:" हान बेटा, शहर में दिक्कतें हैं बहुत सारी। आए दिन कुछ ना कुछ होता रहता हैं। भगवान करे कि शहर के हर घर में तेरा जैसा बेटा दे ताकि वहां भी शांति रहे।

अजय:" ताऊ जी ऐसा कुछ नहीं हैं मैं भी आपकी तरह आम इंसान हूं लेकिन मुझे बिल्कुल पसंद नहीं हैं कोई मेरे होते हुए लड़की हो बुरी नजर दे देखे।

ताऊ जी:" बेटा ये ही तो तेरी अच्छाई है। वैसे बेटे मैंने पहले कभी हॉल में शादी नहीं देखी हैं।
कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना

अजय:" आप चिंता मत करिए। मैं सब जानता हूं और मैं खुद सारी जिम्मेदारी अपने हाथ में लूंगा। आप बाद मेहमानों का स्वागत करना अच्छे से।

सीमा के पापा:" भगवान सबको तेरे जैसा बेटा दे। सच में तुम बहुत अच्छे लडके हो।

बातो बातो में ही कब वो घर पहुंच गए पता ही नहीं चला।

कुछ मेहमान अा गए थे और घर में काफी हलचल हो रही थी। सीमा के पापा घर जाते ही मेहमानों से बात करने लगे और अजय अपनी बहन के पास चला गया और उसे देखते ही सीमा बोली:"

" अरे अजय अा गए तुम भाई शहर से। हॉल बुक हो गया क्या ?

अजय:" हान दीदी हॉल तो बुक हो गया हैं। काफी अच्छे इंसान हैं उसके मालिक इसलिए कोई दिक्कत नहीं हुई।

सपना:" चलो अच्छा ही हुआ, अच्छा और बताओ कैसा लग रहा हैं अपने गांव में आकर ?

अजय को हल्की प्यास लग रही थी इसलिए बोला:"

" अभी तो प्यास लगा रही है और मुझे किसी ने पानी के लिए भी नहीं पूछा अभी तक।

सौंदर्या स्माइल के साथ उठी और पानी लेने के लिए बाहर चली गई। राधा को तो जैसे मौका मिल गया और बोली:"

" क्या अजय ऐसा क्या खा खाया शहर में तूने कि तू तो पूरी तरह से निखर गया है।

अजय के बोलने से पहले ही सपना बोल उठी:"

" हान अजय, लगता है तुझे शहर की हवा, पानी कुछ ज्यादा ही लग लग गया है। तेरे जैसा गबरू जवान तो लाखो में एक होता है।

अजय उनकी बाते सुनकर हल्का सा झेंप गया और बोला:".

" कहां दीदी मैं तो आज भी वही हूं आप सबका छोटा सा अजय जिसे आप सब अपनी गोद में खिलाती थी।

सपना उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" अब कहां छोटा रहा है तू, अब तो तू ही हमे गोद में खिलाने लायक हो गया है।

सपना की बात सुनकर सभी जोर जोर से हंस पड़े और तभी सौंदर्या भी पानी लेकर अंदर अा गई। अजय ने अपनी बहन से पानी लिया और पीने लगा। सीमा की मम्मी अंदर अा गई और बोली:".

" अरे बच्चो खाना बन गया हैं, अा जाओ तुम सब खाना खा लो गर्म गर्म हैं अभी बिल्कुल।

अजय:" आंटी जी मुझे तो बिल्कुल भी भूख नहीं है, मैंने तो शहर से आते ही खाना खा लिया था इसलिए मन नहीं हैं।

सौंदर्या: हान चाची जी, मेरा भी मन नहीं हैं अभी तो।

अजय:" चाची रात बढ़ने लगी हैं और मम्मी घर पर अकेली होगी इसलिए हम घर चले जाते हैं। कल सुबह फिर से जल्दी अा जायेगे ।

