Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग compleet

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jay
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »

तभी मैने देखा कि राजीव और अल्पना आ गये है. अल्पना एक मस्त टॉप मे बहुत
सेक्सी लग रही थी. हल्के नीले रंग के खूब कसे कसे टॉप मे उसके मस्त उभार
समा नही पा रहे थे, जैसे कभी कभी खुशी मन से छलक आती है, वैसे ही
उसके किशोर जोबन छलक रहे थे. यहाँ तक कि उसके मम्मे भी हल्के हल्के दिख
रहे थे. टॉप थोड़ा छोटा था और उसकी पतली गोरी कमर और नाभि भी कुछ कुछ
दिख रहे थे. जीन्स लो कट भी थी और हिप हॅंगिंग भी. मूड कर उसने दिखाया,
" क्यों दीदी कैसी लगती है नयी टॉप और जीन्स" वह इतनी कसी थी कि उसके बड़े बड़े
कसे हुए चूतड़, सॉफ निकल कर बाहर आते लग रहे थे और उनके बीच का क्रॅक
भी सॉफ दिख रहा था. लो कट होने के नाते उसकी पिंक पैंटी की स्ट्रिंग भी हल्की सी
दिख रही थी. तब तक मेरी बड़ी ननद लाली भी वहाँ आ गयी थी.
" आज मैने जीजा की जेब ढीली करवा ली. अच्छी है ना जीजू की पसंद है." हंसकर वो बोली.
" अरे तुमने तो जीजू से जेब ढीली करवाई है आगे देखो वो तुम्हारी क्या क्या ढीली करते है." हंसकर मेरी ननद ने उसे छेड़ा.
" अरे करने दीजिए ना ये साली डरने वाली नही. लेकिन आप क्यों जल रही है" उसने भी पलट कर जवाब दिया.
" अरे ननद जी पास मे हो ओखली, तो मूसल से क्या डरना," मैने भी उसका साथ दिया.
राजीव अल्पी को छोड़ने जा रहे थे. मैने उसे समझाया कि कुछ डॅन्स की सीडी ले आए
और और लौटते हुए घर जाकर मे जो वीसीडी काँटा लगा का ले आई थी वो ज़रूर ले आए."
" पर घर मे तो ताला बंद होगा, सब लोग तो यही है." राजीव ने कहा.
" हाँ और इससे चेक करवा लेना, अल्पी वहाँ ढेर सारी वीसीडी है जो सबसे मस्त होंगी खुद चेक कर के ले आना."

जाने के पहले मैने अल्पी के कान मे कुछ समझाया. वह मुस्कराने लगी. तब
तक उपर से मेरे नंदोई और गुड्डी उतर रही थी. गुड्डी के जीजू के हाथ उसके
कंधे पे थे. मुझे लगा शायद राजीव को सामने देख के, शर्मा के गुड्डी
उनका हाथ अपने कंधे से हटा देगी. पर वह कुछ कर पाती, उसके पहले ही
जीत ने अपना हाथ खुल के उसके उभार पर रख दिया, बल्कि राजीव को दिखाते हुए,
हल्के से दबा दिया. गुड्डी का चेहरा गुलाबी हो गया, पर जीत ने अपना हाथ और
कस के उसके जोबन पे दबा दिया और गुड्डी से अल्पी के बारे मे पूछा , " ये सेक्सी "
उनकी बात काटते हुए, मुस्करा कर गुड्डी ने कहा, " आपके साले की साली है."
उधर राजीव ने भी तंग टॉप से उसके छलकते उभारों को हलके से टीप कर
कहा, जल्दी करो साली जी. अल्पना ने चलते हुए जीत से कहा ,
" लौट के मिलते है डबल जीजा जी अभी आपके साले उतावले हो रहे है" और मुस्करा कर चल दिए.
नंदोई जी ने इशारों इशारों मे बताया कि, अपना जादू का डंडा तो उन्होने खोल
कर गुड्डी को अच्छी तरह पकड़ा दिया पर बात कुछ और आगे बढ़ती कि किसी
काम से उन्हे खोजते दुलारी वहाँ पहुँच गयी.


