मेरी प्यारी दीदी complete

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shubhs
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Re: मेरी प्यारी दीदी

Post by shubhs »

Ye to h
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Viraj raj
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Re: मेरी प्यारी दीदी

Post by Viraj raj »

Superb story...Mitra....... update dete rhe😍😍😍😍😍😘😘🙂
😇 😜😜 😇
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
😇 😜😜 😇

** Viraj Raj **

🗡🗡🗡🗡🗡
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naik
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Re: मेरी प्यारी दीदी

Post by naik »

bhai jo story apdate nahi ho rahi usko apdte do yeh bahot pehle story aa chuki h is forum per
kitni kahaniya jo apdate naho rahi h 1 2 maheene ho gaye h kuch kahaniyo ko jo apdate nahi ho rahi unko apdate karo plz raaj bahi plz plz plz plz😂😂😂😂😂😂
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rajaarkey
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Re: मेरी प्यारी दीदी

Post by rajaarkey »

अब मैं मन ही मन खुश हुआ की यार आज तो किस्मत भी मेरा साथ दे रही है घर पे बस हम दो जने ही है जब दीदी कपडे चेंज करेंगी तो उन्हें नंगी देखने में ना किसी का डर रहेगा ना कोई प्रॉब्लम होगा दीदी अपने आप को कांच में देख रही थी मैं जान कर के दीदी के रूम मैं बेठ गया दीदी अपनी सुन्दरता को कांच मैं निहार रही थी तभी दीदी ने मुझसे पुछा " सोनू आज मैं कैसे लग रही थी साडी में मैंने कहा "बहुत अच्छी दीदी आप बहुत ही सुंदर लग रही थी 1 परी की तरह " दीदी ने कहा हा हा चल अब बहार जा मुझे कपडे चेंज करने है मैं समझ गया की दीदी आज वापस रूम मैं ही चेंज करेंगी और मैं बहुत खुश था क्यों की उनके रूम के दरवाजे मैं मैंने छेद कर दिया था दीदी ने दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के होल मैं से देखा दीदी ने अपने कंधे पे ब्लाउज पे से अपनी साडी की पिन हटाई और टेबल पे रखी तो वो पिन नीचे गिर गयी दीदी उसको उठाने के लिए नीचे झुकी और मुझे उनके ब्लाउज के गले मैं से उनके मोटे मोटे बोबे दिखाई दिए दीदी ने पिन उठा के टेबल पे रखी फिर नीचे बेठ कर अपनी पयाल उतरने लगी जब दीदी नीचे बैठी तो उनका साडी का पल्ला नीचे गिर गया और दीदी को मैंने ब्लाउज मैं देखा क्या लग रही थी दीदी खुले बाल होठो पे लिपस्टिक गले मैं चैन बहुत ही सुंदर


फिर दीदी अपनी पायल उतार के खड़ी हुई और अपनी साडी उतरने लगी दीदी के खुले हुए बाल थे कानो में इअर रिंग्स हाथो में चूड़ियाँ दीदी अपनी साडी उतार रही थी तो उनके लम्बे घने बड़े काले बाल उनके फेस पे आगये क्या सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी फिर दीदी ने साडी उतार दी मैं दीदी के नंगे कोमल पेट को देख रहा था उनके नाभि के छेद को देख रहा था फिर मैंने दीदी को ब्लाउज और पेटीकोट में देखा और उनको ऐसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया फिर दीदी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलने चालू किये मैं अपने खड़े लंड को सहला रहा था और देख रहा था की धीरे 2 दीदी अपने ब्लाउज के सामने से हुक खोल रही थी दीदी ने अपने ब्लाउज के ऊपर के 3 हुक खोले और मुझे दीदी की ब्रा की स्ट्रैप्स और उनके मोटे बोबो का बड़ा सा क्लीवेज दिखाई दिया कितनी हॉट लग रही थी मेरी दीदी खुले बाल होठों पे लिपस्टिक आँखों मैं काजल कानो में बड़े 2 एअर रिंग्स गले मैं चैन ब्लाउज के ऊपर के 3 हुक खुले हुए थोड़ी सी ब्रा दिख रही थोड़े से बड़े बड़े बोबे दिख रहे दीदी की ब्रा के स्ट्रैप्स बहुत टाइट लग रहे थे उसी से पता चल रहा था की दीदी के बोबे कितने मोटे और टाइट हैं फिर दीदी ने अपना ब्लाउज पूरा उतार दिया अब मेरी दीदी मेरे सामने अपनी ब्रा मैं थी कितनी सेक्सी लग रही थी दीदी ब्रा मैं फिर पता नहीं उन्हें क्या हुआ वो उन्होंने वापस अपनी साडी ऐसे ही लपेट ली और अपनी ब्रा के ऊपर साडी का पल्ला डालने लगी शायद वो देखना चाहती थी की उनके बोबे कितने मोटे है और कितने बाहर आते है
ब्रा में से क्या मोटे मोटे बोबे लग रहे थे दीदी के मैं सोच रहा था की ये कब आयेंगे मेरे हाथ में फिर दीदी अपने आप को ब्रा पहने हुए कांच मैं देखने लगी और मुझे दीदी के बोबो का साइड पोज़ दिखा उनकी ब्रा में से फिर दीदी ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और साडी को ढंग से रखने लगी मेरी दीदी मेरे सामने अब ब्रा और पेंटी में थी दीदी साडी ढंग से रख रही थी और उनकी पीठ मेरे तरफ थी मैं दीदी को पीछे से ब्रा पेंटी मैं देख रहा था क्या टाइट और चिकनी गांड थी दीदी की तभी दीदी पलटी और मुझे मेरी दीदी को ब्रा और पेंटी मैं से सामने से देखने का मौका मिला मैं अपने लंड को हिलाने लगा कितनी सेक्सी लगती है मेरे बहिन ब्रा और पेंटी में चिकना गोरा कोमल बदन टाइट ब्रा लोवेस्ट पेंटी बिलकुल सेक्स की देवी लग रही थी मेरी दीदी मैं अपना लंड जोर 2 से हिलाने लगा उन्हें ब्रा पेंटी में सामने से देखते हुए मैं उन्हें ब्रा पेंटी में से देखते हुए लगा की कब मैं इनकी ब्रा उतार के इनके बोबे दबाऊंगा इनके निप्पल चुसुंगा इनकी चड्डी उतार के इनकी चूत पे हाथ फेरूंगा इनकी चूत चाटूंगा...दीदी मेरे सामने ब्रा पेंटी में खड़ी थी और अपनी साडी हेंगर कर रही थी वो जब भी झुकती मुझे उनकी प्यारी चिपकी हुई लो वेस्ट पेंटी में से उनकी कोमल गांड के दर्शन होते दीदी ने साडी हेंगर की और बेड पे ब्रा पेंटी में ही लेट गयी मैं उन्हें दरवाजे के छेद में से सामने से देख रहा था मैंने नीचे से ऊपर तक उन्हें लेटे हुए देखा गोरी टांगें फिर उनकी गोरी चिकनी जांघें उसपे उनकी छोटी सी पतली सी पेंटी जो सामने से उनकी चूत का शेप बना रही थी फिर उनके मोटे २ नरम 2 ब्रा में क़ैद बोबे जो बहुत अच्छा शेप बना रहे थे दीदी के हाथ उनके बालो पे थे उनके चिकने साफ़ अंडर आर्म्स मेरी दीदी कितनी सेक्सी लग रही थी उस तरह लैटे हुए तभी दीदी बैठ गयी थोडा सा मुस्कुराई और अपने पर्स में से अपना सेलफोन निकाला और फोन करने लगी मुझे दीदी की बातें साफ़ सुनाई दे रही थी दीदी अपने bf से बात कर रही दीदी ने फोन करके बोला "हेलो !! क्या कर रहे हो मैं तो आज शादी में गई थी , हा हा पता था मुझे तुम यही पूछोगे नालायक इन्सान की क्या पेहेन के गयी थी चुप हो जाओ नहीं बता रही हे देखो देखो कैसे तरस रहे हो जानने के लिए , साडी पेहेन के गयी थी सबने कहा की मैं बहुत सुंदर लग रही थी , हा बस यही पूछना तुम ब्रा पेंटी पेहेन रखी थी अंदर और क्या उम् ब्लैक कलर की पेंटी थी और ब्लैक कलर की ब्रा जानू , तुम्हे पता है की अभी मैं किस कंडीशन में हु , अगर देख लेते तो पागल हो जाते तुम , नहीं बता रही , अच्छा बाबा बताती हु वो मैं हे ना अपने कपडे चेंज कर रही थी , हा साडी भी उतार दी और ब्लाउज और पेटीकोट भी , हा बस ब्रा पेंटी में ही हू , हा हा तुम्हारा तो हमेशा ही खड़ा हो जाता है , हा बोलो ना करुँगी जो तुम बोलोगे , पागल हो क्या नहीं , यार मुझे शर्म आती है ना "