सीमा की मम्मी:" कोई कहीं नहीं जाएगा, आज रात में गीत होंगे तो मैं एक काम करती हूं तुम्हारे घर जाकर कमला को भी ले आती हूं

इतना कहकर वो तेजी से बाहर निकली और अजय के घर की तरफ चल पड़ी। वो थोड़ी देर बाद ही कमला के साथ वापिस अा गई और तब तक सबने खा लिया था।

थोड़ी देर बाद गीत का कार्यकर्म शुरू हो गया और एक औरत ढोलक बजाने लगी और बाकी सारी मिलकर लोक गीत गाने लगी। अजय वहीं थोड़ी दूर एक कुर्सी पर बैठा हुआ ये सब देख रहा था और उसे ये सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था।

सपना: अरे क्या खाली पीली गीत गाती रहोगी? थोड़ा नाच भी तो होना चाहिए या नहीं।

कमला:" हान बेटी, बिल्कुल होना चाहिए, एक काम करो अब तुम ही सबसे पहले शुरू कर दो।

सपना बहाने बनाते हुए बोली:" ना चाची मुझे तो बिल्कुल ना आता, मैं नहीं नाचने वाली। किसी और को देखो।

सीमा:" अरे तू नाचेगी कैसे नहीं, चल जल्दी शुरू हो जा जैसा भी तुझे आता हैं।

सपना फंस गई और बोली:"

" मुझे कहां इन लोक गीतों पर नाच होता है, मेरा तो पैर भी नहीं उठता इन पर। तुम्ही नाचो सारी।

राधा:" क्यों नखरा कर रही हैं तू? गीत नहीं तो क्या डीजे पर नाचेगी तू आज ?

सपना:" अरे मुझे चाहिए कोई धमक वाला गाना जिस पर अपने आप ही पैर उठ जाए। वो यहां बज नहीं सकता।

सौंदर्या:" अरे बोलो भी सपना तुम? कौन सा गाना हैं तुम्हे पसंद हमे भी तो पता चले।

सपना:" क्या फायदा अगर बता भी दिया तो कौन सा तू बजा देगी रूप की रानी ?

अजय:" अरे दीदी आप एक बार बताओ तो जरा देखो मैं बजा दूंगा उसकी आप चिंता मत करो।

राधा:" ये क्या बताएगी मैं बता देती हूं, इसको वो गाना पसंद है
" मुझको राणा जी माफ करना "

उसकी बात सुनकर सभी हंस पड़ी और अजय ने स्माइल करते हुए अपने मोबाइल ने यूं ट्यूब पर गाना चला दिया और उसकी सेटिंग में जाकर आवाज को बढ़ा दिया जिससे पूरे घर में गाने की आवाज गूंज उठी।

सपना के पास अब कोई बहाना नहीं बचा था इसलिए वो नाचने लगी और सभी औरते ताली बजाने लगी और सपना खुशी से कूद कूद कर नाचने लगी।

पूरे गाने पर वो उल्टी सीधी नाचती रही और सब औरतें और लड़कियां मिलाकर ताली पीटती रही। गाने खत्म होने के बाद वो थक कर एक तरफ़ बैठ गई और उसके बाद राधा का नंबर आया तो सपना उल्टी सीधी सांस लेते हुए बोली:"

" अजय वो गाना चलाओ " रात सैयां ने ऐसी बैटिंग करी '

अजय ने गाना शुरू कर दिया और राधा ठुमक ठुमक कर नाचने लगी। हर कोई उसकी तारीफ कर रहा था और सच में राधा बहुत अच्छा डांस कर रही थी। नाच खत्म होने पर सभी ने मिलकर तालियां बजाईं।

अजय:" अरे वाह राधा दीदी आप तो बहुत अच्छा नाचती हैं, सच में कमाल कर दिया आपने।

सीमा की मम्मी:" सच में यार हमे तो आज पता चला कि हमारे गांव में सबसे अच्छा राधा नाचती हैं।