शाम को अल्पी और राजीव बहोत देर से आए. राजीव तो तुरंत ही चले गये जनवासे.
अभी सब लोग थक कर लेटे थे. तो उपर हॉल मे मैं अल्पी और गुड्डी को ले के चली
गयी डॅन्स की सीडी देखने. गुड्डी उसे छेड़ रही थी.
" हे इत्ति देर कैसे लग गई क्या भैया के साथ और तेरे गाल आज कुछ ज़्यादा ही
चमक रहे है चख के देखती हू." और उसने उसे चूम लिया. हम लोग सीडी लगा
के डॅन्स करने लगे. एक लोक गीत की धुन लगा के हम लोग डॅन्स कर रहे थे कि गुड्डी ने कहा,
" भाभी, आप कह रही थी ना, कल रास्ते मे कि फिल्म मे कैसे अपने वो धक धक"
" अरे रानी सॉफ सॉफ क्यो नही कहती कि अपने मम्मे कैसे उछलाते है, लो बताती
हू" तब तक अल्पना ने "धक धक करने लगा का सीडी लगा दिया था और मैने डॅन्स
करते हुए उन्हे दिखाया और फिर बताया कि कैसे अदा से जोबन को उभारते है,
कैसे उसे उपर पुश करते है कैसे नीचे झुक कर के क्लीवेज की झलक
दिखाते है और कैसे उसे हिलाते है. यही नही गुड्डी और अल्पी को मैने वैसे बार
बार करवा के हर स्टेप की अच्छी प्रॅक्टीस करा दी. इसके बाद रीमिक्स गानो की
वीसीडी जो अल्पी घर से लाई थी, उस को चला कर हम एकदम सेक्स करने की मुद्रा
मे प्रॅक्टीस कर रहे थे, तभी मुझे लगा कि अल्पना को टांगे फैलाने मे थोड़ी
तकलीफ़ हो रही है. मैने गुड्डी को बताया तो वह पीछे ही पड़ गयी . आख़िर कार
उसने कबूला कि, चिड़िया ने चारा खा लिया है. बहुत मुश्किल से वह सब बताने
पे राज़ी हुई वो भी इस शर्त पे कि जब गुड्डी की फटेगी तो वो भी सब बात खुल कर
हम दोनों को बताएगी.


अल्पना ने कहना शुरू किया, " दीदी जो आप ने सलाह दी थी ना वो बहोत सही थी."
उसकी बात काटकर गुड्डी बोली, " अरे शुरू से बताओ ना और सब चीज़ खुल कर"
" हां लेकिन शर्त मे. सीधे मुद्दे पे, असली बात पे. कपड़े उतारने के बाद" मैं भी उत्सुक थी.

" जीजू ने मुझे जब छूना शुरू किया. उनकी उंगलिया मेरे सीने पे हल्के हल्के
फिसल रही थी, थोड़ी देर ऐसे ही छेड़ने के बाद, उनके हाथ मेरा छाती के बेस
पे जाते और धीरे धीरे, उपर आते, लेकिन निपल के पास आने के पहले ही वो रुक
जाते, कुछ देर तक तो उसके बेस पे वो उंगली फिराते रहे और जब मेरा मन
मचल रहा था कि वो उसे पकड़ ले वो हाथ हटा देते बहोत देर तक ऐसे तंग
करने के बाद अचानक उन्होने मेरे सीने को कस के पकड़ लिया और लगे
रगड़ने, मसलने, उनका दूसरा हाथ मेरी जांघों पर था. मारे शरम के
तो मैं शुरू मे कस के अपनी जांघों को भीच के बैठी थी, पर जब उनका हाथ
मेरी जाँघ पर हल्के से सहलाते हुए उपर बढ़ने लगा, लग रहा था मेरी
जांघों के बीच गरम लावा दौड़ रहा है, वह अपने आप खुलने लगी. उनका
एक हाथ मेरे उरोजो पे और दूसरा, जाँघ के एकदम उपरी हिस्से मे लगभग वहीं,
दीदी जीजू की उगलिया तो लग रहा था कि वह किसी वाद्य यंत्र के तार छेड़ रहे हो
और वो वाद्य यंत्र मैं हूँ मेरा पूरा शरीर काँप रहा था"
मैने गुड्डी की ओर देखा तो उत्तेजना के मारे उसका पूरा शरीर तना था. उसके उरोज
भी जोश मे आकर पत्थर हो रहे थे. बड़ी मुश्किल से उसने थूक गटका और बोली,
"..फिर."
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »

tabi maine dekha ki rajiv aur alpana aa gaye hai. alpana ek mast top me bahut
seksi lag rahi thi. halke nile rang ke khub kase kase top me usake mast ubhar
sama nahi paa rahe the, jaise kabhi kabhi khushi man se chalak aati hai, vaise hi
usake kishor joban chalak rahe the. yaha tak ki usake mamme bi halke halke dikh
rahe the. top thoda chota tha aur uski patali gori kamar aur naabi bhi kuch kuch
dikh rahe the. jeans lo cut bhi thi aur hip hanging bi. mud kar usane dikhaya,
" kyom didi kaisi lagati hai nayi top aur jeans" vah itti kasi thi ki usake bade bade
kase huye chutad, saaf nikal kar bahar aate lag rahe the aur unake beech ka crack
bi saaf dikh raha tha. lo cut hone ke naate usaki pink panty ki string bi halki si
dikh rahi thi. tab tak meri badi nanad laali bi vaha aa gayi thi.
" aaj maine jija ki jeb dhili karava li. achchi hai na jiju ki pasand hai." hanskar vo
boli.
" are tumane to jiju se jeb dhili karavayi hai aage dekho vo tumhari kya kaya
dhili karate hai." hanskar meri nanad ne use cheda.
" are karane dijiye na ye sali darane vali nahi. lekin ap kyom jal rahi hai" usane
bi palat kar javab diya.
" are nanad ji paas me ho okali, to musal se kya darana," maine bi usaka sath
diya.
rajiv alpi ko chodane ja rahe the. maine use samajaya ki kuch dance ki cd le aaye
aur aur lautate hue ghar jaakar mai jo vcd kanta laga ka le aayi thi vo jarur le
aaye."
" par ghar me to tala band hoga, sab log to yahi hai." rajiv ne kaha.
" ha aur isase check karava lena, alpi vaha dher saari vcd hai jo sabase mast
hongi khud chek kar ke le aana."

jane
ke pahale maine alpi ke kaan me kuch samjhaya. vah muskarane lagi. tab
tak upar se mere nandoyi aur guddi utar rahi thi. guddi ke jiju ke hath usake
kandhe pe the. mujhe laga shayad rajiv ko samane dekh ke, sharma ke guddi
unaka haath apane kandhe se hata degi. par vah kuch kar pati, usake pahale hi
jeet ne apana hath khul ke usake ubhar par rakh diya, balki rajiv ko dikhate huye,
halke se daba diya. guddi ka chehara gulabi ho gaya, par jeet ne apana hath aur
kas ke uske joban pe daba diya aur guddi se alpi ke bare me pucha ,
" ye sexy " unaki bat kaatate hue, muskara kar guddi ne kaha,
" apake sale ki salli hai."
udhar rajiv ne bhi tang top se usake chalakate ubharom ko halake se teep kar
kaha, jaldi karo saali ji. alpana ne chalate hue jeet se kaha ,
" laut ke milate hai dabul jija ji abi apake saale uttavale ho rahe hai" aur muskara
kar chal diye.
nandoyi ji ne isharon isharon me bataya ki, apana jadu ka danda to unhone khol
kar guddi ko achchi tarah pakada diya par baat kuch aur aage badhati ki kisi
kaam se unhe khojate dulari vaha pahunch gayi.
sham ko alpi aur rajiv bahot der se aaye. rajiv to turant hi chale gaye janavase.
abi sab log thak kar lete the. to upar hall me mai alpi aur guddi ko le ke chali
gayi dance ki cd dekhane. guddi use ched rahi thi.
" he itti der kaise lag gai kya baiya ke saath aur tere gaal aaj kuch jyada hi
chamak rahe hai chakh ke dekhati hu." aur usane use chum liya. ham log cd laga
ke dance karane lage.
ek lok geet ki dhun laga ke ham log dance kar rahe the ki guddi ne kaha,
" bhabhi, aap kah rahi thi na, kal raaste me ki film me kaise apane vo dhak dhak"
" are rani saaf saaf kyo nahi kahati ki apane mamme kaise uchalate hai, lo batati
hu" tab tak alpana ne "dhak dhak karane laga ka cd laga diya tha aur maine dance
karate huye unhe dikhaya aur fir bataya ki kaise ada se joban ko ubharate hai,
kaise use upar push karate hai kaise neeche jhuk kar ke cleavage ki jhalak
dikhate hai aur kaise use hilate hai. yahi nahi guddi aur alpi ko maine vaise baar
baar karava ke har step ki achchi practice karaa di. isake baad remix
gaano ki
vcd jo alpi ghar se laayi thi, us ko chala kar maine ekdam sex karane ki mudra
me practice kar rahe the, tabhi mujhe laga ki alpana ko taange failaane me thodi
takaleef ho rahi hai. maine guddi ko bataya to vah peeche hi pad gayi . akhir kar