मुझे दीदी की बातें सुन कर इतना ज्यादा इरोटिक फील हो रहा था की मैं बता नहीं सकता मेरी दीदी मेरे सामने आधी नंगी होक अपने bf से फोन पे बात कर रही थी और उसे बता भी रही थी की वो इस समय ब्रा पेंटी में है दीदी की बातों से मुझे एस लगा की उनका bf उनसे कुछ करने को कह रहा है और दीदी को शर्म आ रही है तभी दीदी ने अपना हाथ अपने बोबे पे फेरा अब मुझे समझ आगया था की ये लोग फोन सेक्स कर रहे है और उनका bf उन्हें खुद को टच करने की कह रहा है मैं भुत ज्यादा excited था मैंने और ध्यान से दीदी की बातें सुनी " हा जणू कर दिया न अब मत बोलना एस कुछ भी , अरे यार किया न अभी , नहीं जणू वापस नहीं प्लीज यार समझो न मुझे शर्म आ रही है ना , जब तुम रहोगे सामने तो तुम ही कर देना , अच्छा है " और तभी दीदी ने अपने दोनों हाथ से अपने दोनों बोबो को दबाया उन्हें सहलाया फिर अपने ब्रा के कप मे हाथ दाल कर अंदर से अपने बोबो को दबाने लगी उन्हें सहलाने लगी मेरा लंड तो फटने की हालत में अगया था मेरी दीदी मेरे सामने खुद अपने हाथो से अपने बोबो को सहला रही थी उन्हें दबा रही थी , फिर दीदी ने कहा "लो दबा दिए मैंने ब्रा के ऊपर से भी और ब्रा के अंदर से भी हा अभी मेरे दोनों बूब मेरे हाथ मैं ही है ".फिर दीदी ने कहा "लो दबा दिए मैंने ब्रा के ऊपर से भी और ब्रा के अंदर से भी हा अभी मेरे दोनों बूब मेरे हाथ मैं ही है " मैंने कभी सोचा भी नहीं था की मुझे एसा नजारा भी कभी देखने को मिल सकता है और ना मैंने ये सोचा था की मेरी दीदी अपने bf को ये सब बतायेंगी की मैं आधी नंगी हु तुम खुद ही मेरी ब्रा खोल देना मेरे बोबे दबा लेना।।।दीदी को इसी हालत में देखते हुए मुझे मेरे लंड पे काबू नहीं किया जा रहा था दीदी भी अपने बोबो पे हाथ फेर रही थी ब्रा के अंदर से बहार से फिर दीदी ने बोला "हा जानू बोलो , अच्छा लग रहा है , हा ब्रा पेहेन रखी है अभी , ब्रा के ऊपर से हाथ फेर रही हु , हा नीचे गीला गीला सा लग रहा है , पेंटी मे और कहा सब जानते हो तुम जान कर के पूछते हो मुझसे , हा बहुत डिस्चार्ज हो रहा है और excited फील हो रहा है " ये सब बातें दीदी के मुह से सुन सुन के मुझे और भी मजा आ रहा था के मेरी दीदी भी गरम हो रही ही है उनके प्यारी चिकनी कोमल चूत में से पानी निकल रहा है , तभी दीदी ने अपनी ब्रा के 1 कप को नीचे कर दिया और उनका 1 बोबा बहार आ गया मैंने आज पहली बार इतना इरोटिक और सेक्सी सीन देखा था दीदी को किसी और के साथ फोन सेक्स करते हुए देखना उन्हें धीरे 2 किसी और के कहने पर अपने कपडे खोलते हुए देखना कितना मजा था इसमें ,

मैंने 1 बात नोटिस की कि दीदी अब अपने bf को किसी भी बात के लिए मना नहीं कर रही थी शायद उन्हें भी सेक्स अच्छी तरह से चढ़ चूका था दीदी ने अपनी ब्रा के कप को नीचे किया और अपने नंगे बोबे को सहलाने लगी उसे दबाने लगी दीदी के निप्पल बहुत ही प्यारे थे ब्राउन कलर के बिलकुल छोटे 2 वो कितनी excited थी इस बात का पता उनके खड़े हुए निप्पल को देख के ही पता चल रहा था उनका निप्पल बिलकुल टाइट खड़ा था , फिर दीदी ने अपनी ब्रा के दुसरे कप को भी नीचे कर दिया और अब उनके दोनों बोबे उनकी ब्रा में से बाहर आगये थे कितने प्यारे मोटे गोरे गोरे और मुलायम बोबे थे मेरी प्यारी दीदी गोरे बोबे उनके ऊपर छोटे 2 से ब्राउन निप्पल्स बहुत ही सेक्सी लग रहे थे फिर दीदी ने कहा "ह्म्म्म्म , मजा आ रहा है , हा मैंने अपनी ब्रा के दोनों कप्स नीचे कर दिए है हा जानू , मेरे निप्पल्स ब्राउन कलर के है हा खड़े हुए है , हा आओ ना चुसो ना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जानू , हा जानू मेरी वेजिना से काफी ज्यादा डिस्चार्ज हो रहा है मैं बहुत excited फील कर रही हु , मेरी पेंटी पूरी गीली हो गयी है " और तभी दीदी ने वो किया जिसकी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी दीदी ने अपना हाथ अपने बोबे को दबाते हुए अपनी पेंटी के अंदर दाल दिया अब मुझसे काबू न हुआ जिस लड़की को नंगी देखने के लिए मैंने इतने दरव्जो मे छेद किये आज वो मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी होके अपनी चड्डी मे हाथ डाल रही है ये सब देख कर मुझसे रहा ना गया और मैंने अपना लंड निकाला और जल्दी 2 पागलो की तरह हिलाना शुरू कर दिया अपनी दीदी को इस कंडीशन में देख के मुठ मारने मे कितना आनंद आता है मैं बयां नहीं कर सकता थोड़ी ही देर मे मैं झर गया मैंने सार मूट दीदी के रूम के दरवाजे पे ही निकाल दिया था मैं वहां से जल्दी उठा पोछा लाया मूट साफ़ किया जमीन पे से फिर वापस छेद में से देखा तो दीदी ने अपनी पेंटी में हाथ डाल रखा था अब मुझे थोड़ी जेलेसी होने लगी क्योंकि मेरा काम तो हो चूका था और कोई और लड़का मेरी दीदी के मजे ले या मेरी दीदी किसी और से मजे ले ये मुझसे सहा नहीं गया और मैंने फोन उठाया और मम्मी को फोन किया