सौंदर्या को अपने भाई के मुंह से राधा की तारीफ अच्छी नहीं लगी।
दुबली पतली सपना जो कि जिसकी अभी तक हालत खराब और गहरी गहरी सांसे ले रही थी और वो जानती थी कि उसे कमला चाची ने फंसाया हैं इसलिए वो मौके की तलाश में थी और बोली:"

" अब अगली बारी सौंदर्या की, हम सब तो नाच लिए।

सौंदर्या के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" देख मुझे बिल्कुल भी नाचना नहीं आता, मुझे मत परेशान करो तुम।

कमला:" सपना बेटी उससे नहीं आता नाचना, उसे मत परेशान करो तुम।

सपना:" वाह जी वाह ये क्या बात हुई? अपनी बेटी का नंबर आया तो उसे नहीं आता, क्या हम तुम्हारी बेटी नहीं हैं क्या ?

कमला की बोलती बंद हो गई और सीमा की मम्मी ने उठकर सौंदर्या के पैर में घुंघरू बांध दिए। सौंदर्या बेचारी दो कदम पीछे हट गई और अपने बोली :"

" नहीं आता मुझे नाचना, समझा करो तुम सब, आंटी आप ही इन्हे समझाओ।

इतने में सपना और राधा खड़ी हो गई और सौंदर्या को पकड़ कर बीच में ले अाई और बोली:"

" ज्यादा नखरा मत कर, आज तो तेरी जान बचने वाली नहीं है। देख नाचना तो तुझे पड़ेगा ही।

सौंदर्या को वो आगे खीचती और सौंदर्या पीछे की तरफ भागती। थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा और तीनो की सांस फूल गई सौंदर्या की साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया जिससे उसकी उसकी ब्लाउस में बंद चूचियां सामने अा गई और ये सब देखकर सपना की आंखो में चमक बढ़ गई और बोली:"

" बस अब ज्यादा नखरा नहीं, चल जल्दी बीच में आजा और शुरू हो जा।

सपना ने एक झटके के साथ उसका हाथ पकड़ कर बीच में खींच लिया जिससे साड़ी पूरी तरह से हट गई और उससे अनजान सौंदर्या जिसकी चूची उपर नीचे हो रही थी


सौंदर्या:" अरे मुझे माफ़ करो, देखो मुझसे नहीं हो पाएगा नाच। समझो तुम सब

अजय अपनी बहन की चुचियों की के बीच की गहरी खाई को देखा तो देखता ही रह गया। सच में उसने इतना मस्त उठान आज तक नहीं देखा था।

सपना:" अरे अजय ये अपनी सौंदर्या उस गाने पर बहुत अच्छा नाचती हैं" चोली के पीछे क्या हैं "

अजय ने अपने मोबाइल में गाना लगा दिया और सभी औरते तालियां बजाने लगी और। ना चाहते हुए भी सौंदर्या के पैर अपने आप उठ पड़े और राधा ने अपना दुपट्टा उसकी तरफ उछाल दिया और सौंदर्या ने अपनी साड़ी का पल्लू अपनी कमर में घुसा दिया और दुपट्टा अपनी सिर पर औढकर नाचने लगी

अगले स्टेप पर जैसे ही उसने अपना दुप्पटा उपर किया तो उसके ब्लाउस में बंद उसकी गोल गोल मोटी मोटी चूचियां उपर नीचे होती नजर आईं और सभी की आंखे उसकी उछलती हुई चूचियों पर जम गई।

इन सबसे बेखबर सौंदर्या अपजी धुन में नाचती रही और दुपट्टा कब का नीचे गिर गया था और वो पूरी तरह से मदहोश होकर नाच रही थी।
rajan
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जैसे ही उसकी छाती नीचे की तरफ आती तो ऐसा लग था था मानो फट ही जाएगी। सबको हैरानी हो रही थी कि सौंदर्या इतना अच्छा भी नाच सकती हैं। वहीं अजय का ध्यान तो सिर्फ अपनी बहन की ब्लाउस में उछलती हुई चूचियों पर था और उसके लंड में उभार आना शुरू हो गया था। अजय को समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है लेकिन उसकी नजरे उसकी बहन की चुचियों पर से नहीं हट रही थी। सौंदर्या की ब्लाउस में मटकटी हुई गांड़ पूरी तरह से कहर ढा रही थी।