usane kabula ki, chidiya ne chaara kha liya hai. bahut mushkil se vah sab batane
pe raaji huyi vo bi is shart pe ki jab guddi ki fategi to vo bhi sab baat khul kar
ham donom ko bataayegi.
alpana ne kahana shuru kiya,
" didi jo aap ne salah di thi na vo bahot sahi thi." usaki baat kaatkar guddi boli,
" are shuru se bataao na aur sab cheej khul kar"
" haa lekin shart me. sidhe mu pe, asali baat pe. kapade utarane ke baad" mai bi
utsuk thi.
" jiju ne mujhe jab chuna shuru kiya. unaki ungaliya mere seene pe halke halke
fisal rahi thi, thodi der aise hi chedane ke baad, unake haath mera chathi ke base
pe jaate aur dhire dhire, upar aate, lekin nipple ke paas aane ke pahale hi vo ruk
jaate, kuch der tak to usake base pe vo ungali firaate rahe aur jab mera man
machal raha tha ki vo use pakad le vo haath hataa dete bahot der tak aise tang
karane ke baad achanak unhone mere seene ko kas ke pakad liya aur lage
ragadane, masalane, unaka dusara haath meri jaanghom par tha. maare sharam ke
to mai shuru me kas ke apani jaanghom ko binch ke baithi thi, par jab unaka hath
mere jaang par halke se sahalaate huye upar badhane laga, lag raha tha meri
jaanghom ke beech garam lava daud raha hai, vah apane aap kulane lagi. unaka
ek haath mere urojom pe aur dusara, jang ke ekdam upari hisse me lagbag vahi,
didi jiju ki ugaliya to lag raha tha ki vah kisi vaady yamtar ke taar ched rahe ho
aur vo vaady yamtar mai haumu mera pura sharir kaamp raha tha"
maine guddi ki or deka to uttejana ke mare usaka pura sharir tana tha. usake uroj
bi josh me aakar patthar ho rahe the. badi mushkil se usane thuk gomta aur boli,
"..fir."
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »

" उनके एक हाथ की उंगलियों ने मेरे निपल को पकड़ के फ्लिक करना शुरू कर
दिया. और दूसरा हाथ, मेरी जांघे अब पूरी तरह खुल चुकी थी, वह 'उसके' अगल
बगल सहला रहे थे, मैं जोश के मारे पागल हो रही थी, मेरा मन कह रहा
था वह मुझे 'वहाँ' छुए, पर जैसे उन्हे मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था.
उनकी उंगली ने जब बहोत देर तड़पाने के बाद मेरे नीचे वाले बाहरी लिप्स
छुए ना, मुझे लगा जैसे मुझे 440 वॉल्ट का झटका लगा हो पर उन्होने हाथ
हटा लिया. मैं अब खुद कमर हिला रही थी उन्होने दूसरा लिप्स छुआ और अबकी बार
वह अपनी उंगलियों मे ले दोनो भगोश्ठ सहलाने लगे. कुछ देर बाद
उन्होने अपनी उंगली का टिप थोड़ा सा अंदर डाला, मैने अपनी दोनो जंघे पूरी
तरह फैला रखी थी इत्ता अच्छा लग रहा था कि बस बता नही सकती, मेरी आँखे
मज़े मे बंद हो गयी फिर अचानक उन्होने, अपनी अंगुली और अंदर कर दी और उसे
गोल घुमाने लगे. थोड़ी देर इस तरह तंग करने के बाद, निकाल कर मूह मे डाल
लिया और उसे मुझे दिखा कर चाटने लगे"
" चाटने लगे" गुड्डी बोली. जोश के मारे उसकी हालत खराब थी.
" अच्छा ये बता, वहाँ बाल तूने सॉफ किए था या" मैने मुस्करा कर अल्पी से पूछा.
" हां दीदी आपने मुझे जीजू की पसंद बता दी थी कि उन्हे चिकनी, सॉफ सुथरी
अच्छी लगती है तो घर जाके मैने फ्रेंच की पूरी बतल वहाँ एक रोम भी
नही बचा था, और पीछे भी, अच्छा गुड्डी तू बता तेरी कैसी है.
" मेरी तो ट्रिम ही है, मेरे जीजू को तो ट्रिम झान्टे ही पसंद है." झटके मे वो बोल
उठी.
" अच्छा तो अब बन्नो को ये भी पता चल गया कि उनके जीजू को कैसी झान्टे
पसंद है" मैने उसे चिढ़ाया, पर वो शरमा कर अल्पी से बोली ,
" हे बताओ ना, क्या हुआ आगे" अल्पना ने बात आगे बढ़ाई.
" जीजू ने थोड़ी देर वहाँ उंगली करने के बाद, तकिये के नीचे से वैसलीन की शीशी
निकाली और अपनी उंगली मे लेके अच्छी तरह लथेड के अंदर डाल दी , और धीरे
धीरे कर के उन्होने आधी शीशी वैसलीन मेरे वहाँ अंदर लगा दी. और अब उनका
अंगूठा मेरे क्लिट को टच कर रहा था, कभी वह हल्के से दबाते कभी कस के
मसल देते, उधर उन का दूसरा हाथ अब मेरे सीने को कस कस के मसल रहा था.
उनकी वैसलीन मे सनी उंगली रगड़ती हुई तेज़ी से अंदर बाहर हो रही थी, लग
रहा था कि मैं अब गयी अब गयी तीन चार बार ऐसे होने के बाद"
" तो क्या तुम्हारा हुआ" मस्ती से गुड्डी की हालत खराब थी. अल्पी ने बात जारी रखी,
" कहा, जीजू मुझे कगार तक ले जाते फिर रुक जाते और थोड़ी देर मे उनके होंठ
चालू हो गये, कभी मेरे बूब्स चुसते कभी निपल, और फिर जब नीचे जाके
मेरे लव लिप्स,"
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Re: Nanad ki trening--ननद की ट्रैनिंग

Post by jay »

" unake ek haath ki ungaliyom ne mere nipple ko pakad ke flik karana shuru kar
diya. aur dusara hath, meri jaanghe ab puri tarah khul chuki thi, vah 'usake' agal
bagal sahalaa rahe the, mai josh ke maare paagal ho rahi thi, mera man kah raha
tha vah muje 'vahaa' chuye, par jaise unhe muje tadapane me maja a raha tha.
unaki ungali ne jab bahot der tadapane ke baad mere niche vaale baahari lips
chuye naa, mujhe laga jaise mujhe 440 volt ka jataka laga ho par unhone haath
hataa liyaa. mai ab khud kamar hila rahi thi unhone dusara lips chua aur abaki
vah apani ungaliyom me le dono bhagoshth sahalaane lage. kuch der baad
unhone apani ungali ka tip thoda sa andar daala, maine apani dono janghe puri
tarah faila rakhi thi itta achcha lag raha tha ki bas bata nahi sakati, meri aankhe
maje me band ho gayi fir achaanak unhone, apani anguli aur andar kar di aur use