मैं : - " मम्मी कहाँ हो आप मुझे भूख लगी है "
मम्मी :- " क्यों सोनू प्रीती ने तुजे खाना नहीं दिया किया "
मैंने कहा :- " नहीं दीदी तो १ घंटे से दरवाजा बंद करके बैठी है पता नहीं क्या कर रही है"
मम्मी ने कहा :- "ला बात करा मेरी उससे "
मैं ख़ुशी से फोन हाथ मे लेके दीदी के रूम के दरवाजे पे गया और जोर 2 से दरवाजा खटखटाने लगा " दीदी दीदी दरवाजा खोलो " फिर छेद में से देखा तो दीदी सकपका गयी जल्दी से पेंटी में से हाथ निकाला फोन पर्स म डाला अपने ब्रा के कप्स ऊपर किये फिर बोली "रुक सोनू मैं कपडे बदल रही हु " फिर दीदी ने फटाफट कैपरी पहनी टॉप पहना और दरवाजे की तरफ बड़ी मैं वापस सामने खड़ा हो गया दीदी ने दरवाजा खोला और बोला
दीदी :- " हा क्या हुआ कयों चिल्ला रहा है "
मैंने कहा :- "आप क्या १ घंटे से कपडे बदल रहे थे क्या कर क्या रहे थे आप अंदर "
तो दीदी ने कहा :- "तू ज्यादा दिमाग मत लगा अपना बोल क्यों चिल्ला रहा था "
मैंने कहा :- "मम्मी का फोन है "
दीदी :- "ला दे हाँ मम्मी बोलो "
मम्मी :- "तूने सोनू को खाना नहीं दिया अभी तक पागल है क्या और क्या कर रही थी १ घंटे से कमरे का दरवजा बंद करके "
दीदी :- "अरे ! मम्मी मेरे तो दिमाग से ही निकल गया रुको मैं अभी दे देती हु वो कुछ नहीं कपडे चेंज कर रही थी , हा मम्मी "
फिर दीदी ने फोन रखा मुझे खाना दिया दीदी ने भी खाना खाया फिर दीदी अपने रूम में चली गयी गयी और दरवाजा बंद कर लिया शायद दीदी नहाने गयी थी
मैंने छेद मे से देखा दीदी ने अपना टॉवल निकाला अपने कपडे निकाले और बाथरूम में घुस गयी मैं भी जाके टीवी देखने लग गया जब दीदी ने दरवाजा खोला तो दीदी नहा के आई थी उनके बाल गीले थे जो उन्होंने
clutcher से बाँध रखे थे दीदी ने मेहरून कलर का टॉप और नीचे ब्लैक कलर की पटियाला सलवार पेहेन रखी थी क्या खुशबु थी दीदी के डियो की
उनके साबुन उनके बदन की कितनी सेक्सी लग रही थी मेरी प्यारी दीदी वो मेरे पास आके बोली " क्यों माँ के लाडले ज्यादा चुगली करनी आ रही है क्या बड़ा बोल रहा था मम्मी को की दीदी तो 1
घंटे से दरवाजा बंद करके बैठी है " फिर दीदी ने मुझे गुदगुदी करना शुरू कर दिया "बोल अब करेगा चुगली " मैं हंस 2 के पागल हो गया और भागता हुआ बेड के पास आने लगा तभी दीदी ने
मुझे पीछे से पकड़ लिया और मैं दीदी की कमर पे धक्का दे रहा था खुद को छुड़ाने के लिए इसी तरह खुद को छुड़ाने के चक्कर में मैंने भी दीदी को गुदगुदी करना शुरू कर दिया
और कभी उनके पेट पे कभी उनके underarms कभी उनके बोबे के साइड वाले हिस्से पे गुदगुदी करने लगा इस सब मस्ती से मेरा लंड वापस खड़ा हो गया था

तभी दीदी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे ऊपर बैठ गयी ताकि मैं हिल न सकू फिर बोली "अब कहाँ जायेगा बोल करेगा चुगली वापस " और मेरे गुदगुदी करने लगी मैं भी दीदी से छुटने के लिए कभी उनके कमर पे हाथ फेरने लगा कभी उनकी पीठ पे और मैंने दीदी के कमर के नीचे भी हाथ फेरा उनकी सलवार का कपडा काफी पतला था मुझे उनकी झाँगें और उनकी पेंटी की इलास्टिक साफ़ 2 महसूस हो रही थी मैंने भी थोडा दम लगाया और अब दीदी को बेड पे लेटा दिया और मैं अपने घुठ्नो के बल उनके ऊपर बैठ गया दीदी के बाल खुल गए थे और दीदी मेरे नीचे थी मेरा लंड उनके पेट पे अड़ रहा था इस भागम भाग और मस्ती की वजह से दीदी के ब्रा स्ट्रैप्स उनके टॉप के गले में से बाहर आगये थे दीदी ने वाइट कलर
की पतले स्ट्रैप्स वाली ब्रा पेहेन रखी थी अब मैंने दीदी के पेट पे गुदगुदी करना स्टार्ट किया जेसे मैं गुदगुदी करता दीदी के बोबे ऊपर की तरफ होते उनके जोर जोर से हसने के कारण उनके बोबे बहुत ज्यादा हिलते और मुझे उनके बोबे का ऊपर की तरफ से मोटा मोटा हिस्सा उनके टॉप के गले में से थोडा थोडा बाहर आता हुआ दिखता अब इतनी मस्ती मजाक कर 2 के हम दोनों थक गए मैं दीदी के बिलकुल पास आके लेट गया और दीदी और मैं 1 दुसरे को देखने लगे तभी मैंने दीदी को बोला की " दीदी आपने मुझे माँ का लाडला क्यों कहा मैं आपका लाडला नहीं हु क्या "तो दीदी मेरे पास आगयी और बोली " अरे नहीं रे इधर आ " और दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया वो भी क्या मोमेंट था दीदी के गीले 2 बाल उनका ठंडा 2 बदन उनके बदन की खुशबू मैंने भी दीदी को टाइट हग कर लिया और अब मैं वापस मदहोश होता जा रहा था


और दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया वो भी क्या मोमेंट था दीदी के गीले 2 बाल उनका ठंडा 2 बदन उनके बदन की खुशबू मैंने भी दीदी को टाइट हग कर लिया और अब मैं वापस मदहोश होता जा रहा था ........अब आगे -
दीदी के इतना पास आके मुझे कुछ २ होने लगा था दीदी के बदन की खुशबु उनके बालो की खुशबु सब मुझे मदहोश करता जा रहा था मैंने दीदी को टाइट हग कर रखा था और यही सोच रहा था की अभी कुछ देर पहले ये परी मेरे सामने नंगी होके अपनी चड्डी मे हाथ डाल के अपनी चूत को सहला रही थी तभी दीदी ने मुझे थप थपाया और मै अपनी कल्पना से बाहर आया दीदी "बोली ओये सो गया क्या " मैंने कहा " नहीं दीदी क्यों " दीदी ने कहा " नहीं तू कुछ बोल ही नहीं रहा है तो मुझे लगा की कहीं मेरा सोनू मेरी बाँहों मे सो तो नहीं गया " मैंने कहा "नहीं दीदी जगा हुआ हु " और मैंने मन में सोचा की दीदी आप जेसी परी की बाँहों में कोई अगर सो जाये तो वो कोई बेवकूफ ही होगा तभी दीदी ने मुझे अलग करने की कोशिश की लेकिन मैंने दीदी को टाइट पकड़ रखा था दीदी बोली "क्या हुआ सोनू छोड़ ना " मैंने कहा "नहीं दीदी थोड़ी देर और मुझे अच्छा लग रहा है " दीदी बोली " ठीक है सोजा ऐसे ही थोड़ी देर मैं भी सो जाती हु "