गाना खत्म हो गया और उसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी और सीमा की मम्मी ने आगे बढ़कर सौंदर्या को गले लगा लिया और उसके सिर पर से कुछ पैसे उतारे और बोली:"

" वाह मेरी बेटी वाह। सच में तूने तो कमाल कर दिया, तूने तो राधा को भी फैल कर दिया नाचने में।

कमला भी आगे बढ़ी और अपनी बेटी का माथा चूम कर बोली"

" वाह सौंदर्या आज तो तूने मेरे सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। बेटी हो तो तेरे जैसी। सच में कमाल कर दिया तूने।

सभी सौंदर्या की तारीफ कर रहे थे और सौंदर्या बहुत खुश थी और उसे अपनी भाई की तारीफ का इंतजार था जबकि अजय को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे, उसकी आंखो के आगे अभी तक ब्लाउस में बंद उसकी चूचियां घूम रही थी। काफी देर तक नाच गाना चलता रहा और उसके बाद जब रात के 12 बज गए तब कहीं जाकर नाच बंद हुआ। सीमा उसके बाद अंदर कमरे में चली गई और सारी लड़कियां उसके पीछे अा गई।

सपना:" अरे वाह सौंदर्या तूने कमाल हो कर दिया, आज सच में तेरी चूचियां तो माधुरी दीक्षित से भी ज्यादा उछल रही थी।

राधा:" हाय सपना रानी उछलेगी कैसे नहीं, देख ना कितनी मस्त हैं इसकी चूचियां, उफ्फ ये ज़ालिम उभार तेरे।

इतना कहकर राधा ने उसका पल्लू नीचे खींच दिया और फिर से सौंदर्या की चुचियों का उभार नजर आया और सौंदर्या ने फुर्ती से वापिस अपना पल्लू ढक लिया और बोली:"

" कितनी बेशर्म हो तुम राधा, ऐसे क्यों करता है ?

राधा:" इसमें शर्म की क्या बात है, इतनी मस्त, गोल गोल चूचियां मेरी होती तो कभी इन पर पल्लू नहीं डालती।

सपना: हाय राधा फिर तो सारे गांव को अपना दीवाना बना देती, मगर अफसोस सौंदर्या को इसका एहसास तक नहीं कि वो क्या जीती जागती क़यामत हैं।

इससे पहले कि बात कुछ और आगे बढ़ती तभी बाहर से कमला की आवाज अाई

" अरे सौंदर्या जल्दी आ जाओ, रात बहुत हो गई है बेटी।

मम्मी की आवाज सुनते ही सौंदर्या बाहर अा गई और उसके बाद अजय अपनी मम्मी और बहन के साथ अपने घर की तरफ चल पड़ा।

कमला:" कैसा लगा बेटा तुझे ? मन लग गया तेरा यहां ?

अजय:" हान ममी बहुत ज्यादा अच्छा लगा, सच में मजा अा गया आज नाच गाने का प्रोग्राम देखकर।

कमला:" हान बेटा, अपनी सौंदर्या ने तो आज कमाल ही कर दिया। सच में घना बढ़िया नाची ये।

अजय:" हान मम्मी, और सौंदर्या दीदी आपने तो सच में आज माधुरी दीक्षित को भी पीछे कर दिया।

सौंदर्या:" ओह भाई। चलो तुम्हे कम से कम याद तो आया कि मैंने अच्छा डांस किया।

अजय;" अरे इसमें याद की क्या बात है, मेरी बहन हो आप और मुझे आज पता चल गया कि मेरी बहन कमाल का नाचती हैं।