gol ghumaane lage. thodi der is tarah tang karane ke baad, nikal kar muh me daal
liya aur use mujhe dikha kar chaatane lage"
" chatane lage" guddi boli. josh ke mare usaki halat karab thi.
" achcha ye bata, vaha bal tune saaf kiye tha ya" maine muskarakar alpi se pucha.
" haa didi aapane mujhe jiju ki pasand bata di thi ki unhe chikani, saaf suf
achachi lagati hai to ghar jaake maine en french ki puri batal vaha ek roam bi
nahi bacha tha, aur piche bhi, achcha guddi tu bata teri kaisi hai.
" meri to trim hi hai, mere jiju ko to trim jhante hi pasand hai." jatke me vo bol
uthi.
" achcha to ab banno ko ye bhi pata chal gaya ki unake jiju ko kaisi jhante
pasand hai" maine use chidhaya, par vo sharma kar alpi se boli ,
" he batao na, kya hua aage" alpana ne baat aage badhayi.
" jiju ne thodi der vaha ungali karane ke baad, takiye ke niche se vaisalin ki batal
nikali aur apani ungali me leke achchi tarah lathed ke andar daal di , aur dhire
dhire kar ke unhone aadhi shishi vaisalin mere vaha andar laga di. aur ab unaka
angutha mere clit ko touch kar raha tha, kabhi vah halke se dabate kabi kas ke
masal dete, udhar un ka dusara haath ab mere sine ko kas kas ke masal raha tha.
unaki vaisalin me sani ungali ragadati huyi teji se andar bahar ho rahi thi, lag
raha tha ki mai ab gayi ab gayi tin char bar aise hone ke bad"
" to kya tumhara hua" masti se guddi ki halat karab thi. alpi ne baat jaari rakhi,
" kaha, jiju mujhe kagaar tak le jaate fir ruk jaate aur thodi der me unake honth
chaalu ho gaye, kabhi mere boobs chusate kabhi nipal, aur fir jab niche jaake
mere love lips,"
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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" अरे साफ साफ बोलो ना चुसवाने मे शरम नही यहाँ कभी 'वह' बोल रही हो कभी लव लिप्स"

" हाँ ठीक ही तो कह रही है गुड्डी जब चुदवाने चुसवाने मे शर्म नही तो चूत बुर बोलने मे क्या शरम और आज रात मे गाने मे तो यही सब बोलना होगा," मैं भी गुड्डी का साथ देती बोली.

" थोड़ी देर तक तो वो मेरी चूत किस करते रहे फिर जम कर चूसने लगे, और जब उन्होने अपनी जीब मेरे क्लिट पे चलाई, मैं तो मस्ती मे पागल हो गयी और चूतड़ उछालने लगी, हल्के हल्के उसे वो चूसने लगे और जब मैं झड़ने के कगार
पे पहुँची तो वो रुक गये, ऐसा उन्होने फिर तीन चार बार किया फिर उन्होने एक जेल्ली की एक ट्यूब निकाली और उसकी नोज्ज्ल मेरी चूत मे लगा कर, दबा कर, ऑलमोस्ट खाली कर दी और बाकी अपने उत्तेजित शिश्न पे लगा ली.

" फिर" उत्तेजित गुड्डी की जांघे अपने आप फैल गयी थी, उसके खड़े निपल सॉफ दिख रहे थे.