मैंने हमेशा देखा है जीवन में की जो छोटा रहता है घर मैं उसे सब छोटा ही समझते है चाहे वो कितना भी बड़ा हो जाये आज शायद ने दीदी भी मुझे इसलिए इतना पास खुद से चिपका के सुला रही थी क्योंकि उनकी नजर में तो मैं अभी भी बच्चा ही था फिर मैंने थोडा सा मुह ऊपर करके देखा तो दीदी की आँखें बंद थी मैं मन में यही सोच रहा था की अच्छा हुआ आज मम्मी नहीं आई दीदी के साथ मुझे आज इतना मजा करने को तो मिल गया और फाइनली दीदी के साथ इतना पास चिपक के सो रहा हु मेरा लंड टाइट था दीदी को सोये हुए आधा घंटा हो चूका था मैं दीदी के पास ही चिपका हुआ था मैंने धीरे से दीदी के टॉप के गले को खींचा दीदी ने वी शेप का टॉप पेहेन रखा था दीदी के टॉप के अंदर का क्या नजारा था दीदी ने आज अपने टॉप के अंदर शमीज नहीं पहनी थी बस खाली ब्रा पेहेन रखी थी और उसके ऊपर टॉप दीदी के गले में उनकी सोने की चेन का पेंडेंट दीदी की ब्रा के गैप से थोडा सा ऊपर था दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी था आज मैंने दीदी को आधी नंगी देखा तो था लेकिन दूर से देखने में इतना मजा नहीं आता जितना की पास से देखने में आता है दीदी अंदर से बहुत गोरी थी दीदी के बोबे गोरे गोरे थे उनके टॉप के अंदर से उनकी ब्रा का इतना प्यारा शेप बन रहा था की मैं बयां नहीं कर सकता

उस वक़्त मैं सोचने लगा की थोड़ी देर पहले दीदी के ये गोरे गोरे बोबे मेरे सामने नंगे थे मैंने आज पहली बार रौशनी में दीदी के टॉप के अंदर ध्यान से देखा था मैंने देखा की मेरी दीदी कप वाली ब्रा नहीं पहनती वो तो सिंपल ब्रा पहनती है मैं टॉप के अंदर देखते २ सोचने लगा की दीदी का निप्पल कहा पे होगा इस ब्रा में , मैं दीदी के इतना पास था की आज रिस्क वाली कोई बात नहीं थी बस मुझे ध्यान से रहना था और धीरे धीरे ध्यान से सब करना था मैंने सबसे पहले दीदी के पेट पे अपना हाथ रखा उनका पेट बिलकुल चिकना और ठंडा था धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर लेके जाने लगा दीदी के टॉप में मैं पूरी तरह सतर्कथा की न तो दीदी को कुछ महसूस हो और ना ही दीदी का टॉप खिचे अब मैं धीरे धीरे अपना हाथ दीदी के टॉप के अंदर और ऊपर लेके जाने लगा और मेरे हाथ ने दीदी की ब्रा का नीचे का इलास्टिक टच किया मैंने धीरे से अपना दूसरा हाथ दीदी की कमर पे रखा जहाँ उन्होंने अपनी सलवार बंद रखी थी फिर मैंने अपना हाथ दीदी के टॉप मे और ऊपर किया और मेरे हाथ ने दीदी के 1 बोबे को टच किया मैंने अपना पूरा हाथ दीदी के बोबे पे घुमाया फिर मैंने अपना हाथ दीदी के दुसरे बोबे पे घुमाया और दीदी के दोनों बोबो पे हाथ घुमाने लगा और ब्रा पे से दीदी के बोबे के दोनों निप्पलो को ढूँढने लगा

मैंने दीदी के दोनों निप्पलों को सहलाया दीदी के बोबो को धीरे धीरे दबाया उन्हें सहलाया और उनके बोबे सहलाते सहलाते मैंने दीदी के गले पे बहुत ध्यान से धीरे से किस किया फिर उनका टॉप थोडा सा हटाया और उनके नंगे कन्धों पे किस किया फिर मैंने सोचा की दीदी की ब्रा को ऊपर किया जाए मैं अपना हाथ वापस नीचे दीदी की ब्रा के इलास्टिक पे लाया और उसे ऊपर करने की कोशिश की लेकिन दीदी की ब्रा का इलास्टिक बहुत टाइट था मैंने बहुत कोशिश की पर वो ऊपर ही नहीं हुआ अगर में ज्यादा जोर लगता तो दीदी को पता चल जाता इसलिए मैंने ब्रा ऊपर न करने की सोचा और दीदी के टॉप में से हाथ वापस बाहर निकाल लिया और दीदी की झांग पे अपना हाथ फेरने लगा जेसा की मैंने बतया था की दीदी की पटियाला सलवार का कपडा बहुत पतला था इसलिए मुझे उनकी झांगें आराम से फील हो रही थी मैंने धीरे 2 अपना हाथ उनकी अंदरूनी झांग पे डाला और वहां हाथ फेरने लगा मेरा लंड टाइट खड़ा था फिर मैंने अपना हाथ दीदी की दोनों झांगो के बीच डाल दिया वहां का हिस्सा थोडा गरम था और थोडा नम भी था मैं दीदी की दोनों झांगो के बीच अपना हाथ फेरने लगा दीदी की चिकनी झांगो को सहलाने लगा और धीरे धीरे अपना हाथ ऊपर लेके जाने लगा और फिर मेरे हाथ ने दीदी की पेंटी को टच किया अब मैं खुद पे से कण्ट्रोल खोता जा रहा था मेरी दीदी मेरे पास मुझे हग करके सो रही थी और

मैं उनकी दोनों झांगो के बीच अपना हाथ फेर रहा था और फिर मेरा हाथ दीदी की चूत पे टच हुआ मैं बहुत तेज तेज सांसें ले रहा था मैंने दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे अपना हाथ फेरा और मै अपने दुसरे हाथ से दीदी की सलवार पे से उनकी गांड पे हाथ फेर रहा था आज तो मेरे दोनों हाथों में जन्नत थी १ हाथ में मेरी दीदी की गांड दुसरे हाथ में मेरी दीदी की चूत मैंने अपनी हथेली को सीधा किया और पूरी हथेली को अपनी दीदी की चूत पे ऊपर नीचे फेरने लगा अब मैं धीरे २ दीदी की चूत पे अपना हाथ ऊपर नीचे फेरते हुए उनके होठों के पास जाने लगा मैं उनके होठो पर किस करना चाहता था उनकी चूत पे हाथ फेरते हुए लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया और दीदी की चूत पे ध्यान से और धीरे धीरे हाथ फेरने लगा फिर मैंने अपनी १ ऊँगली दीदी की चूत की लाइन के बीच डाली लेकिन वो पूरी तरह गयी नहीं उनकी पेंटी के कारन आज मैं वो सब कर रहा था जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था दीदी की चूत सहलाते सहलाते अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैंने सोचा की 1 बार दीदी का हाथ अपने लंड पे टच करवाऊं मैंने दीदी के हाथ को उठाया और धीरे धीरे अपने लंड के पास लेके आने लगा और तभी दीदी ने करवट बदल अब मैं समझ गया की ये खतरे का संकेत है सोनू ज्यादा लालच मत कर नहीं तो जूत पड़ जायेंगे