सौंदर्या:" कमाल का बहन नाचती हैं और सबके सामने तारीफ आप उस राधा की करते हैं , कितने गंदे हो भाई तुम।

अजय:" अरे मेरी समझ में ही नहीं अाया कि क्या तारीफ करू क्योंकि मुझे शब्द ही नहीं मिल रहे थे मेरी प्यारी दीदी। ये राधा बाधा कुछ नहीं है तेरे आगे।

सौंदर्या खुश हो गई और बोली:"

" थैंक्स भाई, अब मेरा मन थोड़ा हल्का हो गया।

उनकी बाते सुनकर कमला भी स्माइल कर रही थी और बाते करते करते ही घर अा गया।

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rajan
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कमला:" अरे बेटी एक काम कर अपने भाई के लिए थोड़ा सा दूध कर ला, शहर में कहां दूध मिलता हैं अच्छा।

अजय: अरे मम्मी अब रात हो रही है और उपर से नींद वैसे अा रही है। रहने दो ना आप मैं कल सुबह दो ग्लास पी लूंगा।

कमला:" कोई बात नही बेटा, कल सुबह भी पी लेना, और सौंदर्या तुम खड़ी खड़ी मेरा मुंह क्या देख रही हो ? जाओ जल्दी और दूध लेकर आओ इसके लिए।

सौंदर्या बिना कुछ बोले रसोई में घुस गई और दूध गर्म करने लगी।दूध गर्म करके उसने अजय को दिया और अजय ना चाहते हुए भी दूध पीने लगा।

कमला:" अरे बेटा वो तेरा एक दोस्त था ना शादाब उसका क्या हुआ ? कहां हैं आज कल वो ?

अजय:" मम्मी वो तो अमेरिका चला गया है डाक्टरी की पढ़ाई करने के लिए। उसका नंबर अा गया था पिछले साल।

कमला:" अच्छा चलो ये तो अच्छा ही हुआ, तुम्हारा भी अा जाएगा इस बार, बस मेहनत करते रहो।
अच्छा मुझे तो अब नींद आने लगी, मैं तो सो जाती हूं।

इतना बोलकर कमला वहीं गैलरी में लेट गई और एक पतली सी चादर अपने ऊपर औढ़ ली और सोने की कोशिश करने लगी। अजय ने दूध पिया और वो भी अपने कमरे में चलने लगा और सौंदर्या से बोला:

" अच्छा दीदी मैं भी सो जाता हूं, थक गया हूं और सुबह सीमा दीदी के पापा ने फिर से जल्दी बुलाया हैं मुझे।

सौंदर्या:" अच्छा ठीक हैं भाई। तुम आराम करो, मैं भी सो जाती हूं। गुड नाईट भाई।

अजय ने अपनी बहन को गुड नाईट बोला और अपने कमरे में चला गया। अजय बेड पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा लेकिन पता नहीं उसे नींद क्यों नहीं अा रही थी। एक तो उसने अभी गर्म दूध पिया था और उपर से गांव में पूरी तरह से माहौल अलग था और रात को लेट सोने की आदत पड़ी हुई थी।

वहीं दूसरी तरफ सौंदर्या अपने कमरे में अा गई और अपनी साडी को उतारने लगी। सौंदर्या शीशे में खुद को देखते हुए साडी उतार रही थी और देखते ही देखते साडी उसके बदन से अलग हो गई और वो अब मात्र पेटीकोट और ब्लाउज लहंगे में खड़ी हुई थी। उसने एक बार अपने आप को शीशे में देखा तो उसे अपने रूप सौंदर्य पर अभिमान हुआ और उसके कानों में सपना और राधा की आवाज गूंजने लगी कि किस तरह वो उसके जिस्म की तारीफ कर रही थी। क्या सच में मैं इतनी सुन्दर हूं, क्या सच में मेरी छातियां और पिछ्वाड़ा इतना अच्छा हैं।