" फिर उन्होने मेरे चूतड़ के नीचे दो तीन मोटे मोटे कुशन लगा दिए, और मेरी टाँगे अपने कंधे पे रख ली. दीदी जैसा अपने कहा था ना, मैने टांगे खूब अच्छी तरह फैला रखी थी और एकदम उपर कर रखी थी. उनके लंड का सुपाडा इत्ता मोटा लग रहा था जैसे पहाड़ी आलू, उन्होने मेरी कलाई पकड़ के, कस के मेरा चुंबन लिया और थोड़ी देर मे अपनी जीब मेरे मूह मे घुसेड दी. उनका खुला सुपाडा मेरी चूत क्लिट रगड़ रहा था और मैं फिर नशे मे पागल हो रही थी, मेरी चूत मे जैसे हज़ार चीन्टिया दौड़ रही थी और अचानक उन्होने पूरी ताक़त से लंड अंदर धकेल दिया. मेरी तो चीख निकल गयी पर उनकी जीब मेरे मूह में थी और मैं खाली गों गों की आवाज़ निकाल पा रही थी. दो तीन धक्कों मे उनका पूरा सुपाडा अंदर था. अब वो थोड़ा रुक गये. मैं कस के अपना चूतड़ पटक रही थी, गान्ड उछाल रही थी पर सुपाडा अंदर तक धंसा था और लंड बाहर नही निकल सकता था. धीरे धीरे दर्द थोड़ा कम हो गया पर मुझे क्या मालूम था कि असली दर्द अभी बाकी है. मेरे गाल, माथा, बाल प्यार से सहलाने के बाद एक बार फिर उन्होने कस के मेरी कलाई पकड़ी. उनकी जीब और होंठों ने तो मेरे मूह को बंद कर ही रखा था. सुपाडा थोड़ा सा बाहर निकाल के मेरी कलाई को कस के पकड़ के उन्होने अबकी बार इतनी ज़ोर का धक्का मारा कि मेरी आँखों के आगे सितारे नाचने लगे मुझे लगा कि मैं दर्द से बेहोश हो जाउन्गि मेरा मूह बंद होने के बाद भी ज़ोर से गों गों की आवाज़ निकली तभी उन्होने दूसरा धक्का मारा और मेरी फॅट गयी. मेरी सारी चूड़िया टूट गयी मेरी सील टूट गयी थी. मेरी आँखे बंद थी बस ये अहसास था कि कोई मोटा सा पिस्टन मेरी चूत मे जबरन ठेल रहा है. लेकिन वो पाँच छः धक्के मारने के बाद ही रुके. थोड़ी देर मे मेरी साँस मे साँस आई. फिर उन्होने जब मेरे मूह से जीब निकाली तो मैने आँखे खोली. उनके चेहरे की खुशी देख कर ही मेरा आधा दर्द ख़तम हो गया. और जब उन्होने छोटी चुम्मि मेरे गालों, आँखों और निप्पल्स पर ली तो रहा सहा दर्द भी ख़तम हो गया. 45 मिनट मे मैं खुद ही अपने चूतड़ उचकाने लगी. मुस्कराते हुए अब उन्होने मेरी कलाई छोड़ दोनो किशोर जोबन पकड़ लिए और उसे मसल्ते, रगड़ते हल्के हल्के धक्का लगाने लगे. अब मुझे भी मज़ा मिल रहा था और थोड़ी देर मे मैं भी उनके धक्के का जवाब धक्के से देने लगी. जीजू अब पूरी तरह से चालू हो गये थे. उनके होंठ कभी मेरे गाल चुसते, कभी निपल. उनके हाथ कभी कस के, मेरी चूंचिया मसलते कभी मेरी क्लिट छेड़ते और जब उनका मोटा मूसल जैसा लंड बाहर निकाल कर मेरी कसी चूत मे रगड़ते हुए घुसता ना तो ऐसा मज़ा आ रहा था ना गुड्डी कि पूछो मत."

गुड्डी तो रस मे ऐसी डूबी थी क़ि वह बोलने के काबिल नही थी, ऐसी चुदासी लग रही थी कि उस समय तो अगर कोई भी उसे मिलता तो चुदवाये बिना छोड़ती नही.

अल्पी ने बात जारी रखी" ".थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद, उन्होने मुझे ऑलमोस्ट दुहरा कर दिया मेरी टाँगों को मोड़ कर और फिर लंड एकदम बाहर निकाल के एक झटके मे पूरा पेल दिया. दर्द तो हुआ पर मज़ा भी खूब आ रहा था,कच्चकच्चसतसट लंड अंदर जा रहा था, गपगाप मेरी चूत मोटे केले की तरह अंदर घोन्ट रही थी.


तभी जीजू ने मुझसे कहा, अरे अल्पी ज़रा उधर तो देख. और मैने देखा कि ड्रेसिंग टेबल मे सॉफ दिख रहा था कि उनका इत्ता मोटा लंड कैसे मेरी चूत मूह फैलाकर गपगाप लील रही थी. कुछ बाहर भी था पर आधे से ज़्यादा अंदर था. मुझे पता नही मैं कितनी बार झड़ी पर जीजू 40-45 मिनट चोदने के बाद झड़े और उनके झड़ते ही मैने एक बार फिर झड़ना शुरूकर दिया और मेरे चूतड़ अपने आप उछल रहे थे. मैं रुकती और फिर चालू हो जाती.

उन्होने मेरे चूतड़ उपर उठा रखे थे कि जिससे वीर्य की एक भी बूँद मेरी बुर के बाहर ना आए तब भी कुछ छलक कर मेरी गोरी जांघों पे आ गयी बहुत देर तक उन्होने लंड अंदर रखा. और बाहर निकालने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद मे बिठा लिया और एक इंपोर्टेड लंबी सी चॉकलेट मेरे गुलाबी होंठों के बीच गप्प से डाल दी."
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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