मैंने दीदी का हाथ छोड़ा और उनकी पीठ पे से उनके टॉप को ऊपर करने लगा और उनकी पीठ पर धीरे से किस करने लगा फिर मैंने पीछे से दीदी के दोनों हाथों के नीचे से अपने हाथ डाले और पीछे से ही उनके टॉप पे से धीरे २ उनके बोबे दबाने लगा अब मेरा लंड कण्ट्रोल से बाहर हो रहा था मैं उठा और दीदी के बाथरूम में गया और वहां पर मुझे दीदी की उतरी हुई ब्रा और उतरी हुई वो पेंटी मिली जो उन्होंने पेहेन रखी थी जब वो अपने bf से फोन सेक्स कर रही थी मैंने दीदी की पेंटी को सूंघा उसमे से बड़ी ही सेक्सी खुशबु आ रही थी मैंने दीदी की पेंटी के अंदर देखा तो उसमे बहुत सार डिस्चार्ज लगा हुआ था उनकी पेंटी के डिस्चार्ज को देख के मुझे पता चला की दीदी कितनी ज्यादा excited थी उस समय मैंने दीदी की चड्डी में लगा सारा डिस्चार्ज चाट 2 के साफ़ कर दिया और पागलो की तरह उनकी पेंटी को कभी सूंघता कभी अपने मुह पे रखता और अपना लंड हिलाता तभी मुझे 1 आईडिया आया

मैंने दीदी की ब्रा और पेंटी ली और दीदी के पास जाके लेट गया दीदी की पीठ मेरी तरफ थी तो मैं दीदी की गांड के पास जाके लेट गया और उनकी गांड को धीरे धीरे किस करते हुए दीदी की पेंटी अपने लंड पे लपेटी और मूट मारने लगा वो एहसास भी क्या था पास में दीदी लेटी हुई और मैं उनके पास लेटे हुए अपना लंड बिस्तर पे निकल के उसपे दीदी की पेंटी लपेट के कभी उनकी गांड को किस कर रहा था कभी उनकी ब्रा को किस कर रहा था और मुट मार रहा था बिना किसी डर केमैं पागलो की तरह अपने लंड को हिलाने और थोड़ी ही देर मैं मैं झर गया मेरा इतना सार मुट निकला और मुझे इतना मजा आया की उस मजे के कारन मेरी आँखें ही बंद हो गयी और मैंने अपना सार मूट अपनी प्यारी दीदी की पेंटी पे निकाल दिया आज मूट मारके मुझे इतना satisfaction मिला था की मैं बयां भी नहीं कर सकता मैंने दीदी पेंटी वापस बाथरूम में रखी और आके दीदी के पास वापस लेट गया तभी किसी ने बाहर से गेट खटखटाया......(

मैं जैसे ही आके दीदी के पास लेटा किसी ने बाहर से गेट खटखटाया शायद मम्मी आ गयी थी मैंने सोचा वाह ! मम्मी भी सही टाइम पे आई है जब मेरा सारा काम हो गया है मै दीदी के पास गया और पेहले उनके कंधो पे हाथ फेरा फिर उनके होंठो पे फिर उन्हें धक्का देके जगाने लगा " दीदी उठो कोई गेट खटखटा रहा है शायद मम्मी आगयी है " दीदी उठी और गेट खोला सामने मम्मी ही थी मम्मी ने कहा "अरे दोनों भाई बेहेन क्या घोड़े बेच के सो रहे थे क्या जो सुना नहीं कितनी देर से दरवाजा पीट रही हु " दीदी बोली "हा यार मम्मी गहरी नींद में थी , अब सोने दो मुझे मैं जा रही हु अपने रूम में " ये कह के दीदी चली गयी अपने रूम में फिर मम्मी ने मुझे देखा और बोला "और राजा बेटा क्या किया आज पूरे दिन " मैंने मन में सोचा मम्मी आज मैंने २ बार मस्ती से मुट मारी और दीदी के बहुत मजे लिए आज पूरे दिन आज तो मेरी दीदी ने मुझे जन्नत की सैर करवा दी मम्मी ने फिर पूछा "अरे बता ना क्या किया होम वर्क किया या नहीं " मैंने कहा " हाँ मम्मी कर लिया होमवर्क " फिर मम्मी ने कहा " ठीक है चल अब बाहर जा मुझे कपडे चेंज करने है "

मैं बाहर आगया और खेलने चला गया
(¨`·.·´¨) Always
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Re: मेरी प्यारी दीदी

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शाम को घर आया तो दीदी उठ चुकी थी और तैयार थी कही जाने के लिए दीदी ने ऑरेंज कलर का चूड़ी दार सलवार सूट पेहेन रखा था मेरी दीदी सेक्सी आइटम लग रही थी उनके बदन से चिपका हुआ कुरता जिसमे से उनके बोबे बाहर की तरफ निकल रहे थे जिनको उन्होंने अपनी चुन्नी से ढक रखा था , उनके thighs और हिप्स से चिपकी हुई उनकी टाइट और चूड़ी दार सलवार जिसमे से उनकी सेक्सी पैरो और झांघो की सुन्दरता साफ़ नजर आ रही थी उनकी काजल लगी हुई आँखें नाक में छोटी सी नोज रिंग बाल ढीले clutcher से बंधे हुए बाल जिनमे से साइड से सामने के बालो की 2 लम्बी लटें जो बार 2 आकर उनके गालों पे गिरती जिन्हें दीदी बार 2 अपनी उँगलियों से अपने कान के पीछे करती कुल मिलाके बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी दीदी , जब भी दीदी बैठती मैं उनके कुर्ते के कट में से उनकी साइड की झांगो से लेके गांड तक का शेप देखता उनकी सलवार उनकी टांगो से इतनी चिपकी हुई थी की उनकी गांड तक का शेप साफ़ 2 नजर आ रहा था दीदी मुझे देख के बोली "और भंगी कहाँ से मिटटी में लोट के आ रहा है " मैंने कहा " दीदी खेलने गया था आप कहाँ जा रहे हो " दीदी बोली " अरे यार मार्केट जा रही हु 2 -3 सब्जेक्ट की रिफ्रेशर लेके आनी है एग्जाम आने वाले है ना " मैंने कहा "अकेले जा रहे हो क्या " दीदी बोली " हाँ क्यों ? "



मैंने कहा " मैं भी चलू दीदी मुझे भी अपनी ड्राइंग की बुक और कलर्स लाने है " इतने में मम्मी बोल पड़ी "हाँ प्रीती तू सोनू को भी लेजा वैसे भी शाम हो रही है आते 2 रात न हो जाये और जल्दी आ जाना " मैं खुश हो गया और मन ही मन सोचने लगा वाह मजा आ गया अब दीदी के कोमल और मुलायम मुलायम बदन को वापस छूने का उन्हें पकड़ने का मौका मिलेगा मैंने दीदी से कहा " दीदी 2 मिन रुको मैं अभी हाथ मुह धोके और जीन्स टी शर्ट पेहेन के आता हू " तो दीदी ने कहा "ओये डेट पे जा रहा है क्या जो इतना तैयार होक आ रहा है " मैंने दीदी से कहा "यही सोच लो दीदी आप जैसे सुंदर लड़की के साथ जा रहा हु तो डेट ही हुई ना हा हा हा " दीदी बोली "ओये चुप कर और जल्दी तैयार होके आ " मैं गया और तैयार होके आया दीदी बाहर स्कूटी पे ही बैठी थी मैं दीदी के पीछे बैठ गया और बोला "चलो दीदी " दीदी बोली "मुझे पकड़ ले अच्छी तरह से " मैंने मन में सोचा अरे दीदी इसलिए तो चल रहा हु आपके साथ की आपका सब कुछ पकड़ सकू लेकिन पता नहीं आप मेरा कब पकड़ोगी अपने हाथ से , मैंने अपने दोनों हाथो से दीदी के पेट वाले हिस्से को पकड़ लिया और कहा चलो दीदी