ये सब विचार मन में आते ही उसकी सांसे अपने आप बढ़ गई और उसकी आंखे अपने आप ही अपनी चूचियों पर जाकर ठहर गई। उसे सच में खुशी हुई कि उसकी चूचियां वास्तव में बेहद आकर्षक उठान लिए हुए थी। उसके हाथ अपने आप पीछे की तरफ बढ़ कर उसकी कमर पर पहुंच गए और जैसे ही उसकी उंगलियां अपने ब्लाउस के हुक से छुई तो उसका बदन कांप उठा।

उसने एक बार शीशे में अपनी खुद की आंखो में देखा जो पूरी तरह से लाल सुर्ख हो गई थी और उनमें गुलाबी डोरे तैरते हुए साफ नजर आ रहे थे। सौंदर्या ने अपनी उंगलियों का दबाव बढ़ाया और उसके हुक के बटन एक एक करके खुल गए। सौंदर्या की सांसे पूरी तरह से उखड़ गई थी और ब्लाउस के उसके बदन से अलग होते ही काले रंग की ब्रा में कैद उसकी चूचियां उपर नीचे हो रही थी जिन पर नजर पड़ते ही सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

अजय को वहीं बराबर के कमरे में नींद नहीं अा रही थी और वो कल शादी के बारे में सोच रहा था कि काफी सालो के बाद वो गांव में किसी शादी में शामिल होगा। अजय को पेशाब लगी और उठा और बाहर की तरफ निकल गया। उसने बाथरूम में जाकर पेशाब किया और फिर अपने कमरे की तरफ चल पड़ा कि तभी उसकी नज़र सौंदर्या के रूम में जलती हुई लाइट पर पड़ी और उसने सोचा कि दीदी अभी तक जाग रही हैं तो क्यों ना उनसे थोड़ी देर बात किया जाए।

ये सोचते हुए वो सौंदर्या के कमरे में सामने अा पहुंचा और सौंदर्या को आदत थी कि वो अपने कमरे के गेट बंद नहीं करती थी और ऐसे ही कपडे बदल लेती थी क्योंकि शर्म मर्द से होती हैं और मर्द के नाम पर उसके घर में कोई नहीं था। लेकिन आज अजय वापिस लौट आया था और सौंदर्या ये बात भूल गई थी।

अजय ने गेट को पूरी तरह से खोलता उससे पहली ही उसकी नजर अंदर सौंदर्या पर जा गिरी और उसने जो कुछ देखा उसे देखकर उसे जैसे अपनी आंखो पर यकीन ही नहीं हुआ। अंदर उसकी बहन पेटीकोट और ब्रा में खड़ी हुई खुद को शीशे में निहार रही थी। अजय को कुछ समझ में नहीं आया कि वो क्या करे और तभी सौंदर्या ने अपनी छाती को हिलाया तो ब्रा में कैद उसकी चूचियां उछल पड़ी मानो बाहर आने के लिए संघर्ष कर रही हो। अजय ये देखकर अपने होशो हवास खो बैठा और उसकी नजरे अपनी बहन के की चुचियों पर रुक सी गई।

सौंदर्या ने अपने हाथो को नीचे की तरफ लाते हुए अपने पेटीकोट पर टिका दिया और घूम घूम कर अपनी गांड़ को शीशे में देखने लगी। अजय को समझ में नहीं अा रहा था कि क्या की कहीं वो कोई सपना तो नहीं देख रहा है। तभी सौंदर्या ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और एक झटके के साथ पेटीकोट उसकी जांघो को नंगा करते हुए उसके घुटनो से सरकता हुआ नीचे गिर गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और एक पल के लिए उसकी आंखो मस्ती से बंद हो गई।