दीदी चल पड़ी और मैं दीदी के पीठ पे अपना सर लगा के उनके बदन की खुशबू सूंघ रहा था मैंने दीदी की पीठ पर उनके कुर्ते पे से उनकी ब्रा की स्ट्रेप को उनके ब्रा के हुक को महसूस करने की कोशिश की मुझे बहुत ही मजा आ रहा था कभी ,दचके में स्कूटी ऊपर नीचे होती तो मेरा हाथ भी कभी दीदी के पेट से ऊपर होता कभी नीचे उनकी सलवार के नाड़े को टच करता मैं यही सब कुछ कर रहा था इतने मे दीदी ने स्कूटी रोकी उनकी 1 फ्रेंड उनको रस्ते में मिल गयी थी वो भी मार्किट ही जा रही थी दीदी ने स्कूटी रोक के बोला "अरे श्वेता यहाँ कैसे कहाँ जा रही है ? " श्वेता ने बोला "हाय ! प्रीती अरे यार वो मार्किट जा रही हु कुछ सामान लेने " दीदी बोली "क्या लेने " श्वेता ने मुझे देखा और धीरे से दीदी को इशारा करके बोला "वो लेने " मैं समझ गया की दीदी की फ्रेंड जरुर व्हिस्पर या स्टेफ्री लेने जा रही होगी तभी मुझे देख के धीरे से इशारे में बताया उसने दीदी को दीदी बोली " अच्छा ठीक है चल आजा बैठ जा मैं भी मार्किट ही जा रही हु तूझे ड्राप कर दूंगी " अब मेरा मन ख़ुशी से पागल हो गया की अरे वाह आगे सेक्सी दीदी बीच में मैं और पीछे उनकी हॉट फ्रेंड श्वेता मजा आ गया दीदी की फ्रेंड श्वेता ने ब्लैक और ग्रीन कलर का टोपर और ब्लैक कैपरी पेहेन राखी थी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी उसके बोबे बहुत मोटे मोटे थे जो उसके टोपर में से बाहर आ रहे थे श्वेता मेरे पीछे बैठ गयी

अब हम स्कूटी पे 3 जने थे जिस से मुझे बड़ा मजा अगया था क्योंकि मैं मेरी दीदी से और चिपक के बैठ गया था और पीछे श्वेता मुझसे चिपक के बैठी थी दीदी और उनकी फ्रेंड आपस में बात कर रहे थे और मैं मेरी दीदी के मजे ले रहा था मैं पीछे से उनके पीठ पे अपना सर लगा के बैठा था ताकि श्वेता को कुछ पता नहीं पड़े और धीरे 2 अपनी दीदी की पीठ पर अपने होंठ फेर रहा था उनके ब्रा स्ट्रैप्स को फील कर रहा था मैं थोडा सा भी साइड की तरफ मुह करता तो मेरे सामने श्वेता का मोटा बोब आ जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था थोड़ी देर में हम मार्किट पहुँच गए थे दीदी ने श्वेता को ड्राप किया स्कूटी पार्क की और हम बुक स्टाल की तरफ बढ गए रास्ते में सामने से 2 लड़के आ रहे थे उन्होंने मेरी दीदी के पास आके बोला " आओ सेक्सी रानी " मैंने ये सुन लिया था पता नहीं दीदी ने सुना या नहीं वो तो आगे चलती जा रही थी वो दोनों लड़के पता नहीं कहाँ से घूम के आये और वापस सामने से आ गये और इस बार दीदी के पास से धीरे 2 निकलते हुए उन्होंने बोला "आ ना मेरी जान लंड ले ले मेरा अपनी चिकनी चूत में जानेमन " मैंने वापस ये सुन लिया था लेकिन पता नहीं दीदी ने कुछ रियेक्ट क्यों नहीं किया फिर हम बुक स्टाल पे खड़े हुए और दीदी बुक्स खरीदने लगी वो दोनों लड़के भी वही आगये और खड़े हो गए और मेरी दीदी को देखने लगे दीदी के पीछे मैं खड़ा था और मेरे से थोड़ी दूर वो लड़के उनमे से 1 बोला "यार भाई क्या कातिल सामान है यार " दूसरा बोला " हाँ यार क्या कंचा है साली तू क्या बोलता है इसकी चूत पे बाल होंगे क्या " पहला वाला बोला "यार साली के कपडे पहनने के स्टाइल से तो लगता है की नहीं होंगे इसकी चूत तो चिकनी होगी ये साफ़ रखती होगी और इसके गांड को देख के लगता है की साली चुद्वाती होगी पता नहीं कितने लंड ले रखे होंगे इसने "

मुझे ये सब सुन के पता नहीं क्यों बहुत मजा आ रहा उनकी बातें सुन सुन के मेरा लंड टाइट खड़ा हो गया था और मेरी दीदी के बारे में वो गन्दी 2 बातें बोल रहे थे जिस सुनने में मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी दूसरा वाला बोला "यार अगर इसका कोमल बदन छूने को मिल जाये तो मजा आ जाये मैं जाऊ क्या इसके पास लगता है अकेली आई है " अब मै पलटा और मैंने उन दोनों को घूर के देखा वो समझ गए की मैं दीदी के साथ हु मैंने अपना सेलफोन निकाला और झूटमूठ का फोन किया और बोला "हा आकाश भैया विजय भैया और पापा को बोलो यहाँ आ जाये नेक्स्ट शॉप है न बुक वाली वहां पे " अब उन दोनों लडको के चेहरे देखने लायक थे वो समझ गए थे की हम अकेले नहीं है हमारे साथ तो पूरी पलटन है इसलिए वो ऐसे भागे की उन्होंने मुड के भी नहीं देखा मैं तो अपनी हंसी ही नहीं रोक पाया मुझे खुद पर बहुत गर्व महसूस हो रहा था दीदी ने अपनी बुक्स ले ली थी और मेरी ड्राइंग बुक भी हम वापस स्कूटी की तरफ चल पड़े दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की लेकिन वो स्टार्ट नहीं हुई दीदी ने काफी बार स्कूटी स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन वो स्टार्ट हो ही नहीं रही थी

फिर दीदी ने स्कूटी को किक मार्के स्टार्ट करने की कोशिश की जब भी दीदी किक मारती दीदी के बोबे ऊपर नीचे होते और जोर 2 से हिलते ये सीन देख 2 के मुझे बहूत मजा आ रहा था आखिर थक हार के जब स्कूटी स्टार्ट नहीं हुई तो दीदी ने मम्मी को फोन किया "हेलो मम्मी अरे यार ये खटारा स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रही है क्या करूँ अब अच्छा चलो ठीक है , हाँ ठीक है " मैंने पूछा क्या हुआ दीदी अब क्या करें दीदी बोली "सोनू मम्मी ने कहा है की स्कूटी यही पार्किंग मे लगा दे पापा ठीक करा के ले आयेंगे अभी तो अपन को बस में जाना पड़ेगा " मैंने कहा " ठीक है " अँधेरा हो चूका रात के 8:15 बज रहे थे हमें बस मिली थोड़ी भीड़ तो थी दीदी को लेडीज वाली 1 सीट मिल गयी और मैं उनके पीछे वाली सीट के पास खड़ा हो गया नेक्स्ट स्टॉप पे थोड़ी भीड़ हो गयी मैं खड़ा तो दीदी के पीछे वाली सीट पे ही था तभी 2 लड़के मेरे सामने आके खड़े हो गए जिस सीट पे दीदी बैठी थी उसके पास उन्हें शायद पता नहीं था की मैं दीदी के साथ हूं , वो धीरे 2 फुसफुसा रहे थे वो जो भी बोल रहे थे मुझे सब सुनाई दे रहा था
पहले लड़का :- "यार मस्त माल बेठा ही इस सीट पे "
दुसरे लड़का :- "हा यार मस्त सेक्सी आइटम है "
पहले लड़का :- "हूर की पारी है यार क्या लग रही किसके नीचे जाएगी यार ये "
दुसरे लड़का :- "हा यार बोबे देख इसके कितने मोटे है बाहर ही निकल रहे हैं कुर्ते के कौन खुश नसीब इनका दूध पीएगा यार "
पहले लड़का :- "यार मेरा तो लंड खड़ा हो गया इसके बोबे देख के कितने मोटे है देख देख इसकी थोड़ी सी ब्रा दिख रही है साइड से "
दुसरे लड़का :- "हा यार मेरा भी खड़ा हो गया साली सफ़ेद कलर की ब्रा पेहेन की आई है "

मेरे excitement का तो ठीकाना ही नहीं था मेरा लंड 1 दम टाइट खड़ा था और मुझे उनकी बातें सुन सुन के बहुत इरोटिक फील हो रहा था 2 अजनबी लडको को पता चल गया था की मेरे दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी है और उसे देख 2 के उनके लंड भी खड़े हो गए थे इन सब से मुझे बहुत जोश इरोटिक excitement सब कुछ फील हो रहा था मैंने फिर से उनकी बाते ध्यान से सुनने की कोशिश की
पहला लड़का :- "पता है मैंने अभी धीरे से इसके कंधे पे हाथ फेरा "
दूसरा लड़का :- "वाह यार तूने तो छू भी लिया इसे देख इसकी चुन्नी और कुर्ते के गले में से इसकी ब्रा दिख रही है थोड़ी 2 "
पहला लड़का :- " हाँ यार साली इस बस में लाइट भी तो नहीं है नहीं तो देख लेते कुछ तो "
दूसरा लड़का :- "यार इस ने चड्डी कौनसे कलर की पहनी होगी "
पहला लड़का :- "जब ब्रा सफ़ेद है तो चड्डी भी सफ़ेद ही होगी पता है मैंने अभी 2 क्या किया "
दूसरा लड़का :- "क्या किया भाई "
पहला लड़का :- "इसने जिस हाथ से सीट के हैंडल को पकड़ रखा हैं न उस हाथ पे मैंने अपना खड़ा लंड टच करवाया "
दूसरा लड़का :- "क्या बात कर रहा है भाई एसा कैसे हो सकता है कुछ कहा नहीं इसने "
पहला लड़का :- "नहीं यार साली रंडी लगती है तभी इतनी रात को अकेली बस में घूम रही है मैंने वापस अपना लंड टच करवाया इसके हाथ पे और हलके से ऊँगली भी लगाई साइड से इसके बोबे पे "
दूसरा लड़का :- "साली ये तो पक्का रांड है तभी तो तेरा लंड छू रही है और अपना बोबा छूने दे रही है और कुछ बोल भी नहीं रही साली रंडी मुझे भी मजे लेने दे ना इस सेक्सी रांड के "

मै ये सब सुन के बहुत हैरान था की ये लोग इतना सब कर रहे है और दीदी कुछ कह नहीं रही या तो उनको पता नहीं है की एसा कुछ हो रहा है या ये अपनी इज्जत के डर के कारण कुछ नहीं बोल रही है लेकिन मुझे लगा की एस तो हो नहीं सकता की दीदी को पता ना चला हो शायद वो डर के अपनी इज्जत के कारण चुप है तभी मैंने सोचा की अँधेरा भी है दीदी कुछ बोल भी नहीं रही है क्यों ना मैं ही मजे ले लू मेरी दीदी के कोई और क्यों ले मैंने फिर वही किया अपना सेलफोन निकाला और उन लडको के कान के पास जाके बोला की हा मम्मी हा बस दीदी और मैं पहुँचने वाले है ये कहते हुए मैं उन दोनों लडको को पीछे करके आगे आ गया मैंने ये धीरे से बोला ताकि दीदी को ये पता न चल जाये की अब उनके पास मैं खड़ा हूं मैं दीदी के पास खड़ा था बस में पूरा अँधेरा था हमारा स्टॉप आने मैं अभी 20 मिनिट थे मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था मैंने पहले धीरे से अपना लंड दीदी के साइड के हाथ पे कोहनी से ऊपर की तरफ लगाया फिर मैंने धीरे अपना खड़ा लंड दीदी के हाथ पे बार 2 टच करवाया दीदी का कोई रिएक्शन नहीं था फिर मैं थोडा सा आगे बड़ा और दीदी के पास आया और धीरे से अपनी 1 ऊँगली दीदी के बोबे पे साइड से लगाई मैंने अपने 4 उंगलिया जेब में डाल रखी थी और 1 ऊँगली दीदी के साइड के बोबे पे लगा रहा था मैं इस बात का पूरा धयान रख रहा था की किसी को कुछ दिखे ना पीछे वाले लडको को भी नहीं फिर मैंने धीरे 2 अपना लंड दीदी के उंगलियों पे टच कराया जिस से दीदी ने सीट पकड़ रखी थी मैंने आज पहली बार अपना लंड दीदी के हाथ पे टच करवाया था मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपना हाथ अपनी जेब से निकाला और अपने हाथ से दीदी के बोबे को साइड से टच किया धीरे से दीदी ने कुछ नहीं कहा

मुझे समझ मे नहीं आ रहा था की दीदी कुछ रिएक्शन क्यों नहीं दे रही है वो चाहती तो वो हाथ हटा सकती थी हाथ झटक सकती थी घूर सकती थी लेकिन बस वो तो सामने ही देखे जा रही थी शायद उन्हें भी डर लग रहा था की क्या करे क्या नहीं स्कूल की बच्चियों में इतनी अकल कहाँ होती है अब मैंने सोचा की देखते है की दीदी रियेक्ट कब करती है मैंने वापस अपना लंड दीदी की उंगलियों पे लगाया और लगा रहने दिए वहां से हटाया नहीं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी की बोबे की तरफ लेके गया और उनका बोबा दबा दिया दीदी ने कुछ रियेक्ट नहीं किया अब मै अपना हाथ दीदी की चुन्नी के नीचे लेके गया और दीदी के बोबे को दबाने लगा अब मुझे पता चल चूका था की दीदी रियेक्ट नहीं करेंगी मैंने अच्छी तरह से दीदी के दोनों बोबो को दबाया उन्हें सहलाया मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने अपनी जीन्स की चैन खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और नंगा था

मैंने दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके बोबे को दबाते दबाते अपना नंगा लंड दीदी के हाथ पे टच कर दिया दीदी को शायद थोडा सा करंट लगा इसलिए वो थोड़ी सी हिली फिर वापस चुपचाप बैठ गयी अब मेरा नंगा लंड दीदी की उँगलियों पर था और मेरा हाथ मेरी प्यारी दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके कुरते के ऊपर से उनके दोनों बोबो को दबा रहा था उन्हें सहला रहा था अब मैंने अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में पकड़वाया ऊपर से उनके हाथ पे अपना हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा मैं तो हवा में था आज पहली बार मेरी प्यारी दीदी अपने हाथ से मेरा मूट मार रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था जो काम आज घर के बंद कमरे में नहीं हुआ था वो इस भरी हुई बस मे हो रहा था मैंने अपना हाथ हटा लिया मेरा हाथ हटते ही दीदी ने मेरा लंड छोड दिया मैंने वापस दीदी का हाथ पकड़ा उसमे अपना लंड पकडवाया और ऊपर नीचे करने लगा दीदी अब शायद समझ गयी थी की उन्हें क्या करना है वो अपने हाथ से मेरा लंड आगे पीछे करने लगी और मैं अपना हाथ वापस दीदी के बोबे की तरफ लेके गया और उन्हें दबाने लगा वो भी क्या पल था एसा कभी हकीकत में होगा मैंने नहीं सोचा था मेरी प्यारी दीदी मेरा लंड हिला रही थी मेरी मुट मार रही थी और मैं अपनी दीदी के बोबे दबा रहा था और आज तो दीदी को सब पता था की क्या हो रहा है आज वो नींद मे भी नहीं थी इससे मुझे और मजा आ रहा था