अजय तो जैसे सांस लेना तक भूल गया और उसका गला पूरी तरह से सूख गया। वहीं सौंदर्या ने आंखे खोल कर अपने आप को देखा और उसके होंठो पर एक कामुक स्माइल अा गई और उसने पेटीकोट को अपने पैरो से निकाल दिया और शीशे में खुद को देखने लगी। अजय अपनी बहन के इस कामुक अवतार को देखकर सब कुछ भूल गया और उसका हाथ अपने आप उसकी पैंट में बने तम्बू को सहलाने लगा।

सौंदर्या घूम घूम कर खुद को शीशे में देखने लगी जिससे उसकी चूचियां और गांड़ बारी बारी से पूरी तरह से अजय को दिख रही थी। पीछे कमर पर फैले हुए उसके काले बाल उसकी गांड़ तक अा रहे थे जिससे वो और ज्यादा कामुक लग रही थी। सौंदर्या को यकीन हो गया कि सपना सच कह रही थी कि मैं सच में बेहद सेक्सी हू।

सौंदर्या के हाथ अपनी चुचियों पर अा गए और ब्रा के उपर से ही अपनी चूचियों को हाथ में भर लिया और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी। इससे पहले की वो अपनी चूचियां मसलती तभी बिल्ली ने बाहर रखे हुए मिट्टी के मटके पर छलांग लगा दी और एक झटके के साथ उसके टुकड़े हो गए जिससे जोरदार आवाज हुई और अजय तेजी से अपने कमरे में घुस गया वहीं सौंदर्या तेजी से बेड पर गई और एक चादर लपेटकर चुप लेट गई मानो सो गई हो।

आवाज सुनकर कमला की आंख खुली और उसने लाइट जलाई तो देखा कि सारा दूध बिखर गया था। कमला ने मटके के टूटे हुए टुकड़ों को एक तरफ रख दिया और पड़े हुए दूध को साफ किया और फिर आराम से लेट गई।

अजय अपने कमरे में बेड पर लेटा हुआ था और उसकी आंखो के आगे अभी तक उसकी बहन का मदहोश करने वाला जिस्म घूम रहा था। सौंदर्या की बड़ी बड़ी चूचियों के गोल गोल पुष्ट उभार, कितनी गहरी खाई थी उसकी चूचियों के बीच, बिल्कुल मछली की तरह पतली सी कमर और उसकी गांड़ का जानलेवा उभार जो इतनी बाहर की तरफ निकला हुआ था मानो गांड़ उसकी पेंटी फाड़कर बाहर आना चाहती हो।

अजय की नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी और वो बिस्तर पर लेटा हुआ करवटें बदल रहा था और बिल्ली को मन ही मन गालियां दे रहा था। दूसरे कमरे में लेटी सौंदर्या की सांसे अभी तक तेजी से चल रही थी और उसे खुद अपने आप पर शर्म अा रही थी कि वो कितनी बेशर्मी से खुद को शीशे में देख कर अपने कपड़े उतार रही थी। उसे याद आया कि उसकी साड़ी और पेटीकोट तो अभी तक फर्श पर पड़ा हुआ है तो उसका पूरा जिस्म डर के मारे कांप उठा और उसने भगवान को धन्यवाद दिया कि अच्छा उसकी मा अंदर नहीं अाई नहीं तो आज तो सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाती। वो धीरे से उठी और अपने कपड़ों को उठाकर अलमारी में रख दिया और एक नाइटी पहनकर बेड पर लेट गया और सो सोने की कोशिश करने लगी।

अगले दिन सुबह अजय देर तक सोता रहा। कमला ने भैंस का दूध निकाला और उसे चारा डालने के बाद घर के काम में लग गई। वहीं सौंदर्या भी उठ गई और आज वो घर के सारे काम जल्दी ही निपटा देना चाहती थी ताकि वो शाम को होने वाली शादी में आराम से जाए। सौंदर्या ने कपड़ों की बाल्टी उठाई और धोने के लिए बैठ गई। एक एक करके उसने कपडे धोने शुरू कर दिए और उसने एक काले रंग की टी शर्ट बाहर निकाली और धोने लगी।
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