मैंने अपना हाथ दीदी के हाथ पे रखा और लंड हिलाने की स्पीड बड़ाई दीदी समझ गयी की उनको स्पीड बढ़ानी है वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिलाने लगी और मैं इतना ज्यादा excited हो गया की मैंने दीदी के कुर्ते के गले में से अपना हाथ अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनके बोबे दबाने लगा दीदी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने दीदी की ब्रा के अंदर हाथ डाल दिया और उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा दीदी के निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा मैंने नोटिस किया की दीदी के निप्पल खड़े थे शायद इतनी टचिंग से दीदी भी गरम हो गई थी दीदी भी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रह थी और मैं उनके दोनों बोबे दबा रहा था उनके निप्पल को अपने नाखून से रगड़ रहा था इतने मैं मेरा सारा मुट दीदी के हाथ पे और उनकी सलवार पे गिर गया मैं तो दूसरी दुनिया में था मैंने दीदी को देखा दीदी अभी भी सामने ही देख रही थी दीदी ने सामने देखते हुए ही अपना हाथ अपने नेपकिन से साफ़ किया सलवार पे लगा हुआ मुट भी साफ़ किया मैंने जल्दी से अपना लंड अंदर डाला और थोडा सा पीछे हो गया हमारा स्टॉप आ गया था दीदी खड़ी हुई मैं भी दीदी के पीछे आगया हम बस से उतरे सामने पापा खड़े थे दीदी को देख के पापा ने फ़ौरन पूछ "क्या हुआ प्रीती तुझे " दीदी ने कहा की "पापा मैं अब बस मैं नहीं जाउंगी कभी भी " ये कह के दीदी पापा के गले लग गयी पापा ने "पुछा प्रीती हुआ क्या बेटा बता मुझे क्या हुआ "....

हमारा स्टॉप आ गया था दीदी खड़ी हुई मैं भी दीदी के पीछे आगया हम बस से उतरे सामने पापा खड़े थे दीदी को देख के पापा ने फ़ौरन पूछ "क्या हुआ प्रीती तुझे "
दीदी ने कहा की "पापा मैं अब बस मैं नहीं जाउंगी कभी भी " ये कह के दीदी पापा के गले लग गयी पापा ने "पुछा प्रीती हुआ क्या बेटा बता मुझे क्या हुआ "........

अब आगे - मुझे लगा की कहीं दीदी पापा को वो सब ना बता दे जो बस में हुआ था कहीं दीदी को पता तो नहीं चल गया था की बस में उनके साथ वो सब कुछ मैं ही कर रहा था मैं बहुत डर गया की कहीं
घर जाके दीदी ने अगर पापा मम्मी को ये सब बता दिया की ये सब मैंने किया है तो मेरा तो पता नहीं क्या हाल होगा मुझे बहुत ज्यदा डर लग रहा था मेरा दिल डरके मारे जोर जोर से धड़क रहा था की क्या
होगा लेकिन फिर मैंने सोचा की दीदी को ये कैसे पता चल सकता है की वो सब मैंने किया है क्योंकि बस में तो बहुत अँधेरा था और जब दुसरे लड़के दीदी से छेड़ छाड़ कर रहे थे तब दीदी को पता था की वो
लड़के कोई और है मैं तो उनके बाद गया था और दीदी पापा को ये सब कैसे बताएगी की उन्होंने किसी का लंड हिलाया अपने हाथों से और अपने बोबे दबाने दिए उन्होंने किसी को मैंने सोचा की पता नहीं क्या
होगा मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था

फिर पापा ने मुझसे पुछा "सोनू क्या हुआ प्रीती को " मैंने कहा "पता नहीं पापा मुझे तो " फिर पापा ने वापस दीदी से पूछा "अरे बेटा बोल ना क्या हुआ क्यों नहीं जाना बस में अब क्या हुआ " मैंने भी दीदी से बोला "बताओ न दीदी क्या हुआ आपको " दीदी ने मुझे देखा फिर थोड़ी देर बाद दीदी बोली "पापा बस में कितनी ज्यादा भीड़ रहती है ....." अब मेरी हालत ख़राब हो गयी मैंने सोचा अरे यार लगता है ये दीदी तो आज सब कुछ बताने वाली है पापा को लगता है इन्हें शक हो गया है या शायद पता है इन्हें की मैंने ही सब किया था मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था दीदी ने अपनी बात पूरी की " पापा बस में कितनी ज्यादा भीड़ रहती है मेरी तो हालत ख़राब हो गयी ना ढंग से बैठने की जगह मिलती है ना खड़े होने की कितनी बदबू आती है मेरी तो हालत ख़राब हो गयी चक्कर आने लग गए सर दुःख रहा है और वोमिटिंग जैसा हो रहा है अब तो मैं कभी कदम ही नहीं रखूँ बस में " दीदी की पूरी बात सुन के मेरी जान में जान आई मैंने कहाँ बच गए भाई आज तो , ये मन भी साला कमीना होता है अभी अभी जब मुझे डर लग रहा था तब सोच रहा था की भगवान् इस बार बचाले आगे से कभी ज़िन्दगी में एसा कुछ नहीं करूँगा और जैसे ही दीदी की बात खत्म हुई सब ठीक हुआ वैसे ही वापस मेरा ध्यान दीदी की गांड पे चला गया दीदी पापा के साथ जा रही थी और मैं पीछे से उनकी सेक्सी गांड को देख रहा था और सोच रहा था की अभी मेरी इस कमसिन दीदी के बोबे मेरे हाथ में थे और मेरा लंड उनके हाथ में

आज मैंने जो कुछ भी किया था उसपे मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा था की आज दीदी ने खुद ने अपने हाथ से मेरा लंड हिलाया और उन्हें पता था की कोई उनके बोबो से खेल रहा है और उन्होंने वो सब कुछ करने दिया अब मेरे मन में यही चल रहा था की अगर मेरी जगह कोई और होता तो वो भी मजे ले लेता दीदी के आखिर दीदी ने मना क्यों नहीं किया या तो दीदी डर गयी थी लेकिन तभी मेरे दूसरे मन ने कहा की कहीं दीदी को भी मजा तो नहीं आ रहा था क्या पता दीदी भी मजे लेना चाहती हो इसलिए सब करने दे रही हो क्योंकि जेसे मेरा मन होता है वैसे ही दीदी का भी तो होता होगा सेक्स करने का और वेसे भी दीदी फोन सेक्स तो करती ही थी अपने bf से तो कहीं दीदी को भी मजा तो नहीं आ रहा था जब मैं उनके बोबे दबा रहा था बस में तभी मेरे मन ने वापस कहा की नहीं यार दीदी बस मजे के लिए इतना रिस्क नहीं ले सकती वो डर ही गयी होगी मैं इन्ही खयालों में था इतने में दीदी ने आवाज दी " चल ना सोनू घर नहीं चलना क्या वहां क्या खड़ा है " मैं अपने खयालो से बाहर आया और बोला "हाँ दीदी चलो "
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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